10.नए इलाके में / खुशबू रचते हैं हाथ - (Naye Ilake Mein / Khushboo Rachte Hain Haath) - Class 9 - Sparsh Bhag 1
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1. पाठ का सार (Quick Revision Summary)
कविता 1: नए इलाके में (Naye Ilake Mein)
बदलती दुनिया और स्मृति का धोखा: इस कविता में कवि बताते हैं कि शहर इतनी तेजी से बदल रहा है कि पुरानी यादें (स्मृतियाँ) अब भरोसेमंद नहीं रहीं। नए बसते इलाकों में रोज़ नए मकान बन रहे हैं, जिससे पुराने निशान (Landmarks) जैसे पीपल का पेड़, ढहा हुआ घर या खाली ज़मीन गायब हो जाते हैं।
English: Changing World and Deception of Memory: In this poem, the poet explains that the city is changing so fast that old memories are no longer reliable. In newly settling areas, new houses are being built every day, making old landmarks (like a peepal tree, a fallen house, or an empty plot) disappear.
रास्ता भूलना: कवि हर बार अपना रास्ता भूल जाते हैं। वे अक्सर अपने ठिकाने से एक घर पीछे या दो घर आगे चले जाते हैं। उन्हें अपना घर ढूँढ़ने के लिए अब हर दरवाज़ा खटखटाना पड़ता है।
English: Losing the Way: The poet loses his way every time. He often ends up one house behind or two houses ahead of his destination. He now has to knock on every door to find his house.
समय की गति: कवि कहते हैं कि यहाँ दुनिया एक ही दिन में पुरानी पड़ जाती है। बदलाव की गति इतनी तेज है कि ऐसा लगता है मानो वसंत में गया व्यक्ति पतझड़ में लौटा हो (यानी बहुत लंबा समय बीत गया हो, जबकि समय कम ही बीता है)।
English: Pace of Time: The poet says that here the world becomes old in just a single day. The pace of change is so fast that it feels as if a person who left in spring has returned in autumn (implying a long time has passed, even though it hasn't).
कविता 2: खुशबू रचते हैं हाथ (Khushboo Rachte Hain Haath)
सामाजिक विषमता (Social Inequality): यह कविता समाज की एक कड़वी सच्चाई और विडंबना को दिखाती है। जो लोग दुनिया भर के लिए खुशबूदार अगरबत्तियाँ बनाते हैं, वे स्वयं दुनिया की सबसे गंदी और बदबूदार जगहों (नालों के पार, कूड़े के ढेर के पास) पर रहने को मजबूर हैं।
English: Social Inequality: This poem highlights a bitter truth and irony of society. The people who make fragrant incense sticks for the whole world are themselves forced to live in the dirtiest and smelliest places (across drains, near garbage piles).
मज़दूरों के हाथ: कवि ने अगरबत्ती बनाने वाले मज़दूरों के हाथों का विस्तृत वर्णन किया है। इनमें उभरी नसों वाले (बुज़ुर्ग), घिसे नाखूनों वाले (श्रमिक), पीपल के पत्ते जैसे नए (बच्चे), और कटे-पिटे ज़ख्मी हाथ शामिल हैं। यानी हर उम्र और वर्ग के लोग इस काम में लगे हैं।
English: Hands of Workers: The poet has described the hands of incense stick workers in detail. These include hands with bulging veins (elderly), worn-out nails (laborers), new hands like peepal leaves (children), and cut/wounded hands. This implies people of all ages and classes are involved in this work.
गंदगी से निकलती खुशबू: केवड़ा, गुलाब, खस और रातरानी जैसी सुगंधित अगरबत्तियाँ इन्हीं गंदे मोहल्लों में बनती हैं। कवि व्यंग्य करते हैं कि दुनिया की सारी गंदगी के बीच ही दुनिया की सारी खुशबू रची जाती है।
English: Fragrance from Filth: Scented incense sticks like Kevda, Rose, Khas, and Ratrani are made in these dirty neighborhoods. The poet satirizes that all the world's fragrance is created amidst all the world's filth.
2. शब्द-संपदा (Vocabulary)
शब्द (Word) | अर्थ (Hindi Meaning) | English Meaning |
ठकमकाता | डगमगाता हुआ / धीरे-धीरे चलता हुआ | Stumbling / Walking slowly |
ताकता | देखता | Watching / Staring |
ढहा | गिरा हुआ | Collapsed / Fallen |
स्मृति | याददाश्त / याद | Memory |
भादों | वर्षा ऋतु का एक महीना | A month of rainy season (Bhado) |
अकास | आकाश / आसमान | Sky |
टोले | छोटी बस्ती / मोहल्ला | Small locality / Hamlet |
कूड़ा-करकट | कचरा / गंदगी | Garbage / Trash |
मुल्क | देश | Country |
मशहूर | प्रसिद्ध | Famous |
केवड़ा/खस | सुगंधित वनस्पतियाँ | Fragrant plants |
3. भाव-सौंदर्य (Themes)
अनियंत्रित शहरीकरण (Uncontrolled Urbanization - Poem 1)
पहचान का संकट: शहरों के अंधाधुंध विस्तार ने पुरानी पहचानों को मिटा दिया है। अब व्यक्ति स्मृति के भरोसे नहीं जी सकता। यह आधुनिक जीवन की अस्थिरता और अनिश्चितता को दर्शाता है।
English: Indiscriminate expansion of cities has erased old identities. Now, one cannot live on the reliability of memory. This reflects the instability and uncertainty of modern life.
