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    1.7 - कुछ पाकर देख - Kuch Paakar Dekh - Class 7 - Sugambharati 1

    • Oct 23
    • 8 min read

    Updated: Oct 28

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    पाठ का प्रकार: पद्य

    पाठ का शीर्षक: कुछ पाकर देख

    लेखक/कवि का नाम: बुद्धिनाथ मिश्र


    सारांश (Bilingual Summary)


    हिन्दी:

    यह एक प्रेरणादायक कविता है। कवि बुद्धिनाथ मिश्र पाठकों को जीवन में आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं। वे कहते हैं कि कुछ खोकर और कुछ पाकर एक नई दुनिया बसाने की कोशिश करनी चाहिए। परायों को अपनाकर, काँटों जैसी बाधाओं को भी प्यार से सहलाकर, और अपने सपनों को सुलझाकर व्यक्ति को आगे बढ़ना चाहिए। कवि का संदेश है कि बिछड़े हुओं की राह देखनी चाहिए और मुश्किलों (अँधेरे) को कोसने के बजाय अपने मन का दीया जलाकर खुद समाधान खोजना चाहिए।

    English:

    This is an inspirational poem. The poet, Buddhinath Mishra, encourages readers to move forward in life. He says that one should try to build a new world by losing some things and gaining others. One must progress by embracing strangers, handling obstacles (like thorns) with love, and sorting out one's dreams. The poet's message is that we should wait for those who are separated and, instead of cursing the difficulties (darkness), we should find solutions ourselves by lighting the lamp of our minds.


    केंद्रीय भाव (Bilingual Theme / Central Idea)


    हिन्दी:

    इस कविता का केंद्रीय भाव है- जीवन में सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाकर सक्रिय रहना। कवि यह संदेश देना चाहते हैं कि सफलता उन्हीं को मिलती है जो परायों को भी अपना बनाते हैं और मुश्किलों का सामना प्रेम से करते हैं। यह कविता हमें निराशा ('अँधेरे') में शिकायत करने के बजाय आशावादी ('मन का दिया जलाकर') बनने और अपने सपनों ('सपने ही तो साथी हैं') को व्यवस्थित करके उन्हें पूरा करने के लिए प्रेरित करती है।

    English:

    The central theme of this poem is to stay active by adopting a positive approach in life. The poet wants to convey the message that success comes to those who embrace even strangers and face difficulties with love. This poem inspires us to be optimistic ('light the lamp of the mind') instead of complaining in despair ('darkness'), and to achieve our dreams ('dreams are our companions') by organizing them.


    शब्दार्थ (Glossary)


    शब्द (Word)

    पर्यायवाची शब्द (Synonym)

    विलोम शब्द (Antonym)

    गैर

    पराये

    अपने

    तनहा

    अकेला

    संग, साथ

    कोसना

    भला-बुरा कहना

    प्रशंसा करना

    दुनिया

    संसार, जग

    -

    मौसम

    ऋतु, समय

    -

    काँटे

    शूल, बाधा

    फूल, सुगमता

    सपना

    स्वप्न

    यथार्थ, हकीकत

    साथी

    मित्र, दोस्त

    शत्रु, दुश्मन

    अँधेरा

    अंधकार, तम

    उजाला, प्रकाश

    दिया

    दीपक, दीप

    -

    पंक्तियों का सरल अर्थ लिखें (Simple Meaning of Lines)


    १. कुछ खोकर, कुछ पाकर देख।

    दुनिया नई बसाकर देख।

    मौसम कदमों पर होगा

    गैरों को अपनाकर देख।

    परिचय: इन पंक्तियों में कवि नई शुरुआत करने और सबको अपनाने की प्रेरणा दे रहे हैं।

    सरल अर्थ: कवि कहते हैं कि जीवन में कुछ खोना और पाना तो लगा रहता है, तुम हिम्मत करके एक नई दुनिया बसाने का प्रयास तो करो। यदि तुम परायों को भी अपना बना लोगे, तो सफलता (मौसम) तुम्हारे कदमों में होगी।

    २. काँटे खुलकर हँस देंगे

    बहलाकर, सहलाकर देख।

    मैं भी कितना हूँ तनहा

    यह तू मुझमें आकर देख।

    परिचय: इन पंक्तियों में कवि प्रेम की शक्ति और अकेलेपन की भावना को व्यक्त करते हैं।

