7. रहीम के दोहे - (Rahim Ke Dohe) - Class 9 - Sparsh Bhag 1
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1. पाठ का सार (Quick Revision Summary)
प्रेम और रिश्तों का महत्त्व: रहीम कहते हैं कि प्रेम का बंधन धागे जैसा नाजुक होता है। इसे झटके से नहीं तोड़ना चाहिए। यदि यह एक बार टूट जाए तो फिर जुड़ता नहीं, और अगर जुड़ भी जाए तो उसमें गाँठ (अविश्वास) पड़ जाती है।
English: Importance of Love and Relationships: Rahim says that the bond of love is delicate like a thread. It should not be broken abruptly. If it breaks once, it cannot be mended, and if mended, a knot (mistrust) remains.
मन की पीड़ा: अपने मन के दुख को अपने तक ही सीमित रखना चाहिए। दूसरों को बताने से वे केवल उसका मजाक उड़ाते हैं, कोई उसे बाँट नहीं सकता।
English: Pain of the Heart: One should keep one's sorrow to oneself. Telling others only makes them mock it; no one shares the burden.
एकाग्रता का महत्व: रहीम कहते हैं कि एक ही काम (मूल) को साधने से सब कुछ सध जाता है। जैसे पेड़ की जड़ में पानी देने से पूरा पेड़ फलता-फूलता है, वैसे ही मुख्य लक्ष्य पर ध्यान देने से बाकी सब खुद हो जाता है।
English: Importance of Focus: Rahim advises focusing on one main task (the root) to achieve everything. Just as watering the root nourishes the whole tree, focusing on the main goal accomplishes all other tasks.
परोपकार और महानता: रहीम कीचड़ के थोड़े से जल को महान (धन्य) मानते हैं क्योंकि वह छोटे जीवों की प्यास बुझाता है। इसके विपरीत, विशाल समुद्र का जल खारा होने के कारण व्यर्थ है क्योंकि उसके पास जाकर भी लोग प्यासे रह जाते हैं।
English: Benevolence and Greatness: Rahim considers the small amount of muddy water blessed because it quenches the thirst of small creatures. In contrast, the vast ocean water is useless because people remain thirsty even after going near it.
कला और उदारता: संगीत (नाद) पर रीझकर हिरण अपना शरीर तक न्योछावर कर देता है। लेकिन वे मनुष्य पशुओं से भी बदतर हैं जो किसी की कला पर खुश होकर भी उसे कुछ नहीं देते (कंजूसी करते हैं)।
English: Art and Generosity: Enchanted by music, a deer sacrifices its life. But those humans are worse than animals who, even after being pleased by art, give nothing (are miserly).
बिगड़ी बात और सम्मान: एक बार बात बिगड़ जाए तो लाख कोशिश करने पर भी नहीं बनती, जैसे फटे हुए दूध को मथने से मक्खन नहीं निकलता। साथ ही, बड़ों को देखकर छोटों की उपेक्षा नहीं करनी चाहिए। जहाँ सुई काम आती है, वहाँ तलवार कुछ नहीं कर सकती।
English: Ruined Matters and Respect: Once a matter is spoiled, it cannot be fixed even with a million efforts, just as butter cannot be churned from curdled milk. Also, one should not ignore the small in the presence of the big. Where a needle is needed, a sword is useless.
पानी (इज्जत) का महत्व: अंतिम दोहे में रहीम 'पानी' के तीन अर्थ बताते हैं- चमक (मोती के लिए), सम्मान (मनुष्य के लिए) और जल (चून/आटे के लिए)। वे कहते हैं कि पानी (सम्मान) के बिना मनुष्य का जीवन व्यर्थ है।
English: Importance of Water (Honor): In the last couplet, Rahim gives three meanings of 'water' - luster (for pearl), honor (for humans), and water (for flour). He states that without water (honor), human life is futile.
