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    8.बड़े भाई साहब - (Bade Bhai Sahab) - Class 10 - Sparsh Bhag 2

    • 2 days ago
    • 10 min read

    Updated: 8 hours ago

    बड़े भाई साहब (Bade Bhai Sahab)

    Class 10 - Hindi Course B (Sparsh Bhag 2) |

    Author: प्रेमचंद (Premchand)

    1. पाठ का सार (Quick Revision Summary)

    • बड़े भाई साहब का व्यक्तित्व: बड़े भाई साहब पढ़ाई के प्रति अत्यंत गंभीर और मेहनती थे, लेकिन वे कक्षा में बार-बार फेल हो जाते थे। उनका मानना था कि नींव मजबूत होनी चाहिए, इसलिए वे एक साल का काम दो-तीन साल में करते थे। वे छोटे भाई को हमेशा डांटते और उपदेश देते रहते थे।

      • English: Elder Brother's Personality: The elder brother was extremely serious and hardworking towards studies, but he repeatedly failed in class. He believed that the foundation should be strong, so he did one year's work in two or three years. He used to scold and preach to his younger brother all the time.


    • छोटे भाई की रुचि: छोटा भाई (लेखक) पढ़ाई में कम और खेलकूद में ज्यादा रुचि रखता था। उसे एक घंटा भी किताब लेकर बैठना पहाड़ जैसा लगता था। मौका मिलते ही वह मैदान में खेलने निकल जाता था।

      • English: Younger Brother's Interest: The younger brother (author) was less interested in studies and more in sports. Sitting with a book even for an hour felt like a mountain to him. As soon as he got a chance, he would go out to play in the field.


    • बड़े भाई का उपदेश: जब छोटा भाई खेलकर लौटता, तो बड़े भाई साहब उसे डांटते और पढ़ाई की कठिनाइयों (अंग्रेजी, इतिहास, ज्यामिति) का डर दिखाते। वे कहते कि पढ़ाई हंसी-खेल नहीं है, इसके लिए खून जलाना पड़ता है।

      • English: Elder Brother's Preaching: When the younger brother returned from playing, the elder brother would scold him and scare him about the difficulties of studies (English, History, Geometry). He would say that studying is not a child's play; one has to burn blood (work extremely hard) for it.


    • परीक्षा परिणाम: आश्चर्यजनक रूप से, बड़े भाई साहब इतनी मेहनत के बाद भी फेल हो गए, जबकि छोटा भाई कम पढ़कर भी कक्षा में प्रथम आ गया। इससे छोटे भाई में थोड़ा अभिमान आ गया और वह और अधिक आजादी से खेलने लगा।

      • English: Exam Results: Surprisingly, the elder brother failed even after so much hard work, while the younger brother stood first in the class despite studying less. This instilled some pride in the younger brother, and he started playing more freely.


    • अनुभव का महत्व: अंत में, बड़े भाई साहब समझाते हैं कि किताबी ज्ञान से ज्यादा महत्वपूर्ण 'जीवन का अनुभव' है। वे अम्माँ और दादा का उदाहरण देते हैं जो कम पढ़े-लिखे होकर भी दुनिया का ज्यादा तजुर्बा रखते हैं। वे कहते हैं कि भले ही तुम पास हो जाओ, लेकिन मैं तुमसे बड़ा हूँ और मुझे तुम्हें सुधारने का अधिकार हमेशा रहेगा।

      • English: Importance of Experience: In the end, the elder brother explains that 'life experience' is more important than bookish knowledge. He cites the examples of Amma and Dada, who, despite being less educated, have more experience of the world. He says that even if you pass, I am older than you and I will always have the right to correct you.


    • हृदय परिवर्तन: बड़े भाई की बातें सुनकर छोटे भाई का सिर श्रद्धा से झुक जाता है। उसे अपनी लघुता (छोटापन) का एहसास होता है। तभी एक कटी हुई पतंग आती है और बड़ा भाई (जो खुद भी बच्चा है) उसे लपकने के लिए दौड़ पड़ता है।

      • English: Change of Heart: Hearing the elder brother's words, the younger brother's head bows down with reverence. He realizes his insignificance. Just then a cut kite comes, and the elder brother (who is also a child himself) runs to catch it.


