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    2.1 - अस्पताल - Aspatal - Class 7 - Sugambharati 1

    • Nov 1
    • 6 min read

    Updated: Nov 5

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    पाठ का प्रकार: गद्य

    पाठ का शीर्षक: अस्पताल

    लेखक/कवि का नाम: ज्ञात नहीं


    सारांश (Bilingual Summary)


    हिन्दी: यह पाठ एक चित्र-वाचन है, जिसमें एक अस्पताल के दृश्य को दर्शाया गया है। चित्र में आई.सी.यू. और वार्ड हैं। अस्पताल में कई सूचनाएँ लगी हैं, जैसे "शांति बनाए रखें", "रोगी से अधिक बातें न करें", और "रोगी से मिलने का समय सुबह से १०, शाम ५ से ७ बजे तक"। इसके अतिरिक्त, "नेत्रदान", "रक्तदान महादान" और "छोटा परिवार-सुखी परिवार" जैसे नारे भी लिखे हैं। चित्र में डॉक्टर, नर्स, मरीज और उनसे मिलने आए लोग दिखाई दे रहे हैं।

    English: This lesson is a picture-reading, depicting a scene from a hospital. The picture shows an I.C.U. and a Ward. There are several notices in the hospital, such as "Maintain Peace", "Don't talk much to the patient", and "Patient visiting hours morning till 10, evening 5 to 7". Additionally, slogans like "Eye Donation", "Blood Donation is the great donation", and "Small family-Happy family" are also written. The picture shows doctors, nurses, patients, and visitors.


    केंद्रीय भाव (Bilingual Theme / Central Idea)


    हिन्दी: इस पाठ का केंद्रीय भाव छात्रों को अस्पताल के माहौल, उसकी कार्यप्रणाली और वहाँ अपनाए जाने वाले नियमों से परिचित कराना है। यह चित्र "शांति बनाए रखें" और "रोगी से अधिक बातें न करें" जैसे निर्देशों के माध्यम से अनुशासन और शांति के महत्व को सिखाता है। इसके साथ ही, "रक्तदान महादान" और "नेत्रदान" जैसे नारे छात्रों को सामाजिक जिम्मेदारी और परोपकार के लिए प्रेरित करते हैं।

    English: The central theme of this lesson is to familiarize students with the hospital environment, its functioning, and the rules that must be followed there. This picture teaches the importance of discipline and peace through instructions like "Maintain Peace" and "Don't talk much to the patient". Along with this, slogans like "Blood Donation is the great donation" and "Eye Donation" inspire students towards social responsibility and philanthropy.


    शब्दार्थ (Glossary)


    शब्द (Word)

    पर्यायवाची शब्द (Synonym)

    विलोम शब्द (Antonym)

    अस्पताल

    चिकित्सालय

    -

    रोगी

    मरीज़, बीमार

    नीरोगी, स्वस्थ

    अधिक

    ज़्यादा

    कम, अल्प

    बातें

    वार्तालाप, संवाद

    चुप्पी, मौन

    सुबह

    प्रातः, भोर

    शाम, संध्या

    शाम

    संध्या

    सुबह, प्रातः

    शांति

    मौन, नीरवता

    अशांति, शोर

    दान

    भेंट, अनुदान

    ग्रहण, आदान

    सुखी

    प्रसन्न, खुश

    दुखी, उदास

    परिवार

    कुटुंब

    -

    सही या गलत (कारण सहित) (True or False with Reason)


    कथन १: अस्पताल में रोगियों से मिलने का समय सुबह १० बजे तक और शाम ५ से ७ बजे तक है।

    उत्तर: सही। कारण, सूचना पट्ट पर लिखा है, "रोगी से मिलने का समय सुबह से १०, शाम ५ से ७ बजे तक"।

