2- ल्हासा की ओर (Lhasa Ki Aur) - Class 9 - Kshitij 1
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ल्हासा की ओर (Lhasa Ki Aur)
Class 9 - Hindi (Kshitij - 1) | Author: राहुल सांकृत्यायन (Rahul Sankrityayan)
1. पाठ का सार (Quick Revision Summary)
यात्रा का उद्देश्य: यह पाठ एक यात्रा-वृत्तांत है जिसमें लेखक राहुल सांकृत्यायन ने 1929-30 में नेपाल के रास्ते तिब्बत की अपनी पहली यात्रा का वर्णन किया है. उस समय भारतीयों को तिब्बत जाने की अनुमति नहीं थी, इसलिए उन्होंने यह यात्रा एक भिखमंगे के वेश में की.
English: This text is a travelogue in which the author Rahul Sankrityayan describes his first journey to Tibet via Nepal in 1929-30. At that time, Indians were not allowed to visit Tibet, so he undertook this journey disguised as a beggar.
तिब्बती समाज: लेखक ने तिब्बती समाज की खुलेपन की प्रशंसा की है. वहाँ जाति-पाँति, छुआछूत या पर्दा प्रथा नहीं थी. अपरिचित लोग भी किसी के घर में जाकर चाय बनवा सकते थे.
English: The author praised the openness of Tibetan society. There was no caste system, untouchability, or purdah system. Even strangers could go into anyone's house and get tea made.
डाँड़ा थोङ्ला का भय: यात्रा का सबसे कठिन हिस्सा 'डाँड़ा थोङ्ला' को पार करना था, जो 16-17 हजार फीट की ऊँचाई पर स्थित एक सुनसान जगह थी. यहाँ डाकुओं का भारी खतरा रहता था, जो यात्रियों को पहले मार देते थे और फिर लूटते थे.
English: The most difficult part of the journey was crossing 'Danda Thongla', a desolate place situated at an altitude of 16-17 thousand feet. There was a huge danger of robbers here, who used to kill travelers first and then loot them.
सुमति का साथ: यात्रा में लेखक को सुमति (एक मंगोल भिक्षु) का साथ मिला, जिसे वहाँ के रास्तों और लोगों की अच्छी जानकारी थी. सुमति अपने यजमानों को 'गंडा' (मंत्र पढ़कर गाँठ लगाया हुआ कपड़ा) बाँटते थे.
English: During the journey, the author was accompanied by Sumati (a Mongol monk), who knew the routes and people well. Sumati used to distribute 'Ganda' (knotted cloth blessed with mantras) to his hosts.
बिछड़ना और पुनर्मिलन: लौटते समय लेखक का घोड़ा सुस्त था, जिससे वे रास्ता भटक गए और सुमति से पिछड़ गए. बाद में वे तिंग्री के विशाल मैदान में मिले और अंत में शेकर विहार पहुँचे.
English: On the way back, the author's horse was slow, causing him to lose his way and get separated from Sumati. Later they met in the vast plain of Tingri and finally reached Shekar Vihar.
शेकर विहार और पुस्तकें: शेकर विहार में लेखक की मुलाकात एक भद्र भिक्षु 'नम्से' से हुई. वहाँ एक मंदिर में 'कन्जुर' (बुद्धवचन) की 103 हस्तलिखित पोथियाँ थीं. लेखक उन भारी-भरकम पोथियों को पढ़ने में रम गए.
English: In Shekar Vihar, the author met a gentle monk named 'Namse'. There were 103 handwritten manuscripts of 'Kanjur' (Buddha's words) in a temple there. The author got engrossed in reading those voluminous manuscripts.
2. शब्द-संपदा (Vocabulary)
शब्द (Word) | अर्थ (Hindi Meaning) | English Meaning |
डाँड़ा | ऊँची ज़मीन / पहाड़ की चोटी | High land / Ridge |
थुक्पा | सत्तू या चावल के साथ पकाया गया खाद्य पदार्थ (सूप जैसा) | A traditional Tibetan noodle soup |
कुची-कुची | दया-दया (भीख माँगने का शब्द) | Have mercy (Begging term) |
कंडे | गोबर के उपले (ईंधन) | Cow dung cakes (Fuel) |
गंडा | मंत्र पढ़कर गाँठ लगाया हुआ धागा या कपड़ा | Amulet / Charmed thread |
भरिया | भारवाहक / कुली | Porter |
दोन्क्विक्स्तो | स्पेनिश उपन्यास का नायक जो घोड़े पर चलता था (यहाँ सुस्त घोड़े के लिए प्रयुक्त) | Don Quixote (Used metaphorically for a rider on a slow horse) |
भिर्ट | टीले के आकार का सा ऊँचा स्थान | Mound / Hillock |
3. चरित्र चित्रण (Character Sketches)
सुमति (Sumati)
मिलनसार और क्रोधी: सुमति एक मंगोल भिक्षु था. उसका स्वभाव मिलनसार था और उसके कई यजमान थे. उसे जल्दी गुस्सा आता था (जब लेखक देर से पहुँचा), लेकिन वह उतनी ही जल्दी शांत भी हो जाता था.
