2.10. बूढ़ी काकी - Budhi Kaki - Class 10 - Lokbharati
- 17 minutes ago
- 8 min read
पाठ का प्रकार: पूरक पठन (कहानी)
पाठ का शीर्षक: बूढ़ी काकी
लेखक का नाम: प्रेमचंद
सारांश (Bilingual Summary)
हिन्दी:
यह कहानी 'बूढ़ी काकी' की है, जिन्होंने अपनी सारी संपत्ति अपने भतीजे बुद्धिराम के नाम लिख दी थी। संपत्ति मिलने के बाद, बुद्धिराम और उसकी पत्नी रूपा का व्यवहार काकी के प्रति बदल गया और वे उन्हें भरपेट भोजन भी नहीं देते थे। कहानी का मुख्य घटनाक्रम बुद्धिराम के बेटे के तिलक उत्सव का है। घर में तरह-तरह के पकवान बन रहे थे, जिनकी सुगंध से काकी बेचैन हो रही थीं। भूख और ललचाहट के कारण वे कड़ाह के पास जा पहुँचीं, जिस पर बुद्धिराम ने उन्हें निर्दयता से घसीटकर कोठरी में पटक दिया।
घर में केवल छोटी बच्ची लाड़ली को काकी से प्रेम था। रात में लाड़ली ने अपनी हिस्से की पूड़ियाँ काकी को दीं, लेकिन काकी की भूख नहीं मिटी और वे जूठी पत्तलों से खाना खाने लगीं। यह दृश्य देखकर रूपा का हृदय परिवर्तन हो गया। उसे अपनी गलती और पाप का अहसास हुआ। उसने भगवान से क्षमा मांगी और काकी को आदरपूर्वक भोजन कराया।
English:
This is the story of 'Budhi Kaki', who had transferred all her property to her nephew Budhiram. After receiving the property, the behavior of Budhiram and his wife Rupa changed towards Kaki, and they did not even provide her with enough food. The main event of the story takes place during the Tilak ceremony of Budhiram's son. Various delicacies were being cooked in the house, the aroma of which made Kaki restless. Driven by hunger and temptation, she reached near the cauldron, upon which Budhiram cruelly dragged her and threw her into a dark room.
In the house, only the little girl Ladli loved Kaki. At night, Ladli gave her share of puris to Kaki, but Kaki's hunger was not satisfied, and she started eating leftovers from discarded leaf plates. Seeing this sight, Rupa's heart changed. She realized her mistake and sin. She asked God for forgiveness and respectfully fed Kaki.
केंद्रीय भाव (Bilingual Theme / Central Idea)
हिन्दी:
इस कहानी का केंद्रीय भाव वृद्धों के प्रति समाज और परिवार की संवेदनहीनता को उजागर करना है। प्रेमचंद जी ने दर्शाया है कि कैसे संपत्ति के लालच में मनुष्य अपने नैतिक कर्तव्यों को भूल जाता है। साथ ही, कहानी यह संदेश देती है कि बुढ़ापा बचपन का ही पुनरागमन है, जहाँ बुजुर्गों को प्रेम और देखभाल की आवश्यकता होती है। अंत में, पश्चाताप के माध्यम से मानवता की विजय दिखाई गई है।
English:
The central theme of this story is to highlight the insensitivity of society and family towards the elderly. Premchand Ji has shown how greed for property makes humans forget their moral duties. Additionally, the story conveys the message that old age is a return to childhood, where the elderly need love and care. Finally, the victory of humanity is shown through repentance.
पात्रों का चरित्र-चित्रण (Bilingual Character Sketch)
बूढ़ी काकी (Budhi Kaki):
हिन्दी:
असहाय और उपेक्षित: वे अपनी इंद्रियों पर नियंत्रण खो चुकी थीं (सिवाय स्वाद के) और पूरी तरह दूसरों पर निर्भर थीं।
बाल-सुलभ व्यवहार: बुढ़ापे के कारण उनका व्यवहार बच्चों जैसा हो गया था; वे अपनी इच्छा पूरी न होने पर रोने लगती थीं।
दयनीय स्थिति: संपत्ति की मालकिन होने के बावजूद उन्हें भोजन के लिए तरसना पड़ता था।
English:
Helpless and Neglected: She had lost control over her senses (except taste) and was completely dependent on others.
Child-like Behavior: Due to old age, her behavior had become like that of a child; she would start crying if her wishes were not met.