    कथन २: अस्पताल में शोर मचाने के लिए कहा गया है।

    उत्तर: गलत। कारण, सूचना पट्ट पर लिखा है, "शांति बनाए रखें"।

    कथन ३: अस्पताल में नेत्रदान और रक्तदान के लिए कोई जानकारी नहीं है।

    उत्तर: गलत। कारण, अस्पताल में "नेत्रदान" और "रक्तदान महादान" के नारे लिखे हैं।

    कथन ४: सूचना के अनुसार, रोगी से बहुत अधिक बातें करनी चाहिए।

    उत्तर: गलत। कारण, सूचना पट्ट पर स्पष्ट लिखा है, "रोगी से अधिक बातें न करें"।

    कथन ५: अस्पताल में "छोटा परिवार-सुखी परिवार" का नारा लिखा है।

    उत्तर: सही। कारण, चित्र में "छोटा परिवार-सुखी परिवार" का नारा लिखा है।


    स्वमत (Personal Opinion)


    प्रश्न १: अस्पताल में "शांति बनाए रखें" की सूचना क्यों महत्वपूर्ण है?

    उत्तर: अस्पताल में "शांति बनाए रखें" की सूचना अत्यंत महत्वपूर्ण है क्योंकि अस्पताल रोगियों के उपचार और आराम करने का स्थान होता है। शोर-शराबे से रोगियों के आराम में खलल पड़ता है, जो उनके स्वास्थ्य-लाभ की प्रक्रिया को धीमा कर सकता है। शांतिपूर्ण वातावरण न केवल रोगियों को जल्दी ठीक होने में मदद करता है, बल्कि यह डॉक्टरों और नर्सों को भी अपना काम बिना किसी बाधा के, एकाग्रता से करने में सहायता करता है। उत्तर लिखने के लिए उपयोगी महत्वपूर्ण शब्द: रोगी, आराम, स्वास्थ्य-लाभ, शोर-शराबा, खलल, एकाग्रता, उपचार, वातावरण।

    प्रश्न २: "रक्तदान महादान" क्यों कहा गया है?

    उत्तर: रक्तदान को "महादान" इसलिए कहा गया है क्योंकि यह एक ऐसा दान है जिससे सीधे तौर पर किसी व्यक्ति का जीवन बचाया जा सकता है। रक्त को किसी कारखाने में नहीं बनाया जा सकता, इसकी पूर्ति केवल मनुष्य द्वारा किए गए दान से ही संभव है। दुर्घटना, ऑपरेशन या गंभीर बीमारी की स्थिति में रोगी को रक्त की तत्काल आवश्यकता होती है। ऐसे में एक व्यक्ति द्वारा दिया गया रक्त दूसरे व्यक्ति को नया जीवन देता है, इसीलिए इसे सभी दानों में श्रेष्ठ माना गया है। उत्तर लिखने के लिए उपयोगी महत्वपूर्ण शब्द: जीवन-रक्षा, महादान, कृत्रिम रक्त, मानवीय दान, दुर्घटना, ऑपरेशन, नया जीवन।

    प्रश्न ३: अस्पताल में रोगियों से मिलने का समय क्यों निर्धारित किया जाता है?

    उत्तर: अस्पताल में रोगियों से मिलने का समय कई महत्वपूर्ण कारणों से निर्धारित किया जाता है। पहला, यह रोगियों को आराम करने के लिए एक निश्चित समय देता है, क्योंकि लगातार मिलने वालों के आने-जाने से उन्हें आराम नहीं मिल पाता। दूसरा, यह डॉक्टरों और नर्सों को बिना किसी रुकावट के रोगियों की जाँच करने, दवा देने और उपचार करने में सक्षम बनाता है। तीसरा, यह अस्पताल में अनावश्यक भीड़ को नियंत्रित करता है, जिससे संक्रमण फैलने का खतरा कम होता है और अस्पताल का अनुशासित वातावरण बना रहता है।

    उत्तर लिखने के लिए उपयोगी महत्वपूर्ण शब्द: रोगी का आराम, उपचार, जाँच, बाधा, संक्रमण का खतरा, अनुशासन, भीड़-नियंत्रण।

    प्रश्न ४: "छोटा परिवार-सुखी परिवार" नारे का अस्पताल में क्या महत्व है?

