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    10.तरुण के स्वप्न - (Tarun Ke Swapn)- Class 8 - Malhar

    • 22 hours ago
    • 7 min read

    Speaker: नेताजी सुभाषचंद्र बोस (Netaji Subhash Chandra Bose)

    1. पाठ का सार (Quick Revision Summary)

    • भाषण का संदर्भ: यह पाठ नेताजी सुभाषचंद्र बोस द्वारा 29 दिसंबर 1929 को मेदिनीपुर जिला युवक-सम्मेलन में दिया गया एक ओजस्वी भाषण है। इसमें उन्होंने युवाओं को संबोधित करते हुए एक आदर्श और स्वाधीन भारत का सपना साझा किया है।

      • English: Context of the Speech: This lesson is a powerful speech delivered by Netaji Subhash Chandra Bose at the Medinipur District Youth Conference on December 29, 1929. In this, addressing the youth, he has shared the dream of an ideal and independent India.

    • सपनों की विरासत: नेताजी कहते हैं कि स्वप्न तो अनेकों ने देखे हैं। उनके नेता 'देशबंधु चित्तरंजन दास' ने भी एक सपना देखा था जो उनकी शक्ति का स्रोत (उत्स) था। नेताजी खुद को और युवाओं को उस सपने का 'उत्तराधिकारी' मानते हैं। इसी सपने की प्रेरणा से वे जीते हैं और कार्य करते हैं।

      • English: Legacy of Dreams: Netaji says that many have seen dreams. His leader 'Deshbandhu Chittaranjan Das' also saw a dream which was the source of his strength. Netaji considers himself and the youth as the 'heirs' to that dream. It is by the inspiration of this dream that they live and work.

    • आदर्श समाज की कल्पना: नेताजी एक ऐसे 'सर्वांगीण स्वाधीन संपन्न समाज' की कल्पना करते हैं जहाँ व्यक्ति हर तरह के दबाव से मुक्त हो। उस समाज में जातिभेद और आर्थिक विषमता (अमीरी-गरीबी का अंतर) न हो।

      • English: Vision of Ideal Society: Netaji envisions an 'all-round independent prosperous society' where the individual is free from all kinds of pressure. There should be no caste discrimination and economic disparity (gap between rich and poor) in that society.

    • स्त्री-पुरुष समानता और शिक्षा: वे चाहते हैं कि नए भारत में नारियों को पुरुषों के समान अधिकार मिलें और वे राष्ट्र सेवा में बराबर की हिस्सेदार बनें। हर व्यक्ति को शिक्षा और उन्नति के समान अवसर प्राप्त हों।

      • English: Gender Equality and Education: He wants women to get equal rights as men in the new India and become equal partners in national service. Every person should get equal opportunities for education and progress.

    • श्रम की प्रतिष्ठा: नेताजी के सपनों के भारत में 'आलसी' और 'अकर्मण्य' (काम न करने वाले) लोगों के लिए कोई जगह नहीं होगी। वहाँ केवल श्रम (मेहनत) और कर्म का सम्मान होगा।

      • English: Dignity of Labor: In the India of Netaji's dreams, there will be no place for 'lazy' and 'inactive' people. Only labor (hard work) and action will be respected there.

    • युवाओं को आह्वान: अंत में, नेताजी युवाओं (तरुणों) से कहते हैं कि उनके पास देने के लिए धन-दौलत नहीं है, बल्कि केवल यह 'स्वप्न' है। वे इस सपने को युवाओं को उपहार स्वरूप सौंपते हैं ताकि वे इसे सच कर सकें। वे कहते हैं कि इस सपने के लिए प्राण देना भी 'स्वर्ग' समान है।

      • English: Call to Youth: In the end, Netaji tells the youth (Taruns) that he has no wealth to give, but only this 'dream'. He hands over this dream to the youth as a gift so that they can make it come true. He says that even giving up one's life for this dream is like 'heaven'.


    2. शब्द-संपदा (Vocabulary)

    शब्द (Word)

    अर्थ (Hindi Meaning)

    English Meaning

    तरुण

    युवा / जवान

    Youth / Young

    उत्स

    स्रोत / झरना

    Source / Fountainhead

    निर्झर

    झरना / प्रवाह

    Stream / Waterfall

    उत्तराधिकारी

    वारिस / विरासत पाने वाला

    Heir / Successor

    सर्वांगीण

    सभी अंगों का / पूरी तरह से

    All-round / Comprehensive

    स्वाधीन

    स्वतंत्र / आज़ाद

    Independent

    विषमता

    असमानता / भेदभाव

    Disparity / Inequality

    अकर्मण्य

    निकम्मा / काम न करने वाला

    Inactive / Idle

    विजातीय

    दूसरी जाति या देश का (विदेशी)

    Foreign / Alien

    गण्य

    गिनने योग्य / सम्मानित

    Countable / Esteemed

    क्षुद्र

    छोटा / तुच्छ

    Small / Insignificant

    3. वक्ता चित्रण (Speaker Sketch)

    नेताजी सुभाषचंद्र बोस (Netaji Subhash Chandra Bose)

    • स्वप्नद्रष्टा और दूरदर्शी (Visionary): वे केवल राजनीतिक आज़ादी नहीं चाहते थे, बल्कि सामाजिक और आर्थिक आज़ादी भी चाहते थे। उनका सपना जातिभेद-मुक्त और समानता पर आधारित समाज का था।

      • English: He wanted not just political freedom, but social and economic freedom as well. His dream was of a society free from caste discrimination and based on equality.

