1. इस जल प्रलय में - (Is Jal Pralay Mein) - Class 9 - Kritika Bhag 1
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Updated: 2 days ago

1. पाठ का सार (Quick Revision Summary)
लेखक का परिचय और बाढ़ का अनुभव: लेखक का गाँव ऐसे क्षेत्र में है जहाँ हर साल कोसी, पनार, महानंदा और गंगा की बाढ़ से पीड़ित लोग पनाह लेते हैं। लेखक को तैरना नहीं आता था, लेकिन वे 10 वर्ष की उम्र से ही स्वयंसेवक और राहतकर्मी (Relief Worker) के रूप में बाढ़ पीड़ितों की मदद करते रहे हैं। उन्होंने बाढ़ पर कई लेख और रिपोर्ताज लिखे हैं।
English: Author's Introduction and Flood Experience: The author's village is in an area where people affected by the floods of Kosi, Panar, Mahananda, and Ganga take shelter every year. The author did not know how to swim, but since the age of 10, he has been helping flood victims as a volunteer and relief worker. He has written many articles and reports on floods.
पटना की बाढ़ (1967): इस पाठ में लेखक ने 1967 में पटना में आई भयानक बाढ़ का आँखों देखा हाल वर्णित किया है। लगातार 18 घंटे की बारिश के कारण पुनपुन नदी का पानी राजेंद्र नगर और कंकड़बाग जैसे इलाकों में घुस गया था। लेखक और उनके मित्र पानी का जायज़ा लेने निकले।
English: Patna Flood (1967): In this text, the author describes the eyewitness account of the terrible flood in Patna in 1967. Due to continuous rain for 18 hours, the water of the Punpun River entered areas like Rajendra Nagar and Kankarbagh. The author and his friend went out to take stock of the water level.
मृत्यु का तरल दूत: लेखक ने कॉफी हाउस के पास पानी की तेज धारा को गेरुआ झाग के साथ आते देखा। पानी की गति और विनाशकारी रूप को देखकर उन्होंने इसे 'मृत्यु का तरल दूत' कहा। लोग रिक्शा, टमटम और पैदल पानी देखने जा रहे थे और सबकी जुबान पर एक ही सवाल था- "पानी कहाँ तक आ गया?"
English: Liquid Messenger of Death: The author saw a strong current of water coming with ochre foam near the Coffee House. Seeing the speed and destructive form of water, he called it the 'Liquid Messenger of Death'. People were going to see the water on rickshaws, tumtums, and on foot, and everyone had the same question - "How far has the water reached?"
तैयारी और प्रतीक्षा: बाढ़ की खबर सुनकर लोग आवश्यक वस्तुएँ जैसे- ईंधन, आलू, मोमबत्ती, दियासलाई, पीने का पानी और नींद की गोलियाँ (कांपोज़) जमा करके बैठ गए। दुकानों से सामान ऊपर शिफ्ट किया जाने लगा। पान की बिक्री बढ़ गई क्योंकि लोग खबरें सुनने और चर्चा करने के लिए वहाँ जमा थे।
English: Preparation and Wait: Hearing the news of the flood, people stocked up on essentials like fuel, potatoes, candles, matches, drinking water, and sleeping pills (Compose). Goods were being shifted up from shops. Pan sales increased as people gathered there to hear news and discuss.
पुरानी यादें (फ्लैशबैक): रात में बाढ़ के इंतज़ार में लेखक को अपनी पुरानी बाढ़ की यादें ताज़ा हो गईं:
1947 (मनिहारी): गुरुजी के साथ राहत कार्य, जहाँ लोगों को खाने से ज़्यादा 'पकाही घाव' (पैर के घाव) की दवा और दियासलाई की ज़रूरत थी।
1949 (महानंदा): एक बीमार को नाव पर चढ़ाते समय उसका कुत्ता भी चढ़ गया। डॉक्टर के डरने पर बीमार ने कहा- "कुत्ता नहीं जाएगा तो हम भी नहीं जाएगा।"
मुसहरों की बस्ती: बाढ़ में भी लोग ढोलक-मंजीरा बजाकर 'बलवाही' नाच कर रहे थे, जो उनकी जीवटता (Spirit) को दिखाता है।
English: Old Memories (Flashback): While waiting for the flood at night, the author recalled his past flood memories:
1947 (Manihari): Relief work with Guruji, where people needed medicine for foot sores and matches more than food.
