2.8 - जिंदगी का सफर - Zindagi ka Safar - Class 8 - Sugambharati
- Oct 6
- 9 min read
Updated: Oct 10

पाठ का प्रकार: पद्य (गजल) पाठ का शीर्षक: जिंदगी का सफर लेखक/कवि का नाम: नंदलाल पाठक
सारांश (Bilingual Summary)
हिन्दी: प्रस्तुत गजल में कवि नंदलाल पाठक जी जीवन के सफर का वर्णन करते हुए विभिन्न मानवीय मूल्यों पर प्रकाश डालते हैं। वे कहते हैं कि जिस व्यक्ति का साथी ईमान होता है, वह भाग्यशाली है। जो व्यक्ति जमीन से जुड़ा अर्थात विनम्र रहता है, वही सुखी है। वे त्याग, बलिदान और परोपकार जैसे गुणों को अमरता का मार्ग बताते हैं। कवि कहते हैं कि यह दुनिया एक धर्मशाला की तरह है, जहाँ लोगों का आना-जाना लगा रहता है, इसलिए हमें यहाँ एक मेहमान की तरह विनम्रता से रहना चाहिए। वे यह भी कहते हैं कि भलाई करके उसे भूल जाना चाहिए, क्योंकि फल की आशा रखने वाले को ही निराशा होती है।
English: In this ghazal, the poet Nandlal Pathak, while describing the journey of life, sheds light on various human values. He says that a person whose companion is honesty is fortunate. The one who remains grounded, i.e., humble, is the one who is happy. He describes virtues like renunciation, sacrifice, and benevolence as the path to immortality. The poet says that this world is like an inn, where people constantly come and go, so we should live here humbly like a guest. He also advises that one should do good and forget about it, because only those who expect a reward face disappointment.
केंद्रीय भाव (Bilingual Theme / Central Idea)
हिन्दी: इस गजल का केंद्रीय भाव मनुष्य को एक सार्थक और मूल्य-आधारित जीवन जीने के लिए प्रेरित करना है। गजलकार ने ईमान, विनम्रता, त्याग, बलिदान और परोपकार जैसे गुणों को जीवन के सफर के लिए आवश्यक 'सामान' बताया है। उनका मानना है कि यह दुनिया नश्वर है और हमें यहाँ एक मेहमान की तरह अच्छे कर्म करते हुए जीना चाहिए। वे हमें फल की इच्छा किए बिना भलाई करने (नेकी कर दरिया में डाल) और जमीन से जुड़े रहकर विनम्र बनने की सीख देते हैं, क्योंकि यही सच्चे सुख और अमरत्व का मार्ग है।
English: The central theme of this ghazal is to inspire man to live a meaningful and value-based life. The poet has described virtues like honesty, humility, renunciation, sacrifice, and benevolence as the essential 'luggage' for the journey of life. He believes that this world is transient, and we should live here like a guest, performing good deeds. He teaches us to do good without expecting anything in return and to remain humble by staying grounded, as this is the path to true happiness and immortality.
शब्दार्थ (Glossary)
शब्द (Word) | पर्यायवाची शब्द (Synonym) | विलोम शब्द (Antonym) |
खुशकिस्मत | भाग्यवान, सौभाग्यशाली | बदकिस्मत, अभागा |
हमसफर | सहयात्री, साथी | - |
जमीं | धरती, भूमि | आसमान, गगन |
तप | तपस्या | भोग, विलास |
त्याग | बलिदान, परित्याग | ग्रहण, संग्रह |
खजाना | कोष, भंडार | - |
नेकी | भलाई, अच्छाई | बदी, बुराई |
दरिया | नदी, सरिता | - |
आशावान | आशा रखने वाला | निराश, हताश |
धर्मशाला | सराय, मुसाफिरखाना | घर |
पंक्तियों का सरल अर्थ लिखें (Simple Meaning of Lines)