2. शब्द-संपदा (Vocabulary)
शब्द (Word) | अर्थ (Hindi Meaning) | English Meaning |
चटकाय | झटके से | With a jerk / Instantly |
परि जाय | पड़ जाती है | Is formed / Occurs |
बिथा | व्यथा / दुख | Sorrow / Pain |
अठिलैहैं | इठलाना / मज़ाक उड़ाना | To mock / Make fun of |
सींचिबो | सिंचाई करना | To irrigate / Water |
अघाय | तृप्त होना / पेट भरना | Satiated / Satisfied |
लघु | छोटा | Small |
पंक | कीचड़ | Mud |
उदधि | सागर / समुद्र | Ocean |
नाद | संगीत की ध्वनि | Sound of music |
रिझि | मोहित होकर / खुश होकर | Being pleased / Enchanted |
बिगरी | बिगड़ी हुई | Spoiled |
मथे | मथना / बिलोना | To churn |
निज़ | अपना | Own |
चून | आटा / चूना | Flour / Lime |
3. दोहों का भावार्थ (Interpretation of Couplets)
दोहा: "रहिमन देखि बड़ेन को, लघु न दीजिए डारि। जहाँ काम आवे सुई, कहा करे तरवारि।।"
भावार्थ: बड़ों या अमीर लोगों को देखकर छोटों या गरीबों का तिरस्कार नहीं करना चाहिए। हर वस्तु का अपना महत्त्व होता है। जो काम छोटी सी सुई कर सकती है (जैसे कपड़ा सिलना), वह काम तलवार नहीं कर सकती।
English: Do not discard/disrespect the small upon seeing the big. Where a needle is needed, a sword cannot do the job. Every entity has its own utility.
दोहा: "रहिमन पानी राखिये, बिनु पानी सब सून। पानी गये न ऊबरै, मोती, मानुष, चून।।"
भावार्थ: यहाँ 'पानी' शब्द का प्रयोग तीन अर्थों में हुआ है। मोती के संदर्भ में 'चमक', मनुष्य के संदर्भ में 'इज्जत/प्रतिष्ठा', और चून (आटे/चूने) के संदर्भ में 'जल'। रहीम कहते हैं कि पानी (इज्जत) को बनाए रखना चाहिए, इसके बिना सब सूना (व्यर्थ) है।
English: Here 'water' signifies luster for a pearl, honor for a human, and water for flour/lime. Rahim emphasizes maintaining one's honor, without which life is meaningless.
4. योग्यता-आधारित प्रश्न (Competency-Based Questions)
A. अभिकथन और तर्क (Assertion & Reasoning)
प्रश्न 1: अभिकथन (A): रहीम कहते हैं कि अपने मन के दुख को दूसरों के सामने प्रकट नहीं करना चाहिए। तर्क (R): लोग दूसरों का दुख सुनकर उसे कम करने के बजाय उसका मजाक उड़ाते हैं।
उत्तर: (क) A और R दोनों सही हैं, तथा R, A की सही व्याख्या करता है।
प्रश्न 2: अभिकथन (A): सागर का जल कीचड़ के जल से श्रेष्ठ और महान है।
तर्क (R): सागर बहुत विशाल होता है और उसमें बहुत पानी होता है।
उत्तर: (घ) A गलत है, R सही है। (रहीम के अनुसार कीचड़ का जल श्रेष्ठ है क्योंकि वह प्यास बुझाता है, सागर का जल विशाल होने पर भी व्यर्थ है क्योंकि वह खारा है और प्यास नहीं बुझाता)।
B. स्थिति-आधारित विश्लेषण (Situation Analysis) स्थिति (Situation): एक छात्र परीक्षा में एक विषय में फेल हो जाता है और निराश होकर पढ़ाई छोड़ देता है।
प्रश्न (Question): 'रहीम के दोहे' के आधार पर उसे क्या सीख दी जा सकती है?