    2. शब्द-संपदा (Vocabulary)

    शब्द (Word)

    अर्थ (Hindi Meaning)

    English Meaning

    तालीम

    शिक्षा

    Education

    पुख्ता

    मज़बूत

    Strong / Solid

    तम्बीह

    डाँट-डपट / चेतावनी

    Scolding / Warning

    मसलन

    उदाहरणतः

    For example

    जमात

    कक्षा

    Class / Grade

    हर्फ़

    अक्षर

    Letter

    सूक्ति-बाण

    व्यंग्य भरे कथन / तीखी बातें

    Sarcastic remarks

    अवहेलना

    उपेक्षा / बात न मानना

    Neglect / Disregard

    फ़जीहत

    अपमान / बेइज्जती

    Insult / Disgrace

    कनकौए

    पतंग

    Kite

    मुमतहिन

    परीक्षक

    Examiner

    जहीन

    बुद्धिमान

    Intelligent

    अदब

    सम्मान / लिहाज

    Respect

    आधिपत्य

    प्रभुत्व / अधिकार

    Dominance / Authority

    3. चरित्र चित्रण (Character Sketches)


    बड़े भाई साहब (The Elder Brother)

    • परिश्रमी और कर्तव्यनिष्ठ (Hardworking & Dutiful): वे दिन-रात पढ़ाई में लगे रहते हैं। वे अपने छोटे भाई के प्रति अपनी जिम्मेदारी समझते हैं और उसे सही रास्ते पर लाने के लिए अपनी इच्छाओं (खेलने-कूदने) का बलिदान कर देते हैं।

      • English: He is engaged in studies day and night. He understands his responsibility towards his younger brother and sacrifices his desires (playing) to bring him on the right path.

    • अनुभवी और उपदेशक (Experienced & Preacher): वे किताबी ज्ञान से अधिक व्यवहारिक ज्ञान और अनुभव को महत्व देते हैं। वे बात-बात पर उपदेश देने में निपुण हैं, लेकिन उनका उद्देश्य छोटे भाई का भला करना ही है।

      • English: He values practical knowledge and experience more than bookish knowledge. He is skilled in preaching on every matter, but his intention is only the welfare of his younger brother.


    छोटा भाई (लेखक) (The Younger Brother - Narrator)

    • खेल-प्रेमी और चंचल (Playful & Restless): उसका मन पढ़ाई में नहीं लगता। वह हमेशा खेलने के मौके तलाशता रहता है। उसे प्रकृति, खेल और दोस्तों में ज्यादा आनंद आता है।

      • English: His mind is not in studies. He is always looking for opportunities to play. He finds more joy in nature, sports, and friends.

    • प्रतिभाशाली लेकिन अभिमानी (Talented but Arrogant): वह कम समय पढ़कर भी कक्षा में प्रथम आ जाता है, जिससे उसमें थोड़ा घमंड आ जाता है। वह भाई साहब के फेल होने पर अपने मन में उन्हें नीचा दिखाने की बात सोचता है, लेकिन उनके तर्कों के आगे नतमस्तक भी हो जाता है।

      • English: He stands first in the class even after studying for a short time, which brings a little arrogance in him. He thinks of looking down on his brother when he fails, but eventually bows down to his arguments.


    4. योग्यता-आधारित प्रश्न (Competency-Based Questions)

    A. अभिकथन और तर्क (Assertion & Reasoning)

    प्रश्न 1: अभिकथन (A): बड़े भाई साहब हर समय किताब खोले बैठे रहते थे। तर्क (R): उन्हें पढ़ना बहुत पसंद था और वे विद्वान बनना चाहते थे।

    उत्तर: (ग) A सही है, R गलत है। (वे किताब खोले बैठे रहते थे, लेकिन उनका मन पढ़ाई में नहीं लगता था। वे केवल रटते थे और छोटे भाई के सामने एक आदर्श प्रस्तुत करने के लिए ऐसा करते थे)।