1949 (Mahananda): While loading a sick person onto a boat, his dog also climbed on. When the doctor got scared, the sick man said - "If the dog doesn't go, I won't go either."
Mushahar Colony: Even in the flood, people were playing drums and cymbals and performing 'Balwahi' dance, showing their spirit.
फूहड़पन का प्रदर्शन: बाढ़ के दौरान एक नाव पर कुछ युवक-युवतियाँ चाय-नाश्ता करते हुए और ट्रांजिस्टर बजाते हुए 'पिकनिक' मनाने निकले। छतों पर खड़े लोगों ने उनकी इस हरकत पर इतना शोर मचाया और फब्तियाँ कसीं कि वे शर्मिंदा होकर भाग गए।
English: Display of Vulgarity: During the flood, some young men and women went out on a boat for a 'picnic', having tea and snacks and playing a transistor. People standing on the roofs made so much noise and passed such remarks on their act that they ran away in embarrassment.
पानी का आगमन: सुबह 5:30 बजे लेखक ने देखा कि पानी आ गया है। पानी झाग लिए हुए तेजी से बढ़ रहा था। लेखक ने देखा कि हरियाली धीरे-धीरे डूब रही है। उनके मन में आया कि काश कैमरा या टेप-रिकॉर्डर होता, लेकिन अंत में उन्होंने सोचा कि अच्छा है कुछ नहीं है, ताकि वे इस अनुभव को पूरी तरह महसूस कर सकें।
English: Arrival of Water: At 5:30 AM, the author saw that the water had arrived. The water was rising rapidly with foam. The author saw the greenery submerging slowly. He wished he had a camera or tape recorder, but finally thought it's good he has nothing, so he can fully experience this.
2. शब्द-संपदा (Vocabulary)
शब्द (Word) | अर्थ (Hindi Meaning) | English Meaning |
प्लावित | जिस पर बाढ़ का पानी चढ़ गया हो / डूबा हुआ | Submerged / Flooded |
विभीषिका | भयंकरता / विनाशकारी रूप | Horrifying nature / Devastation |
अनवरत | लगातार / निरंतर | Continuous |
स्वगतोक्ति | अपने आप में कुछ बोलना | Soliloquy |
आसन्न | पास आया हुआ / निकट | Imminent / Approaching |
उत्कर्ण | कान लगाकर सुनने को उत्सुक | Eager to hear |
अस्फुट | अस्पष्ट (जो साफ़ सुनाई न दे) | Indistinct / Unclear |
गैरिक | गेरुए रंग का (लाल-भूरा) | Ochre colored |
आच्छादित | ढका हुआ | Covered |
चुहलबाज़ी | हँसी-मज़ाक | Playfulness / Banter |
कांपोज़ | नींद की एक दवा | Sleeping pill (Compose) |
बलवाही | एक प्रकार का लोक-नृत्य | A folk dance |
3. चरित्र चित्रण (Character Sketches)
लेखक (फणीश्वरनाथ रेणु)
संवेदनशील और अनुभवी (Sensitive & Experienced): लेखक बाढ़ की विभीषिका से परिचित हैं। वे बाढ़ पीड़ितों के दर्द को समझते हैं। वे डरते भी हैं (कायर कहते हैं खुद को) लेकिन जिज्ञासा भी रखते हैं।
English: The author is familiar with the devastation of floods. He understands the pain of flood victims. He is scared (calls himself a coward) but also curious.
अवलोकनकर्ता (Observer): वे लोगों के व्यवहार, मनोविज्ञान और परिवेश का बारीकी से निरीक्षण करते हैं (जैसे पानवाले की दुकान पर भीड़, नाव पर युवकों का दिखावा)।
English: He minutely observes people's behavior, psychology, and surroundings (like the crowd at the pan shop, show-off by youths on the boat).