Pathetic Condition: Despite being the owner of the property, she had to crave food.
बुद्धिराम (Budhiram):
हिन्दी:
स्वार्थी और लालची: उसने काकी की संपत्ति हड़प ली लेकिन उनकी देखभाल नहीं की।
क्रूर और निर्दयी: उसने काकी को मेहमानों के बीच आने पर बेरहमी से घसीटा और कोठरी में पटक दिया।
दिखावटी सज्जन: वह तभी तक सज्जन रहता था जब तक उसकी जेब पर आंच न आए।
English:
Selfish and Greedy: He usurped Kaki's property but did not take care of her.
Cruel and Ruthless: He brutally dragged Kaki and threw her into the room when she appeared amidst the guests.
Pretentious Gentleman: He remained a gentleman only as long as it did not cost him anything.
रूपा (Rupa):
हिन्दी:
तीव्र स्वभाव: वह स्वभाव से तेज थी और काम के दबाव में झुंझला जाती थी।
ईश्वर से डरने वाली: उसमें नैतिकता बची थी; अंत में काकी को जूठी पत्तलें चाटते देख उसे गहरा पश्चाताप हुआ।
प्रायश्चित करने वाली: उसने अपनी गलती सुधारी और काकी को भोजन कराया।
English:
Sharp-tempered: She had a sharp nature and would get irritated under work pressure.
God-fearing: She retained morality; in the end, seeing Kaki licking leftover plates caused her deep repentance.
Repentant: She corrected her mistake and fed Kaki.
लाड़ली (Ladli):
हिन्दी:
मासूम और प्रेमी: वह काकी से निस्वार्थ प्रेम करती थी।
त्यागी: उसने अपने हिस्से की मिठाइयाँ और पूड़ियाँ काकी के लिए बचाकर रखीं।
संवेदनशील: काकी की दुर्दशा देखकर उसका बाल-मन दुखी होता था।
English:
Innocent and Loving: She loved Kaki selflessly.
Sacrificing: She saved her share of sweets and puris for Kaki.
Sensitive: Her child-mind would get saddened seeing Kaki's misery.
शब्दार्थ (Glossary)
शब्द (Word) | पर्यायवाची शब्द (Synonym) | विलोम शब्द (Antonym) |
पुनरागमन | वापसी / लौटना | प्रस्थान / जाना |
तरुण | युवक / जवान | वृद्ध / बूढ़ा |
सब्जबाग | झूठे सपने / प्रलोभन | यथार्थ / सच्चाई |
विद्वेष | ईर्ष्या / बैर | प्रेम / स्नेह |
मनसूबे | इरादे / योजनाएँ | - |
क्षुधा | भूख | तृप्ति |
सज्जन | भला आदमी / शरीफ | दुर्जन / दुष्ट |
कदाचित | शायद / संभवतः | अवश्य / निश्चित |
अनुराग | प्रेम / स्नेह | विराग / द्वेष |
स्मृति | याद / स्मरण | विस्मृति / भूल |
सही या गलत (कारण सहित) (True or False with Reason)
कथन १: बूढ़ी काकी की समस्त इंद्रियाँ, हाथ और पैर जवाब दे चुके थे।
उत्तर: सही। कारण, पाठ में उल्लेख है कि बुढ़ापे के कारण उनकी शारीरिक क्षमता खत्म हो गई थी और स्वाद के सिवा कोई चेष्टा शेष न थी।
कथन २: बुद्धिराम स्वभाव से हमेशा क्रूर और अत्याचारी था।
उत्तर: गलत। कारण, पाठ के अनुसार बुद्धिराम स्वभाव के सज्जन थे, किंतु उसी समय तक जब तक उनके कोष (जेब) पर कोई आँच न आए।
कथन ३: रूपा ईश्वर से नहीं डरती थी और अधर्मी थी।
उत्तर: गलत। कारण, पाठ में लिखा है कि रूपा स्वभाव से तीव्र थी सही, पर ईश्वर से डरती थी।
कथन ४: लाड़ली ने अपनी पूड़ियाँ गुड़ियों की पिटारी में बंद करके रखी थीं।
उत्तर: सही। कारण, लाड़ली ने अपने हिस्से की पूड़ियाँ काकी के लिए बचाकर अपनी गुड़ियों की पिटारी में रखी थीं।
