9. अग्नि पथ - (Agneepath) - Class 9 - Sparsh Bhag 1
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1. पाठ का सार (Quick Revision Summary)
जीवन संघर्ष है: कवि हरिवंशराय बच्चन ने इस कविता में जीवन को 'अग्नि पथ' (आग से भरा रास्ता) कहा है। जीवन फूलों की सेज नहीं, बल्कि कठिनाइयों और चुनौतियों से भरा हुआ है।
English: Life is Struggle: In this poem, poet Harivanshrai Bachchan has called life 'Agneepath' (a path full of fire). Life is not a bed of roses, but full of difficulties and challenges.
सहारे की अपेक्षा न करें: रास्ते में चाहे घने और बड़े वृक्ष (सुख-सुविधाएँ या मदद) क्यों न हों, मनुष्य को उनकी एक पत्ता भर भी छाया (सहारा) नहीं माँगनी चाहिए। उसे आत्मनिर्भर होकर आगे बढ़ना चाहिए।
English: Do not Expect Support: Even if there are dense and big trees (comforts or help) on the way, a human should not ask for even a leaf's shade (support) from them. He should move forward self-reliantly.
निरंतर चलते रहने की शपथ: कवि मनुष्य को शपथ दिलाते हैं कि वह न कभी थकेगा, न कभी थमेगा (रुकेगा) और न कभी पीछे मुड़कर देखेगा। चाहे कितनी भी मुश्किलें आएँ, उसे निरंतर संघर्ष करते रहना है।
English: Oath to Keep Moving: The poet makes the human take an oath that he will never get tired, never stop, and never look back. No matter how many difficulties come, he has to keep struggling continuously.
महान दृश्य: कवि के अनुसार, सबसे महान दृश्य वह है जहाँ मनुष्य पसीने (स्वेद), आँसू और खून (रक्त) से लथपथ होकर भी अपने अग्नि पथ पर दृढ़ता से चला जा रहा है। यही सच्चा संघर्ष है।
English: The Great Sight: According to the poet, the greatest sight is where a human, soaked in sweat, tears, and blood, is firmly walking on his path of fire. This is the true struggle.
2. शब्द-संपदा (Vocabulary)
शब्द (Word) | अर्थ (Hindi Meaning) | English Meaning |
अग्नि पथ | कठिनाइयों से भरा रास्ता / संघर्षपूर्ण जीवन | Path of fire / Life full of struggles |
पत्र | पत्ता | Leaf |
छाँह | छाया / सहारा | Shade / Support |
थमेगा | रुकेगा | Stop |
शपथ | कसम / सौगंध | Oath / Vow |
स्वेद | पसीना | Sweat |
रक्त | खून | Blood |
लथपथ | सना हुआ / भीगा हुआ | Soaked / Drenched |
अश्रु | आँसू | Tears |
3. चरित्र चित्रण (Character Sketches)
संघर्षशील मनुष्य (The Struggling Human)
कर्मठ और स्वाभिमानी (Hardworking & Self-respecting): वह किसी से मदद (छाया) की भीख नहीं माँगता। वह अपनी मेहनत (पसीने और खून) के दम पर आगे बढ़ता है।
English: He does not beg for help (shade) from anyone. He moves forward on the strength of his hard work (sweat and blood).
दृढ़ निश्चय वाला (Determined): वह शपथ लेता है कि चाहे जो हो जाए, वह थकेगा नहीं और न ही रुकेगा। उसका लक्ष्य केवल आगे बढ़ना है।
English: He takes an oath that come what may, he will not tire nor stop. His only goal is to move forward.
