5 - यह दंतुरित मुसकान और फसल (Yeh Danturit Muskan & Fasal)-Class 10 Kshitij 2
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यह दंतुरित मुसकान और फसल (Yeh Danturit Muskan & Fasal)
Class 10 - Hindi Course A (Kshitij Bhag 2) | Author: नागार्जुन (Nagarjun)
1. पाठ का सार (Quick Revision Summary)
यह दंतुरित मुसकान (Yeh Danturit Muskan)
मुसकान की जीवनदायिनी शक्ति: कवि छोटे बच्चे की नए-नए दाँतों वाली (दंतुरित) मुसकान देखकर मुग्ध हो जाते हैं। उन्हें लगता है कि यह मुसकान इतनी प्रभावशाली है कि यह मरे हुए (हताश/निराश) व्यक्ति में भी जान डाल सकती है।
English: Life-giving Power of Smile: The poet is mesmerized by the infant's new-toothed (danturit) smile. He feels this smile is so impactful that it can infuse life even into a dead (hopeless/desperate) person.
धूल और कमल: बच्चे का धूल से सना शरीर ऐसा लगता है मानो तालाब को छोड़कर कमल का फूल कवि की झोपड़ी में खिल गया हो।
English: Dust and Lotus: The child's dust-covered body looks as if a lotus flower has left the pond and bloomed inside the poet's hut.
कठोरता का पिघलना: बच्चे का स्पर्श इतना कोमल है कि उसे छूकर कठोर पत्थर भी पिघलकर जल बन जाता है। उसके स्पर्श से बबूल और बाँस (रूखे पेड़) से भी शेफालिका के फूल झरने लगते हैं, यानी निष्ठुर व्यक्ति भी कोमल हो जाता है।
English: Melting of Hardness: The child's touch is so tender that even hard stone melts into water upon contact. His touch makes Shefalika flowers fall even from Acacia and Bamboo (dry trees), meaning even a cruel person becomes tender.
माँ का आभार: कवि बच्चे की माँ के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करते हैं क्योंकि उन्हीं के माध्यम से वे बच्चे की इस सुंदर छवि को देख पाए।
English: Gratitude to Mother: The poet expresses gratitude to the child's mother because it is through her that he could witness this beautiful image of the child.
फसल (Fasal)
फसल की परिभाषा: कवि बताते हैं कि फसल केवल एक वस्तु नहीं है, बल्कि यह प्रकृति और मनुष्य के सामूहिक प्रयासों का परिणाम है।
English: Definition of Crop: The poet explains that a crop is not just an object, but the result of the collective efforts of nature and humans.
अनेक तत्वों का योगदान: फसल ढेर सारी नदियों के पानी का जादू है, लाखों लोगों के हाथों के स्पर्श की गरिमा (मेहनत) है, और अलग-अलग प्रकार की मिट्टी के गुण-धर्म का फल है।
English: Contribution of Many Elements: Crop is the magic of the water of many rivers, the dignity (hard work) of the touch of millions of hands, and the fruit of the properties of different types of soil.
सूरज और हवा का महत्व: फसल सूरज की किरणों का रूपांतर (बदला हुआ रूप) है और हवा की थिरकन का सिमटा हुआ संकोच है। अर्थात धूप और हवा फसल को पकाने में मदद करते हैं।
English: Importance of Sun and Air: The crop is a transformation of the sun's rays and the condensed hesitation of the quivering wind. Meaning, sunlight and wind help in ripening the crop.
2. शब्द-संपदा (Vocabulary)
शब्द (Word) | अर्थ (Hindi Meaning) | English Meaning |
दंतुरित | बच्चों के नए-नए दाँत | Teething / New teeth of a child |
धूलि-धूसर | धूल-मिट्टी से सने हुए | Dust-laden / Covered in dust |
गात | शरीर / अंग | Body / Limbs |
जलजात | कमल का फूल | Lotus flower |
अनिमेष | एकटक / बिना पलक झपकाए | Unblinking / Staring continuously |
इतर | दूसरा / अन्य | Other / Different |
मधुपर्क | पंचामृत (दही, घी, शहद, जल, दूध) | Mixture of five nectars (Ambrosia) |
कनखी | तिरछी निगाह | Side-glance |
छविमान | सुंदर | Beautiful |
गरिमा | गौरव / महत्त्व | Dignity / Glory |
रूपांतर | बदला हुआ रूप | Transformation |
3. चरित्र चित्रण (Character Sketches)
बच्चा (The Child - In 'Yeh Danturit Muskan')
मनमोहक और प्राणवान (Charming & Life-giving): बच्चे की मुसकान में अद्भुत आकर्षण है। वह अजनबियों (कवि) को भी एकटक देखता है और अपनी निश्छल हँसी से हताश मन में भी आशा का संचार कर देता है।
English: The child's smile has amazing attraction. He stares continuously even at strangers (the poet) and infuses hope into a desperate mind with his innocent laughter.
