1.10 - रात का चौकीदार - Raat ka Chowkidar - Class 9 - Lokbharati
- Sep 12
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पाठ का प्रकार: गद्य (लघुकथा) पाठ का शीर्षक: रात का चौकीदार लेखक/कवि का नाम: सुरेश कुशवाहा 'तन्मय'
सारांश (Bilingual Summary)
हिन्दी: 'रात का चौकीदार' एक लघुकथा है जो एक कॉलोनी के चौकीदार और एक निवासी (लेखक) के बीच हुए संवाद पर आधारित है। कहानी में लेखक चौकीदार से उसकी नौकरी, वेतन और कठिनाइयों के बारे में पूछते हैं। चौकीदार बताता है कि कॉलोनी के आधे से भी कम घर उसे पैसे देते हैं, फिर भी वह सभी घरों की रखवाली अपनी जिम्मेदारी समझकर करता है। वह बताता है कि पैसे न देने वालों के घरों की चौकसी करना और भी जरूरी हो जाता है, क्योंकि चोरी होने पर उसी पर झूठा आरोप लगाया जा सकता है। लेखक मजाक में कहते हैं कि तब तो वे भी पैसे नहीं देंगे। चौकीदार शांति से यह बात मानकर चला जाता है, जिससे लेखक रात भर दुविधा में रहते हैं। सुबह वे अपनी गलती का एहसास करते हैं और चौकीदार को बुलाकर पूरा मेहनताना देते हैं, और उसके प्रति उनके मन में श्रद्धा बढ़ जाती है।
English: 'Raat ka Chowkidar' is a short story based on a conversation between a night watchman and a resident (the author) of a colony. In the story, the author asks the watchman about his job, salary, and the difficulties he faces. The watchman reveals that less than half the houses in the colony pay him, yet he guards all the houses, considering it his responsibility. He explains that it's even more crucial to guard the non-paying houses because if a theft occurs, he could be falsely accused. The author jokingly tells him that he won't pay either. The watchman calmly accepts this and leaves, which puts the author in a dilemma all night. In the morning, he realizes his mistake, calls the watchman, gives him his full wages, and his respect for him grows.
केंद्रीय भाव (Bilingual Theme / Central Idea)
हिन्दी: इस कहानी का केंद्रीय भाव चौकीदार जैसे पेशे से जुड़े लोगों की ईमानदारी, कर्तव्यनिष्ठा और उनके जीवन की कठिनाइयों को उजागर करना है। लेखक ने चौकीदार के चरित्र के माध्यम से यह दर्शाया है कि कुछ लोग बिना किसी निगरानी के भी अपनी जिम्मेदारी को पूरी निष्ठा से निभाते हैं। इसके साथ ही, कहानी उन लोगों की 'मुफ्तखोरी' की मानसिकता पर भी कटाक्ष करती है जो सेवाओं का लाभ तो उठाते हैं पर उसका मूल्य नहीं चुकाना चाहते। इसका मुख्य उद्देश्य समाज के इन गुमनाम रक्षकों के प्रति पाठकों में सम्मान और सहानुभूति की भावना जगाना तथा उन्हें उनके श्रम का उचित मूल्य देने के लिए प्रेरित करना है।
English: The central theme of this story is to highlight the honesty, dedication, and life's hardships of people in professions like that of a watchman. Through the character of the watchman, the author shows that some people fulfill their responsibilities with utmost integrity even without any supervision. Simultaneously, the story satirizes the 'free-riding' mentality of those who avail services but do not wish to pay for them. Its main objective is to evoke a sense of respect and sympathy in readers for these unsung protectors of society and to inspire them to pay a fair value for their labor.
पात्रों का चरित्र-चित्रण (Bilingual Character Sketch)
चौकीदार:
हिन्दी:
कर्तव्यनिष्ठ: वह पैसे न मिलने पर भी सभी घरों की रखवाली करना अपनी जिम्मेदारी समझता है।
ईमानदार और निष्कपट: वह केवल पैसे के लिए काम नहीं करता और पूरी ईमानदारी से अपना कर्तव्य निभाता है।
विनम्र और शांत: जब लेखक पैसे न देने की बात कहता है, तो वह बिना बहस किए शांति से "जैसी आपकी इच्छा साब जी" कहकर चला जाता है।
साहसी: वह नशेड़ियों और गुंडे-बदमाशों से मारपीट का सामना भी करता है।
English:
Dutiful: He considers it his responsibility to guard all houses, even if he doesn't get paid.