कथन ५: अंत में बुद्धिराम ने काकी से माफी मांगी और उन्हें भोजन कराया।
उत्तर: गलत। कारण, अंत में रूपा (बुद्धिराम की पत्नी) को पश्चाताप हुआ और उसने काकी को भोजन कराया, न कि बुद्धिराम ने।
स्वमत (Personal Opinion)
प्रश्न १: "बुढ़ापा बहुधा बचपन का पुनरागमन हुआ करता है" - इस कथन पर अपने विचार व्यक्त कीजिए।
उत्तर: यह कथन पूर्णतः सत्य है। जैसे-जैसे व्यक्ति वृद्ध होता है, उसकी शारीरिक और मानसिक अवस्था बच्चों जैसी होने लगती है। जैसे बच्चे अपनी बात मनवाने के लिए रोते हैं, वैसे ही बुजुर्ग भी ध्यान और देखभाल चाहते हैं। उनकी तर्कशक्ति कमजोर हो जाती है और वे भावनाओं या जिद्द के वशीभूत हो जाते हैं। कहानी में बूढ़ी काकी का व्यवहार (भोजन के लिए मचलना, रोना) इसी तथ्य को प्रमाणित करता है। हमें बुजुर्गों के इस व्यवहार को समझकर उनके साथ धैर्य और प्रेम से पेश आना चाहिए।
उत्तर लिखने के लिए उपयोगी महत्वपूर्ण शब्द: शारीरिक अवस्था, मानसिक अवस्था, जिद्द, ध्यान, देखभाल, तर्कशक्ति, धैर्य, संवेदनशीलता।
प्रश्न २: संयुक्त परिवार में बुजुर्गों का स्थान और महत्व स्पष्ट कीजिए।
उत्तर: संयुक्त परिवार में बुजुर्गों का स्थान वटवृक्ष की तरह होता है जो पूरे परिवार को छाया और संरक्षण देता है। उनके पास जीवन का लंबा अनुभव होता है जो परिवार को संकटों से बचाता है। वे घर में संस्कारों और नैतिक मूल्यों के वाहक होते हैं। बच्चों के लिए वे सबसे अच्छे मित्र और मार्गदर्शक होते हैं। यद्यपि शारीरिक रूप से वे कमजोर हो सकते हैं, लेकिन भावनात्मक रूप से वे परिवार की नींव होते हैं। उनका सम्मान करना हमारा परम कर्तव्य है।
उत्तर लिखने के लिए उपयोगी महत्वपूर्ण शब्द: वटवृक्ष, संरक्षण, अनुभव, संस्कार, नैतिक मूल्य, मार्गदर्शक, भावनात्मक नींव, कर्तव्य।
प्रश्न ३: "लालच रिश्तों में दरार डाल देता है" - बुद्धिराम के चरित्र के आधार पर स्पष्ट करें।
उत्तर: बुद्धिराम का चरित्र इस बात का प्रमाण है कि धन का लालच मनुष्य को अंधा बना देता है। उसने काकी की संपत्ति तो लिखवा ली, लेकिन संपत्ति मिलते ही वह अपने वादों से मुकर गया। जिस काकी ने उसे सब कुछ दिया, उसी को वह भरपेट खाना देने में भी कतराने लगा। लालच ने उसके मन से दया, प्रेम और कृतज्ञता की भावना को समाप्त कर दिया। इसी कारण बुआ-भतीजे का पवित्र रिश्ता मालिक और नौकर जैसा बनकर रह गया।
उत्तर लिखने के लिए उपयोगी महत्वपूर्ण शब्द: धन का लालच, वादों से मुकरना, कृतज्ञता, संवेदनहीनता, पवित्र रिश्ता, अनैतिकता।
प्रश्न ४: रूपा के चरित्र परिवर्तन (हृदय परिवर्तन) का क्या कारण था?
उत्तर:
रूपा स्वभाव से तेज थी लेकिन उसमें धर्म और पाप-पुण्य का डर था। जब उसने देखा कि घर की बुजुर्ग (काकी), जिनकी संपत्ति से वे ऐश कर रहे हैं, भूख के कारण जूठी पत्तलों से खाना खा रही हैं, तो उसकी अंतरात्मा जाग उठी। उसे लगा कि यह अधर्म है और इसका दंड उसके बच्चों को मिल सकता है। इस दृश्य ने उसे अपनी स्वार्थपरता और निर्दयता का अहसास कराया, जिससे उसका हृदय परिवर्तन हो गया।
उत्तर लिखने के लिए उपयोगी महत्वपूर्ण शब्द: धर्म-भीरु, अंतरात्मा, अधर्म, दंड का भय, स्वार्थपरता, निर्दयता, आत्म-ग्लानि।
प्रश्न ५: हमें अपने बुजुर्गों के प्रति कैसा व्यवहार करना चाहिए?