जादुई स्पर्श वाला (Magical Touch): उसका स्पर्श इतना कोमल है कि पाषाण (पत्थर) भी पिघलकर जल बन जाता है। वह रूखे और कठोर वातावरण को भी सरस बना देता है।
English: His touch is so tender that even stone melts into water. He makes even a dry and harsh atmosphere pleasant.
फसल (Crop - Personified in 'Fasal')
सहयोग का प्रतीक (Symbol of Collaboration): फसल का अपना कोई स्वतंत्र अस्तित्व नहीं है। वह नदियों, मिट्टी, सूरज, हवा और किसान के पसीने का मिला-जुला रूप है।
English: The crop has no independent existence of its own. It is a combined form of rivers, soil, sun, wind, and the farmer's sweat.
4. योग्यता-आधारित प्रश्न (Competency-Based Questions)
A. अभिकथन और तर्क (Assertion & Reasoning)
प्रश्न 1:
अभिकथन (A): कवि ने फसल को 'सूरज की किरणों का रूपांतर' कहा है।
तर्क (R): फसलें सूरज की रोशनी सोखकर प्रकाश-संश्लेषण (Photosynthesis) द्वारा अपना भोजन बनाती हैं और बढ़ती हैं।
उत्तर: (क) A और R दोनों सही हैं, तथा R, A की सही व्याख्या करता है।
प्रश्न 2:
अभिकथन (A): बच्चे की मुसकान मृतक में भी जान डाल सकती है।
तर्क (R): बच्चे के पास संजीवनी बूटी होती है जिससे वह मरे हुए लोगों को जीवित कर देता है।
उत्तर: (ग) A सही है, R गलत है। (यहाँ 'मृतक' का अर्थ हताश और निराश व्यक्ति है, और 'जान डालना' का अर्थ उनमें जीने की उमंग जगाना है, न कि कोई चमत्कार करना)।
B. स्थिति-आधारित विश्लेषण (Situation Analysis)
स्थिति (Situation): एक किसान अपनी लहलहाती फसल को देखकर गर्व महसूस करता है, लेकिन उसे यह भी पता है कि यह केवल उसकी मेहनत नहीं है।
प्रश्न (Question): 'फसल' कविता के आधार पर बताइए कि किसान किन-किन प्राकृतिक तत्वों का आभार व्यक्त करेगा?
उत्तर (Answer): किसान नदियों के पानी, विभिन्न प्रकार की मिट्टी के गुण-धर्म, सूरज की किरणों और हवा की थिरकन का आभार व्यक्त करेगा। कविता के अनुसार, इन सबके सहयोग के बिना फसल का अस्तित्व संभव नहीं है।
स्थिति (Situation): एक व्यक्ति बहुत गुस्से में है और उसका स्वभाव बहुत कठोर है। अचानक एक छोटा बच्चा उसे देखकर मुस्कुराता है।
प्रश्न (Question): 'यह दंतुरित मुसकान' कविता की कौन सी पंक्ति इस स्थिति में व्यक्ति के हृदय परिवर्तन को दर्शाती है?
उत्तर (Answer): "छू गया तुमसे कि झरने लग पड़े शेफालिका के फूल, बाँस था कि बबूल?"। बच्चे की मुसकान कठोर (बबूल/बाँस) हृदय वाले व्यक्ति को भी कोमल और भावुक बना देती है।
C. आशय स्पष्टीकरण (Intent/Inference)
प्रश्न 1: "सिमटा हुआ संकोच है हवा की थिरकन का"
उत्तर: इस पंक्ति का आशय है कि हवा का प्रभाव भी फसल में समाया हुआ है। हवा जब फसलों को छूकर गुजरती है, तो वे थिरकती (हिलती) हैं। ऐसा लगता है कि हवा अपना चंचल रूप छोड़कर फसल के भीतर सिमट गई है और उसे बढ़ने में मदद कर रही है।
प्रश्न 2: "पिघलकर जल बन गया होगा कठिन पाषाण"
उत्तर: कवि कहना चाहते हैं कि बच्चे का स्पर्श इतना कोमल और प्रेमपूर्ण है कि उसे छूते ही कठोर से कठोर हृदय वाला व्यक्ति (पाषाण) भी भावुक हो उठता है। उसका गुस्सा या कठोरता पिघलकर स्नेह (जल) में बदल जाती है।
5. प्रश्न-उत्तर (Subjective Q&A)
A. लघु उत्तरीय (Short Answer - 30-40 Words)
प्रश्न 1: बच्चे की दंतुरित मुसकान का कवि के मन पर क्या प्रभाव पड़ता है?
