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    2.2 - जंगल - Jungle - Class 9 - Lokbharati

    • Sep 13
    • 9 min read
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    पाठ का प्रकार: गद्य (संवादात्मक कहानी) पाठ का शीर्षक: जंगल लेखक/कवि का नाम: चित्रा मुद्गल


    सारांश (Bilingual Summary)


    हिन्दी: 'जंगल' एक मार्मिक कहानी है जो एक परिवार के इर्द-गिर्द घूमती है, जो अपने छोटे बच्चे पीयूष की जिद पर खरगोश का एक जोड़ा घर लाते हैं, जिनका नाम सोनू-मोनू रखा जाता है। एक दिन अचानक सोनू की मृत्यु हो जाती है, जिससे पूरा परिवार, खासकर पीयूष और दूसरा खरगोश मोनू, गहरे सदमे में चले जाते हैं। पीयूष की दादी, मांडवी जी, उसे समझाती हैं कि सोनू अपने माता-पिता से बिछड़ने के दुख से मर गया, क्योंकि उसका असली घर जंगल है। दादी की यह बात पीयूष के बाल मन पर गहरा असर करती है। वह अपने पालतू जानवर के दुख को महसूस करता है और यह समझ जाता है कि जानवरों को उनके प्राकृतिक घर और परिवार से अलग करना क्रूरता है। अंत में, वह एक बड़ा निर्णय लेता है और मोनू को भी जंगल में उसके माता-पिता के पास छोड़ने की बात करता है, ताकि वह दुख से न मर जाए। यह कहानी प्राणीमात्र के प्रति दया और उनके संरक्षण का गहरा संदेश देती है।

    English: 'Jungle' is a poignant story that revolves around a family that brings home a pair of rabbits, named Sonu and Monu, at the insistence of their young child, Piyush. One day, Sonu suddenly dies, which sends the entire family, especially Piyush and the other rabbit Monu, into deep shock. Piyush's grandmother, Mandavi ji, explains to him that Sonu died of sadness from being separated from his parents, as his real home is the jungle. This explanation has a profound impact on Piyush's young mind. He feels the pain of his pet and understands that it is cruel to separate animals from their natural homes and families. In the end, he makes a big decision and asks to release Monu back into the jungle to his parents, so that he doesn't die of grief. The story gives a profound message of compassion towards all living beings and their conservation.

    केंद्रीय भाव (Bilingual Theme / Central Idea)


    हिन्दी: इस कहानी का केंद्रीय भाव यह संदेश देना है कि जंगली जानवरों का असली घर जंगल ही है और उन्हें पालतू बनाकर रखना उनके प्रति एक प्रकार की क्रूरता है। लेखिका ने एक बच्चे के मासूम नजरिए से यह दर्शाया है कि जानवर भी इंसानों की तरह ही भावनात्मक होते हैं; वे भी अपने परिवार से बिछड़कर दुखी होते हैं और मर भी सकते हैं। कहानी बाल मानस की अनुभूतियों, प्राणियों के साथ उचित व्यवहार, उनके संरक्षण और प्राणीमात्र के प्रति दयाभाव को प्रमुखता से दर्शाती है। इसका मूल उद्देश्य पाठकों को यह समझाना है कि हर जीव को अपने प्राकृतिक परिवेश में स्वतंत्र रूप से जीने का अधिकार है।

    English: The central theme of this story is to convey the message that the real home for wild animals is the jungle, and keeping them as pets is a form of cruelty towards them. Through the innocent perspective of a child, the author shows that animals are emotional beings just like humans; they too feel sad when separated from their families and can even die of grief. The story prominently showcases the feelings of a child's mind, proper behavior towards animals, their conservation, and compassion for all living beings. Its core objective is to make readers understand that every creature has the right to live freely in its natural environment.


    पात्रों का चरित्र-चित्रण (Bilingual Character Sketch)


    पीयूष:

    हिन्दी:

    • बालसुलभ हठ: कहानी की शुरुआत में वह अन्य बच्चों की तरह पालतू जानवर पालने की जिद करता है।

    • संवेदनशील: सोनू की मौत का उस पर गहरा असर होता है और वह मोनू के दुख को भी महसूस करता है।

    • समझदार और दयालु: दादी के समझाने पर वह जानवरों की पीड़ा को समझ जाता है और अपने प्रिय मोनू को जंगल में छोड़ने जैसा बड़ा त्याग करने के लिए तैयार हो जाता है।

    • तार्किक: वह अपनी दादी से तर्कपूर्ण सवाल पूछता है, जैसे "दुख से मर जाते हैं?" और अपनी समझ विकसित करता है।

    English:

    • Childlike Stubbornness: At the beginning of the story, he insists on keeping a pet like other children.