Honest and Sincere: He doesn't work just for money and performs his duty with complete honesty.
Humble and Calm: When the author talks about not paying, he accepts it calmly without arguing, saying, "As you wish, sir."
Courageous: He also faces and fights with drunkards and criminals.
लेखक (निवासी):
हिन्दी:
जिज्ञासु: वह चौकीदार से उसकी नौकरी और जीवन के बारे में विस्तार से पूछताछ करता है।
विचारशील और संवेदनशील: चौकीदार के जाने के बाद वह रात भर उसकी स्थिति के बारे में सोचता है और दुविधा में रहता है।
अपनी गलती सुधारने वाला: उसे अपनी गलती का एहसास होता है और वह सुबह चौकीदार को बुलाकर पूरा वेतन देता है।
सम्मान करने वाला: अंत में, चौकीदार की कर्तव्यनिष्ठा देखकर उसके मन में चौकीदार के प्रति श्रद्धा बढ़ जाती है।
English:
Inquisitive: He asks the watchman in detail about his job and life.
Thoughtful and Sensitive: After the watchman leaves, he thinks about his situation all night and remains in a dilemma.
Rectifies his mistake: He realizes his mistake and calls the watchman in the morning to give him his full wages.
Respectful: In the end, seeing the watchman's dedication, his respect for the watchman grows.
शब्दार्थ (Glossary)
शब्द (Word) | पर्यायवाची शब्द (Synonym) | विलोम शब्द (Antonym) |
उमस | गर्मी, घुटन | शीतलता, ठंडक |
निरीह | बेचारा, असहाय | सबल, सशक्त |
सचेत | सावधान, जागरूक | अचेत, बेखबर |
चौकसी | निगरानी, पहरेदारी | लापरवाही, असावधानी |
कर्तव्य | दायित्व, धर्म | अकर्तव्य |
दुत्कार | तिरस्कार, अपमान | सत्कार, स्वागत |
आरोप | दोषारोपण, अभियोग | प्रशंसा, निर्दोषिता |
ऊहापोह | दुविधा, असमंजस | निश्चय, स्पष्टता |
निष्कपट | सच्चा, सरल | कपटी, छली |
असुरक्षित | संकटग्रस्त, भेद्य | सुरक्षित, रक्षित |
सही या गलत (कारण सहित) (True or False with Reason)
कथन १: चौकीदार को कॉलोनी के सभी घरों से पैसे मिलते थे। उत्तर: गलत। कारण, चौकीदार बताता है कि उसे "कभी साठ घर से कभी पचास से" ही पैसे मिलते हैं।
कथन २: चौकीदार पैसे न देने वाले घरों की रखवाली नहीं करता था। उत्तर: गलत। कारण, चौकीदार कहता है, "उनकी चौकसी रखना तो और जरूरी हो जाता है।"
कथन ३: चौकीदार को रात में अकेले घूमते हुए बिल्कुल डर नहीं लगता था। उत्तर: गलत। कारण, वह कहता है, "डर क्यों नहीं लगता साब जी, दुनिया में जितने जिंदा जीव हैं, सबको किसी न किसी से डर लगता है।"
कथन ४: लेखक ने चौकीदार को बिना पैसे दिए ही भेज दिया। उत्तर: गलत। कारण, लेखक ने सुबह चौकीदार को बुलाया और कहा, "मेरे घर की चौकसी करने का तुम्हें पूरा मेहनताना मिलेगा।"
कथन ५: शरीफ दिखने वाले लोग भी चौकीदार को दुत्कारते थे। उत्तर: सही। कारण, चौकीदार कहता है, "शरीफ दिखने वाले लोगों से झिड़कियाँ, दुत्कार और धौंस मिलना तो रोज की बात है।"
स्वमत (Personal Opinion)
प्रश्न १: 'पुलिस समाज की रक्षक' इस विषय पर अपना मत लिखिए।
उत्तर: मेरे मत में, पुलिस निश्चित रूप से समाज की रक्षक है। पुलिसकर्मी दिन-रात, हर मौसम में हमारी सुरक्षा के लिए तैनात रहते हैं। वे कानून-व्यवस्था बनाए रखते हैं, अपराधों की रोकथाम और जाँच करते हैं तथा अपराधियों को पकड़कर न्याय के कटघरे में खड़ा करते हैं। त्योहारों से लेकर आम दिनों तक, उनकी सतर्कता के कारण ही हम अपने घरों में सुरक्षित महसूस करते हैं। वे अपनी जान जोखिम में डालकर सामाजिक शांति और नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करते हैं। हालाँकि कुछ पुलिसकर्मियों के गलत आचरण के कारण पूरे विभाग की छवि धूमिल होती है, लेकिन अधिकांश पुलिसकर्मी पूरी निष्ठा और ईमानदारी से अपना कर्तव्य निभाते हैं और समाज की रक्षा के लिए सदैव तत्पर रहते हैं।
उत्तर लिखने के लिए उपयोगी महत्वपूर्ण शब्द: रक्षक, सुरक्षा, कानून-व्यवस्था, अपराध-नियंत्रण, सतर्कता, जान जोखिम में डालना, सामाजिक शांति, कर्तव्यनिष्ठा।
प्रश्न २: चौकीदार जैसे कर्मचारियों के प्रति समाज का क्या उत्तरदायित्व होना चाहिए?
