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    2. लक्ष्मी - Lakshmi - Class 10 - Lokbharati

    Updated: Aug 19

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    पाठ का प्रकार: गद्य (संवादात्मक कहानी)

    पाठ का शीर्षक: लक्ष्मी

    लेखक का नाम: गुरुबचन सिंह


    सारांश (Bilingual Summary)


    हिन्दी: "लक्ष्मी" एक संवादात्मक कहानी है जो करामत अली और उसकी बूढ़ी गाय लक्ष्मी के रिश्ते पर केंद्रित है. लक्ष्मी, करामत अली के दोस्त ज्ञान सिंह की निशानी है, जिसे वह एक साल से पाल रहा है. गाय के बूढ़े हो जाने और दूध न देने के कारण, करामत अली का बेटा रहमान उसे पीट देता है. परिवार में लक्ष्मी को रखने या बेचने को लेकर मतभेद होता है क्योंकि उसे खिलाने का खर्चा बढ़ रहा है. कई भावनात्मक उतार-चढ़ाव के बाद, करामत अली अपने दोस्त को दिए वचन और मानवता को निभाते हुए, लक्ष्मी को कसाई के हाथों बेचने के बजाय गौशाला में छोड़ने का फैसला करता है. यह कहानी पशु प्रेम और दिए गए वचन के प्रति जिम्मेदारी को दर्शाती है.


    English: "Lakshmi" is a conversational story centered on the relationship between Karamat Ali and his old cow, Lakshmi. Lakshmi is a token of friendship from Karamat Ali's friend, Gyan Singh, and he has been taking care of her for a year. When the cow grows old and stops giving milk, Karamat Ali's son, Rehman, beats her. A conflict arises in the family about whether to keep or sell Lakshmi due to the increasing cost of feeding her. After much emotional turmoil, Karamat Ali, honoring his promise to his friend and his sense of humanity, decides to take Lakshmi to a Gaushala (cow shelter) instead of selling her to a butcher. The story highlights animal love and the responsibility of keeping a promise.



    केंद्रीय भाव (Bilingual Theme / Central Idea)


    हिन्दी: इस कहानी का केंद्रीय भाव दिए गए वचन के प्रति जिम्मेदारी और प्राणिमात्र के प्रति दया की भावना को व्यक्त करना है. लेखक यह दर्शाना चाहते हैं कि जब कोई प्राणी अनुपयोगी हो जाता है, तब भी उसका पालन-पोषण करना ही सच्ची मानवता है. कहानी पशु-प्रेम और नैतिक जिम्मेदारी के महत्व पर जोर देती है.


    English: The central theme of this story is to express the sense of responsibility towards a promise made and compassion for all living beings. The author illustrates that true humanity lies in continuing to nurture animals even after they have become unproductive. The story emphasizes the importance of animal love and moral responsibility.


    पात्रों का चरित्र-चित्रण (Bilingual Character Sketch)


    • करामत अली (Karamat Ali):

      हिन्दी: करामत अली एक संवेदनशील, वचन का पक्का और पशु-प्रेमी व्यक्ति है. वह अपने मित्र ज्ञान सिंह को दिए गए वचन को निभाने के लिए अपने परिवार से भी लड़ता है. आर्थिक तंगी के बावजूद, वह लक्ष्मी की देखभाल करता है और अंत में उसे एक सुरक्षित स्थान पर पहुँचाता है, जो उसकी मानवता को दर्शाता है. English: Karamat Ali is a sensitive, principled, and animal-loving person. He argues with his own family to honor the promise made to his friend, Gyan Singh. Despite financial difficulties, he cares for Lakshmi and ultimately ensures she is in a safe place, reflecting his humanity.


    • रमजानी (Ramzani):

      हिन्दी: रमजानी एक व्यावहारिक महिला है जो घर की आर्थिक स्थिति को लेकर चिंतित है. हालांकि वह लक्ष्मी की चोट पर रोगन लगाने को देती है , लेकिन दूध न देने वाली गाय को पालने के खर्चे से परेशान होकर उसे बेचने की सलाह देती है. English: Ramzani is a practical woman concerned about the family's financial situation. Although she provides ointment for Lakshmi's wounds , she is troubled by the expense of feeding a non-milking cow and advises selling her.