    • Sensitive: Sonu's death deeply affects him, and he also feels Monu's grief.

    • Understanding and Compassionate: When his grandmother explains the situation, he understands the animals' pain and becomes ready to make a great sacrifice by releasing his beloved Monu into the jungle.

    • Logical: He asks his grandmother logical questions like, "Do people die of sadness?" and develops his own understanding.

    मांडवी दी (दादी):

    हिन्दी:

    • अनुभवी और समझदार: वे सोनू की मौत के बाद की तनावपूर्ण स्थिति को बहुत धैर्य और समझदारी से संभालती हैं।

    • संवेदनशील: वे न केवल अपने पोते के दुख को समझती हैं, बल्कि मोनू (खरगोश) के रोने और उसकी पीड़ा को भी महसूस करती हैं।

    • कुशल शिक्षिका: वे पीयूष को डाँटने या बहलाने की बजाय, उसे कहानी के माध्यम से जीवन और मृत्यु का कठिन पाठ सिखाती हैं और उसमें सहानुभूति का भाव जगाती हैं।

    • दृढ़ निश्चयी: वे अपने बेटे शैलेश की नाले में फेंकने की बात को दृढ़ता से नकार देती हैं और सोनू का अंतिम संस्कार सम्मानपूर्वक करने का निर्णय लेती हैं।

    English:

    • Experienced and Wise: She handles the tense situation after Sonu's death with great patience and understanding.

    • Sensitive: She not only understands her grandson's grief but also feels the crying and pain of Monu (the rabbit).

    • Adept Teacher: Instead of scolding or distracting Piyush, she teaches him the difficult lesson of life and death through a story and awakens a sense of empathy in him.

    • Determined: She firmly rejects her son Shailesh's suggestion to throw Sonu in the drain and decides to perform his last rites respectfully.


    शब्दार्थ (Glossary)


    शब्द (Word)

    पर्यायवाची शब्द (Synonym)

    विलोम शब्द (Antonym)

    अनुशासन

    नियम, कायदा

    अनुशासनहीनता

    झिझक

    संकोच, लज्जा

    बेझिझक, निःसंकोच

    कोंपल

    कली, नई पत्ती

    सूखी पत्ती

    गुमसुम

    चुपचाप, मौन

    बातूनी, वाचाल

    स्तब्धता

    हैरानी, अचंभ

    सामान्यता, सहजता

    अबोध

    नासमझ, मासूम

    समझदार, ज्ञानी

    मुनासिब

    उचित, ठीक

    अनुचित, गलत

    ढाढ़स

    सांत्वना, दिलासा

    -

    संशय

    संदेह, शक

    विश्वास, यकीन

    प्रतिवाद

    विरोध, खंडन

    समर्थन, अनुमोदन


    सही या गलत (कारण सहित) (True or False with Reason)


    कथन १: सोनू की मृत्यु बीमारी के कारण हुई थी। उत्तर: गलत। कारण, दादी ने पीयूष को समझाया कि सोनू "अपने माँ-बाप से अलग जो कर दिया गया" था, इस दुख से उसकी मृत्यु हुई।

    कथन २: शैलेश चाहता था कि सोनू का अंतिम संस्कार सम्मानपूर्वक किया जाए। उत्तर: गलत। कारण, शैलेश ने कहा था, "आप नीचे सोसाइटी में चौकीदार को कहकर सोनू को उठाकर अपार्टमेंट्स से लगे नाले में फिंकवा दें।"

    कथन ३: पीयूष अपने जन्मदिन के उपहार के रूप में खरगोश और तोता चाहता था। उत्तर: सही। कारण, पीयूष ने दादी से कहा था, "क्यों न इस बार वे उसे खरगोश और तोता लाकर दे दें।"

    कथन ४: सोनू की मृत्यु के बाद मोनू सामान्य व्यवहार कर रहा था और दूध पी रहा था। उत्तर: गलत। कारण, "दूसरे रोज भी मोनू सामान्य नहीं हो पाया।" और उसने "दूध के कटोरे को छुआ तक नहीं।"

    कथन ५: अंत में पीयूष ने दादी से तोता लाने की जिद की। उत्तर: गलत। कारण, अंत में पीयूष ने कहा, "अब मुझे तोता नहीं चाहिए, दादी।"

    स्वमत (Personal Opinion)


