1.4 - वार्षिकोत्सव - Varshikotsav - Class 7 - Sugambharati 1
- Oct 12
- 7 min read
Updated: Oct 16

पाठ का प्रकार: गद्य पाठ का शीर्षक: वार्षिकोत्सव लेखक/कवि का नाम: ज्ञात नहीं
सारांश (Bilingual Summary)
हिन्दी: यह पाठ एक पत्र के रूप में है, जिसमें अविनाश नामक एक विद्यार्थी अपने मित्र संजय को अपने विद्यालय में हुए वार्षिकोत्सव का वर्णन कर रहा है । उसने बताया कि समारोह के अध्यक्ष एक भूतपूर्व सैनिक थे और मुख्य अतिथि शहर की महापौर थीं । सातवीं कक्षा के विद्यार्थियों ने भारत के विभिन्न प्रदेशों की सांस्कृतिक झाँकियाँ प्रस्तुत कीं । खेल-कूद की स्पर्धाएँ, रंगोली प्रदर्शनी और स्वादिष्ट व्यंजनों की प्रतियोगिताएँ भी आयोजित की गईं । वर्ष भर की प्रतियोगिताओं में विजयी विद्यार्थियों, उनके अभिभावकों और मार्गदर्शक शिक्षकों को सम्मानित किया गया । मुख्य अतिथि ने विद्यार्थियों को अपने माता-पिता और गुरुजनों का आदर करने की सीख दी , जबकि अध्यक्ष ने देश के लिए त्याग करने और हिंदी भाषा के महत्व पर जोर दिया ।
English: This lesson is in the form of a letter, in which a student named Avinash describes the annual function held at his school to his friend Sanjay. He mentions that the function's chairman was an ex-serviceman and the chief guest was the city's mayor. Students of the seventh grade presented cultural tableaux of different states of India. Sports competitions, a rangoli exhibition, and a food competition were also organized. Students who won various year-long competitions, their parents, and their mentor teachers were honored. The chief guest advised the students to respect their parents and teachers , while the chairman emphasized the importance of sacrifice for the nation and the Hindi language.
केंद्रीय भाव (Bilingual Theme / Central Idea)
हिन्दी: इस पाठ का केंद्रीय भाव एक विद्यालय के वार्षिकोत्सव के माध्यम से छात्रों के सर्वांगीण विकास को दर्शाना है। यह दर्शाता है कि शिक्षा केवल किताबी ज्ञान तक सीमित नहीं है, बल्कि इसमें सांस्कृतिक कार्यक्रम, खेल-कूद और अन्य रचनात्मक गतिविधियाँ भी शामिल हैं । पाठ बड़ों के मार्गदर्शन के महत्व पर भी प्रकाश डालता है, जहाँ अतिथिगण छात्रों को अनुशासन, देशभक्ति और अपनी भाषा का सम्मान करने के लिए प्रेरित करते हैं । इसके अतिरिक्त, यह पाठ छात्रों को अनौपचारिक पत्र-लेखन की शैली से भी परिचित कराता है ।
English: The central idea of this lesson is to showcase the all-round development of students through a school's annual function. It demonstrates that education is not limited to bookish knowledge but also includes cultural programs, sports, and other creative activities. The lesson also highlights the importance of guidance from elders, where the guests inspire students towards discipline, patriotism, and respect for their language. Additionally, this lesson acquaints students with the style of informal letter writing.