4. योग्यता-आधारित प्रश्न (Competency-Based Questions)
A. अभिकथन और तर्क (Assertion & Reasoning)
प्रश्न 1: अभिकथन (A): कवि ने मनुष्य को घने वृक्षों की छाया माँगने से मना किया है।
तर्क (R): छाया माँगने से मनुष्य को आराम करने की आदत पड़ जाएगी और उसकी संघर्ष करने की क्षमता कम हो जाएगी।
उत्तर: (क) A और R दोनों सही हैं, तथा R, A की सही व्याख्या करता है।
प्रश्न 2: अभिकथन (A): कवि ने जीवन को 'अग्नि पथ' कहा है।
तर्क (R): क्योंकि जीवन में चारों तरफ आग लगी होती है और बहुत गर्मी होती है।
उत्तर: (ग) A सही है, R गलत है। ('अग्नि पथ' एक प्रतीक है जिसका अर्थ 'कठिनाइयों भरा रास्ता' है, वास्तविक आग नहीं)।
B. स्थिति-आधारित विश्लेषण (Situation Analysis)
स्थिति (Situation): एक खिलाड़ी दौड़ प्रतियोगिता (रेस) में गिर जाता है, उसे चोट लगती है और खून बहने लगता है। लेकिन वह उठता है और लंगड़ाते हुए भी दौड़ पूरी करता है।
प्रश्न (Question): 'अग्नि पथ' कविता की कौन सी पंक्तियाँ इस स्थिति का सटीक वर्णन करती हैं?
उत्तर (Answer): "चल रहा मनुष्य है, अश्रु-स्वेद-रक्त से लथपथ, लथपथ, लथपथ!" यह पंक्तियाँ इस स्थिति पर बिल्कुल सटीक बैठती हैं क्योंकि खिलाड़ी चोट (रक्त) और पसीने (स्वेद) से लथपथ होने के बावजूद रुका नहीं, बल्कि चलता रहा।
C. आशय स्पष्टीकरण (Intent/Inference)
प्रश्न 1: "एक पत्र-छाँह भी माँग मत, माँग मत, माँग मत!"
उत्तर: कवि का आशय है कि जीवन के संघर्ष में हमें दूसरों के सहारे या सुख-सुविधाओं की उम्मीद नहीं करनी चाहिए। 'पत्र-छाँह' (पत्ते भर छाया) छोटी सी मदद का प्रतीक है। कवि चाहते हैं कि मनुष्य पूरी तरह आत्मनिर्भर बने और किसी भी प्रकार की रियायत (Concession) की अपेक्षा न करे।
प्रश्न 2: "तू न मुड़ेगा कभी! कर शपथ, कर शपथ, कर शपथ!"
उत्तर: यहाँ 'मुड़ने' का अर्थ है - हार मानकर वापस लौटना या लक्ष्य से भटक जाना। कवि मनुष्य से प्रतिज्ञा करवाते हैं कि चाहे कितनी भी विपत्तियाँ आएँ, वह पीछे नहीं हटेगा। यह पंक्ति दृढ़ संकल्प और अटूट इच्छाशक्ति का संदेश देती है।
5. प्रश्न-उत्तर (Subjective Q&A)
A. लघु उत्तरीय (Short Answer - 30-40 Words)
प्रश्न 1: कवि ने 'अग्नि पथ' किसके प्रतीक स्वरूप प्रयोग किया है?
उत्तर: कवि ने 'अग्नि पथ' को जीवन के संघर्षों और कठिनाइयों के प्रतीक स्वरूप प्रयोग किया है। जीवन एक सरल रास्ता नहीं है, बल्कि आग (मुसीबतों) से भरा हुआ मार्ग है जिस पर चलकर ही सफलता मिलती है।
प्रश्न 2: 'अश्रु-स्वेद-रक्त से लथपथ' का क्या अर्थ है?
उत्तर: इसका अर्थ है कि मनुष्य को अपनी मंजिल पाने के लिए कड़ा परिश्रम करना पड़ता है। 'स्वेद' पसीने का, 'अश्रु' दुख/पीड़ा का और 'रक्त' त्याग/संघर्ष का प्रतीक है। सच्चा योद्धा इन्हीं से सना हुआ (लथपथ) होकर आगे बढ़ता है।
प्रश्न 3: कवि ने शब्दों की पुनरावृत्ति (Repetition) क्यों की है? (जैसे- अग्नि पथ, माँग मत, कर शपथ) उत्तर: शब्दों की पुनरावृत्ति कविता में जोश, लय और प्रभाव उत्पन्न करने के लिए की गई है। इससे मनुष्य के संकल्प को दृढ़ता मिलती है और संदेश (संघर्ष करो) बार-बार मन पर हथौड़े की तरह चोट करता है ताकि वह प्रेरणा ले सके।
प्रश्न 4: "वृक्ष हों भले खड़े, हों घने, हों बड़े" - इन पंक्तियों में 'वृक्ष' किसका प्रतीक हैं?