English: Sumati was a Mongol monk. He had a friendly nature and had many hosts. He used to get angry quickly (when the author arrived late), but he would calm down just as fast.
लेखक (Author - Rahul Sankrityayan)
जिज्ञासु और साहसी यात्री: लेखक को नई जगहों को जानने की गहरी जिज्ञासा थी. उन्होंने कठिन रास्तों और डाकुओं के डर के बावजूद भिखारी के वेश में यात्रा की. उन्हें पुस्तकों से बहुत प्रेम था (शेकर विहार में).
English: The author had a deep curiosity to explore new places. He traveled disguised as a beggar despite difficult paths and the fear of bandits. He had a great love for books (at Shekar Vihar).
4. योग्यता-आधारित प्रश्न (Competency-Based Questions)
A. अभिकथन और तर्क (Assertion & Reasoning)
प्रश्न 1:
अभिकथन (A): लेखक और सुमति ने अपनी यात्रा भिखमंगों के वेश में की.
तर्क (R): उस समय तिब्बत के रास्तों पर बहुत अधिक सर्दी पड़ती थी और भिखमंगों के कपड़े गर्म होते थे.
उत्तर: (ग) अभिकथन सही है लेकिन तर्क गलत है. उन्होंने भिखमंगों का वेश इसलिए बनाया था क्योंकि उस समय भारतीयों को तिब्बत यात्रा की अनुमति नहीं थी और डाकुओं से बचने के लिए भी यह जरूरी था.
प्रश्न 2:
अभिकथन (A): डाँड़ा थोङ्ला तिब्बत में सबसे खतरे की जगह थी.
तर्क (R): वहाँ मीलों तक कोई आबादी नहीं थी और डाकू यात्रियों को मारकर लूट लेते थे.
उत्तर: (क) अभिकथन और तर्क दोनों सही हैं और तर्क, अभिकथन की सही व्याख्या करता है.
B. स्थिति-आधारित विश्लेषण (Situation Analysis)
स्थिति (Situation): शेकर विहार के भिक्षु 'नम्से' एक बड़े जागीरदार और सम्मानित व्यक्ति थे, जबकि लेखक उस समय एक गंदे भिखमंगे के वेश में था.
प्रश्न: नम्से ने लेखक के साथ कैसा व्यवहार किया और इससे उनके चरित्र के बारे में क्या पता चलता है?
उत्तर: भिखमंगे के वेश में होने के बावजूद भिक्षु नम्से लेखक से बहुत प्रेम और सम्मान से मिले. इससे पता चलता है कि नम्से एक सज्जन और भद्र पुरुष थे जो बाहरी दिखावे के बजाय इंसानियत को महत्व देते थे.
C. आशय स्पष्टीकरण (Intent/Inference)
प्रश्न 1: "मैं अब पुस्तकों के भीतर था."
उत्तर: इस पंक्ति का आशय यह है कि लेखक को शेकर विहार के मंदिर में बुद्धवचन की 103 हस्तलिखित पोथियाँ मिल गई थीं. वे ज्ञान पिपासु थे, इसलिए वे उन दुर्लभ पुस्तकों को पढ़ने में इतना रम गए कि उन्हें आसपास की दुनिया का खयाल नहीं रहा.
प्रश्न 2: "जान नहीं पड़ता था कि घोड़ा आगे जा रहा है या पीछे."
उत्तर: इसका आशय यह है कि लेखक का घोड़ा अत्यंत सुस्त और कमजोर था. जब लेखक उसे आगे बढ़ाने के लिए जोर लगाता, तो वह और धीरे चलने लगता. उसकी गति इतनी धीमी थी कि पता ही नहीं चलता था कि वह चल भी रहा है या नहीं.
5. प्रश्न-उत्तर (Subjective Q&A)
A. लघु उत्तरीय (Short Answer Questions - 30-40 Words)
प्रश्न 1: उस समय तिब्बती समाज में औरतों की स्थिति कैसी थी?