    शब्दार्थ (Glossary)


    शब्द (Word)

    पर्यायवाची शब्द (Synonym)

    विलोम शब्द (Antonym)

    तैश

    आवेश, गुस्सा

    शांति

    बेदर्दी

    निर्दयता

    दया

    इत्मीनान

    तसल्ली, संतोष

    बेचैनी

    खामोश

    चुप, शांत

    मुखर

    हुज्जत

    बहस, विवाद

    सहमति

    शौक

    रुचि, चाव

    अरुचि

    आजाद

    स्वतंत्र

    गुलाम

    कबूलना

    स्वीकारना

    नकारना

    धंधा

    व्यवसाय, काम

    -

    निशानी

    यादगार, चिह्न

    -


    सही या गलत (कारण सहित)


    कथन १: रहमान ने गुस्से में आकर लक्ष्मी को लाठियों से पीटा था।

    उत्तर: सही।

    कारण, पाठ में उल्लेख है कि "उस दिन लड़के ने तैश में आकर लक्ष्मी की पीठ पर चार डंडे बरसा दिए थे।"


    कथन २: ज्ञान सिंह दूध बेचना अपना मुख्य व्यवसाय समझता था।

    उत्तर: गलत।

    कारण, पाठ के अनुसार, "दूध बेचना ज्ञान सिंह का धंधा नहीं था।"


    कथन ३: करामत अली लक्ष्मी को कसाई के हाथों बेच देना चाहता था।

    उत्तर: गलत।

    कारण, जब उसे पता चला कि खरीदार गाय को आगे कसाइयों को बेच देगा, तो उसने साफ मना कर दिया और कहा, "मुझे तुम्हें गाय नहीं बेचनी।"


    कथन ४: रमजानी लक्ष्मी को घर में रखने के पक्ष में थी, चाहे खर्चा कितना भी हो।

    उत्तर: गलत।

    कारण, रमजानी ने ही करामत अली से कहा था, "मेरी मानो तो इसे बेच दो।"


    कथन ५: करामत अली अंत में लक्ष्मी को गौशाला में भर्ती करा देता है।

    उत्तर: सही।

    कारण, वह लक्ष्मी से कहता है, "तुझे गऊशाला में भरती करा दूँगा। वहाँ इत्मीनान से रहना।"



    स्वमत (Personal Opinion)


    प्रश्न १: 'अनुपयोगी हो जाने पर भी प्राणियों का पालन-पोषण करना ही मानवता है' - इस विषय पर अपने विचार लिखिए।

    उत्तर: यह कथन पूरी तरह सत्य है. सच्ची मानवता की पहचान इसी बात से होती है कि हम उन प्राणियों के प्रति कैसा व्यवहार करते हैं जो हम पर निर्भर हैं, खासकर तब जब वे हमारे लिए 'उपयोगी' नहीं रह जाते. जैसे हम अपने परिवार के बुजुर्ग सदस्यों की सेवा करते हैं, वैसे ही पालतू प्राणियों के बूढ़े हो जाने पर उनकी देखभाल करना हमारा नैतिक कर्तव्य है. उन्हें बोझ समझकर त्याग देना संवेदनहीनता है. करामत अली का लक्ष्मी को गौशाला में छोड़ने का निर्णय इसी मानवता का प्रतीक है.

    उत्तर लिखने के लिए उपयोगी महत्वपूर्ण शब्द: मानवता, कर्तव्य, संवेदनहीनता, देखभाल, निर्भर, पशु-प्रेम.


    प्रश्न २: कहानी के शीर्षक 'लक्ष्मी' की सार्थकता स्पष्ट कीजिए।

    उत्तर: कहानी का शीर्षक 'लक्ष्मी' अत्यंत सार्थक है. भारतीय संस्कृति में गाय को 'गौमाता' और घर की 'लक्ष्मी' का रूप माना जाता है. यह कहानी इसी लक्ष्मी (गाय) के आसपास घूमती है. जब तक वह दूध देती है, वह परिवार के लिए उपयोगी होती है, लेकिन दूध देना बंद करने पर उसे बोझ समझा जाने लगता है. कहानी में लक्ष्मी के माध्यम से समाज की उस मानसिकता पर प्रहार किया गया है जो चीजों को केवल उपयोगिता की दृष्टि से देखती है. करामत अली का अंत में लक्ष्मी के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभाना, शीर्षक की गरिमा को और बढ़ा देता है.

