2.2. दो लघुकथाएँ - Do Laghukathayen - Class 10 - Lokbharati
- Nov 20
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Updated: 2 days ago

पाठ का प्रकार: गद्य (पूरक पठन)
पाठ का शीर्षक: दो लघुकथाएँ (कंगाल / सही उत्तर)
लेखक का नाम: नरेंद्रकौर छाबड़ा
सारांश (Bilingual Summary)
हिन्दी:
इस पाठ में दो शिक्षाप्रद लघुकथाएँ प्रस्तुत की गई हैं।
पहली कथा 'कंगाल' में, लेखिका भीषण गरमी से राहत पाने के लिए पर्वतीय स्थल पर जाती हैं। वहाँ वह एक गरीब भुट्टे वाले से पाँच रुपये के भुट्टे के लिए मोल-भाव करती हैं, लेकिन बाद में उन्हें अपनी गलती का अहसास होता है। वे सोचती हैं कि अमीर लोग बड़े होटलों और मॉलों में हजारों रुपये बिना पूछे खर्च कर देते हैं, लेकिन गरीब को मेहनत का उचित दाम देने में आनाकानी करते हैं। यह सोचकर उन्हें अपनी मानसिक 'कंगाली' पर शर्म आती है और वे उचित दाम देकर भुट्टे खरीद लेती हैं।
दूसरी कथा 'सही उत्तर' में, एक योग्य युवक भ्रष्टाचार और रिश्वतखोरी के कारण नौकरी पाने में असफल रहता है। अंत में, एक साक्षात्कार में वह निडर होकर भ्रष्टाचार को 'दीमक' और 'कलंक' बताता है। उसकी ईमानदारी और सही उत्तर से प्रभावित होकर अधिकारी उसका चयन कर लेते हैं। यह कहानी सिद्ध करती है कि सत्य परेशान हो सकता है, लेकिन पराजित नहीं।
English:
This lesson presents two instructive short stories.
In the first story 'Kangal' (The Pauper), the writer goes to a hill station to escape the scorching heat. There, she haggles with a poor corn seller over a five-rupee corn cob but later realizes her mistake. She reflects on how rich people spend thousands in big hotels and malls without questioning, yet hesitate to pay a poor person a fair price for their hard work. Realizing her mental 'poverty' (stinginess), she feels ashamed and buys the corn at the asking price.
In the second story 'Sahi Uttar' (The Correct Answer), a qualified young man fails to get a job due to corruption and bribery. Finally, in an interview, he fearlessly describes corruption as a 'termite' and a 'stain'. Impressed by his honesty and correct answer, the officials select him. This story proves that truth may be troubled, but it cannot be defeated.
केंद्रीय भाव (Bilingual Theme / Central Idea)
हिन्दी:
'कंगाल' कहानी का केंद्रीय भाव यह है कि हमें गरीबों के प्रति संवेदनशील होना चाहिए और अनावश्यक मोल-भाव करने की संकीर्ण मानसिकता (कंगाली) को त्यागना चाहिए। 'सही उत्तर' कहानी का मुख्य विचार यह है कि भ्रष्टाचार समाज के लिए एक अभिशाप है और अंततः नैतिकता, सत्य और ईमानदारी की ही जीत होती है।
English:
The central theme of the story 'Kangal' is that we should be sensitive towards the poor and abandon the narrow mentality (poverty of thought) of unnecessary haggling. The main idea of the story 'Sahi Uttar' is that corruption is a curse for society, and ultimately, morality, truth, and honesty prevail.
पात्रों का चरित्र-चित्रण (Bilingual Character Sketch)
१. लेखिका (कथा 'कंगाल' में) / The Writer (in story 'Kangal'):
हिन्दी:
आत्म-चिंतनशील: लेखिका अपने व्यवहार पर विचार करती हैं और अपनी गलती स्वीकार करती हैं।
संवेदनशील: उन्हें महसूस होता है कि समाज का एक वर्ग अमीरों के सामने झुकता है और गरीबों पर रोब जमाता है, जो अनुचित है।
न्यायप्रिय: अपनी गलती का अहसास होते ही वह तुरंत वापस जाकर भुट्टे वाले को उचित दाम देती हैं।
English:
Introspective: The writer reflects on her behavior and accepts her mistake.
Sensitive: She realizes that a section of society bows down to the rich but dominates the poor, which is unfair.
Just: As soon as she realizes her mistake, she immediately goes back and pays the corn seller the fair price.
२. युवक (कथा 'सही उत्तर' में) / The Young Man (in story 'Sahi Uttar'):
हिन्दी:
स्वाभिमानी और ईमानदार: वह अपनी योग्यता पर भरोसा रखता है और रिश्वत देने के सख्त खिलाफ है।
स्पष्टवादी: वह साक्षात्कार में बिना किसी डर के भ्रष्टाचार के खिलाफ अपनी राय व्यक्त करता है।
धैर्यवान: बार-बार असफल होने के बावजूद वह निराश होकर अपने नैतिक मूल्यों को नहीं छोड़ता।
English:
Self-respecting and Honest: He trusts his qualifications and is strictly against paying bribes.