    • प्रेरक नेतृत्व (Inspiring Leader): वे युवाओं में जोश भरने की कला जानते थे। उन्होंने युवाओं को राष्ट्र निर्माण की जिम्मेदारी सौंपी और उन्हें त्याग व बलिदान के लिए प्रेरित किया।

      • English: He knew the art of infusing passion in the youth. He entrusted the responsibility of nation-building to the youth and inspired them for sacrifice.


    4. योग्यता-आधारित प्रश्न (Competency-Based Questions)

    A. अभिकथन और तर्क (Assertion & Reasoning)

    प्रश्न 1: अभिकथन (A): नेताजी ने कहा कि उनके सपनों के समाज में आलसी और अकर्मण्य लोगों के लिए कोई स्थान नहीं होगा।

    तर्क (R): वे चाहते थे कि समाज में श्रम (मेहनत) और कर्म की पूरी प्रतिष्ठा और मर्यादा हो।

    उत्तर: (क) A और R दोनों सही हैं, तथा R, A की सही व्याख्या करता है।


    प्रश्न 2: अभिकथन (A): नेताजी ने युवाओं को अपना 'स्वप्न' उपहार स्वरूप दिया।

    तर्क (R): उनके पास युवाओं को देने के लिए बहुत सारी धन-संपत्ति और जागीर थी।

    उत्तर: (ग) A सही है, R गलत है। (उनके पास धन नहीं था, वे त्याग की मूर्ति थे, इसलिए उन्होंने अपना सबसे कीमती विचार 'स्वप्न' ही दिया)।


    B. स्थिति-आधारित विश्लेषण (Situation Analysis) स्थिति (Situation): आज भी हमारे समाज में कई जगह महिलाओं को पुरुषों से कम वेतन मिलता है और उन्हें घर तक सीमित रखा जाता है।

    प्रश्न (Question): 'तरुण के स्वप्न' पाठ के आधार पर बताइए कि यह स्थिति नेताजी के सपनों से कैसे अलग है?

    उत्तर (Answer): नेताजी का सपना था कि "नारी मुक्त होकर समाज एवं राष्ट्र के पुरुषों की तरह समान अधिकार का उपभोग करे।" यदि आज महिलाओं को समान वेतन या अवसर नहीं मिल रहा है, तो यह नेताजी के 'आदर्श समाज' के विपरीत है। उनका सपना तभी पूरा होगा जब समाज में पूर्ण लैंगिक समानता (Gender Equality) होगी।


    C. आशय स्पष्टीकरण (Intent/Inference)

    प्रश्न 1: "वही स्वप्न उनकी शक्ति का उत्स बना और उनके आनंद का निर्झर रहा।"

    उत्तर: यहाँ नेताजी अपने गुरु देशबंधु चित्तरंजन दास के बारे में कह रहे हैं। आशय यह है कि एक महान लक्ष्य (स्वप्न) ही व्यक्ति को संघर्ष करने की ताकत (शक्ति) देता है और जीवन में खुशी (आनंद) का स्रोत बना रहता है। बिना सपने के जीवन नीरस और कमजोर होता है।


    प्रश्न 2: "वह मरण है स्वर्ग समान।"

    उत्तर: नेताजी का मानना है कि अपने स्वार्थ के लिए जीना व्यर्थ है। लेकिन यदि कोई व्यक्ति एक महान उद्देश्य और राष्ट्र के कल्याण (स्वप्न) के लिए अपने प्राण न्योछावर करता है, तो वह मृत्यु दुखद नहीं, बल्कि गर्व करने योग्य और 'स्वर्ग' के सुख जैसी महान होती है।


    5. प्रश्न-उत्तर (Subjective Q&A)


    A. लघु उत्तरीय (Short Answer - 30-40 Words)

    प्रश्न 1: नेताजी ने स्वयं को और युवाओं को किसका 'उत्तराधिकारी' बताया है?

    उत्तर: नेताजी ने स्वयं को और देश के युवाओं को स्वर्गीय देशबंधु चित्तरंजन दास के 'स्वप्न' का उत्तराधिकारी बताया है। वे उस सपने को पूरा करने की जिम्मेदारी युवाओं के कंधों पर डालते हैं।


    प्रश्न 2: नेताजी के अनुसार आदर्श समाज में नारी की क्या स्थिति होनी चाहिए?