    सरल अर्थ: यदि तुम प्रेम से और नरमी से व्यवहार करो, तो काँटों जैसी बाधाएँ या कठोर लोग भी तुम्हारा साथ देंगे (खुलकर हँस देंगे)। कवि कहते हैं कि मेरे अकेलेपन को समझना है तो तुम्हें मेरे करीब आकर उसे महसूस करना होगा।

    ३. लड़की लाड़ली लड़की है

    चाँद-सितारे लाकर देख।

    सपने ही तो साथी हैं

    सपनों को सुलटाकर देख।

    परिचय: यहाँ कवि सपनों के महत्व और उन्हें पूरा करने की बात कर रहे हैं।

    सरल अर्थ: लाड़ली लड़की की इच्छाएँ बड़ी होती हैं, वह चाहती है कि तुम उसके लिए चाँद-सितारे ले आओ (यानी बड़ी-बड़ी आकांक्षाएँ पूरी करो)। जीवन में हमारे सपने ही हमारे सच्चे साथी होते हैं, इसलिए उन्हें ठीक से समझो और उन्हें पूरा करने का प्रयास करो।

    ४. सारा जंगल जिंदा है

    तू बादल बरसाकर देख।

    लौट के बिछड़े आएँगे

    घर की राह सजाकर देख।

    परिचय: इन पंक्तियों में कवि प्रयास करने और आशा बनाए रखने का संदेश देते हैं।

    सरल अर्थ: सारा जंगल (जीवन) अभी भी जीवंत है, बस जरूरत है कि तुम उम्मीद का बादल बनकर बरसो (प्रयास करो)। जो लोग तुमसे बिछड़ गए हैं, वे भी एक दिन लौट आएँगे, तुम बस उनके स्वागत में घर की राह सजाकर रखो (उम्मीद रखो)।

    ५. 'नाथ' अँधेरे को मत कोस

    मन का दिया जलाकर देख।

    परिचय: अंतिम पंक्तियों में कवि निराशा छोड़कर आशावादी बनने का संदेश दे रहे हैं।

    सरल अर्थ: कवि ('नाथ' उनका उपनाम है) कहते हैं कि अँधेरे या मुश्किलों को भला-बुरा मत कहो। इसके बजाय तुम अपने मन का दीया जलाओ, यानी अपने भीतर ही आशा और समाधान की खोज करो।



    सही या गलत (कारण सहित) (True or False with Reason)


    कथन १: कवि के अनुसार, गैरों को अपनाने से मौसम कदमों पर होगा।

    उत्तर: सही। कारण, कवि कहते हैं, "मौसम कदमों पर होगा, गैरों को अपनाकर देख"।

    कथन २: कवि के अनुसार, सपने हमारे शत्रु हैं।

    उत्तर: गलत। कारण, कवि कहते हैं, "सपने ही तो साथी हैं"।

    कथन ३: कवि अँधेरे को कोसने के लिए प्रोत्साहित करते हैं।

    उत्तर: गलत। कारण, कवि स्पष्ट कहते हैं, "'नाथ' अँधेरे को मत कोस"।

    कथन ४: कवि का मानना है कि काँटों को सहलाने से वे मुरझा जाएँगे।

    उत्तर: गलत। कारण, कवि कहते हैं कि काँटों को "बहलाकर, सहलाकर" देखने से वे "खुलकर हँस देंगे"।

    कथन ५: कवि बिछड़े हुओं के लिए घर की राह सजाने को कहते हैं।

    उत्तर: सही। कारण, कवि कहते हैं, "लौट के बिछड़े आएँगे, घर की राह सजाकर देख"।


    पद विश्लेषण (Poetry Appreciation)


    रचनाकार का नाम: बुद्धिनाथ मिश्र

    रचना का प्रकार: यह एक 'नवगीत' है, जो जीवन में सकारात्मकता और प्रेरणा का संचार करता है।

    पसंदीदा पंक्ति

    पसंदीदा होने का कारण

    रचना से प्राप्त संदेश

    मौसम कदमों पर होगा, गैरों को अपनाकर देख।

    यह पंक्ति सीधे तौर पर कर्म (अपनाना) और फल (सफलता) को जोड़ती है, जो बहुत प्रेरणादायक है।

    सफलता उन्हें मिलती है जो भेदभाव नहीं करते और सभी को खुले दिल से स्वीकार करते हैं।

    काँटे खुलकर हँस देंगे, बहलाकर, सहलाकर देख।

    यह पंक्ति दर्शाती है कि प्रेम और सहानुभूति में असीम शक्ति है, जो असंभव को भी संभव बना सकती है।