Outspoken: He expresses his opinion against corruption fearlessly in the interview.
Patient: Despite repeated failures, he does not give up his moral values in despair.
शब्दार्थ (Glossary)
शब्द (Word) | पर्यायवाची शब्द (Synonym) | विलोम शब्द (Antonym) |
भीषण | भयानक / डरावना | सौम्य / साधारण |
सुकून | शांति / चैन | बेचैनी / अशांति |
नीरवता | खामोशी / सन्नाटा | कोलाहल / शोर |
कंगाल | निर्धन / दरिद्र | धनी / अमीर |
लिजलिजा | सीलनभरा / चिपचिपा | सूखा / स्वच्छ |
साक्षात्कार | भेंट / मुलाक़ात | - |
कलंक | धब्बा / दोष | यश / सम्मान |
समर्थन | अनुमोदन / साथ देना | विरोध |
परास्त | हारा हुआ / पराजित | विजयी / जीता हुआ |
उमस | गरमी / घबराहट | ठंडक |
सही या गलत (कारण सहित) (True or False with Reason)
कथन १: शहर में भुट्टे वाले को एक भुट्टे के दो रुपये मिलते थे।
उत्तर: सही। कारण, लेखिका ने भुट्टे वाले से कहा, "हमारे शहर में तो दो रुपये में एक मिलता है"।
कथन २: लेखिका ने अंत में भुट्टे वाले से दस रुपये में चार भुट्टे खरीदे।
उत्तर: गलत। कारण, लेखिका ने बीस रुपये में चार भुट्टे खरीदे।
कथन ३: युवक के अनुसार रिश्वत भ्रष्टाचार की बहन है।
उत्तर: सही। कारण, युवक ने साक्षात्कार में स्पष्ट कहा कि वह रिश्वत को भ्रष्टाचार की बहन मानता है।
कथन ४: उपहार देकर हम केवल खुशियों या कर्तव्यों का आदान-प्रदान करते हैं।
उत्तर: सही। कारण, पाठ के अनुसार उपहार का उद्देश्य खुशियाँ बाँटना होता है, न कि काम निकलवाना।
कथन ५: अधिकारियों ने युवक को बाहर निकाल दिया क्योंकि उसने कड़वा सच बोला था।
उत्तर: गलत। कारण, अधिकारियों ने युवक के सही उत्तर और साहस की प्रशंसा (दाद) करते हुए उसका चयन कर लिया।
स्वमत (Personal Opinion)
प्रश्न १: 'कंगाल' कहानी के शीर्षक की सार्थकता स्पष्ट कीजिए।
उत्तर: 'कंगाल' शीर्षक इस कहानी के लिए अत्यंत सार्थक और व्यंग्यात्मक है। साधारण अर्थ में कंगाल वह है जिसके पास धन न हो। लेकिन यहाँ लेखिका ने उन संपन्न लोगों को 'मानसिक कंगाल' कहा है जो हजारों रुपये विलासिता पर खर्च कर देते हैं, पर गरीब से १-२ रुपये के लिए झगड़ते हैं। जब लेखिका को अपनी इस संकीर्ण सोच का अहसास हुआ, तो उन्हें लगा कि असल में गरीब वह भुट्टे वाला नहीं, बल्कि वे स्वयं हैं।
उत्तर लिखने के लिए उपयोगी महत्वपूर्ण शब्द: व्यंग्यात्मक, मानसिक कंगाली, संपन्न, विलासिता, संकीर्ण सोच, संवेदनशीलता।
प्रश्न २: "सत्य कुछ समय के लिए निराश हो सकता है, परास्त नहीं" - इस विचार को स्पष्ट करें।
उत्तर: यह कथन जीवन के संघर्ष और सत्य की अंतिम विजय को दर्शाता है। सत्य के मार्ग पर चलने वाले व्यक्ति को कदम-कदम पर परीक्षाओं और कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है, जैसा कि कहानी में युवक के साथ हुआ। झूठ और भ्रष्टाचार का रास्ता आसान लग सकता है, लेकिन वह क्षणिक होता है। सत्य को दबाया जा सकता है, परेशान किया जा सकता है, लेकिन अंत में जीत हमेशा सत्य की ही होती है।
उत्तर लिखने के लिए उपयोगी महत्वपूर्ण शब्द: संघर्ष, अंतिम विजय, कठिनाइयाँ, क्षणिक, शाश्वत, नैतिक मूल्य।
प्रश्न ३: भ्रष्टाचार एक सामाजिक कलंक है, इस पर अपने विचार लिखिए।
उत्तर: भ्रष्टाचार वास्तव में समाज के माथे पर एक गहरा कलंक है। यह दीमक की तरह देश की जड़ों को खोखला कर देता है। भ्रष्टाचार के कारण योग्य व्यक्तियों को अवसर नहीं मिलता और अयोग्य लोग आगे बढ़ जाते हैं, जिससे देश की प्रगति रुक जाती है। रिश्वतखोरी, कालाबाजारी और भाई-भतीजावाद ने सामाजिक व्यवस्था को पंगु बना दिया है। एक सभ्य समाज के लिए यह शर्मनाक स्थिति है जिसे जड़ से मिटाना आवश्यक है।