    प्रश्न 2: अभिकथन (A): बड़े भाई साहब ने छोटे भाई को समझाया कि अनुभव किताबी ज्ञान से बड़ा है। तर्क (R): अम्माँ और दादा कम पढ़े-लिखे होने के बावजूद घर और दुनिया को संभालने का बेहतर तजुर्बा रखते थे। उत्तर: (क) A और R दोनों सही हैं, तथा R, A की सही व्याख्या करता है।


    B. स्थिति-आधारित विश्लेषण (Situation Analysis) स्थिति (Situation): एक छात्र कक्षा में हमेशा प्रथम आता है लेकिन अपने बड़ों का आदर नहीं करता। दूसरी तरफ एक छात्र पढ़ाई में औसत है लेकिन बड़ों का सम्मान करता है और समझदार है।

    प्रश्न (Question): 'बड़े भाई साहब' पाठ के आधार पर बताइए कि जीवन में कौन अधिक सफल होगा और क्यों?

    उत्तर (Answer): पाठ के संदेश के अनुसार, वह छात्र अधिक सफल होगा जो समझदार है और बड़ों का आदर करता है। केवल इम्तिहान पास कर लेना ही सफलता नहीं है, असली सफलता 'बुद्धि का विकास' और 'जीवन के अनुभव' में है। घमंड रावण जैसे विद्वान का भी नाश कर देता है, इसलिए विनम्रता और संस्कार अधिक महत्वपूर्ण हैं।


    C. आशय स्पष्टीकरण (Intent/Inference)

    प्रश्न 1: "बुनियाद ही पुख्ता न हो, तो मकान कैसे पायेदार बने?"

    उत्तर: बड़े भाई साहब इस तर्क का प्रयोग अपनी धीमी गति को सही ठहराने के लिए करते थे। उनका मानना था कि पढ़ाई की नींव मजबूत होनी चाहिए, इसलिए वे एक कक्षा में दो-तीन साल लगाते थे। व्यंग्य यह है कि वे इसे अपनी नाकामी छिपाने का बहाना बनाते थे।


    प्रश्न 2: "मैं तुमसे पाँच साल बड़ा हूँ और हमेशा रहूँगा।"

    उत्तर: इस पंक्ति का आशय यह है कि उम्र और अनुभव का अंतर कभी खत्म नहीं किया जा सकता। चाहे छोटा भाई पढ़ाई में बड़े भाई से आगे निकल जाए (कक्षा में बराबर या ऊपर आ जाए), लेकिन जीवन के अनुभव और उम्र में बड़ा भाई हमेशा आगे रहेगा, और उसे छोटे को समझाने का अधिकार बना रहेगा।


    5. प्रश्न-उत्तर (Subjective Q&A)

    A. लघु उत्तरीय (Short Answer - 30-40 Words)

    प्रश्न 1: बड़े भाई साहब छोटे भाई को क्या सलाह देते थे और क्यों?

    उत्तर: बड़े भाई साहब छोटे भाई को सलाह देते थे कि वह खेलकूद में समय बर्बाद न करे और मन लगाकर पढ़ाई करे। वे उसे अंग्रेजी, इतिहास आदि विषयों की कठिनाई का डर दिखाते थे ताकि वह फेल न हो जाए और अपना भविष्य न बिगाड़ ले।


    प्रश्न 2: छोटे भाई ने अपनी पढ़ाई का टाइम-टेबिल बनाते समय क्या-क्या सोचा और उसका पालन क्यों नहीं कर पाया?

    उत्तर: छोटे भाई ने टाइम-टेबिल बनाते समय सोचा कि वह अब खेलकूद छोड़कर पूरी निष्ठा से पढ़ाई करेगा। लेकिन मैदान की हरियाली और खेल का आकर्षण उसे खींच ले जाता था, जिससे टाइम-टेबिल पहले दिन से ही धरा रह जाता था।


    प्रश्न 3: बड़े भाई साहब को अपने मन की इच्छाएँ क्यों दबानी पड़ती थीं?