    उत्तर: अस्पताल एक स्वास्थ्य-केंद्र है, और "छोटा परिवार-सुखी परिवार" का नारा सीधे तौर पर परिवार के स्वास्थ्य से जुड़ा है। जब परिवार छोटा होता है, तो माता-पिता अपने बच्चों की परवरिश, उनकी शिक्षा, उनके खान-पान और सबसे महत्वपूर्ण, उनके स्वास्थ्य पर बेहतर ध्यान दे पाते हैं। परिवार सीमित होने से माँ का स्वास्थ्य भी अच्छा रहता है। इस प्रकार, यह नारा जनसंख्या नियंत्रण के साथ-साथ एक स्वस्थ और समृद्ध समाज के निर्माण का संदेश देता है, जो अस्पताल के मूल उद्देश्य (स्वास्थ्य) से सीधे तौर पर जुड़ा है।

    उत्तर लिखने के लिए उपयोगी महत्वपूर्ण शब्द: स्वास्थ्य, परवरिश, शिक्षा, जनसंख्या नियंत्रण, माँ का स्वास्थ्य, स्वस्थ समाज, बेहतर जीवन।

    प्रश्न ५: रोगियों से अधिक बातें न करने की सलाह क्यों दी जाती है?

    उत्तर: रोगियों से अधिक बातें न करने की सलाह इसलिए दी जाती है क्योंकि बीमारी की अवस्था में रोगी का शरीर पहले से ही कमजोर होता है। बात करने में भी ऊर्जा खर्च होती है। यदि रोगी से अधिक बातें की जाएँ, तो वह थक सकता है, जिससे उसके ठीक होने की प्रक्रिया धीमी हो सकती है। रोगियों को जल्दी स्वस्थ होने के लिए शारीरिक और मानसिक आराम की सबसे अधिक आवश्यकता होती है। कम बातें करके हम उन्हें वह जरूरी आराम दे सकते हैं।

    उत्तर लिखने के लिए उपयोगी महत्वपूर्ण शब्द: शारीरिक कमजोरी, ऊर्जा, थकान, स्वास्थ्य-लाभ, मानसिक आराम, शारीरिक आराम, शीघ्र स्वस्थ होना।


    संभावित परीक्षा प्रश्न (Probable Exam Questions)


    प्रश्न १: चित्र के आधार पर अस्पताल में लिखी कोई चार सूचनाएँ लिखिए।

    उत्तर:

    • शांति बनाए रखें।

    • रोगी से अधिक बातें न करें।

    • रोगी से मिलने का समय सुबह से १०, शाम ५ से ७ बजे तक।

    • रक्तदान महादान।

    प्रश्न २: अस्पताल में कौन-कौन से विभाग दिखाई दे रहे हैं?

    उत्तर: चित्र में अस्पताल के निम्नलिखित विभाग दिखाई दे रहे हैं:

    • आई.सी.यू. (I.C.U.)

    • वार्ड (Ward)

    प्रश्न ३: अस्पताल में किन दो चीजों के दान के लिए प्रेरित किया गया है?

    उत्तर: अस्पताल में "नेत्रदान" और "रक्तदान" के लिए प्रेरित किया गया है।

    प्रश्न ४: अस्पताल में क्या-क्या नहीं करना चाहिए? (कोई दो बातें)

    उत्तर: अस्पताल में लिखी सूचनाओं के अनुसार:

    • रोगियों से अधिक बातें नहीं करनी चाहिए।

    • शोर-शराबा करके शांति भंग नहीं करनी चाहिए।

    प्रश्न ५: परिवार नियोजन संबंधी कौन-सा नारा अस्पताल में लिखा है?

    उत्तर: अस्पताल में परिवार नियोजन संबंधी नारा लिखा है- "छोटा परिवार-सुखी परिवार"।


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