उत्तर: उस समय तिब्बती समाज में पर्दा प्रथा नहीं थी. औरतें अपरिचित मेहमानों के लिए भी चाय बनाकर लाती थीं. समाज खुला था और महिलाओं को काफी स्वतंत्रता प्राप्त थी.
प्रश्न 2: लेखक ने डाकुओं से बचने के लिए क्या उपाय अपनाया?
उत्तर: लेखक और उनके साथी भिखमंगे के वेश में यात्रा कर रहे थे. जहाँ कहीं भी उन्हें खतरनाक सूरत वाले लोग दिखते या खतरा महसूस होता, वे टोपी उतारकर जीभ निकालकर "कुची-कुची" (दया-दया) कहते हुए भीख माँगने लगते थे.
प्रश्न 3: 'थुक्पा' क्या है? पाठ के संदर्भ में बताइए.
उत्तर: 'थुक्पा' तिब्बत का एक मुख्य खाद्य पदार्थ है. यह सत्तू, चावल, मूली, हड्डी और मांस को पानी में उबालकर बनाया जाने वाला एक गाढ़ा सूप जैसा व्यंजन है, जिसे लेखक ने रात के खाने में खाया था.
प्रश्न 4: सुमति अपने यजमानों को जो 'गंडा' देते थे, वह कैसे बनता था?
उत्तर: सुमति बोधगया से लाए गए कपड़ों की पतली-पतली चिरी बत्तियों में गाँठ लगाकर 'गंडा' बनाते थे. जब बोधगया का कपड़ा खत्म हो जाता, तो वे किसी भी लाल कपड़े से गंडा बनाकर यजमानों को दे देते थे.
प्रश्न 5: लङ्कोर के मार्ग में लेखक अपने साथियों से किस कारण पिछड़ गया?
उत्तर: लेखक का घोड़ा बहुत सुस्त था और धीरे चल रहा था. इसके अलावा, लेखक एक दोराहे पर गलत रास्ते (बाएँ) मुड़ गया और डेढ़ मील आगे चला गया. वापस लौटने में उसे समय लगा, जिससे वह पिछड़ गया.
प्रश्न 6: कांजीहौस की तरह इस पाठ में भी जानवरों का जिक्र है. यहाँ घोड़ों की स्थिति कैसी थी?
उत्तर: यहाँ लेखक को मिला घोड़ा बहुत कमजोर और थका हुआ था. वह चढ़ाई चढ़ने में असमर्थ हो रहा था. लेखक उसे मारना नहीं चाहता था, इसलिए वह पिछड़ता चला गया.
प्रश्न 7: तिब्बत की जलवायु (Climate) की क्या विशेषता बताई गई है?
उत्तर: तिब्बत की जलवायु विचित्र है. वहाँ धूप बहुत तेज होती है. यदि आप दोपहर में चल रहे हैं, तो माथा धूप से जलता है, लेकिन पीछे से कंधा बर्फ जैसा ठंडा रहता है.
प्रश्न 8: शेकर विहार के मंदिर में रखी पोथियों की क्या विशेषता थी?
उत्तर: मंदिर में 'कन्जुर' (बुद्धवचन अनुवाद) की 103 हस्तलिखित पोथियाँ थीं. वे बड़े और मोटे कागज़ पर अच्छे अक्षरों में लिखी गई थीं और एक-एक पोथी का वजन 15-15 सेर (लगभग 14-15 किलो) था.
B. दीर्घ उत्तरीय/मूल्यपरक (Long/Value-Based Questions - 100 Words)
प्रश्न 1: यात्रा वृत्तांत के आधार पर उस समय के तिब्बती समाज की अच्छाइयों और बुराइयों पर प्रकाश डालिए.
उत्तर: अच्छाइयाँ: तिब्बती समाज खुला था. वहाँ जाति-पाँति और छुआछूत जैसी कुप्रथाएँ नहीं थीं. महिलाएं पर्दा नहीं करती थीं और अपरिचितों की मदद करती थीं. अतिथि देवो भव: की भावना थी.
बुराइयाँ: कानून व्यवस्था लचर थी. हथियार का कानून न होने से लोग लाठी की तरह पिस्तौल रखते थे. निर्जन स्थानों पर डाकू यात्रियों की हत्या कर देते थे और सरकार पुलिस पर कम खर्च करती थी. शाम के समय लोग 'छङ' (मदिरा) पीकर होश खो बैठते थे.