    कठोर से कठोर व्यक्ति या मुश्किल से मुश्किल बाधा को भी प्रेमपूर्ण व्यवहार से जीता जा सकता है।

    सपने ही तो साथी हैं, सपनों को सुलटाकर देख।

    यह पंक्ति सपनों को एक 'साथी' का दर्जा देकर उनके महत्व को बहुत खूबसूरती से रेखांकित करती है।

    हमें अपने सपनों को कभी नहीं छोड़ना चाहिए, बल्कि उन्हें समझकर उन्हें पूरा करने के लिए मेहनत करनी चाहिए।

    लौट के बिछड़े आएँगे, घर की राह सजाकर देख।

    यह पंक्ति आशावाद और क्षमा की भावना को दर्शाती है, जो रिश्तों को बनाए रखने के लिए जरूरी है।

    मन में हमेशा आशा और स्वागत का भाव रखना चाहिए, क्योंकि रिश्ते फिर से जुड़ सकते हैं।

    'नाथ' अँधेरे को मत कोस, मन का दिया जलाकर देख।

    यह पंक्ति आत्मनिर्भरता और सकारात्मक सोच का सबसे बड़ा संदेश है, जो हर स्थिति में लागू होता है।

    समस्याओं की शिकायत करने के बजाय, हमें अपने भीतर ही उनका समाधान खोजना चाहिए।

    स्वमत (Personal Opinion)


    प्रश्न १: "गैरों को अपनाकर देख" से कवि का क्या तात्पर्य है और आज के समाज में यह कितना प्रासंगिक है?

    उत्तर:"गैरों को अपनाकर देख" से कवि का तात्पर्य है कि हमें संकीर्ण सोच छोड़कर उन लोगों को भी खुले दिल से स्वीकार करना चाहिए जो हमसे अलग हैं, जिन्हें हम पराया समझते हैं। आज के समाज में, जहाँ भेदभाव और अलगाव बढ़ रहा है, यह विचार अत्यंत प्रासंगिक है। जब हम नए लोगों को, नई संस्कृतियों को और नए विचारों को अपनाते हैं, तो हमारा दृष्टिकोण व्यापक होता है और हम सब मिलकर एक बेहतर समाज और अपनी सफलता का 'मौसम' बना सकते हैं।

    उत्तर लिखने के लिए उपयोगी महत्वपूर्ण शब्द: सद्भाव, समावेश, भेदभाव रहित, व्यापक दृष्टिकोण, सामाजिक एकता, सफलता।

    प्रश्न २: "सपने ही तो साथी हैं" - इस पंक्ति से आप कहाँ तक सहमत हैं?

    उत्तर: मैं इस पंक्ति से पूरी तरह सहमत हूँ। जीवन के उतार-चढ़ाव में जब लोग साथ छोड़ देते हैं, तब हमारे सपने ही हमें आगे बढ़ने की प्रेरणा देते हैं। सपने हमें लक्ष्य देते हैं और मुश्किल समय में भी हमें टूटने नहीं देते। वे एक सच्चे साथी की तरह हमारा मार्गदर्शन करते हैं और हमें यह याद दिलाते रहते हैं कि हमारे जीवन का एक उद्देश्य है। इसलिए, सपने हमारे सबसे वफादार और सच्चे साथी होते हैं।

    उत्तर लिखने के लिए उपयोगी महत्वपूर्ण शब्द: प्रेरणा, लक्ष्य, उद्देश्य, मार्गदर्शन, अकेलापन, आंतरिक शक्ति, वफादार।

    प्रश्न ३: "अँधेरे को मत कोस, मन का दिया जलाकर देख" - यह पंक्ति हमें क्या सिखाती है?

    उत्तर: यह पंक्ति हमें जीवन का एक बहुत बड़ा सबक सिखाती है। 'अँधेरा' हमारी समस्याओं, विफलताओं और निराशाओं का प्रतीक है। अक्सर लोग मुश्किल आने पर किस्मत को या हालात को कोसने लगते हैं। यह पंक्ति सिखाती है कि शिकायत करने या निराश होने के बजाय हमें आत्मनिर्भर बनना चाहिए। 'मन का दिया जलाना' मतलब है अपनी बुद्धि, अपने विवेक और अपनी आंतरिक शक्ति का उपयोग करके उस समस्या का समाधान खोजना। यह पंक्ति हमें सकारात्मक और समाधान-उन्मुख दृष्टिकोण अपनाने की सीख देती है।

    उत्तर लिखने के लिए उपयोगी महत्वपूर्ण शब्द: सकारात्मकता, आत्मनिर्भरता, समाधान-उन्मुख, आंतरिक शक्ति, विवेक, आशावाद, शिकायत न करना।

    प्रश्न ४: क्या आपको लगता है कि प्रेम और सहानुभूति से "काँटे" (कठोर लोग या बाधाएँ) भी "हँस" सकते हैं?