रिक्शावाला (Rickshaw Puller)
साहसी और निडर (Brave & Fearless): जब लेखक पानी देखकर डर जाते हैं, तब भी रिक्शावाला कहता है, "चलिए न, थोड़ा और आगे!" वह आपदा में भी हिम्मत रखता है।
English: When the author gets scared seeing the water, the rickshaw puller still says, "Let's go a little further!" He maintains courage even in disaster.
पानवाला (Panwala)
यथार्थवादी और मस्तमौला (Realistic & Jolly): बाढ़ के संकट के बीच भी उसका धंधा अच्छा चल रहा है। वह हँसमुख है और परिस्थितियों को सहज भाव से लेता है। वह आईने में लेखक और उनके मित्र के डरे हुए चेहरों पर हँसता भी है।
English: Even amidst the flood crisis, his business is doing well. He is jolly and takes situations easily. He even laughs at the scared faces of the author and his friend in the mirror.
4. योग्यता-आधारित प्रश्न (Competency-Based Questions)
A. अभिकथन और तर्क (Assertion & Reasoning)
प्रश्न 1:
अभिकथन (A): पान की दुकान पर लोगों की भीड़ जमा थी और बिक्री बढ़ गई थी।
तर्क (R): लोग बाढ़ से बचने के लिए पान खरीदकर अपने घरों में स्टॉक कर रहे थे।
उत्तर: (ग) A सही है, R गलत है। (बिक्री इसलिए बढ़ी थी क्योंकि लोग वहाँ रेडियो पर समाचार सुनने और बाढ़ की चर्चा करने के लिए एकत्र हुए थे, न कि पान स्टॉक करने के लिए)।
प्रश्न 2:
अभिकथन (A): लेखक ने बाढ़ के पानी को 'मृत्यु का तरल दूत' कहा।
तर्क (R): पानी बहुत तेज़ गति से, गेरुआ झाग लिए हुए साँप की तरह सरकता आ रहा था और विनाश का संकेत दे रहा था।
उत्तर: (क) A और R दोनों सही हैं, तथा R, A की सही व्याख्या करता है।
B. स्थिति-आधारित विश्लेषण (Situation Analysis)
स्थिति (Situation): एक नौजवान अपने बीमार कुत्ते के साथ नाव पर चढ़ता है, लेकिन डॉक्टर कुत्ते को ले जाने से मना कर देते हैं। नौजवान नाव से उतर जाता है।
प्रश्न (Question): 'इस जल प्रलय में' पाठ के आधार पर नौजवान के इस कार्य का विश्लेषण कीजिए।
उत्तर (Answer): नौजवान का कार्य 'निस्वार्थ प्रेम' और 'पशु-प्रेम' का चरम उदाहरण है। वह अपनी जान बचाने से ज़्यादा महत्व अपने साथी (कुत्ते) के साथ को देता है। उसका कथन "हमार कुकुर नहीं जाएगा तो हम हुँ नहीं जाएगा" यह दर्शाता है कि आपदा के समय भी मानवीय संवेदनाएँ और वफादारी जीवित रहती हैं।
C. आशय स्पष्टीकरण (Intent/Inference)
प्रश्न 1: "अच्छा है, कुछ भी नहीं। कलम थी, वह भी चोरी चली गई। अच्छा है, कुछ भी नहीं-मेरे पास।"
उत्तर: लेखक का आशय है कि ऐसी आपदाओं का वर्णन शब्दों या चित्रों में पूरी तरह नहीं किया जा सकता। इन्हें केवल 'महसूस' (Experience) किया जा सकता है। यदि उनके पास कैमरा या कलम होती, तो वे दृश्य को कैद करने या लिखने में व्यस्त हो जाते और उस पल की भयावहता और सजीवता को अपनी आँखों से जीने से चूक जाते। यह एक प्रकार की विरक्ति और अनुभव की तीव्रता को दर्शाता है।
प्रश्न 2: "ईह! जब दानापुर डूब रहा था तो पटनियाँ बाबू लोग उलटकर देखने भी नहीं गए... अब बूझो!"