    उत्तर लिखने के लिए उपयोगी महत्वपूर्ण शब्द: सार्थक, गौमाता, संस्कृति, उपयोगिता, मानसिकता, जिम्मेदारी.


    प्रश्न ३: आर्थिक मजबूरी और नैतिक जिम्मेदारी के बीच फंसे करामत अली की मनोदशा का वर्णन अपने शब्दों में कीजिए।

    उत्तर: करामत अली एक गहरे मानसिक संघर्ष से गुजर रहा था. एक तरफ, उसकी पत्नी रमजानी उसे घर की आर्थिक तंगी और गाय को पालने में हो रहे खर्चे का एहसास करा रही थी. दूसरी तरफ, उसे अपने दोस्त ज्ञान सिंह को दिया वचन और एक बेजुबान जानवर के प्रति उसकी नैतिक जिम्मेदारी याद थी. वह अपनी इच्छा के विरुद्ध जाते हुए लक्ष्मी को बेचने के बारे में सोचने पर मजबूर हो गया था, जिस पर उसे कोई वश नहीं लग रहा था. यह संघर्ष उसे रात भर सोने भी नहीं देता था, जो उसकी गहरी पीड़ा को दर्शाता है.

    उत्तर लिखने के लिए उपयोगी महत्वपूर्ण शब्द: मानसिक संघर्ष, आर्थिक तंगी, नैतिक जिम्मेदारी, वचन, बेबसी, पीड़ा.


    प्रश्न ४: रहमान द्वारा लक्ष्मी को पीटना क्या उचित था? पशुओं के प्रति क्रूरता पर अपने विचार लिखिए।

    उत्तर: रहमान द्वारा लक्ष्मी को पीटना किसी भी दृष्टि से उचित नहीं था. दूध न देना एक स्वाभाविक प्रक्रिया है , जिसकी सजा एक बेजुबान जानवर को लाठियों से नहीं दी जा सकती. पशुओं के प्रति क्रूरता एक निंदनीय कार्य है. वे बोल नहीं सकते, लेकिन उन्हें भी दर्द और भय महसूस होता है. हमें यह समझना चाहिए कि जानवर हमारी संपत्ति नहीं, बल्कि हमारे साथी हैं. उनके प्रति प्रेम, दया और संवेदना का भाव रखना चाहिए. किसी भी समस्या का समाधान हिंसा नहीं, बल्कि समझदारी और प्रेम से निकालना चाहिए.

    उत्तर लिखने के लिए उपयोगी महत्वपूर्ण शब्द: अनुचित, क्रूरता, बेजुबान, दर्द, संवेदना, प्रेम, हिंसा.


    प्रश्न ५: 'मित्र को दिया वचन निभाना हमारा कर्तव्य है', इस विषय पर कहानी के आधार पर अपने विचार स्पष्ट कीजिए।

    उत्तर: यह कहानी इस बात पर प्रकाश डालती है कि मित्र को दिया वचन निभाना एक महत्वपूर्ण नैतिक कर्तव्य है. करामत अली ने अपने मित्र ज्ञान सिंह को वचन दिया था कि वह लक्ष्मी की देखभाल करेगा. घर की आर्थिक स्थिति खराब होने और परिवार के दबाव के बावजूद, उसे यह वचन याद रहता है. वह लक्ष्मी को किसी कसाई के हाथों में सौंपकर अपने दोस्त के विश्वास को तोड़ना नहीं चाहता. अंत में, वह अपनी तकलीफ उठाकर भी लक्ष्मी को गौशाला पहुँचाता है, जो वचन-पालन के प्रति उसकी दृढ़ता को दिखाता है. इससे यह सीख मिलती है कि मित्रता में वचन का बहुत मोल होता है.

    उत्तर लिखने के लिए उपयोगी महत्वपूर्ण शब्द: वचन, कर्तव्य, मित्रता, विश्वास, दृढ़ता, नैतिक जिम्मेदारी.