उत्तर: यहाँ 'वृक्ष' सुख-सुविधाओं, आराम और दूसरों से मिलने वाली मदद के प्रतीक हैं। जीवन की राह में ऐसे कई अवसर मिलते हैं जो हमें संघर्ष से रोककर आराम का लालच देते हैं, लेकिन कवि उनसे दूर रहने को कहते हैं।
B. दीर्घ उत्तरीय/मूल्यपरक (Long/Value-Based - 100 Words)
प्रश्न 1: इस कविता का मूल भाव (Central Idea) क्या है? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर: 'अग्नि पथ' कविता का मूल भाव यह है कि जीवन निरंतर संघर्ष का नाम है। यहाँ सुख की कामना करना व्यर्थ है। मनुष्य को अपनी मंजिल पाने के लिए आत्मनिर्भर होना चाहिए और किसी के सहारे की उम्मीद नहीं करनी चाहिए। उसे आँसू, पसीने और खून से लथपथ होकर भी कर्मठता से आगे बढ़ते रहना चाहिए। न उसे थकना है, न रुकना है और न ही पीछे मुड़ना है। यह कविता हमें विपरीत परिस्थितियों में भी हार न मानने और दृढ़ संकल्प के साथ जुझारू बने रहने की प्रेरणा देती है।
प्रश्न 2: "यह महान दृश्य है" - कवि ने किस दृश्य को महान कहा है और क्यों?
उत्तर: कवि ने उस दृश्य को 'महान' कहा है जहाँ एक मनुष्य अनगिनत कठिनाइयों के बीच भी हार नहीं मानता। उसका शरीर पसीने से तर-बतर है, आँखों में आँसू हैं और शायद संघर्ष के कारण खून भी बह रहा है (लथपथ), फिर भी वह रुका नहीं है, बस चलता जा रहा है। यह दृश्य इसलिए महान है क्योंकि यह अदम्य मानवीय साहस और जिजीविषा (जीने की इच्छा) का प्रतीक है। सुख में तो सभी चलते हैं, लेकिन कष्टों में भी चलते रहना ही सच्ची महानता है।
6. व्याकरण (Integrated Grammar)
(Based on Class 9 Hindi Course B - Sparsh Pattern)
प्रश्न 1: पर्यायवाची शब्द लिखिए:
अग्नि: आग, अनल, पावक
पथ: रास्ता, मार्ग, राह
वृक्ष: पेड़, तरु, विटप
अश्रु: आँसू, नयन-जल
रक्त: खून, लहू, शोणित
प्रश्न 2: विलोम शब्द लिखिए:
छाँह: धूप
बड़ा: छोटा
घना: विरल (कम घना)
महान: तुच्छ / साधारण
प्रश्न 3: शब्द-युग्मों का वाक्यों में प्रयोग:
लथपथ: घायल सिपाही खून से लथपथ था।
शपथ: मैंने सच बोलने की शपथ ली।
7. सामान्य त्रुटियाँ (Common Student Errors)
'पत्र' का अर्थ:
त्रुटि: छात्र 'पत्र' का अर्थ 'चिट्ठी' (Letter) समझ लेते हैं।
सुधार: यहाँ 'पत्र' का अर्थ 'पत्ता' (Leaf) है।
कविता का संदेश:
त्रुटि: छात्र सोचते हैं कि कवि मदद माँगने को 'बुरा' कह रहे हैं।
सुधार: कवि मदद को बुरा नहीं कह रहे, बल्कि आत्मनिर्भरता (Self-reliance) पर जोर दे रहे हैं। मदद माँगना मनुष्य को कमजोर बना सकता है।
'अग्नि पथ' का शाब्दिक अर्थ:
त्रुटि: छात्र इसे सचमुच की आग समझते हैं।
सुधार: यह एक लाक्षणिक प्रयोग (Metaphor) है जिसका अर्थ 'कठिनाइयों भरा जीवन' है।
End
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