श्रम की उपेक्षा (Neglect of Labor - Poem 2)
वर्ग-भेद: समाज का वह वर्ग जो दूसरों के जीवन को सुंदर और महकदार बनाता है, स्वयं नारकीय जीवन जीने को अभिशप्त है। यह कविता कारीगरों और मज़दूरों की दयनीय स्थिति के प्रति संवेदना जगाती है।
English: The class of society that makes others' lives beautiful and fragrant is itself cursed to live a hellish life. This poem evokes empathy for the miserable condition of artisans and workers.
4. योग्यता-आधारित प्रश्न (Competency-Based Questions)
A. अभिकथन और तर्क (Assertion & Reasoning)
प्रश्न 1:
अभिकथन (A): कवि को नए इलाके में अपना घर ढूँढ़ने के लिए हर दरवाज़ा खटखटाना पड़ता है।
तर्क (R): कवि की याददाश्त बहुत कमज़ोर हो गई है और वे भूलने की बीमारी से ग्रस्त हैं।
उत्तर: (ग) A सही है, R गलत है। (कवि याददाश्त के कारण नहीं, बल्कि इलाका इतनी तेज़ी से बदलने और पुराने निशान मिट जाने के कारण घर नहीं ढूँढ़ पाते)।
प्रश्न 2:
अभिकथन (A): 'खुशबू रचते हैं हाथ' कविता में कवि ने सामाजिक विडंबना को उजागर किया है।
तर्क (R): क्योंकि खुशबूदार अगरबत्ती बनाने वाले हाथ स्वयं गंदगी और बदबू के बीच रहने को विवश हैं।
उत्तर: (क) A और R दोनों सही हैं, तथा R, A की सही व्याख्या करता है।
B. स्थिति-आधारित विश्लेषण (Situation Analysis)
स्थिति (Situation): आप एक स्लम (झुग्गी-झोपड़ी) के पास से गुज़रते हैं जहाँ बहुत गंदगी है, लेकिन वहाँ के लोग सुंदर हस्तशिल्प (Handicrafts) बना रहे हैं जो बड़े शोरूम में बिकेंगे।
प्रश्न (Question): अरुण कमल की कविता 'खुशबू रचते हैं हाथ' के संदर्भ में इस स्थिति पर टिप्पणी कीजिए।
उत्तर (Answer): यह स्थिति कविता के मूल भाव को चरितार्थ करती है। जैसे गंदी गलियों में अगरबत्तियाँ बनती हैं, वैसे ही यहाँ गंदगी के बीच कला (हस्तशिल्प) का सृजन हो रहा है। यह हमारे समाज का अन्यायपूर्ण ढाँचा है जहाँ निर्माणकर्ता (Creator) को अपने श्रम का उचित फल और स्वच्छ वातावरण नहीं मिलता, जबकि उसके उत्पाद का आनंद अमीर वर्ग उठाता है।
C. आशय स्पष्टीकरण (Intent/Inference)
प्रश्न 1: "जैसे वसंत का गया पतझड़ को लौटा हूँ।"
उत्तर: इस पंक्ति का आशय है कि समय बहुत तेज़ी से बदल रहा है। कवि शायद कुछ ही समय बाद लौटे हैं, लेकिन वहाँ हुए बदलावों को देखकर उन्हें ऐसा महसूस होता है मानो वे एक पूरे युग या ऋतु (वसंत से पतझड़) के बाद लौटे हों। यह शहरी बदलाव की तीव्रता पर व्यंग्य है।
प्रश्न 2: "पीपल के पत्ते-से नए-नए हाथ।"
उत्तर: यहाँ 'पीपल के नए पत्ते' छोटे बच्चों के कोमल और मुलायम हाथों का प्रतीक हैं। यह बाल-श्रम (Child Labor) की ओर संकेत करता है कि खेलने-कूदने की उम्र में नन्हें बच्चे अगरबत्ती बनाने के काम में झोंक दिए गए हैं।
5. प्रश्न-उत्तर (Subjective Q&A)
A. लघु उत्तरीय (Short Answer - 30-40 Words)
प्रश्न 1: नए बसते इलाके में कवि रास्ता क्यों भूल जाता है?
उत्तर: नए बसते इलाके में रोज़ नए निर्माण हो रहे हैं। पुराने पेड़, खाली ज़मीन या टूटे घर जैसे निशान, जिन्हें कवि ने पहचान के लिए याद रखा था, वे सब मिट चुके हैं और उनकी जगह नई इमारतें बन गई हैं, इसलिए कवि रास्ता भूल जाता है।
प्रश्न 2: "यहाँ स्मृति का भरोसा नहीं" - कवि ने ऐसा क्यों कहा है?