प्रश्न 2: सुमति के चरित्र की प्रमुख विशेषताओं का वर्णन कीजिए. वह लेखक की यात्रा में किस प्रकार सहायक सिद्ध हुआ?
उत्तर: सुमति एक मिलनसार मंगोल भिक्षु था. उसे स्थानीय रास्तों, गाँवों और लोगों का अच्छा ज्ञान था. वह थोड़ा लालची भी था (गंडा बेचने के संदर्भ में) और क्रोधी भी, पर दिल का साफ था. वह लेखक के लिए एक कुशल गाइड साबित हुआ. उसी के कारण लेखक को भिखमंगे के वेश में भी अच्छे घरों में ठहरने की जगह मिली. उसने ही लेखक को डाँड़ा थोङ्ला पार करवाया और शेकर विहार में नम्से से मिलवाया.
प्रश्न 3: "यात्राएँ हमारे ज्ञान को बढ़ाती हैं और व्यक्तित्व को निखारती हैं." राहुल सांकृत्यायन की इस यात्रा के संदर्भ में इस कथन की पुष्टि करें.
उत्तर: राहुल सांकृत्यायन की तिब्बत यात्रा इस कथन को सत्य सिद्ध करती है. इस यात्रा से न केवल उन्हें तिब्बत की भौगोलिक स्थिति (पहाड़, मैदान) का ज्ञान हुआ, बल्कि वहाँ की संस्कृति, खान-पान (चाय, थुक्पा) और सामाजिक रीति-रिवाजों को भी करीब से देखने का मौका मिला. उन्होंने कठिनाइयों का सामना धैर्य से किया, जिससे उनका आत्मविश्वास बढ़ा. शेकर विहार में मिली दुर्लभ पांडुलिपियों ने उनके ऐतिहासिक और धार्मिक ज्ञान में वृद्धि की. यह यात्रा उनके लिए एक शिक्षाप्रद अनुभव रही.
6. व्याकरण (Integrated Grammar)
प्रश्न 1: निम्नलिखित शब्दों में से उपसर्ग अलग कीजिए:
(क) परित्यक्त
(ख) निर्जन
उत्तर:
(क) परि (उपसर्ग) + त्यक्त (मूल शब्द)
(ख) निर् (उपसर्ग) + जन (मूल शब्द)
प्रश्न 2: (वाक्य रूपांतरण) "सुमति को जितनी जल्दी गुस्सा आता था, उतनी ही जल्दी वह ठंडा भी हो जाता था।" (रचना के आधार पर वाक्य भेद बताइए)
उत्तर: मिश्र वाक्य.
प्रश्न 3: पाठ में प्रयुक्त 'ही' और 'भी' निपात वाले वाक्य छाँटिए.
उत्तर:
यह व्यापारिक ही नहीं सैनिक रास्ता भी था.
शायद खून की हम उतनी परवाह नहीं करते, क्योंकि हम भिखमंगे थे. (यहाँ 'भी' का भाव छिपा है, पर प्रत्यक्ष उदाहरण: "एक पैसा कहते भीख माँगने लगते")
प्रत्यक्ष उदाहरण पाठ से: "तिब्बत की धूप भी बहुत कड़ी मालूम होती है."
7. सामान्य त्रुटियाँ (Common Student Errors)
लेखक और सुमति में भ्रम:
त्रुटि: छात्र अक्सर उत्तर लिखते समय सुमति को ही लेखक समझ लेते हैं या लेखक को सुमति की तरह गंडा बेचने वाला बता देते हैं.
सुधार: लेखक 'राहुल सांकृत्यायन' हैं जो यात्री हैं. 'सुमति' उनका मित्र और गाइड (भिक्षु) है.
'गंडा' शब्द का गलत अर्थ:
त्रुटि: छात्र 'गंडा' को कोई हथियार या गलत चीज समझ लेते हैं.
सुधार: 'गंडा' एक धार्मिक प्रतीक है - मंत्र पढ़कर गाँठ लगाया हुआ कपड़ा जो ताबीज की तरह काम करता है.
यात्रा का माध्यम:
त्रुटि: छात्र सोचते हैं कि वे बस या ट्रेन से गए थे.
सुधार: यह यात्रा दुर्गम पहाड़ी रास्तों पर पैदल और घोड़ों के माध्यम से की गई थी.
स्थानों के नाम की वर्तनी:
त्रुटि: 'लङ्कोर', 'थोङ्ला', 'शेकर विहार' लिखने में गलती.
सुधार: इन तिब्बती नामों का लिखित अभ्यास आवश्यक है.

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