उत्तर: यह कथन एक गँवार आदमी का है जो शहरी लोगों (पटनियाँ बाबू) की संवेदनहीनता पर चोट कर रहा है। इसका आशय है कि जब ग्रामीण इलाकों में बाढ़ आती है, तो शहर के लोग मदद करना तो दूर, देखने भी नहीं आते। अब जब शहर (पटना) खुद डूब रहा है, तब उन्हें ग्रामीणों के दर्द का अहसास होगा। यह 'जैसी करनी वैसी भरनी' वाली मानसिकता को दिखाता है।
5. प्रश्न-उत्तर (Subjective Q&A)
A. लघु उत्तरीय (Short Answer - 30-40 Words)
प्रश्न 1: बाढ़ की खबर सुनकर लोग किस तरह की तैयारी करने लगे?
उत्तर: बाढ़ की खबर सुनकर लोग अपनी सुरक्षा के प्रबंध में जुट गए। उन्होंने आवश्यक वस्तुएँ जैसे- ईधन (कोयला/केरोसिन), आलू, मोमबत्ती, दियासलाई, पीने का पानी और कंपोज की गोलियाँ (नींद की दवा) जमा कर लीं ताकि घर में कैद रहने पर दिक्कत न हो।
प्रश्न 2: 'मृत्यु का तरल दूत' किसे कहा गया है और क्यों?
उत्तर: बाढ़ के उफनते हुए, गेरुआ रंग के झागदार पानी को 'मृत्यु का तरल दूत' कहा गया है। यह पानी साँप की तरह रेंगता हुआ, तेज़ गति से आगे बढ़ रहा था और अपने रास्ते में आने वाली हर चीज़ (जीवन और संपत्ति) को लील लेने के लिए तैयार था।
प्रश्न 3: सबकी जुबान पर एक ही जिज्ञासा-'पानी कहाँ तक आ गया है?' - यह किस भावना को व्यक्त करता है?
उत्तर: यह कथन जनसमूह की 'उत्सुकता' और 'भय' (Curiosity and Anxiety) की मिली-जुली भावना को व्यक्त करता है। हर कोई अपने इलाके की सुरक्षा को लेकर चिंतित था और आने वाले खतरे की दूरी मापना चाहता था।
प्रश्न 4: खरीद-बिक्री बंद हो चुकने पर भी पान की बिक्री अचानक क्यों बढ़ गई थी?
उत्तर: क्योंकि अन्य दुकानें बंद हो गई थीं, लेकिन लोग हाल-चाल जानने और रेडियो पर समाचार सुनने के लिए पान की दुकान पर इकट्ठा हो रहे थे। घबराहट और चर्चा के बीच समय बिताने के लिए लोग लगातार पान खा रहे थे।
प्रश्न 5: नौजवान और कुत्ते वाली घटना से क्या प्रेरणा मिलती है?
उत्तर: इस घटना से यह प्रेरणा मिलती है कि प्रेम और वफादारी केवल मनुष्यों तक सीमित नहीं होनी चाहिए। एक मूक पशु भी अपने मालिक के प्रति वफादार होता है (कुत्ता भी पानी में कूद गया)। हमें आपदा के समय अपने पालतू जीवों का साथ नहीं छोड़ना चाहिए।
B. दीर्घ उत्तरीय/मूल्यपरक (Long/Value-Based - 100 Words)
प्रश्न 1: आपदाओं से निपटने के लिए अपनी तरफ से कुछ सुझाव दीजिए।
उत्तर: आपदाओं (जैसे बाढ़) से निपटने के लिए पूर्व-तैयारी आवश्यक है।
राहत सामग्री: सूखा राशन, दवाइयां, टॉर्च और बैटरी पहले से जमा रखनी चाहिए।
ऊँचे स्थान: बाढ़ की चेतावनी मिलते ही ऊँचे स्थानों की पहचान कर लेनी चाहिए।
अफवाहों से बचें: केवल आधिकारिक सूचनाओं पर भरोसा करें और पैनिक न फैलाएं।
स्वयंसेवा: सक्षम लोगों को (जैसे लेखक ने किया) स्वेच्छा से मदद के लिए आगे आना चाहिए।
पशु सुरक्षा: अपने पालतू जानवरों को खुला छोड़ दें या साथ रखें, उन्हें बाँधकर न रखें।
प्रश्न 2: लेखक ने बाढ़ के पानी को देखने के लिए जाने का निर्णय क्यों लिया? वहाँ का दृश्य कैसा था?