उत्तर: चौकीदार जैसे कर्मचारियों के प्रति समाज का बहुत बड़ा उत्तरदायित्व है। सबसे पहले, हमें उनके श्रम का सम्मान करना चाहिए और उन्हें समय पर उनका पूरा मेहनताना देना चाहिए। हमें यह समझना होगा कि वे हमारी सुरक्षा के लिए अपनी नींद और आराम का त्याग करते हैं। उनके साथ विनम्रता और सम्मान से पेश आना चाहिए, न कि उन्हें दुत्कारना या धमकी देना चाहिए। यदि संभव हो, तो तीज-त्योहार पर उन्हें कुछ उपहार या बोनस देकर उनकी खुशी में शामिल होना चाहिए। हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वे भी सुरक्षित महसूस करें और जरूरत पड़ने पर उनकी मदद के लिए आगे आना चाहिए।
उत्तर लिखने के लिए उपयोगी महत्वपूर्ण शब्द: उत्तरदायित्व, श्रम का सम्मान, पूरा मेहनताना, विनम्रता, सुरक्षा, सहयोग, मानवीय व्यवहार।
प्रश्न ३: "मैं केवल पैसे के लिए ही काम नहीं करता।" - चौकीदार के इस कथन से उसकी कौन-सी विशेषता उजागर होती है? उत्तर: चौकीदार के इस कथन से उसकी
कर्तव्यनिष्ठा और ईमानदारी की विशेषता उजागर होती है। यह दिखाता है कि वह अपने काम को केवल एक नौकरी नहीं, बल्कि एक जिम्मेदारी समझता है। उसका मुख्य उद्देश्य लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है, न कि केवल पैसा कमाना। यह उसकी चारित्रिक दृढ़ता और नैतिक मूल्यों को दर्शाता है। वह जानता है कि अगर वह केवल पैसे देने वालों की ही रक्षा करेगा, तो वह अपनी मूल जिम्मेदारी के साथ न्याय नहीं कर पाएगा। यह कथन उसके पेशे के प्रति उसके गहरे सम्मान और प्रतिबद्धता को प्रकट करता है।
उत्तर लिखने के लिए उपयोगी महत्वपूर्ण शब्द: कर्तव्यनिष्ठा, ईमानदारी, जिम्मेदारी, नैतिक मूल्य, प्रतिबद्धता, चारित्रिक दृढ़ता, पेशे का सम्मान।
प्रश्न ४: लेखक रात भर 'ऊहापोह' में क्यों रहे? उत्तर: लेखक रात भर 'ऊहापोह' यानी दुविधा में इसलिए रहे क्योंकि उन्हें चौकीदार के प्रति अपने व्यवहार पर पछतावा हो रहा था। उन्होंने मजाक में चौकीदार से यह कह दिया था कि वे अब पैसे नहीं देंगे, और चौकीदार ने बिना किसी विरोध के उसे स्वीकार कर लिया था। इस घटना के बाद लेखक को चौकीदार की ईमानदारी, उसकी लाचारी और उसके अकेलेपन का गहरा एहसास हुआ। उन्हें अपनी कही बात की निष्ठुरता चुभ रही थी। वे यह सोचकर परेशान थे कि कैसे कोई व्यक्ति इतनी विपरीत परिस्थितियों में भी इतने निष्कपट भाव से अपना कर्तव्य निभा सकता है। इसी आत्मग्लानि और विचारों के संघर्ष के कारण वे रात भर सो नहीं पाए।
उत्तर लिखने के लिए उपयोगी महत्वपूर्ण शब्द: दुविधा, पछतावा, आत्मग्लानि, ईमानदारी, लाचारी, निष्ठुरता, कर्तव्यनिष्ठा, विचारों का संघर्ष।