उत्तर (Answer): उसे "रहिमन धागा प्रेम का..." या "बिगरी बात बने नहीं..." दोहे से यह समझना चाहिए कि रिश्ते या अवसर टूटने पर दोबारा पहले जैसे नहीं जुड़ते, इसलिए सावधानी बरतनी चाहिए। लेकिन, "एके साधे सब सधे..." दोहे के अनुसार, उसे अपनी मूल कमजोरी (जड़) पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। यदि वह एक मुख्य लक्ष्य पर एकाग्र होकर मेहनत करेगा, तो बाकी सफलताएँ अपने आप मिल जाएँगी।
C. आशय स्पष्टीकरण (Intent/Inference)
प्रश्न 1: "दीरघ दोहा अरथ के, आखर थोरे आहिं।"
उत्तर: इसका आशय है कि दोहे में अक्षर (शब्द) कम होते हैं, लेकिन उनका अर्थ बहुत गहरा और व्यापक होता है। जिस प्रकार एक कुशल नट (बाजीगर) अपने शरीर को सिकोड़कर छोटी सी जगह (कुंडली) से निकल जाता है, वैसे ही दोहा कम शब्दों में बड़ी बात कह देता है।
प्रश्न 2: "ते रहीम पशु से अधिक, रीझहु कछू न देत।"
उत्तर: रहीम कहते हैं कि संगीत पर रीझकर (मोहित होकर) हिरण अपना प्राण तक न्योछावर कर देता है। लेकिन वे मनुष्य पशुओं से भी गए-गुज़रे हैं जो किसी की कला या गुण पर खुश तो होते हैं, लेकिन कंजूसी के कारण उसे पुरस्कार स्वरूप कुछ भी नहीं देते।
5. प्रश्न-उत्तर (Subjective Q&A)
A. लघु उत्तरीय (Short Answer - 30-40 Words)
प्रश्न 1: 'प्रेम का धागा' टूटने पर पहले जैसा क्यों नहीं रहता?
उत्तर: प्रेम का बंधन धागे की तरह कोमल होता है। यदि यह एक बार टूट जाए, तो जुड़ता नहीं है। और यदि कोशिश करके जोड़ा भी जाए, तो उसमें 'गाँठ' पड़ जाती है, यानी मन में अविश्वास या दरार रह ही जाती है।
प्रश्न 2: रहीम ने 'कीचड़ के जल' को धन्य क्यों कहा है?
उत्तर: रहीम ने कीचड़ के जल को धन्य इसलिए कहा है क्योंकि वह कम मात्रा में होते हुए भी अनेक छोटे-छोटे कीड़े-मकोड़ों की प्यास बुझाता है और उनका जीवन बचाता है। यह उसकी उपयोगिता और परोपकार को दर्शाता है।
प्रश्न 3: 'एकै साधे सब सधे' दोहे के माध्यम से रहीम क्या संदेश देना चाहते हैं?
उत्तर: रहीम संदेश देते हैं कि हमें एक बार में एक ही मुख्य कार्य (लक्ष्य) पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। यदि हम मूल कार्य (जड़) को सँभाल लेंगे, तो अन्य छोटे-मोटे कार्य (फल-फूल) स्वतः ही पूरे हो जाएँगे। एक साथ सब कुछ पाने की चाह में सब हाथ से निकल जाता है।
प्रश्न 4: 'सुई' और 'तलवार' के उदाहरण द्वारा रहीम क्या समझाना चाहते हैं?