    उत्तर: बड़े भाई साहब को अपने मन की इच्छाएँ (जैसे- पतंग उड़ाना, खेलना) इसलिए दबानी पड़ती थीं ताकि वे छोटे भाई के सामने एक 'आदर्श' उदाहरण पेश कर सकें। अगर वे खुद गलत रास्ते पर चलते, तो छोटे भाई को कैसे रोकते?


    प्रश्न 4: "आँखें आसमान की ओर थीं और मन उस आकाशगामी पथिक की ओर" - यहाँ पथिक किसे कहा गया है?

    उत्तर: यहाँ 'आकाशगामी पथिक' कटी हुई पतंग (कनकौए) को कहा गया है। छोटा भाई उसे लूटने के लिए बेतहाशा दौड़ रहा था और उसका पूरा ध्यान उस पतंग की ओर ही था जो धीरे-धीरे नीचे गिर रही थी।


    प्रश्न 5: दूसरी बार पास होने पर छोटे भाई के व्यवहार में क्या परिवर्तन आया?

    उत्तर: दूसरी बार पास होने और बड़े भाई के फेल होने पर छोटे भाई में अहंकार आ गया। वह सोचने लगा कि उसकी तकदीर बलवान है, इसलिए अब वह और ज्यादा आज़ादी से खेलने लगा और भाई साहब का डर कम हो गया।


    प्रश्न 6: बड़े भाई साहब ने जिंदगी के अनुभव और किताबी ज्ञान में से किसे महत्वपूर्ण कहा है?

    उत्तर: बड़े भाई साहब ने जिंदगी के अनुभव को किताबी ज्ञान से अधिक महत्वपूर्ण कहा है। उनके अनुसार, दुनिया को समझने की समझ किताबें पढ़ने से नहीं, बल्कि दुनिया देखने और बुजुर्गों के तजुर्बे से आती है।


    प्रश्न 7: "इम्तिहान पास कर लेना कोई चीज़ नहीं, असल चीज़ है बुद्धि का विकास" - स्पष्ट करें।

    उत्तर: बड़े भाई साहब का मानना था कि रटकर परीक्षा पास कर लेना कोई बड़ी उपलब्धि नहीं है। असली शिक्षा वह है जिससे बुद्धि का विकास हो, जीवन की समझ बढ़े और व्यक्ति अच्छे-बुरे का अंतर कर सके।


    प्रश्न 8: पाठ के अंत में बड़े भाई साहब ने पतंग क्यों लूटी?

    उत्तर: पाठ के अंत में यह दिखाया गया है कि बड़े भाई साहब के अंदर भी एक बच्चा है। जब उन्होंने देखा कि कटी हुई पतंग आ रही है, तो वे अपने बाल-सुलभ मन को रोक नहीं पाए और अपनी लंबाई का फायदा उठाकर उसे लपक लिया।


    B. दीर्घ उत्तरीय/मूल्यपरक (Long/Value-Based - 100 Words)

    प्रश्न 1: 'बड़े भाई साहब' कहानी से हमें शिक्षा व्यवस्था के बारे में क्या पता चलता है? क्या आज भी यह प्रासंगिक है?

    उत्तर: यह कहानी तत्कालीन रटंत शिक्षा प्रणाली पर करारा व्यंग्य करती है। बड़े भाई साहब रट-रटकर भी फेल होते हैं, जबकि छोटा भाई कम पढ़कर पास हो जाता है। लेखक बताते हैं कि शिक्षा का उद्देश्य केवल रटना और परीक्षा पास करना नहीं, बल्कि बुद्धि का विकास होना चाहिए। बे-सिर-पैर की बातें (जैसे- ज्यामिति, इतिहास के नाम) याद करने का जीवन में कोई उपयोग नहीं है। आज भी यह कहानी पूरी तरह प्रासंगिक है क्योंकि हमारी शिक्षा व्यवस्था अभी भी काफी हद तक अंकों (Marks) और रटने पर आधारित है, न कि व्यावहारिक ज्ञान पर।


    प्रश्न 2: बड़प्पन का भार उठाने के लिए बड़े भाई साहब को अपना बचपन मारना पड़ा। इस कथन के आलोक में बड़े भाई के चरित्र का मूल्यांकन कीजिए।