प्रश्न ५: 'लूट-डकैती करने वालों ने चौकीदार से मारपीट की' यह समाचार पढ़कर आपके मन में क्या विचार आते हैं? उत्तर: यह समाचार पढ़कर मेरे मन में सबसे पहले चौकीदार के प्रति सहानुभूति और क्रोध के मिश्रित भाव आते हैं। मुझे यह सोचकर दुख होता है कि जो व्यक्ति हमारी सुरक्षा के लिए अपनी जान जोखिम में डालता है, उसे ही अपराधियों का शिकार बनना पड़ा। यह घटना समाज की सुरक्षा व्यवस्था पर भी प्रश्नचिह्न लगाती है। मेरे मन में यह विचार आता है कि चौकीदारों को आत्मरक्षा के लिए बेहतर उपकरण और प्रशिक्षण दिए जाने चाहिए। साथ ही, समाज और पुलिस को भी ऐसे मामलों में तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए ताकि इन रक्षकों का मनोबल बना रहे और अपराधी दंडित हों। उत्तर लिखने के लिए उपयोगी महत्वपूर्ण शब्द: सहानुभूति, क्रोध, असुरक्षा, आत्मरक्षा, प्रशिक्षण, मनोबल, त्वरित कार्रवाई, सामाजिक जिम्मेदारी।
संभावित परीक्षा प्रश्न (Probable Exam Questions)
प्रश्न १: चौकीदार द्वारा पैसे न देने वाले घरों की भी रखवाली करने के क्या कारण थे? उत्तर: चौकीदार द्वारा पैसे न देने वाले घरों की भी रखवाली करने के दो मुख्य कारण थे:
जिम्मेदारी: वह चौकसी रखने को अपनी जिम्मेदारी समझता था और सिर्फ पैसे के लिए काम नहीं करता था।
झूठे आरोप का डर: उसे डर था कि यदि उन घरों में चोरी हो गई तो पुलिस उससे पूछताछ करेगी और लोग उस पर चोरी करवाने का झूठा आरोप लगा सकते हैं।
प्रश्न २: पाठ के आधार पर चौकीदार की दिनचर्या लिखिए। उत्तर: चौकीदार की दिनचर्या इस प्रकार थी: वह रात भर कॉलोनी में लाठी ठोकते और सीटी बजाते हुए चक्कर लगाता था। रोज सुबह आठ-नौ बजे वह एक बार फिर कॉलोनी में चक्कर लगाकर यह तसल्ली करता था कि सब कुछ ठीक है। इसके बाद, वह दिन में अपनी नींद पूरी करता था ताकि रात में फिर से जागकर अपनी ड्यूटी कर सके।
प्रश्न ३: लेखक के मन में चौकीदार के प्रति श्रद्धा क्यों बढ़ गई? उत्तर: लेखक के मन में चौकीदार के प्रति श्रद्धा इसलिए बढ़ गई क्योंकि उन्होंने चौकीदार की ईमानदारी, कर्तव्यनिष्ठा और निष्कपट भाव को महसूस किया। उन्हें यह एहसास हुआ कि चौकीदार बिना किसी बाहरी दबाव या नियंत्रण के, अकेला और असुरक्षित होते हुए भी कितनी जिम्मेदारी से अपनी ड्यूटी निभाता है। जब लेखक ने उसे पूरा मेहनताना देने का निर्णय लिया, तो चौकीदार ने बिना कुछ कहे सिर्फ सलाम किया और चला गया, इस सादगी और स्वाभिमान ने लेखक के मन में उसके प्रति सम्मान और श्रद्धा को और बढ़ा दिया।
प्रश्न ४: संजाल पूर्ण कीजिए: चौकीदार से मारपीट करने वाले। उत्तर: चौकीदार से मारपीट करने वाले:
नशे-पत्तेवाले
गुंडे-बदमाश
प्रश्न ५: 'चैन की साँस लेना' मुहावरे का अर्थ लिखकर वाक्य में प्रयोग कीजिए। उत्तर:
अर्थ: आश्वस्त होना या चिंतामुक्त होना।
वाक्य: जब लेखक ने सुबह चौकीदार को उसका पूरा मेहनताना दे दिया, तब उन्होंने चैन की साँस ली।
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