१. सफर में जिंदगी के...जिसका हमसफर ईमान रहता है।
परिचय: इन पंक्तियों में कवि जीवन यात्रा के सबसे महत्वपूर्ण साथी के बारे में बता रहे हैं। सरल अर्थ: कवि कहते हैं कि जीवन के इस सफर में हम बहुत कुछ सामान (धन, संपत्ति, रिश्ते) साथ लेकर चलते हैं, लेकिन वास्तव में भाग्यशाली वह व्यक्ति है जिसका सहयात्री (हमसफर) उसकी ईमानदारी (ईमान) है।
२. सुखी वह है...रास्ता आसान रहता है।
परिचय: कवि यहाँ विनम्रता के महत्व को नदी के उदाहरण से समझा रहे हैं। सरल अर्थ: कवि कहते हैं कि वही इंसान सुखी रहता है जो जमीन से जुड़ा रहता है, अर्थात विनम्र और यथार्थवादी होता है। ठीक उसी तरह जैसे नदी हमेशा झुककर (नीचे की ओर) बहती है, जिससे उसका रास्ता आसान हो जाता है और वह सागर तक पहुँच जाती है।
३. मेरा परमात्मा मेरी तरह...उसे मेरा हमेशा ध्यान रहता है।
परिचय: इन पंक्तियों में कवि अपने और ईश्वर के बीच एक अनोखे रिश्ते की कल्पना कर रहे हैं। सरल अर्थ: कवि कहते हैं कि मेरा परमात्मा भी मेरी ही तरह बिल्कुल अकेला है। इस अकेलेपन के कारण हम दोनों एक-दूसरे का ध्यान रखते हैं; मुझे उसका और उसे मेरा ध्यान हमेशा रहता है।
४. वे मरकर भी अमर हैं...तब बलिदान रहता है।
परिचय: कवि यहाँ तप, त्याग और बलिदान की महिमा का वर्णन कर रहे हैं। सरल अर्थ: जिन लोगों को तपस्या और त्याग से प्रेम है, वे मरकर भी अमर हो जाते हैं। जब इंसान इस दुनिया से चला जाता है, तो उसके द्वारा किए गए बलिदान ही पीछे रह जाते हैं और याद किए जाते हैं।
५. मेरे भी पास यादों...कुछ न कुछ सामान रहता है।
परिचय: इन पंक्तियों में कवि भौतिक संपत्ति से परे इंसान के आंतरिक खजाने की बात कर रहे हैं। सरल अर्थ: कवि कहते हैं कि भले ही मैं गरीब हूँ, पर मेरे पास भी यादों और सपनों के खजाने हैं। ठीक उसी तरह जैसे एक भिखारी के घर में भी कुछ न कुछ सामान (टूटा-फूटा ही सही) होता है, वैसे ही हर इंसान के पास कुछ न कुछ अनमोल होता है।
६. जरूरी है करे नेकी...जो आशावान रहता है।
परिचय: कवि यहाँ निष्काम कर्म का संदेश दे रहे हैं। सरल अर्थ: यह जरूरी है कि यदि आप कोई भलाई का काम करें तो उसे करके तुरंत नदी में डाल दें, अर्थात उसे भूल जाएँ। क्योंकि निराशा उसी को होती है जो बदले में कुछ पाने की आशा रखता है।
७. ये दुनिया धर्मशाला है...कोई मेहमान रहता है। परिचय: इन अंतिम पंक्तियों में कवि दुनिया की नश्वरता और सही जीवन शैली बता रहे हैं। सरल अर्थ: यह दुनिया एक धर्मशाला या सराय की तरह है, जहाँ हर किसी को कुछ समय के लिए आना है और फिर चले जाना है। इसलिए यहाँ ऐसे विनम्रता और प्रेम से रहो जैसे कोई मेहमान रहता है।
सही या गलत (कारण सहित) (True or False with Reason)
कथन १: कवि के अनुसार, जिसका हमसफर बेईमान होता है, वह खुशकिस्मत है।
उत्तर: गलत। कारण, कवि कहते हैं, "वो खुशकिस्मत है, जिसका हमसफर ईमान रहता है।"
कथन २: नदी हमेशा ऊपर की ओर चढ़कर चलती है।
उत्तर: गलत। कारण, कविता में कहा गया है, "नदी चलती है झुककर, रास्ता आसान रहता है।"
कथन ३: कवि के अनुसार, जो आशा रखता है, उसे ही निराशा होती है।
उत्तर: सही। कारण, कवि कहते हैं, "निराशा उसको होती है जो आशावान रहता है।"
कथन ४: कवि दुनिया को एक स्थायी घर मानते हैं।
उत्तर: गलत। कारण, कवि कहते हैं, "ये दुनिया धर्मशाला है, यहाँ बस आना-जाना है।"
कथन ५: जो लोग तप और त्याग से प्रेम करते हैं, वे मरकर भी अमर हो जाते हैं। उत्तर: सही। कारण, शेर है, "वे मरकर भी अमर हैं, प्यार है तप-त्याग से जिनको"।