    उत्तर: हाँ, मुझे पूरा विश्वास है कि प्रेम और सहानुभूति में अपार शक्ति होती है। 'काँटे' यानी कठोर हृदय वाले लोग या जीवन की बड़ी बाधाएँ। अक्सर लोग कठोर इसलिए बन जाते हैं क्योंकि उन्हें प्रेम नहीं मिला होता। जब हम ऐसे लोगों के साथ या बाधाओं का सामना करते समय भी अपना धैर्य न खोएँ और प्रेम व सहानुभूति से व्यवहार करें, तो बड़े से बड़ा पत्थर दिल भी पिघल सकता है। हमारा सकारात्मक और प्रेमपूर्ण व्यवहार उनकी कठोरता को समाप्त कर उन्हें 'हँसने' यानी सकारात्मक रूप से बदलने पर मजबूर कर सकता है।

    उत्तर लिखने के लिए उपयोगी महत्वपूर्ण शब्द: प्रेम की शक्ति, सहानुभूति, धैर्य, सकारात्मक व्यवहार, परिवर्तन, मानवीय मूल्य।

    प्रश्न ५: "कुछ खोकर, कुछ पाकर देख" - इस पंक्ति से आप क्या सीखते हैं?

    उत्तर: इस पंक्ति से मैं सीखता हूँ कि जीवन में हर चीज एक ही समय पर नहीं मिल सकती। कुछ नया और बेहतर पाने के लिए हमें कभी-कभी कुछ पुराना या प्रिय छोड़ना पड़ता है। यह 'खोना' एक त्याग या एक जोखिम हो सकता है। जैसे, एक नई दुनिया बसाने के लिए अपने पुराने आराम को खोना पड़ता है। यह पंक्ति हमें सिखाती है कि हमें बदलाव से या जोखिम उठाने से डरना नहीं चाहिए, क्योंकि हर त्याग के बाद ही एक नई प्राप्ति या एक नई शुरुआत होती है।

    उत्तर लिखने के लिए उपयोगी महत्वपूर्ण शब्द: त्याग, जोखिम, बदलाव, नई शुरुआत, जीवन का संतुलन, हिम्मत, प्रयास।


    संभावित परीक्षा प्रश्न (Probable Exam Questions)


    प्रश्न १: कवि के अनुसार, 'मौसम कदमों पर' कब होगा?

    उत्तर: कवि के अनुसार, जब हम परायों (गैरों) को भी अपना बना लेंगे, तब 'मौसम कदमों पर होगा'।

    प्रश्न २: कवि ने अँधेरा होने पर क्या करने के लिए कहा है?

    उत्तर: कवि ने अँधेरा होने पर उसे कोसने (भला-बुरा कहने) के बजाय अपने 'मन का दिया जलाने' के लिए कहा है।

    प्रश्न ३: कवि ने किन्हें 'साथी' कहा है और उन्हें 'सुलटाने' के लिए क्यों कहा है?

    उत्तर: कवि ने 'सपनों' को 'साथी' कहा है। उन्हें 'सुलटाने' (व्यवस्थित करने) के लिए इसलिए कहा है क्योंकि सपने ही जीवन में हमारा साथ निभाते हैं और उन्हें व्यवस्थित करके ही हम उन्हें पूरा करने की दिशा में आगे बढ़ सकते हैं।

    प्रश्न ४: बिछड़े हुए लोगों की वापसी के लिए कवि क्या करने को कहते हैं?

    उत्तर: बिछड़े हुए लोगों की वापसी के लिए कवि उनके इंतजार में 'घर की राह सजाकर' रखने को कहते हैं, अर्थात आशा और स्वागत का भाव बनाए रखने को कहते हैं।

    प्रश्न ५: काँटों के साथ कैसा व्यवहार करने पर वे हँस देंगे?

    उत्तर: काँटों को 'बहलाकर' और 'सहलाकर' यानी उनके साथ प्रेम और सहानुभूतिपूर्ण व्यवहार करने पर वे खुलकर हँस देंगे।


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