उत्तर: बच्चे की दंतुरित मुसकान देखकर कवि का निराश मन प्रसन्नता से भर जाता है। उन्हें लगता है कि यह मुसकान जीवन-मृत (हताश) व्यक्ति में भी प्राण फूँक सकती है और कठोर हृदय को भी पिघला सकती है।
प्रश्न 2: "छोड़कर तालाब मेरी झोंपड़ी में खिल रहे जलजात" - पंक्ति का भाव स्पष्ट कीजिए।
उत्तर: कवि को धूल से सना हुआ बच्चा इतना सुंदर लगता है मानो कमल का फूल (जलजात) तालाब को छोड़कर उनकी गरीब कुटिया (झोंपड़ी) में आकर खिल गया हो। यह बच्चे के सौंदर्य और उससे मिले आनंद को दर्शाता है।
प्रश्न 3: 'फसल' कविता के अनुसार फसल किन-किन का मिला-जुला रूप है?
उत्तर: 'फसल' कविता के अनुसार, फसल नदियों के पानी, लाखों लोगों के हाथों के स्पर्श (श्रम), भूरी-काली-संदली मिट्टी के गुण-धर्म, सूरज की किरणों और हवा की थिरकन का मिला-जुला रूप है।
प्रश्न 4: कवि ने बच्चे की मुसकान और बड़े व्यक्ति की मुसकान में क्या अंतर माना है? (निहितार्थ)
उत्तर: बच्चे की मुसकान निश्छल, स्वाभाविक और स्वार्थरहित होती है। वह अजनबियों को भी अपना बना लेती है। जबकि बड़ों की मुसकान में अक्सर औपचारिकता, बनावटीपन या कोई स्वार्थ छिपा होता है।
प्रश्न 5: "धन्य तुम, माँ भी तुम्हारी धन्य!" - कवि ने ऐसा क्यों कहा?
उत्तर: कवि बच्चे की सुंदरता पर मुग्ध हैं। वे बच्चे को धन्य मानते हैं जो इतनी खुशी देता है, और उसकी माँ को भी धन्य मानते हैं जिसने ऐसे बच्चे को जन्म दिया और जिसके माध्यम से कवि बच्चे के दर्शन कर पाए।
प्रश्न 6: मिट्टी के 'गुण-धर्म' से कवि का क्या तात्पर्य है?
उत्तर: मिट्टी के 'गुण-धर्म' का अर्थ है मिट्टी की उपजाऊ शक्ति और उसके प्राकृतिक तत्व (रंग, गंध, खनिज) जो बीज को अंकुरित होने और पौधे को बड़ा होने में मदद करते हैं। अलग-अलग मिट्टी का गुण फसल के स्वाद और रूप को प्रभावित करता है।
प्रश्न 7: "कनखी मार" कर देखने का क्या अर्थ है?
उत्तर: 'कनखी मारना' का अर्थ है तिरछी नज़रों से देखना। बच्चा जब कवि (अजनबी) को पहचान नहीं पाता, तो वह शर्म या संकोच के कारण उन्हें सीधे न देखकर चोरी-छिपे तिरछी नज़रों से देखता है।
प्रश्न 8: फसल को 'हाथों के स्पर्श की गरिमा' क्यों कहा गया है?