उत्तर लिखने के लिए उपयोगी महत्वपूर्ण शब्द: सामाजिक कलंक, दीमक, खोखला, प्रगति में बाधा, रिश्वतखोरी, कालाबाजारी, पंगु, शर्मनाक।
प्रश्न ४: मेहनत की कमाई का महत्त्व समझाइए।
उत्तर: मेहनत की कमाई में जो सुख और आत्म-संतोष मिलता है, वह बेईमानी के धन में कभी नहीं मिल सकता। कड़ी धूप और बारिश में मेहनत करने वाले फेरीवाले या मजदूर स्वाभिमान के साथ जीते हैं। उनकी कमाई का एक-एक पैसा उनके पसीने का होता है। हमें उनकी मेहनत का सम्मान करना चाहिए और उचित मूल्य चुकाना चाहिए। मेहनत की रोटी ही सच्ची शांति और 'सुकून' देती है, जैसा कि कहानी के अंत में लेखिका ने अनुभव किया।
उत्तर लिखने के लिए उपयोगी महत्वपूर्ण शब्द: आत्म-संतोष, स्वाभिमान, पसीना, सम्मान, उचित मूल्य, मानसिक शांति।
प्रश्न ५: साक्षात्कार (Interview) देते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?
उत्तर: साक्षात्कार देते समय सबसे महत्वपूर्ण है आत्मविश्वास और ईमानदारी। अभ्यर्थी को अपने विषय का पूरा ज्ञान होना चाहिए। जैसा कि कहानी में युवक ने किया, प्रश्नों का उत्तर स्पष्टता और निडरता से देना चाहिए। वेशभूषा औपचारिक और सौम्य होनी चाहिए। झूठ बोलने या बनावटी उत्तर देने से बचना चाहिए, क्योंकि साक्षात्कार लेने वाले अधिकारी अनुभव से सच्चाई जान लेते हैं। विनम्रता और शिष्टाचार भी सफलता की कुंजी हैं।
उत्तर लिखने के लिए उपयोगी महत्वपूर्ण शब्द: आत्मविश्वास, ईमानदारी, विषय ज्ञान, स्पष्टता, निडरता, औपचारिक वेशभूषा, विनम्रता, शिष्टाचार।
पिछली बोर्ड परीक्षाओं में पूछे गए प्रश्न (Previous Years' Board Questions)
प्रश्न १: संजाल पूर्ण कीजिए: गरमी की विशेषताएँ (पाठ के आधार पर)।
उत्तर:
दिन अंगारे की तरह तपे रहते थे।
रातों में लू और उमस से चैन नहीं मिलता था।
मौसम लिजलिजा और घुटनभरा था।
भयंकर (भीषण) गरमी पड़ रही थी।
प्रश्न २: कारण लिखिए: लेखक के मन परिवर्तन के क्या कारण थे?
उत्तर:
गरीब भुट्टे वाले की मजबूरी और मेहनत का विचार।
यह अहसास होना कि हम अमीरों (मॉल/होटल) को मुँहमाँगा दाम देते हैं।
गरीबों के साथ २-३ रुपये के लिए झिक-झिक करने पर आत्म-ग्लानि।
स्वयं की सोच को 'कंगाल' महसूस करना।
प्रश्न ३: प्रवाह तालिका पूर्ण कीजिए: लोग रिश्वत देकर ये लाभ उठाते हैं।
उत्तर:
रुके हुए कार्य करवाना।
दबी हुई फाइलों को आगे बढ़ाना।
टलती हुई पदोन्नति (Promotion) प्राप्त करना।
रोकी गई नौकरी हासिल करना।
प्रश्न ४: युवक ने भ्रष्टाचार और रिश्वत के बारे में क्या परिभाषा दी?
उत्तर: युवक के अनुसार:
भ्रष्टाचार: एक ऐसा कीड़ा है जो देश को घुन की तरह खा रहा है और देश के लिए कलंक है।
रिश्वत: यह भ्रष्टाचार की बहन है, जो रुके हुए कार्यों को गलत तरीके से करवाने का साधन है।
प्रश्न ५: पाठ के आधार पर 'उपहार' और 'रिश्वत' में अंतर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
उपहार: विशेष अवसरों पर प्रियजनों, परिचितों या मित्रों को दिया जाता है। यह केवल खुशियों, सद्भावना और कर्तव्यों का आदान-प्रदान है।
रिश्वत: इसका स्वरूप उपहार जैसा हो सकता है, लेकिन इसका उद्देश्य स्वार्थ सिद्धि, रुके हुए कार्य करवाना या पदोन्नति पाना होता है। यह भ्रष्टाचार है।
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