उत्तर: हमें अपने बुजुर्गों के प्रति सम्मानजनक, संवेदनशील और सेवाभावी व्यवहार करना चाहिए। हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि आज हम जो कुछ भी हैं, उन्हीं के त्याग और परिश्रम का परिणाम है। उनकी शारीरिक कमजोरियों का मजाक उड़ाने या उन पर झुंझलाने के बजाय हमें उनका सहारा बनना चाहिए। उन्हें समय देना, उनकी बातें सुनना और उनकी छोटी-छोटी इच्छाओं को पूरा करना हमारा दायित्व है। 'सेवा' ही बुढ़ापे की लाठी है।
उत्तर लिखने के लिए उपयोगी महत्वपूर्ण शब्द: सम्मानजनक, सेवाभावी, त्याग, परिश्रम, सहारा, दायित्व, भावनात्मक सुख, कृतज्ञता।
पिछली बोर्ड परीक्षाओं में पूछे गए प्रश्न (Previous Years' Board Questions)
प्रश्न १: संजाल पूर्ण कीजिए: बूढ़ी काकी को ललचाने वाले व्यंजन।
उत्तर:
मसालेदार तरकारी।
गरम-गरम पूड़ियाँ।
स्वादिष्ट कचौड़ियाँ।
रायता / दही-शक्कर।
प्रश्न २: कारण लिखिए: बूढ़ी काकी ने भतीजे के नाम सारी संपत्ति लिख दी।
उत्तर: बूढ़ी काकी के पति और बेटे मर चुके थे और उनके सिवा उनका कोई अपना नहीं था। भतीजे बुद्धिराम ने संपत्ति लिखवाते समय खूब लंबे-चौड़े वादे किए थे (सब्जबाग दिखाए थे) कि वह उनकी अच्छी देखभाल करेगा, इसलिए काकी ने संपत्ति उसके नाम लिख दी।
प्रश्न ३: सूचना के अनुसार शब्द परिवर्तन कीजिए: 'बच्चा' शब्द का लिंग, वचन, विलोम, पर्यायवाची।
उत्तर:
लिंग: बच्ची
वचन: बच्चे
विलोम: बूढ़ा
पर्यायवाची: बालक / शिशु
प्रश्न ४: स्वभाव के आधार पर पात्रों का नाम लिखिए।
उत्तर:
क्रोधी/लालची: बुद्धिराम
ईश्वर से डरने वाली/तेज स्वभाव: रूपा
स्नेहिल/भोली: लाड़ली
जिह्वा स्वाद प्रेमी/असहाय: बूढ़ी काकी
प्रश्न ५: बुद्धिराम का काकी के प्रति दुर्व्यवहार दर्शाने वाली बातें लिखिए।
उत्तर:
काकी को अँधेरी कोठरी में धम से पटक देना।
काकी को पेट भर भोजन न देना।
संपत्ति लिखवाने के बाद वादे तोड़ देना।
मेहमानों के सामने आने पर काकी को निर्दयता से घसीटना।
About BhashaLab
BhashaLab is a dynamic platform dedicated to the exploration and mastery of languages - operating both online and offline. Aligned with the National Education Policy (NEP) 2020 and the National Credit Framework (NCrF), we offer language education that emphasizes measurable learning outcomes and recognized, transferable credits.
We offer:
1. NEP alligned offline language courses for degree colleges - English, Sanskrit, Marathi and Hindi
2. NEP alligned offline language courses for schools - English, Sanskrit, Marathi and Hindi
3. Std VIII, IX and X - English and Sanskrit Curriculum Tuitions - All boards
4. International English Olympiad Tuitions - All classes
5. Basic and Advanced English Grammar - Offline and Online - Class 3 and above
6. English Communication Skills for working professionals, adults and students - Offline and Online
Contact: +91 86577 20901, +91 97021 12044
Mail: info@bhashalab.com
Website: www.bhashalab.com
Found any mistakes or suggestions? Click here to send us your feedback!

Comments