शब्दार्थ (Glossary)
शब्द (Word) | पर्यायवाची शब्द (Synonym) | विलोम शब्द (Antonym) |
सराहना | प्रशंसा | निंदा |
संबल | आधार | निराश्रय |
गतिविधि | कृति | निष्क्रियता |
बलिदान | न्यौछावर | स्वार्थ |
संपन्न | पूरा | अधूरा |
आनंद | हर्ष | शोक |
विजयी | विजेता | पराजित |
प्रशंसा | तारीफ | आलोचना |
सफलता | कामयाबी | असफलता |
त्याग | समर्पण | ग्रहण |
सही या गलत (कारण सहित) (True or False with Reason)
कथन १: समारोह के अध्यक्ष एक प्रसिद्ध अभिनेता थे। उत्तर: गलत। कारण, समारोह के अध्यक्ष एक भूतपूर्व सैनिक थे ।
कथन २: सातवीं कक्षा के विद्यार्थियों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए। उत्तर: सही। कारण, पाठ में लिखा है, "सातवीं कक्षा के विद्यार्थियों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए" ।
कथन ३: मुख्य अतिथि ने विद्यार्थियों को केवल पढ़ाई पर ध्यान देने के लिए कहा। उत्तर: गलत। कारण, मुख्य अतिथि ने बच्चों को बताया कि वे अपने माता-पिता और गुरुजनों की प्रत्येक बात ध्यान से सुनें और उनका पालन करें ।
कथन ४: वार्षिकोत्सव में केवल खेल-कूद की स्पर्धाएँ हुईं। उत्तर: गलत। कारण, विभिन्न खेलों की स्पर्धाओं के साथ-साथ सांस्कृतिक कार्यक्रम, रंगोली प्रदर्शनी और स्वादिष्ट व्यंजनों की प्रतियोगिताएँ भी हुईं ।
कथन ५: अध्यक्ष ने हिंदी भाषा के बढ़ते महत्व को समझाया। उत्तर: सही। कारण, अध्यक्ष ने समझाया कि हिंदी का प्रयोग अनुवाद, संचार माध्यम, फिल्मों एवं संपर्क भाषा के रूप में बढ़ रहा है ।
स्वमत (Personal Opinion)
प्रश्न १: आपके विचार में विद्यालय में वार्षिकोत्सव जैसे कार्यक्रम क्यों आवश्यक हैं?
उत्तर: विद्यालय में वार्षिकोत्सव जैसे कार्यक्रम अत्यंत आवश्यक हैं क्योंकि ये छात्रों के सर्वांगीण विकास में सहायता करते हैं। ये कार्यक्रम छात्रों को अपनी शैक्षणिक योग्यताओं के अलावा अपनी कलात्मक और खेल-कूद संबंधी प्रतिभाओं को प्रदर्शित करने का एक मंच प्रदान करते हैं। इससे छात्रों का आत्मविश्वास बढ़ता है और उनमें टीम-भावना, नेतृत्व और प्रबंधन जैसे गुणों का विकास होता है। ऐसे आयोजन नीरस शैक्षणिक दिनचर्या से एक स्वागत योग्य विराम देते हैं और स्कूल के माहौल को जीवंत और आनंदमय बनाते हैं।
उत्तर लिखने के लिए उपयोगी महत्वपूर्ण शब्द: सर्वांगीण विकास, प्रतिभा प्रदर्शन, आत्मविश्वास, टीम-भावना, मनोरंजन, प्रोत्साहन, मंच।
प्रश्न २: मुख्य अतिथि ने विद्यार्थियों को अपने माता-पिता और गुरुजनों की बात सुनने की सलाह क्यों दी? उत्तर: मुख्य अतिथि ने यह सलाह इसलिए दी क्योंकि माता-पिता और गुरुजन छात्रों के सबसे बड़े शुभचिंतक होते हैं। उनके पास जीवन का विशाल अनुभव होता है, जिसके आधार पर वे सही और गलत का भेद बता सकते हैं। उनकी बात सुनने और उनका पालन करने से छात्र गलतियों से बचते हैं और सही मार्ग पर चलते हैं। गुरुजनों और माता-पिता का मार्गदर्शन छात्रों के चरित्र निर्माण और एक सफल भविष्य की नींव रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। उनकी सलाह हमें नैतिक मूल्य सिखाती है और जीवन की चुनौतियों का सामना करने के लिए संबल प्रदान करती है । उत्तर लिखने के लिए उपयोगी महत्वपूर्ण शब्द: अनुभव, मार्गदर्शन, सही राह, नैतिक मूल्य, चरित्र निर्माण, भविष्य, आज्ञापालन।