    उत्तर: नेताजी के अनुसार, आदर्श समाज में नारी को पूर्ण मुक्ति मिलनी चाहिए। उसे पुरुषों के समान अधिकार मिलने चाहिए और उसे समाज व राष्ट्र की सेवा में बराबर का हिस्सेदार होना चाहिए।


    प्रश्न 3: 'विजातीय प्रभाव से मुक्त' होने का क्या अर्थ है?

    उत्तर: इसका अर्थ है कि भारत अपनी संस्कृति और जड़ों से जुड़ा रहे। उस पर विदेशी (अंग्रेजी) शासन, संस्कृति या विचारों का गुलाम बनाने वाला प्रभाव न हो। भारत मानसिक और राजनीतिक रूप से स्वतंत्र हो।


    प्रश्न 4: सुभाषचंद्र बोस ने युवाओं को 'तरुण भाइयो' कहकर ही क्यों संबोधित किया?

    उत्तर: 'तरुण' का अर्थ है युवा, जिसमें ऊर्जा और बदलाव लाने की शक्ति होती है। 'भाई' शब्द से उन्होंने अपनापन और समानता का भाव दर्शाया। वे युवाओं को केवल श्रोता नहीं, बल्कि इस संघर्ष में अपना साथी और सहयोद्धा मानते थे।


    B. दीर्घ उत्तरीय/मूल्यपरक (Long/Value-Based - 100 Words)

    प्रश्न 1: नेताजी सुभाषचंद्र बोस ने किस प्रकार के 'राष्ट्र निर्माण' का स्वप्न देखा था? विस्तार से लिखिए। उत्तर: नेताजी का राष्ट्र निर्माण का स्वप्न बहुत व्यापक था। वे केवल अंग्रेजों को भगाना नहीं चाहते थे, बल्कि एक ऐसा भारत बनाना चाहते थे जहाँ:

    1. सामाजिक समानता: जाति-पाति और ऊँच-नीच का भेद न हो।

    2. आर्थिक न्याय: अमीरी-गरीबी की खाई (अर्थ की विषमता) मिट जाए।

    3. अवसर की समानता: हर व्यक्ति को शिक्षा और आगे बढ़ने का समान मौका मिले।

    4. श्रम का सम्मान: आलस्य त्यागकर लोग कर्मठ बनें।

    5. वैश्विक आदर्श: भारत केवल अपने लिए नहीं, बल्कि पूरी मानवता के लिए एक आदर्श राष्ट्र बने।


    प्रश्न 2: "स्वप्न तो अनेकों ने देखा... उनके स्वप्न के उत्तराधिकारी आज हम हैं।" इस कथन का युवाओं के लिए क्या महत्व है?

    उत्तर: यह कथन युवाओं को उनकी ऐतिहासिक जिम्मेदारी का अहसास दिलाता है। यह बताता है कि आज़ादी और खुशहाली का जो सपना हमारे पूर्वजों (स्वतंत्रता सेनानियों) ने देखा था, वह अभी पूरा नहीं हुआ है। अब उस सपने को हकीकत में बदलने की बारी आज की युवा पीढ़ी की है। यह युवाओं को प्रेरित करता है कि वे केवल अपनी सुख-सुविधाओं में न खोएँ, बल्कि देश को बेहतर बनाने की उस विरासत को आगे बढ़ाएँ जो उन्हें सौंपी गई है।


    6. व्याकरण (Integrated Grammar)

    (Based on the text exercises)

    प्रश्न 1: विशेषण और विशेष्य का मिलान कीजिए (पाठ के आधार पर):

    • अखंड: सत्य

    • स्वाधीन: राष्ट्र / समाज

    • क्षुद्र: जीवन

    • अपार: आनंद

    • असीम: शक्ति

    प्रश्न 2: विपरीतार्थक (Vipritarthak) शब्द लिखिए:

    • स्वाधीन: पराधीन

    • स्वीकार: अस्वीकार

    • संपन्न: विपन्न (गरीब)

    • सार्थक: निरर्थक

    • कर्मण्य: अकर्मण्य

    • समानता: विषमता

    प्रश्न 3: वाक्य बनाइए:

    • सार्थक: हमें अपना जीवन देश सेवा करके सार्थक बनाना चाहिए।

    • विषमता: समाज से आर्थिक विषमता दूर करना ज़रूरी है।


    7. सामान्य त्रुटियाँ (Common Student Errors)

    1. स्वप्न किसका था:

      • त्रुटि: छात्र सोचते हैं कि सपना केवल सुभाषचंद्र बोस का था।

      • सुधार: पाठ में उन्होंने स्पष्ट किया है कि यह सपना मूल रूप से उनके गुरु देशबंधु चित्तरंजन दास का भी था, जिसे वे आगे बढ़ा रहे हैं।

    2. 'तरुण' का अर्थ:

      • त्रुटि: छात्र 'तरुण' को किसी व्यक्ति का नाम समझ लेते हैं।

      • सुधार: 'तरुण' का अर्थ युवा (Youth) है।

    3. भाषण की तारीख:

      • त्रुटि: छात्र तारीख याद नहीं रखते।

      • सुधार: यह भाषण 29 दिसंबर 1929 को दिया गया था।



    End


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