6. कर चले हम फ़िदा - (Kar Chale Hum Fida) - Class 10 - Sparsh Bhag 2
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Updated: 14 hours ago
कर चले हम फ़िदा (Kar Chale Hum Fida)
Class 10 - Hindi Course B (Sparsh Bhag 2) | Author: कैफ़ी आज़मी (Kaifi Azmi)
1. पाठ का सार (Quick Revision Summary)
सैनिकों का बलिदान: यह गीत युद्ध के मैदान में अपने प्राण न्योछावर करने वाले वीर सैनिकों की भावनाओं को व्यक्त करता है। सैनिक कहते हैं कि वे अपना कर्तव्य पूरा करके अब देश की रक्षा का भार देशवासियों (साथियों) को सौंपकर जा रहे हैं।
English: Sacrifice of Soldiers: This song expresses the emotions of brave soldiers sacrificing their lives on the battlefield. The soldiers say that having fulfilled their duty, they are now leaving, entrusting the responsibility of protecting the country to their countrymen (comrades).
देशप्रेम और गौरव: सैनिकों ने अंतिम साँस तक दुश्मनों का मुकाबला किया। सिर कट जाने पर भी उन्हें कोई गम नहीं था, लेकिन उन्होंने हिमालय का सिर (देश का सम्मान) झुकने नहीं दिया। वे मरते दम तक वीरता (बाँकपन) के साथ लड़े।
English: Patriotism and Pride: The soldiers fought the enemies till their last breath. They had no regret even if their heads were cut off, but they did not let the head of the Himalayas (the honor of the country) bow down. They fought with bravery till their last moment.
कुर्बानी का मौसम: सैनिक कहते हैं कि जिंदा रहने के तो बहुत अवसर मिलते हैं, लेकिन देश के लिए जान देने का मौका (रुत) कभी-कभी ही आता है। जो जवानी देश के काम न आए और खून से न नहाए, वह जवानी व्यर्थ है और सुंदरता व प्रेम को बदनाम करती है।
English: Season of Sacrifice: Soldiers say that there are many opportunities to live, but the chance (season) to die for the country comes rarely. The youth that is not of use to the country and does not bathe in blood is useless and disgraces beauty and love.
देशवासियों से अपेक्षा: सैनिक देशवासियों से कहते हैं कि उनके जाने के बाद बलिदानों का सिलसिला रुकना नहीं चाहिए। जीत का जश्न मनाने से पहले कुर्बानी का जश्न मनाना ज़रूरी है। वे देशवासियों को 'सिर पर कफ़न बाँधने' (बलिदान के लिए तैयार रहने) के लिए प्रेरित करते हैं।
English: Expectation from Countrymen: The soldiers tell their countrymen that the sequence of sacrifices should not stop after they are gone. It is important to celebrate the festival of sacrifice before celebrating the festival of victory. They inspire countrymen to 'tie the shroud on their heads' (be ready for sacrifice).
सीता की रक्षा (प्रतीकात्मकता): सैनिक धरती को 'दुल्हन' मानते हैं और कहते हैं कि अपने खून से लक्ष्मण रेखा खींच दो ताकि कोई 'रावण' (दुश्मन) इस पार न आ सके। वे कहते हैं कि अब राम भी तुम हो और लक्ष्मण भी तुम ही हो, तुम्हें ही 'सीता' (भारत माता/धरती) के दामन की रक्षा करनी है।
English: Protection of Sita (Symbolism): Soldiers consider the earth as a 'bride' and ask to draw a Lakshman Rekha with their blood so that no 'Raavan' (enemy) can cross over. They say that now you are Ram and you are Lakshman too; you have to protect the honor of 'Sita' (Mother India/Earth).
2. शब्द-संपदा (Vocabulary)
शब्द (Word) | अर्थ (Hindi Meaning) | English Meaning |
फ़िदा | न्योछावर / कुर्बान | Sacrificed / Devoted |
हवाले | सौंपना / भरोसे करना | Handing over / Entrusting |
रुत | मौसम / अवसर | Season / Occasion |
बाँकपन | वीरता / साहस / जवानी का जोश | Bravery / Boldness / Youthful vigor |
काफ़िले | यात्रियों का समूह | Caravan / Group of travelers |
नब्ज़ | नाड़ी | Pulse |
रुस्वा | बदनाम | Disgraced / Dishonored |
खूँ | खून / रक्त | Blood |
दामन | आंचल / सम्मान | Hem of garment / Honor |
3. चरित्र चित्रण (Character Sketches)
सैनिक (The Soldier)
निस्वार्थ देशभक्त (Selfless Patriot): सैनिक अपने प्राणों की चिंता किए बिना देश की रक्षा के लिए लड़ता है। उसे अपनी जान जाने का दुख नहीं, बल्कि देश का सिर ऊँचा रखने का गर्व है।
English: The soldier fights for the defense of the country without worrying about his life. He does not regret losing his life but is proud to keep the country's head high.