प्रश्न ३: अध्यक्ष के कथन "देश होगा तभी बलवान, जब बलिदान देगा हर नौजवान" से आप क्या समझते हैं? उत्तर: इस कथन का अर्थ है कि किसी भी देश की वास्तविक शक्ति उसके युवाओं में निहित होती है। देश की प्रगति और सुरक्षा युवाओं के समर्पण और त्याग पर निर्भर करती है। 'बलिदान' का अर्थ केवल सीमा पर प्राण देना नहीं है, बल्कि इसका व्यापक अर्थ है- देश के विकास के लिए अपने निजी स्वार्थों का त्याग करना। इसमें ईमानदारी से अपना कर्तव्य निभाना, भ्रष्टाचार और अन्याय के खिलाफ आवाज उठाना, सामाजिक कुरीतियों को दूर करना और राष्ट्र-निर्माण में सक्रिय रूप से भाग लेना शामिल है। जब हर युवा देश को सर्वोपरि रखेगा, तभी देश वास्तव में शक्तिशाली बनेगा।
उत्तर लिखने के लिए उपयोगी महत्वपूर्ण शब्द: राष्ट्र-निर्माण, त्याग, नागरिक कर्तव्य, समर्पण, देशप्रेम, युवा शक्ति, प्रगति।
प्रश्न ४: विद्यालयीन जीवन में प्रतियोगिताओं का क्या महत्व है?
उत्तर: विद्यालयीन जीवन में प्रतियोगिताओं का बहुत महत्व है। प्रतियोगिताएँ छात्रों में स्वस्थ प्रतिस्पर्धा की भावना पैदा करती हैं, जो उन्हें बेहतर प्रदर्शन करने के लिए प्रेरित करती है। प्रतियोगिताओं में भाग लेने से छात्र अपनी क्षमताओं और कमजोरियों को पहचानते हैं और उनमें सुधार करने का प्रयास करते हैं। जीत से आत्मविश्वास बढ़ता है, जबकि हार हमें धैर्य रखना और अधिक मेहनत करना सिखाती है। यह छात्रों को दबाव में काम करने और खेल भावना को अपनाने में भी मदद करता है, जो भविष्य के लिए आवश्यक कौशल हैं।
उत्तर लिखने के लिए उपयोगी महत्वपूर्ण शब्द: स्वस्थ प्रतिस्पर्धा, खेल भावना, आत्म-विश्लेषण, कड़ी मेहनत, प्रेरणा, जीत-हार, कौशल विकास।
प्रश्न ५: हिंदी भाषा का संपर्क भाषा के रूप में बढ़ता प्रयोग देश की एकता के लिए किस प्रकार सहायक है? उत्तर: भारत एक विविधताओं वाला देश है जहाँ अनेक भाषाएँ और बोलियाँ हैं। ऐसे में हिंदी का संपर्क भाषा के रूप में बढ़ता प्रयोग राष्ट्रीय एकता को मजबूत करने में अत्यंत सहायक है। जब विभिन्न राज्यों के लोग एक-दूसरे से संवाद करने के लिए एक आम भाषा का उपयोग करते हैं, तो भाषाई बाधाएं दूर होती हैं और आपसी समझ बढ़ती है। यह सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देता है और लोगों में 'एक राष्ट्र' की भावना को मजबूत करता है। फिल्मों, संचार माध्यमों और व्यापार में हिंदी का प्रयोग देश के विभिन्न हिस्सों के लोगों को एक-दूसरे के करीब लाता है । उत्तर लिखने के लिए उपयोगी महत्वपूर्ण शब्द: संपर्क भाषा, राष्ट्रीय एकता, संचार, सांस्कृतिक आदान-प्रदान, भाषाई बाधा, अपनत्व, सद्भाव।