    प्रश्न १: 'जंगल ऑक्सीजन की आपूर्ति करने वाले स्रोत हैं', इस विषय पर अपने विचार लिखिए। उत्तर: यह कथन वैज्ञानिक रूप से पूरी तरह सत्य है कि जंगल ऑक्सीजन की आपूर्ति करने वाले सबसे बड़े स्रोत हैं। पेड़-पौधे प्रकाश संश्लेषण की क्रिया द्वारा कार्बन डाइऑक्साइड को सोखते हैं और ऑक्सीजन छोड़ते हैं, जो पृथ्वी पर सभी प्राणियों के जीवन के लिए अनिवार्य है। जंगलों को 'पृथ्वी का फेफड़ा' भी कहा जाता है। आज जिस तेजी से शहरीकरण और औद्योगीकरण के लिए जंगलों की कटाई हो रही है, उससे वायुमंडल में ऑक्सीजन की कमी और कार्बन डाइऑक्साइड की वृद्धि हो रही है, जो ग्लोबल वार्मिंग और जलवायु परिवर्तन का मुख्य कारण है। इसलिए, मानव जीवन के अस्तित्व को बनाए रखने के लिए जंगलों का संरक्षण और वृक्षारोपण अत्यंत आवश्यक है। उत्तर लिखने के लिए उपयोगी महत्वपूर्ण शब्द: ऑक्सीजन, प्रकाश संश्लेषण, कार्बन डाइऑक्साइड, पृथ्वी का फेफड़ा, ग्लोबल वार्मिंग, जलवायु परिवर्तन, संरक्षण, वृक्षारोपण।

    प्रश्न २: पालतू जानवरों के प्रति हमारी क्या जिम्मेदारियाँ होनी चाहिए? उत्तर: पालतू जानवरों के प्रति हमारी अनेक जिम्मेदारियाँ होती हैं। सबसे पहले, हमें उन्हें केवल मनोरंजन का साधन नहीं समझना चाहिए, बल्कि परिवार के सदस्य की तरह प्यार और देखभाल करनी चाहिए। उनके खाने-पीने, रहने की साफ-सुथरी जगह और स्वास्थ्य का पूरा ध्यान रखना हमारी जिम्मेदारी है। बीमार पड़ने पर तुरंत उनका इलाज कराना चाहिए। हमें उनके साथ खेलने और समय बिताने के लिए भी वक्त निकालना चाहिए ताकि वे अकेलापन महसूस न करें। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि किसी भी जानवर को पालने से पहले हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हम जीवन भर उसकी देखभाल करने में सक्षम हैं या नहीं। उत्तर लिखने के लिए उपयोगी महत्वपूर्ण शब्द: जिम्मेदारी, प्यार, देखभाल, स्वास्थ्य, इलाज, समय बिताना, मनोरंजन का साधन, परिवार का सदस्य।

    प्रश्न ३: कहानी में दादी ने पीयूष को जिस तरह से समझाया, क्या आप उस तरीके से सहमत हैं? उत्तर: हाँ, मैं दादी द्वारा पीयूष को समझाने के तरीके से पूरी तरह सहमत हूँ। दादी ने एक बहुत ही संवेदनशील और कठिन विषय को बड़ी परिपक्वता से संभाला। उन्होंने पीयूष को डाँटने या उसे झूठा दिलासा देने के बजाय, एक कहानी के माध्यम से सच्चाई बताई। उन्होंने सोनू की मौत को उसके परिवार से बिछड़ने के दुख से जोड़ा, जिससे पीयूष न केवल अपने पालतू जानवर की पीड़ा को समझ सका, बल्कि सभी जीवों के प्रति उसके मन में सहानुभूति का भाव भी जागा। यह तरीका केवल तात्कालिक समस्या का समाधान नहीं था, बल्कि यह पीयूष को जीवन भर के लिए एक महत्वपूर्ण नैतिक शिक्षा दे गया। उत्तर लिखने के लिए उपयोगी महत्वपूर्ण शब्द: सहमत, परिपक्वता, संवेदनशीलता, सहानुभूति, नैतिक शिक्षा, कहानी का माध्यम, सच्चाई।

    प्रश्न ४: "स्थिति से भागने की बजाय उसका सामना करना ही बेहतर है।" - इस कथन के संदर्भ में दादी के चरित्र पर प्रकाश डालिए। उत्तर: यह कथन दादी के मजबूत और यथार्थवादी चरित्र को दर्शाता है। जब उनका बेटा शैलेश सोनू के मृत शरीर को चुपचाप नाले में फेंकवाकर समस्या से पीछा छुड़ाना चाहता है, तो दादी इसका विरोध करती हैं। वे समझती हैं कि पीयूष को अंधेरे में रखने से उसके मन में और भी गहरे सवाल उठेंगे, जिनका सामना करना अधिक कठिन होगा। वे स्थिति का सामना करने का निर्णय लेती हैं और पीयूष को मृत्यु की सच्चाई से अवगत कराती हैं। उनका यह मानना कि कठिन परिस्थितियों का सामना करना चाहिए, न कि उनसे भागना, उनके साहसी और सुलझे हुए व्यक्तित्व का प्रमाण है। उत्तर लिखने के लिए उपयोगी महत्वपूर्ण शब्द: यथार्थवादी, मजबूत चरित्र, सामना करना, साहस, सुलझा हुआ व्यक्तित्व, सच्चाई।

    प्रश्न ५: कहानी के अंत में पीयूष कहता है, "अब मुझे तोता नहीं चाहिए।" यह परिवर्तन उसके चरित्र की किस विशेषता को उजागर करता है?