प्रेरक और आशावादी (Inspiring & Optimistic): मरते समय भी वह निराश नहीं है, बल्कि आने वाली पीढ़ियों (साथियों) को देश की रक्षा का भार सौंपकर उन्हें प्रेरित करता है। उसे विश्वास है कि देशवासी उसकी कुर्बानी को व्यर्थ नहीं जाने देंगे।
English: Even while dying, he is not hopeless but inspires the coming generations (comrades) by entrusting them with the burden of protecting the country. He is confident that his countrymen will not let his sacrifice go in vain.
4. योग्यता-आधारित प्रश्न (Competency-Based Questions)
A. अभिकथन और तर्क (Assertion & Reasoning)
प्रश्न 1:
अभिकथन (A): सैनिक देशवासियों को 'राम' और 'लक्ष्मण' दोनों बनने के लिए कहते हैं।
तर्क (R): क्योंकि अब सीमा पर कोई सैनिक नहीं बचा है, इसलिए नागरिकों को ही युद्ध करना होगा।
उत्तर: (ग) A सही है, R गलत है। (सैनिक प्रतीकात्मक रूप से कह रहे हैं कि हर देशवासी को राम और लक्ष्मण की तरह बुराई/दुश्मन का नाश करने और पवित्रता की रक्षा करने के लिए तैयार रहना चाहिए, न कि इसलिए कि सैनिक खत्म हो गए हैं।)
प्रश्न 2:
अभिकथन (A): सैनिक कहते हैं कि "सिर हिमालय का हमने न झुकने दिया"।
तर्क (R): हिमालय भारत के मान-सम्मान और संप्रभुता का प्रतीक है, जिसकी रक्षा के लिए सैनिकों ने अपने प्राणों की आहुति दे दी।
उत्तर: (क) A और R दोनों सही हैं, तथा R, A की सही व्याख्या करता है।
B. स्थिति-आधारित विश्लेषण (Situation Analysis)
स्थिति (Situation): देश पर आतंकवादी हमला हुआ है। कुछ लोग डरकर घर में छिपे हैं, जबकि कुछ युवा रक्तदान करने और सेना की मदद के लिए आगे आ रहे हैं।
प्रश्न (Question): 'कर चले हम फ़िदा' कविता के आधार पर बताइए कि इन युवाओं का कार्य किस पंक्ति को चरितार्थ करता है?
उत्तर (Answer): इन युवाओं का कार्य "बाँध लो अपने सर से कफ़न साथियो" और "तुम सजाते ही रहना नए काफ़िले" पंक्तियों को चरितार्थ करता है। वे डरने के बजाय देश के लिए बलिदान देने और संघर्ष को जारी रखने के लिए तैयार हैं।
स्थिति (Situation): एक व्यक्ति अपनी सुख-सुविधाओं में इतना लीन है कि उसे देश की समस्याओं से कोई सरोकार नहीं है।
प्रश्न (Question): कैफ़ी आज़मी की कौन सी पंक्तियाँ ऐसे व्यक्ति के जीवन को व्यर्थ बताती हैं?
उत्तर (Answer): "हुस्न और इश्क दोनों को रुस्वा करे, वो जवानी जो खूँ में नहाती नहीं।" कवि के अनुसार, जो युवावस्था देश के काम न आए और संघर्ष न करे, वह अपने सौंदर्य और प्रेम दोनों को कलंकित करती है।
C. आशय स्पष्टीकरण (Intent/Inference)
प्रश्न 1: "खींच दो अपने खूँ से ज़मीं पर लकीर, इस तरफ़ आने पाए न रावन कोई"
उत्तर: इस पंक्ति का आशय है कि सैनिकों (और देशवासियों) को अपने बलिदान और शौर्य से सीमा पर ऐसी अभेद्य दीवार (लक्ष्मण रेखा) खड़ी कर देनी चाहिए कि कोई भी शत्रु (रावण) भारत की पवित्र धरती पर कदम रखने का साहस न कर सके।
प्रश्न 2: "जिंदगी मौत से मिल रही है गले"
उत्तर: इसका अर्थ है कि युद्ध के मैदान में स्थिति इतनी भयानक है कि मृत्यु हर पल सामने खड़ी है। सैनिक हँसते-हँसते मृत्यु को गले लगा रहे हैं, यानी वे निडर होकर देश के लिए शहीद हो रहे हैं।
5. प्रश्न-उत्तर (Subjective Q&A)
A. लघु उत्तरीय (Short Answer - 30-40 Words)
प्रश्न 1: "सर हिमालय का हमने न झुकने दिया" - इस पंक्ति में हिमालय किस बात का प्रतीक है?