    पिछली बोर्ड परीक्षाओं में पूछे गए प्रश्न (Previous Years' Board Questions)


    प्रश्न १: ज्ञान सिंह का पशु-प्रेम दर्शाने वाली बातें लिखिए।

    उत्तर: ज्ञान सिंह का पशु-प्रेम दर्शाने वाली बातें निम्नलिखित हैं:

    • उसे मवेशी पालने का बहुत शौक था और उसके दरवाजे पर हमेशा गाय या भैंस बंधी रहती थी.

    • उसने अपनी जर्सी गाय का नाम प्यार से 'लक्ष्मी' रखा था.

    • दूध बेचना उसका धंधा नहीं था, वह केवल लक्ष्मी के चारे के लिए ही दूध बेचता था.

    • रिटायरमेंट के बाद वह किसी भी हालत में लक्ष्मी को बेचना नहीं चाहता था.

    • उसने लक्ष्मी की देखभाल की जिम्मेदारी अपने सबसे भरोसेमंद दोस्त करामत अली को सौंपी.


    प्रश्न २: करामत अली ने लक्ष्मी को गौशाला में भर्ती क्यों किया? कारण लिखिए।

    उत्तर: करामत अली ने लक्ष्मी को गौशाला में भर्ती करने का निर्णय निम्नलिखित कारणों से लिया:

    • लक्ष्मी बूढ़ी हो गई थी और उसने दूध देना बंद कर दिया था, जिससे उसे घर पर खिलाना आर्थिक रूप से कठिन हो रहा था.

    • उसका बेटा और पत्नी उसे बोझ समझ रहे थे और बेचना चाहते थे.

    • वह अपने दोस्त ज्ञान सिंह को दिए वचन को तोड़कर लक्ष्मी को किसी कसाई के हाथों नहीं बिकने देना चाहता था.

    • गौशाला में लक्ष्मी की बेहतर देखभाल हो सकती थी और वह वहाँ सुरक्षित रह सकती थी.


    प्रश्न ३: मार खाने के बाद लक्ष्मी के व्यवहार में आए परिवर्तनों का वर्णन कीजिए।

    उत्तर: मार खाने के बाद लक्ष्मी के व्यवहार में निम्नलिखित परिवर्तन आए:

    • वह बहुत भयभीत और घबराई हुई थी.

    • जो भी उसके पास जाता, वह उसे मारने की कोशिश में सिर हिलाती थी.

    • वह बार-बार उछल-कूद रही थी.

    • वह गले की रस्सी तोड़कर खूँटे से आजाद होने का प्रयास कर रही थी.


    प्रश्न ४: रमजानी लक्ष्मी को क्यों बेच देना चाहती थी? कारण स्पष्ट कीजिए।

    उत्तर: रमजानी निम्नलिखित कारणों से लक्ष्मी को बेच देना चाहती थी:

    • लक्ष्मी ने दूध देना बंद कर दिया था, जिससे घर में दूध की बिक्री से आने वाला पैसा बंद हो गया था.

    • महंगाई के जमाने में बिना दूध देने वाली गाय को केवल सादा चारा खिलाने में ही महीने का साढ़े तीन सौ रुपये का खर्चा था.

    • उसे लक्ष्मी को मुफ्त में खिलाते-पिलाते रहना एक बोझ लग रहा था.


    प्रश्न ५: "मुझे तुम्हें गाय नहीं बेचनी।" - इस कथन से करामत अली के किन गुणों का पता चलता है?

    उत्तर: इस एक कथन  से करामत अली के निम्नलिखित गुणों का पता चलता है:

    • वचन का पक्का: वह अपने मित्र ज्ञान सिंह को दिए वचन को तोड़ना नहीं चाहता था.

    • पशु-प्रेमी: उसे लक्ष्मी की चिंता थी और वह उसे किसी गलत हाथों में नहीं सौंपना चाहता था.

    • समझदार: वह जानता था कि वह व्यक्ति गायों को कसाइयों के हाथों बेच देता है और यह उसका "पुराना धंधा" है.

    • दृढ़ निश्चयी: परिवार के दबाव और खरीदार के सामने होने के बावजूद, उसने गाय को न बेचने का कठोर और साफ निर्णय लिया.


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