    उत्तर: बड़े भाई साहब का चरित्र एक त्यागपूर्ण और जिम्मेदार भाई का है। वे स्वयं भी बच्चे हैं और उनका भी मन खेलने को करता है, लेकिन वे अपनी इच्छाओं का गला घोंट देते हैं। वे सोचते हैं कि यदि वे ही खेलेंगे तो छोटे भाई को कैसे रोकेंगे? उन्हें लगता है कि छोटे भाई की निगरानी करना उनका जन्मसिद्ध अधिकार और कर्तव्य है। अपनी बाल-सुलभ इच्छाओं को मारकर एक अभिभावक की भूमिका निभाना उनके चरित्र की महानता और त्रासदी दोनों को दर्शाता है। वे बाहर से कठोर दिखते हैं, लेकिन अंदर से वे छोटे भाई से बहुत प्रेम करते हैं।


    प्रश्न 3: "घमंड तो बड़े-बड़े का नहीं रहा, तुम्हारी क्या हस्ती है?" रावण और शाहेरूम के उदाहरण से बड़े भाई क्या समझाना चाहते हैं?

    उत्तर: इन उदाहरणों के माध्यम से बड़े भाई साहब छोटे भाई को 'अहंकार' से बचने की सलाह दे रहे हैं। वे बताते हैं कि रावण जैसा चक्रवर्ती राजा, जिसे तीनों लोकों का स्वामी माना जाता था, घमंड के कारण नष्ट हो गया। शाहेरूम ने भी अहंकार किया और भीख मांगकर मरा। वे समझाना चाहते हैं कि सफलता मिलने पर विनम्र रहना चाहिए। यदि छोटे भाई को अपनी सफलता पर घमंड हो गया है, तो उसका पतन निश्चित है। अहंकार व्यक्ति की बुद्धि भ्रष्ट कर देता है और उसे विनाश की ओर ले जाता है।


    6. व्याकरण (Integrated Grammar)

    (Based on Class 10 Hindi Course B - Sparsh Pattern)

    प्रश्न 1: मुहावरे का अर्थ और वाक्य प्रयोग: "दाँतों पसीना आना"

    उत्तर: अर्थ: बहुत अधिक कठिन परिश्रम करना / बहुत कठिनाई होना।

    वाक्य: दसवीं की गणित का पेपर हल करने में छात्रों को दाँतों पसीना आ गया


    प्रश्न 2: मुहावरे का अर्थ: "लोहे के चने चबाना"

    उत्तर: बहुत कठिन काम करना / संघर्ष करना।


    प्रश्न 3: समास विग्रह और भेद बताइए: "पर्णकुटी"

    उत्तर: पर्ण (पत्तों) की कुटी - तत्पुरुष समास (संबंध तत्पुरुष)। (Note: Though not directly in the main text, similar tatpurush examples are relevant). पाठ से उदाहरण: 

    घुड़सवारी - घोड़े की सवारी (तत्पुरुष)।


    7. सामान्य त्रुटियाँ (Common Student Errors)

    1. बड़े भाई के फेल होने का कारण:

      • त्रुटि: छात्र लिखते हैं कि वे पढ़ते नहीं थे।

      • सुधार: वे बहुत पढ़ते थे (रटते थे), लेकिन वे 'बुनियाद मजबूत' करने के चक्कर में एक ही कक्षा में बार-बार रह जाते थे और शायद उनकी बुद्धि उतनी तीव्र नहीं थी जितनी छोटे भाई की।


    2. छोटे भाई की सफलता का कारण:

      • त्रुटि: छात्र लिखते हैं कि वह बहुत मेहनती था।

      • सुधार: वह मेहनती नहीं था, बल्कि उसकी 'बुद्धि तीव्र' थी और शायद उसका भाग्य (तक़दीर) अच्छा था कि वह कम पढ़कर भी पास हो जाता था।


    3. कहानी का मुख्य संदेश:

      • त्रुटि: छात्र केवल 'पढ़ाई का महत्व' लिखते हैं।

      • सुधार: मुख्य संदेश है - जीवन के अनुभव का महत्व और रटंत विद्या की आलोचना।




    End


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