पद विश्लेषण (Poetry Appreciation)
रचनाकार का नाम: नंदलाल पाठक रचना का प्रकार: गजल
पसंदीदा पंक्ति | पसंदीदा होने का कारण | रचना से प्राप्त संदेश |
सुखी वह है, जमीं से जो जुड़ा इनसान रहता है। | यह पंक्ति विनम्रता के महत्व को बहुत ही सरल और सुंदर ढंग से बताती है। 'जमीन से जुड़ना' एक बहुत शक्तिशाली मुहावरा है। | सच्चा सुख और सफलता विनम्रता में ही निहित है। |
चला जाता है जब इनसान, तब बलिदान रहता है। | यह पंक्ति जीवन की नश्वरता और कर्मों की अमरता के सत्य को उजागर करती है। यह हमें अच्छे और त्यागमय कर्म करने के लिए प्रेरित करती है। | मनुष्य का शरीर नश्वर है, लेकिन उसके बलिदान और अच्छे कर्म हमेशा याद किए जाते हैं। |
जरूरी है करे नेकी तो खुद दरिया में डाल आए। | यह 'नेकी कर दरिया में डाल' कहावत का काव्यात्मक रूप है, जो निष्काम कर्म का सर्वोच्च आदर्श सिखाता है। | हमें बिना किसी अपेक्षा के भलाई करनी चाहिए। |
निराशा उसको होती है जो आशावान रहता है। | यह पंक्ति निराशा के मनोविज्ञान को बहुत गहराई से समझाती है। यह हमें अपेक्षाओं से मुक्त होकर जीने की कला सिखाती है। | यदि हम किसी से कोई उम्मीद नहीं रखेंगे, तो हमें कभी निराशा नहीं होगी। |
यहाँ ऐसे रहो जैसे कोई मेहमान रहता है। | यह पंक्ति जीवन जीने का एक बहुत ही सुंदर दृष्टिकोण देती है। मेहमान की तरह रहने का अर्थ है विनम्र, प्रेमपूर्ण और बिना किसी मोह के जीना। | हमें इस दुनिया में अहंकार और मोह-माया को त्यागकर एक विनम्र अतिथि की तरह रहना चाहिए। |
स्वमत (Personal Opinion)
प्रश्न १: 'विनम्रता में वीरता समाहित है' - इस विषय पर अपने विचार लिखो।
उत्तर: मेरे विचार में, विनम्रता कायरता नहीं, बल्कि वीरता का ही एक रूप है। एक सच्चा वीर व्यक्ति ही विनम्र हो सकता है, क्योंकि उसे अपनी शक्ति का प्रदर्शन करने की आवश्यकता नहीं होती। वह अपनी जड़ों से जुड़ा होता है, जैसे एक फल से लदा हुआ पेड़ हमेशा झुका रहता है। कविता में भी कहा गया है, "नदी चलती है झुककर, रास्ता आसान रहता है।" नदी का झुकना उसकी कमजोरी नहीं, बल्कि उसकी ताकत है जो उसे हर बाधा को पार कर सागर तक पहुँचाती है। इसी प्रकार, विनम्र व्यक्ति हर परिस्थिति में शांत और दृढ़ रहता है और अंततः अपने लक्ष्य को प्राप्त करता है।
उत्तर लिखने के लिए उपयोगी महत्वपूर्ण शब्द: विनम्रता, वीरता, शक्ति, प्रदर्शन की आवश्यकता नहीं, जड़ों से जुड़ना, शांत, दृढ़, लक्ष्य।
प्रश्न २: कवि ने दुनिया को 'धर्मशाला' क्यों कहा है? ]\
उत्तर: कवि ने दुनिया को 'धर्मशाला' इसलिए कहा है क्योंकि धर्मशाला एक ऐसी जगह होती है जहाँ यात्री कुछ समय के लिए रुकते हैं और फिर अपनी मंजिल की ओर आगे बढ़ जाते हैं। वह किसी की स्थायी संपत्ति नहीं होती। ठीक इसी तरह, यह दुनिया भी हमारा स्थायी घर नहीं है। हम सभी यहाँ एक निश्चित समय के लिए 'मेहमान' बनकर आए हैं और एक दिन हमें यह दुनिया छोड़कर चले जाना है। यह तुलना हमें यह सिखाती है कि हमें इस दुनिया की चीजों से मोह नहीं करना चाहिए और यहाँ अहंकार तथा टकराव की बजाय प्रेम और सद्भाव से रहना चाहिए।
उत्तर लिखने के लिए उपयोगी महत्वपूर्ण शब्द: धर्मशाला, अस्थायी, मेहमान, नश्वरता, मोह, अहंकार, प्रेम, सद्भाव।
प्रश्न ३: "निराशा उसको होती है जो आशावान रहता है।" - इस पंक्ति का आपके जीवन में क्या महत्व है?