उत्तर: क्योंकि फसल अपने आप नहीं उगती। उसे उगाने के लिए किसान और मजदूर कड़ी मेहनत करते हैं। उनके हाथों के श्रम (स्पर्श) से ही फसल लहलहाती है, इसलिए इसे उनके स्पर्श का गौरव (गरिमा) कहा गया है।
B. दीर्घ उत्तरीय/मूल्यपरक (Long/Value-Based - 100 Words)
प्रश्न 1: 'फसल' कविता हमें उपभोक्तावादी संस्कृति के दौर में कृषि-संस्कृति के निकट कैसे ले जाती है? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर: आज के उपभोक्तावादी दौर में हम भोजन को बाज़ार से खरीदी जाने वाली एक वस्तु मात्र समझते हैं। 'फसल' कविता हमें याद दिलाती है कि अन्न पैदा करना कोई मशीनी प्रक्रिया नहीं है। यह प्रकृति (नदी, हवा, धूप, मिट्टी) और मनुष्य के कठोर परिश्रम (करोड़ों हाथों के स्पर्श) के सहयोग का परिणाम है। कविता हमें बताती है कि हमारी थाली में आया भोजन किसान की मेहनत और प्रकृति के आशीर्वाद का फल है। यह हमें अन्न का सम्मान करने और किसानों के प्रति कृतज्ञ होने की प्रेरणा देती है, जिससे हम कृषि-संस्कृति से भावनात्मक रूप से जुड़ते हैं।
प्रश्न 2: वात्सल्य रस की प्रधानता 'यह दंतुरित मुसकान' कविता में किस प्रकार दिखाई देती है? उदाहरण सहित समझाइए।
उत्तर: 'यह दंतुरित मुसकान' वात्सल्य रस (बच्चों के प्रति प्रेम) का उत्कृष्ट उदाहरण है। कवि बच्चे के धूल सने शरीर को 'कमल' और उसकी मुसकान को 'जीवनदायिनी' मानते हैं। "मृतक में भी डाल देगी जान" और "पिघलकर जल बन गया होगा कठिन पाषाण" जैसी पंक्तियाँ बच्चे के प्रति कवि के असीम स्नेह और आकर्षण को दर्शाती हैं। जब बच्चा कवि को कनखियों (तिरछी नज़रों) से देखता है और मुस्कुराता है, तो कवि का हृदय "छविमान" (सुंदरता) से भर उठता है। यह बाल-सुलभ चेष्टाओं का सूक्ष्म और मनोहारी चित्रण वात्सल्य रस को जीवंत कर देता है।
प्रश्न 3: "फसल मनुष्य और प्रकृति के सहयोग का परिणाम है।" इस कथन की पुष्टि कविता के आधार पर कीजिए।
उत्तर: कविता स्पष्ट रूप से स्थापित करती है कि फसल एकाकी प्रयास से संभव नहीं है। यदि केवल प्रकृति हो और मनुष्य न हो, तो खेत बंजर रह जाएंगे। और यदि केवल मनुष्य मेहनत करे लेकिन प्रकृति (धूप, पानी, मिट्टी) साथ न दे, तो भी फसल नहीं उगेगी। "नदियों के पानी का जादू" और "सूरज की किरणों का रूपांतर" प्रकृति का योगदान है, जबकि "कोटि-कोटि हाथों के स्पर्श की गरिमा" मनुष्य का योगदान है। नागार्जुन ने इन दोनों पक्षों को एक-दूसरे का पूरक बताया है, जो सृष्टि के संतुलन और सृजन के लिए अनिवार्य है।
6. व्याकरण (Integrated Grammar)
(Based on Class 10 Hindi Course A - Kshitij Pattern)
प्रश्न 1: पद-परिचय: "तुम्हारी यह दंतुरित मुसकान।" (रेखांकित: तुम्हारी)
उत्तर: सर्वनाम (पुरुषवाचक - मध्यम पुरुष), एकवचन, स्त्रीलिंग/पुल्लिंग (सदर्भानुसार, यहाँ बच्चे के लिए), संबंध कारक (मुसकान से संबंध)।
प्रश्न 2: अलंकार पहचानिए: "पिघलकर जल बन गया होगा कठिन पाषाण"
उत्तर: अतिशयोक्ति अलंकार (मुसकान के प्रभाव को बहुत बढ़ा-चढ़ाकर बताया गया है)।
प्रश्न 3: वाच्य परिवर्तन: "माँ उंगलियों से मधुपर्क कराती है।" (कर्मवाच्य में बदलिए)
उत्तर: माँ द्वारा उंगलियों से मधुपर्क कराया जाता है।
प्रश्न 4: अलंकार पहचानिए: "हज़ार-हज़ार खेतों की मिट्टी"
उत्तर: पुनरुक्ति प्रकाश अलंकार ('हज़ार-हज़ार' शब्द की आवृत्ति)।
7. सामान्य त्रुटियाँ (Common Student Errors)
'जलजात' का गलत अर्थ:
त्रुटि: छात्र 'जलजात' का अर्थ 'जल' या 'तालाब' समझ लेते हैं।
सुधार: 'जलजात' का सही अर्थ 'कमल का फूल' (जल में उत्पन्न होने वाला) है।
फसल के तत्व:
त्रुटि: छात्र उत्तर में केवल 'पानी' और 'खाद' लिखते हैं।
सुधार: कविता के अनुसार फसल में नदियों का पानी, मिट्टी का गुण-धर्म, सूरज की किरणें, हवा की थिरकन और मानव श्रम (हाथों का स्पर्श) - इन पाँचों तत्वों का उल्लेख करना आवश्यक है।
कवि और बच्चे का परिचय:
त्रुटि: छात्र मानते हैं कि कवि बच्चे को रोज देखता है या उसका पिता है जो साथ रहता है।
सुधार: कवि 'चिर प्रवासी' (लंबे समय तक बाहर रहने वाला) है और बच्चे के लिए 'अतिथि' जैसा है। बच्चा उन्हें पहचानता नहीं है, इसलिए कनखियों से देखता है।
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