उत्तर: लेखक एक संवेदनशील कलाकार थे। उन्होंने कई बाढ़ें देखी थीं, लेकिन शहर (पटना) के भीतर पानी घुसने का अनुभव उनके लिए नया था। वे अपनी आँखों से बाढ़ की विभीषिका देखना चाहते थे ताकि वस्तुस्थिति का सही ज्ञान हो सके। जब वे कॉफी हाउस के पास पहुँचे, तो उन्होंने देखा कि पानी गेरुआ रंग के फेन के साथ तेज़ गति से आ रहा है। लोग भयभीत थे लेकिन रिक्शावाला आगे जाने को तैयार था। दृश्य इतना भयावह था कि लेखक ने हाथ जोड़कर प्रणाम किया और वापस लौट आए।
प्रश्न 3: मुसहरों की बस्ती में राहत बाँटने गए लेखक को क्या दृश्य देखने को मिला और उसका उन पर क्या प्रभाव पड़ा?
उत्तर: लेखक ने सोचा था कि बाढ़ से घिरे मुसहरों की बस्ती में रोना-धोना मचा होगा क्योंकि वे चूहों और मछली को भूनकर खा रहे थे। लेकिन वहाँ पहुँचने पर उन्होंने देखा कि एक मचान पर 'बलवाही' नाच हो रहा है और लोग ढोलक की थाप पर खिलखिलाकर हँस रहे हैं। यह देखकर लेखक प्रभावित हुए कि अभाव और कष्ट में भी इंसान जीने की कला नहीं भूलता। उनकी जिजीविषा (Will to live) अद्भुत थी। लेखक को लगा कि राहत सामग्री से भी हम उन्हें ऐसी हँसी नहीं दे सकते।
6. व्याकरण (Integrated Grammar)
(Based on the text of the chapter)
प्रश्न 1: शब्द-युग्म (Word Pairs) छाँटिए:
उलटते-पलटते (किताबों को)
हँस-बोल (लोग रहे थे)
चींटी-चींटे (प्राणी)
साँप-बिच्छू (शरणार्थी)
प्रश्न 2: विशेषण-विशेष्य पहचानिए:
गेरुआ जल: (गेरुआ - विशेषण, जल - विशेष्य)
आसन्न संकट: (आसन्न - विशेषण, संकट - विशेष्य)
भीषण भयभीत: (भीषण - प्रविशेषण/विशेषण, भयभीत - विशेषण)
प्रश्न 3: वाक्यांश के लिए एक शब्द:
जिसे तैरना न आता हो - अपटु (तैरने में) या बस 'तैरना न जानने वाला'
जिसे जल्द ही बच्चा होने वाला हो - आसन्नप्रसवा
7. सामान्य त्रुटियाँ (Common Student Errors)
बाढ़ का स्थान:
त्रुटि: छात्र अक्सर 1967 की बाढ़ को लेखक के गाँव की बाढ़ समझ लेते हैं।
सुधार: यह पाठ मुख्य रूप से 1967 में पटना शहर में आई बाढ़ का वर्णन है।
नदियों के नाम:
त्रुटि: छात्र गंगा नदी को ही बाढ़ का कारण मानते हैं।
सुधार: पटना में बाढ़ का मुख्य कारण पुनपुन नदी का पानी था, हालाँकि गंगा का जलस्तर भी बढ़ा हुआ था।
कुत्ते वाली घटना:
त्रुटि: छात्र इसे पटना की घटना समझते हैं।
सुधार: यह घटना 1949 में महानंदा नदी की बाढ़ के समय की एक 'फ्लैशबैक' (पुरानी याद) है।
End
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