उत्तर: यहाँ 'हिमालय' केवल एक पर्वत नहीं, बल्कि भारत के मान-सम्मान, गौरव और स्वाभिमान का प्रतीक है। सैनिकों ने अपने सिर कटवा दिए (बलिदान दे दिया) लेकिन दुश्मन के सामने हार मानकर देश के सम्मान को झुकने नहीं दिया।
प्रश्न 2: गीत में 'धरती' को 'दुल्हन' क्यों कहा गया है?
उत्तर: जैसे दुल्हन लाल जोड़े में सजी होती है, वैसे ही युद्धभूमि में सैनिकों के खून से धरती लाल हो गई है। सैनिकों का अपनी मातृभूमि के प्रति प्रेम और उसके लिए बलिदान देने का उत्साह उसे दुल्हन जैसा प्रिय और पवित्र बनाता है।
प्रश्न 3: "जान देने की रुत रोज़ आती नहीं" - कवि का क्या आशय है?
उत्तर: कवि कहना चाहते हैं कि जीवन जीने के अवसर तो रोज़ मिलते हैं, लेकिन देश के लिए प्राण न्योछावर करने का सौभाग्य (रुत) कभी-कभी ही मिलता है। यह एक महान अवसर है जिसे वीरों को गवाना नहीं चाहिए।
प्रश्न 4: "राह कुर्बानियों की न वीरान हो" - सैनिक ऐसा क्यों कहते हैं?
उत्तर: सैनिक चाहते हैं कि उनके शहीद होने के बाद देश रक्षा का कार्य रुकना नहीं चाहिए। बलिदानों का सिलसिला लगातार चलता रहना चाहिए (काफ़िले सजते रहें) ताकि देश की आज़ादी हमेशा सुरक्षित रहे।
प्रश्न 5: कविता में 'साथियो' संबोधन किसके लिए प्रयुक्त हुआ है?
उत्तर: 'साथियो' संबोधन मुख्य रूप से सैनिकों के सहकर्मियों (अन्य सैनिकों) और व्यापक अर्थ में देश के सभी नागरिकों (हम और आप) के लिए प्रयुक्त हुआ है, जिनके कंधों पर अब देश की सुरक्षा का भार है।
प्रश्न 6: "छू न पाए सीता का दामन कोई" - यहाँ 'सीता' और 'दामन' से क्या तात्पर्य है?
उत्तर: यहाँ 'सीता' भारत माता (मातृभूमि) का प्रतीक है और 'दामन' उसकी पवित्रता, सम्मान और अस्मिता का प्रतीक है। सैनिक चेतावनी दे रहे हैं कि कोई भी शत्रु भारत माता के सम्मान को चोट न पहुँचा सके।
प्रश्न 7: "बाँध लो अपने सर से कफ़न साथियो" का क्या अर्थ है?
उत्तर: 'सर पर कफ़न बाँधना' एक मुहावरा है जिसका अर्थ है - मृत्यु के लिए तैयार रहना या बलिदान के लिए तत्पर होना। सैनिक देशवासियों को देश रक्षा के लिए हर तरह का त्याग करने को तैयार रहने का संदेश दे रहे हैं।
प्रश्न 8: इस कविता का प्रतिपाद्य (Central Theme) क्या है?
उत्तर: इस कविता का प्रतिपाद्य देशप्रेम और बलिदान है। यह कविता 1962 के भारत-चीन युद्ध की पृष्ठभूमि पर लिखी गई है। यह देशवासियों को सैनिकों के त्याग की याद दिलाती है और उन्हें देश की रक्षा के लिए सदैव तत्पर रहने की प्रेरणा देती है।
B. दीर्घ उत्तरीय/मूल्यपरक (Long/Value-Based - 100 Words)
प्रश्न 1: 'कर चले हम फ़िदा' गीत आज की युवा पीढ़ी को क्या संदेश देता है? विस्तार से लिखिए।
उत्तर: 'कर चले हम फ़िदा' गीत आज की युवा पीढ़ी के लिए अत्यंत प्रेरणादायी है। यह गीत संदेश देता है कि देश की रक्षा और सम्मान से बढ़कर कुछ नहीं है। आज जब युवा अपने करियर और निजी सुखों में व्यस्त हैं, यह गीत उन्हें याद दिलाता है कि उनकी स्वतंत्रता सैनिकों के बलिदानों की देन है। यह युवाओं को स्वार्थ से ऊपर उठकर देशहित में सोचने, कठिनाइयों का डटकर सामना करने और राष्ट्र की अखंडता के लिए 'कुर्बानी' (त्याग) देने के लिए मानसिक रूप से तैयार रहने का संदेश देता है। देशप्रेम केवल सीमाओं पर नहीं, बल्कि समाज के हर क्षेत्र में ईमानदारी और निष्ठा से कार्य करके भी दिखाया जा सकता है।
प्रश्न 2: युद्ध की विभीषिका के बीच भी सैनिकों का मनोबल ऊँचा रहता है। कविता के आधार पर स्पष्ट कीजिए कि वे मृत्यु को किस रूप में देखते हैं?