उत्तर: रहीम समझाना चाहते हैं कि हर छोटी और बड़ी वस्तु का अपना अलग महत्त्व और उपयोगिता है। हमें किसी बड़ी चीज़ को देखकर छोटी चीज़ की उपेक्षा नहीं करनी चाहिए। जहाँ कपड़े सिलने के लिए सुई की ज़रूरत है, वहाँ तलवार काम नहीं आ सकती।
B. दीर्घ उत्तरीय/मूल्यपरक (Long/Value-Based - 100 Words)
प्रश्न 1: "रहिमन पानी राखिये..." दोहे में 'पानी' शब्द के विभिन्न अर्थों को स्पष्ट करते हुए दोहे का संदेश लिखिए। उत्तर: इस दोहे में 'पानी' शब्द का प्रयोग श्लेष अलंकार के साथ तीन अर्थों में किया गया है:
मोती के लिए: चमक (आभा)। चमक के बिना मोती बेकार है।
मनुष्य के लिए: सम्मान (इज्जत)। इज्जत के बिना मनुष्य का जीवन मृत समान है।
चून (आटा) के लिए: जल। पानी के बिना आटा गूंथा नहीं जा सकता और रोटी नहीं बन सकती (या चूना सूख जाता है)। संदेश यह है कि मनुष्य को हर हाल में अपनी प्रतिष्ठा (पानी) बचाकर रखनी चाहिए क्योंकि इसके बिना उसका समाज में कोई मूल्य नहीं रहता।
प्रश्न 2: रहीम के नीतिपरक दोहे आज के जीवन में कितने प्रासंगिक हैं? उदाहरण सहित समझाइए।
उत्तर: रहीम के दोहे आज भी अत्यंत प्रासंगिक हैं।
रिश्तों की अहमियत: आज छोटी-छोटी बातों पर रिश्ते टूट रहे हैं। "रहिमन धागा प्रेम का" हमें संयम सिखाता है।
मानसिक तनाव: "रहिमन निज मन की बिथा" हमें सिखाता है कि अपना दुख हर किसी को बताने से समाधान नहीं मिलता, बल्कि लोग मज़ाक उड़ाते हैं। यह आज के सोशल मीडिया के दौर में बहुत सटीक है।
परोपकार: "धनि रहीम जल पंक को" हमें सिखाता है कि वही बड़प्पन सच्चा है जो दूसरों के काम आए, चाहे वह छोटा ही क्यों न हो। अमीरों की बजाय मददगार गरीब बेहतर हैं।
6. व्याकरण (Integrated Grammar)
(Based on Class 9 Hindi Course B - Sparsh Pattern)
प्रश्न 1: प्रचलित हिंदी रूप (खड़ी बोली) लिखिए:
बिथा: व्यथा / पीड़ा (Pain)
निज: अपना (Own)
अठिलैहैं: इठलाना / मजाक उड़ाना (Mock)
कोय: कोई (Anyone)
जिय: जी / मन (Heart/Mind)
थोरे: थोड़े / कम (Little/Few)
माखन: मक्खन (Butter)
सींचिबो: सींचना (To irrigate)
उदधि: सागर / समुद्र (Ocean)
पिआसो: प्यासा (Thirsty)
बिगरी: बिगड़ी (Spoiled)
आवे: आए (Comes)
ऊबरै: उबरना / बचना (To rise/save)
प्रश्न 2: विलोम शब्द लिखिए:
लघु: गुरु / दीर्घ / बड़ा
विष: अमृत
प्रेम: घृणा
साधु: असाधु / दुष्ट
प्रश्न 3: पर्यायवाची शब्द:
तरवारि: तलवार, खड्ग, असि
मूल: जड़, आधार
पंक: कीचड़, कीच
निज: स्व, अपना, निजी
7. सामान्य त्रुटियाँ (Common Student Errors)
पानी का अर्थ:
त्रुटि: छात्र 'पानी' का अर्थ केवल 'जल' समझते हैं।
सुधार: इस दोहे में संदर्भ के अनुसार पानी के तीन अर्थ हैं: मोती के लिए चमक, मनुष्य के लिए इज्जत, और चून के लिए जल।
दूध और मक्खन का उदाहरण:
त्रुटि: छात्र इसे खाने-पीने से जोड़ते हैं।
सुधार: यहाँ फटे दूध का उदाहरण 'बिगड़ी बात' (खराब संबंधों) को दर्शाने के लिए दिया गया है, जिसे ठीक करना असंभव होता है।
हिरण (मृग) का व्यवहार:
त्रुटि: छात्र समझते हैं कि हिरण डरकर भाग जाता है।
सुधार: रहीम के अनुसार, हिरण संगीत की ध्वनि (नाद) पर मोहित होकर (रीझकर) अपने प्राण न्योछावर कर देता है (शिकारी का शिकार बन जाता है), वह भागता नहीं है।
End
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