उत्तर: यह पंक्ति मेरे जीवन के लिए एक महत्वपूर्ण मार्गदर्शक है। यह मुझे सिखाती है कि जीवन में दुखों का एक बड़ा कारण हमारी अपेक्षाएँ होती हैं। जब हम दूसरों से या परिस्थितियों से बहुत अधिक आशा रखते हैं और वह पूरी नहीं होती, तो हमें निराशा होती है। इसका मतलब यह नहीं है कि हम प्रयास करना छोड़ दें, बल्कि यह है कि हम अपना कर्म पूरी लगन से करें, लेकिन फल की अत्यधिक चिंता न करें। यदि हम 'नेकी कर दरिया में डाल' के सिद्धांत पर चलें और परिणाम की आशा किए बिना अपना सर्वश्रेष्ठ दें, तो हम निराशा के दुख से काफी हद तक बच सकते हैं।
उत्तर लिखने के लिए उपयोगी महत्वपूर्ण शब्द: अपेक्षाएँ, निराशा, निष्काम कर्म, फल की चिंता न करना, प्रयास, मानसिक शांति।
प्रश्न ४: कवि के अनुसार, एक 'खुशकिस्मत' व्यक्ति कौन है?
उत्तर: कवि के अनुसार, एक 'खुशकिस्मत' या भाग्यवान व्यक्ति वह है जिसका जीवन में 'हमसफर' या साथी उसका 'ईमान' यानी ईमानदारी और सच्चाई है। कवि यहाँ धन, संपत्ति या अन्य भौतिक चीजों को भाग्य का पैमाना नहीं मानते। उनके लिए, जो व्यक्ति अपने पूरे जीवन में ईमानदारी के रास्ते पर चलता है और कभी अपने नैतिक मूल्यों से समझौता नहीं करता, वही सबसे भाग्यशाली है। ईमानदारी व्यक्ति को आंतरिक शक्ति और सच्चा सम्मान दिलाती है, जो किसी भी भौतिक संपत्ति से कहीं बढ़कर है।
उत्तर लिखने के लिए उपयोगी महत्वपूर्ण शब्द: खुशकिस्मत, हमसफर, ईमान, ईमानदारी, सच्चाई, नैतिक मूल्य, आंतरिक शक्ति, सम्मान।
प्रश्न ५: 'तप-त्याग' से प्रेम करने वाले लोग मरकर भी अमर कैसे हो जाते हैं? उत्तर: जो लोग 'तप-त्याग' से प्रेम करते हैं, वे अपने व्यक्तिगत सुख और स्वार्थ से ऊपर उठकर समाज या मानवता की भलाई के लिए कार्य करते हैं। वे अपने जीवन में कष्ट सहते हैं और दूसरों के लिए बलिदान देते हैं। उनका शरीर भले ही मर जाता है, लेकिन उनके महान कार्य, विचार और बलिदान लोगों के दिलों में हमेशा जीवित रहते हैं। आने वाली पीढ़ियाँ उनके जीवन से प्रेरणा लेती हैं। महात्मा गांधी, भगत सिंह, मदर टेरेसा जैसे लोग अपने तप और त्याग के कारण ही आज भी हमारे बीच अमर हैं। इसलिए कवि कहते हैं कि जब इंसान चला जाता है, तो उसका बलिदान ही पीछे रह जाता है। उत्तर लिखने के लिए उपयोगी महत्वपूर्ण शब्द: तप-त्याग, अमर, बलिदान, महान कार्य, प्रेरणा, निःस्वार्थ सेवा, मानवता की भलाई।
संभावित परीक्षा प्रश्न (Probable Exam Questions)
प्रश्न १: कृति पूर्ण करो: कवि के खजाने उत्तर:
यादें
सपने
प्रश्न २: पंक्तियों का अर्थ लिखो: सुखी वह है, जमीं से जो जुड़ा इंसान रहता है।
उत्तर: इस पंक्ति का अर्थ है कि वही व्यक्ति वास्तव में सुखी है जो अपनी जड़ों से जुड़ा रहता है, अर्थात जो विनम्र, यथार्थवादी और घमंड रहित होता है।
प्रश्न ३: कवि के अनुसार निराशा किसे होती है?
उत्तर: कवि के अनुसार, निराशा उस व्यक्ति को होती है जो दूसरों से कुछ पाने की आशा रखता है (आशावान रहता है)।
प्रश्न ४: जोड़ियाँ मिलाओ:
उत्तर: | 'अ' | 'आ' |
| :--- | :--- |
| जिंदगी | सफर |
| परमात्मा | अकेला |
| दुनिया | धर्मशाला |
| तप-त्याग | प्यार |
प्रश्न ५: कवि ने जिंदगी के सफर में किसे अपना हमसफर बनाने की बात कही है?
उत्तर: कवि ने जिंदगी के सफर में ईमान (ईमानदारी) को अपना हमसफर बनाने की बात कही है।
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