उत्तर: युद्ध की भयानक परिस्थितियों में, जहाँ "साँस थमती गई, नब्ज़ जमती गई", वहां भी सैनिकों का मनोबल हिमालय की तरह अटल रहता है। वे मृत्यु से डरते नहीं, बल्कि उसे एक उत्सव या 'जश्न' मानते हैं। उनके लिए देश के लिए जान देना "जान देने की रुत" (एक सुहावना मौसम) है। वे "जिंदगी मौत से मिल रही है गले" जैसी पंक्तियों के माध्यम से मृत्यु को एक स्वाभाविक और गौरवपूर्ण मिलन के रूप में देखते हैं। वे अपने खून से धरती को सजाकर उसे दुल्हन मानते हैं। उनका यह दृष्टिकोण सिद्ध करता है कि देशप्रेम के आगे मृत्यु का भय तुच्छ है।
प्रश्न 3: "राम भी तुम, तुम्हीं लक्ष्मण साथियो" - कवि ने देशवासियों पर क्या जिम्मेदारी डाली है? क्या हम उस जिम्मेदारी को निभा रहे हैं?
उत्तर: कवि ने देशवासियों को राम और लक्ष्मण दोनों की भूमिका निभाने की जिम्मेदारी दी है। 'राम' के रूप में हमें मर्यादा, सत्य और धर्म का पालन करना है, और 'लक्ष्मण' के रूप में हमें शत्रु का संहार करने और 'सीता' (भारत माता) की रक्षा के लिए आक्रामक और सजग रहना है। यानी हमें रक्षक और संहारक दोनों बनना है। आज के संदर्भ में, हम आंशिक रूप से ही इस जिम्मेदारी को निभा रहे हैं। बाहरी दुश्मनों से सेना लड़ रही है, लेकिन देश के भीतर भ्रष्टाचार, सांप्रदायिकता और हिंसा जैसे 'रावण' मौजूद हैं। सच्ची देशभक्ति तब होगी जब हम इन आंतरिक शत्रुओं को भी समाप्त कर देश को सुरक्षित और पवित्र बनाएंगे।
6. व्याकरण (Integrated Grammar)
(Based on Class 10 Hindi Course B - Sparsh Pattern)
प्रश्न 1: पदबंध पहचानिए: "हिमालय का सर हमने न झुकने दिया।" (रेखांकित: हिमालय का सर)
उत्तर: संज्ञा पदबंध (वाक्य में कर्म का कार्य कर रहा है)।
प्रश्न 2: मुहावरे का अर्थ और वाक्य प्रयोग: "नब्ज़ जमना"
उत्तर: अर्थ: बहुत अधिक ठंड लगना या मृत्यु के करीब होना।
वाक्य: सियाचिन की बर्फीली हवाओं में सैनिकों की नब्ज़ जमने लगती है, फिर भी वे डटे रहते हैं।
प्रश्न 3: मुहावरे का अर्थ: "हाथ उठाना"
उत्तर: आक्रमण करना / वार करना।
7. सामान्य त्रुटियाँ (Common Student Errors)
'हिमालय' का शाब्दिक अर्थ:
त्रुटि: छात्र इसे केवल एक पहाड़ समझते हैं।
सुधार: यहाँ हिमालय भारत के स्वाभिमान और सम्मान का प्रतीक है।
'सीता' और 'रावण' का संदर्भ:
त्रुटि: छात्र इसे रामायण की कहानी से जोड़ देते हैं।
सुधार: यह प्रतीकात्मक प्रयोग है। सीता = मातृभूमि/सम्मान और रावण = शत्रु/आक्रमणकारी।
संबोधन में अनुस्वार:
त्रुटि: छात्र 'साथियों' (बिंदु के साथ) लिखते हैं।
सुधार: संबोधन (vocative case) में बहुवचन में अनुस्वार नहीं लगता। सही शब्द 'साथियो' (बिना बिंदु के) है, जैसा पाठ में दिया गया है।
End
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