    उत्तर: यह कथन पीयूष के चरित्र में आए एक अद्भुत परिवर्तन और उसकी बढ़ी हुई समझ को उजागर करता है। कहानी की शुरुआत में वह पालतू जानवरों के लिए जिद करता है, लेकिन अंत तक वह यह समझ जाता है कि उसकी खुशी के लिए किसी भी जीव को उसके घर और परिवार से अलग करना गलत है। उसका यह कहना कि उसे अब तोता नहीं चाहिए, उसकी बढ़ी हुई सहानुभूति, दया और त्याग की भावना को दर्शाता है। वह अब अपनी खुशी से ज्यादा जानवरों की आजादी और उनके सुख को महत्व दे रहा है। यह एक छोटे बच्चे के चरित्र में एक महान मानवीय गुण के विकास का प्रतीक है। उत्तर लिखने के लिए उपयोगी महत्वपूर्ण शब्द: परिवर्तन, समझ, सहानुभूति, दया, त्याग, मानवीय गुण, आजादी, जानवरों का सुख।


    संभावित परीक्षा प्रश्न (Probable Exam Questions)


    प्रश्न १: सोनू की मृत्यु का पीयूष और मोनू पर क्या प्रभाव पड़ा? उत्तर: सोनू की मृत्यु का पीयूष और मोनू दोनों पर गहरा प्रभाव पड़ा:

    • पीयूष: वह गुमसुम हो गया था और लगातार रो रहा था। वह अपनी दादी से बार-बार पूछ रहा था कि सोनू को क्या हो गया है और उसे डॉक्टर को दिखाने के लिए कह रहा था।

    • मोनू: वह भी सामान्य नहीं था। उसने दूध नहीं पिया और बार-बार सोनू के खाली कटोरे को सूँघ रहा था। वह सोनू के मृत शरीर की परिक्रमा कर रहा था और उसकी आँखों में आँसू थे।

    प्रश्न २: पीयूष के मन में यह बात कैसे आई कि मोनू को जंगल में छोड़ देना चाहिए? उत्तर: जब दादी ने पीयूष को समझाया कि सोनू की मृत्यु अपने माँ-बाप से बिछड़ने के दुख के कारण हुई है क्योंकि उसका असली घर जंगल है, तो पीयूष ने उनसे पूछा कि क्या मोनू को भी उसके माँ-बाप से अलग रखने पर वह भी दुख से मर जाएगा? दादी के निरुत्तर हो जाने पर, पीयूष ने स्वयं समाधान निकाला कि यदि वे मोनू को जंगल में ले जाकर छोड़ दें, तो वह अपने मम्मी-पापा के पास पहुँच जाएगा और फिर वह मरेगा नहीं।

    प्रश्न ३: तविषा और शैलेश पीयूष को फ्लैट में खरगोश पालने के लिए क्यों मना कर रहे थे? उत्तर: तविषा और शैलेश निम्नलिखित कारणों से पीयूष को फ्लैट में खरगोश पालने के लिए मना कर रहे थे:

    • फ्लैट में पशु-पक्षी पालना कठिन होता है।

    • खरगोशों को हर समय बांकड़े में बंद नहीं रखा जा सकता; उन्हें खुला छोड़ना पड़ता है।

    • छोटे से घर में वे भागा-दौड़ी करेंगे और गंदगी (सुसु-छिछि) करेंगे।

    • उनकी टट्टी-पेशाब साफ करने की समस्या होगी।

    प्रश्न ४: प्रवाह तालिका पूर्ण कीजिए: कहानी के पात्र तथा उनकी विशेषताएँ। उत्तर: | पात्र | विशेषताएँ | | :--- | :--- | | पीयूष | संवेदनशील, दयालु, समझदार | | मांडवी दी | अनुभवी, धैर्यवान, कुशल शिक्षिका | | तविषा | आधुनिक, देखभाल करने वाली माँ | | शैलेश | व्यावहारिक, पिता |

    प्रश्न ५: पहचानिए रिश्ते: उत्तर:

    • दादी - तविषा: सास - बहू

    • पीयूष - शैलेश: पुत्र - पिता

    • तविषा - शैलेश: पत्नी - पति

    • शैलेश - दादी: पुत्र - माँ

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