संभावित परीक्षा प्रश्न (Probable Exam Questions)
प्रश्न १: अविनाश ने अपने पत्र में वार्षिकोत्सव में हुए किन-किन कार्यक्रमों का वर्णन किया है? उत्तर: अविनाश ने अपने पत्र में वार्षिकोत्सव में हुए निम्नलिखित कार्यक्रमों का वर्णन किया है:
सातवीं कक्षा के विद्यार्थियों द्वारा प्रस्तुत सांस्कृतिक कार्यक्रम, जिसमें भारत के सभी प्रदेशों की झाँकियाँ थीं।
विभिन्न खेलों की स्पर्धाएँ ।
विजयी विद्यार्थियों, उनके अभिभावकों और शिक्षकों के लिए पुरस्कार एवं सम्मान समारोह ।
आकर्षक रंगोली की प्रदर्शनी ।
स्वादिष्ट व्यंजनों की प्रतियोगिताएँ ।
प्रश्न २: मुख्य अतिथि ने अपने भाषण में विद्यार्थियों को क्या संदेश दिया? उत्तर: मुख्य अतिथि ने अपने भाषण में प्रतियोगिताओं में सफलता प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को बधाई दी । उन्होंने अपने विद्यार्थी जीवन की कई घटनाएँ सुनाते हुए बच्चों को यह महत्वपूर्ण संदेश दिया कि वे अपने माता-पिता और गुरुजनों की हर बात को ध्यान से सुनें और उसका पालन करें । उन्होंने यह भी कहा कि विद्यालय में सीखी गई बातें जीवन भर उन्हें आधार और शक्ति प्रदान करती रहेंगी ।
प्रश्न ३: वार्षिकोत्सव में किन्हें पुरस्कृत एवं सम्मानित किया गया? उत्तर: वार्षिकोत्सव के अवसर पर निम्नलिखित लोगों को पुरस्कृत एवं सम्मानित किया गया:
वे विद्यार्थी जो वर्ष भर की विविध प्रतियोगिताओं एवं उपक्रमों में विजयी हुए थे ।
विजयी विद्यार्थियों के अभिभावक ।
विद्यार्थियों का मार्गदर्शन करने वाले शिक्षक-शिक्षिकाओं को भी सम्मानित किया गया ।
प्रश्न ४: समारोह के अध्यक्ष ने अपने भाषण में किन महत्वपूर्ण बातों पर प्रकाश डाला? उत्तर: समारोह के अध्यक्ष ने विद्यालय की रचनात्मक गतिविधियों की प्रशंसा की । उन्होंने विद्यार्थियों को देश और समाज के लिए त्याग करने हेतु तत्पर रहने के लिए प्रेरित किया और कहा, "देश होगा तभी बलवान, जब बलिदान देगा हर नौजवान" । इसके अतिरिक्त, उन्होंने हिंदी भाषा के बढ़ते महत्व पर प्रकाश डाला और समझाया कि अनुवाद, संचार माध्यम, फिल्मों और संपर्क भाषा के रूप में इसका प्रयोग बढ़ रहा है, इसलिए इसका अध्ययन करना जरूरी है ।
प्रश्न ५: 'विविध वेशभूषा' ने दर्शकों की वाह-वाही क्यों लूटी?
उत्तर: 'विविध वेशभूषा' ने दर्शकों की वाह-वाही इसलिए लूटी क्योंकि सातवीं कक्षा के विद्यार्थियों ने अपने सांस्कृतिक कार्यक्रम में भारत के सभी प्रदेशों की सांस्कृतिक झाँकियाँ प्रस्तुत की थीं । इन झाँकियों को प्रस्तुत करते समय विद्यार्थियों ने उन प्रदेशों की पारंपरिक वेशभूषाएँ पहनी थीं। यह रंग-बिरंगी और विविध वेशभूषा भारत की सांस्कृतिक एकता और विविधता का सुंदर प्रदर्शन कर रही थी, जिसने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया और उन्होंने इसकी खूब प्रशंसा की ।
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