उत्तर: कवि का मानना है कि इस बदलती दुनिया में याददाश्त (स्मृति) के सहारे नहीं जिया जा सकता। जो नज़ारा आपने कल देखा था, वह आज बदल चुका है। पुरानी पहचानें गायब हो जाती हैं, इसलिए स्मृति धोखा दे जाती है।
प्रश्न 3: 'खुशबू रचने वाले हाथ' कैसी परिस्थितियों में रहते हैं?
उत्तर: खुशबू रचने वाले हाथ अत्यंत दयनीय और अमानवीय परिस्थितियों में रहते हैं। वे कूड़े-करकट के ढेरों और बदबूदार नालों के पास तंग और अँधेरी गलियों में रहते हैं, जहाँ स्वस्थ वातावरण का नामोनिशान नहीं है।
प्रश्न 4: कविता में किस-किस प्रकार के 'हाथों' का उल्लेख हुआ है?
उत्तर: कविता में विभिन्न प्रकार के हाथों का उल्लेख है- उभरी नसों वाले (बूढ़े), घिसे नाखूनों वाले (श्रमिक), पीपल के पत्ते से नए (बच्चे), जूही की डाल से खुशबूदार (युवतियाँ), और गंदे कटे-पिटे हाथ।
B. दीर्घ उत्तरीय/मूल्यपरक (Long/Value-Based - 100 Words)
प्रश्न 1: 'नए इलाके में' कविता में शहर की किस विडंबना (Irony) की ओर संकेत किया गया है?
उत्तर: इस कविता में शहरों की अनियंत्रित और संवेदनहीन विकास प्रक्रिया पर चोट की गई है। शहर इतनी तेज़ी से बन रहे हैं कि वहाँ स्थायित्व (Stability) और अपनत्व खत्म हो गया है। इंसान अपने ही घर को पहचानने के लिए मोहताज हो गया है। 'स्मृति' जो मानवीय रिश्तों और पहचान का आधार होती है, वह इस कंक्रीट के जंगल में बेमानी हो गई है। यह कविता विकास के नाम पर मिटती मानवीय संवेदनाओं और 'पहचान के संकट' (Identity Crisis) को दर्शाती है।
प्रश्न 2: 'खुशबू रचते हैं हाथ' कविता समाज के किस कड़वे सच को बेनकाब करती है? क्या यह बाल-श्रम की समस्या को भी उठाती है?
उत्तर: यह कविता समाज में व्याप्त आर्थिक विषमता और शोषण को बेनकाब करती है। यह बताती है कि समाज को सौंदर्य और सुगंध देने वाला मज़दूर वर्ग स्वयं गंदगी और अभावों में जीता है। हाँ, यह कविता 'पीपल के पत्ते-से नए-नए हाथ' पंक्ति के माध्यम से बाल-श्रम की गंभीर समस्या को भी उठाती है। कोमल हाथ, जिनमें किताबें और खिलौने होने चाहिए, वे खतरनाक रसायनों से अगरबत्तियाँ बना रहे हैं। यह एक सभ्य समाज के माथे पर कलंक जैसा है।
6. व्याकरण (Integrated Grammar)
(Based on Class 9 Hindi Course B - Sparsh Pattern)
प्रश्न 1: विशेषण-विशेष्य छाँटिए:
नया इलाका: नया (विशेषण) - इलाका (विशेष्य)
खुशबूदार हाथ: खुशबूदार (विशेषण) - हाथ (विशेष्य)
गंदी बस्ती: गंदी (विशेषण) - बस्ती (विशेष्य)
उभरी नसें: उभरी (विशेषण) - नसें (विशेष्य)
प्रश्न 2: पर्यायवाची शब्द लिखिए:
आकाश: गगन, नभ, अंबर, व्योम
दुनिया: जगत, संसार, विश्व, जग
रास्ता: पथ, मार्ग, राह
हाथ: हस्त, कर, पाणि
प्रश्न 3: विलोम शब्द लिखिए:
नया: पुराना
खुशबू: बदबू
स्मृति: विस्मृति
वसंत: पतझड़
7. सामान्य त्रुटियाँ (Common Student Errors)
'नए इलाके में' का मुख्य भाव:
त्रुटि: छात्र इसे केवल रास्ता भूलने की घटना मानते हैं।
सुधार: यह कविता केवल रास्ता भूलने के बारे में नहीं है, बल्कि जीवन की अस्थिरता और तेज़ी से बदलते समय का प्रतीक है।
'खुशबू' का अर्थ:
त्रुटि: छात्र इसे प्रकृति या फूलों की खुशबू समझते हैं।
सुधार: यहाँ 'खुशबू' का अर्थ 'अगरबत्ती' है और लाक्षणिक अर्थ 'समाज को दी जाने वाली सुख-सुविधाएँ' (Labor's contribution) है।
हाथों के प्रकार:
त्रुटि: छात्र 'जूही की डाल से हाथ' का अर्थ नहीं समझ पाते।
सुधार: इसका अर्थ है सुंदर और कोमल हाथ (संभवतः नवयुवतियों के), जो कठोर श्रम में लगे हैं।
End
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