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    2.3 - अलग अंदाज में होली - Alag Andaaz Mein Holi - Class 7 - Sugambharati 1

    • Nov 1
    • 7 min read

    Updated: Nov 5

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    पाठ का प्रकार: गद्य

    पाठ का शीर्षक: अलग अंदाज में होली

    लेखक/कवि का नाम: पवन चौहान


    सारांश (Bilingual Summary)


    हिन्दी: यह पाठ मुहल्ले के कुछ बच्चों की कहानी है जो होली को एक नए तरीके से मनाने का निर्णय लेते हैं। शालिनी नाम की एक लड़की वृद्धाश्रम में बुजुर्गों के साथ होली मनाने का सुझाव देती है, जिन्हें उनके अपनों ने बेसहारा छोड़ दिया है। सभी बच्चे सहमत होकर वृद्धाश्रम पहुँचते हैं और बुजुर्गों के साथ रंगों से होली खेलते हैं। इस उत्सव से बुजुर्गों में एक नई स्फूर्ति आ जाती है और वे अपने सारे दुख भूल जाते हैं। बच्चे और बुजुर्ग मिलकर खाते-पीते हैं, किस्से-कहानियाँ सुनते-सुनाते हैं और गीत-नृत्य का आनंद लेते हैं। एक बुजुर्ग बच्चों को धन्यवाद देते हुए उन्हें 'समझदार और अच्छी सोच वाली' पीढ़ी बताते हैं। विदा लेते समय बुजुर्ग बच्चों को 'कॉपी और पेन' भेंट करते हैं और बच्चे एक ऐसे समाज के निर्माण का वादा करते हैं जहाँ बुजुर्गों का सम्मान हो।

    English:This lesson is the story of some neighborhood children who decide to celebrate Holi in a new way. A girl named Shalini suggests celebrating Holi at an old age home with the elderly, who have been abandoned by their families. All the children agree, go to the old age home, and play Holi with colors with the elders. This celebration brings new energy to the elders, and they forget all their sorrows. The children and the elders eat together, share stories, and enjoy songs and dance. An elder thanks the children, calling them a 'sensible and well-thinking' generation. While departing, the elders gift 'notebooks and pens' to the children, and the children promise to build a society where elders are respected.


    केंद्रीय भाव (Bilingual Theme / Central Idea)


    हिन्दी: इस कहानी का केंद्रीय भाव बुजुर्गों की समस्याओं और उनके अकेलेपन को उजागर करना है। यह पाठ हमें सिखाता है कि त्योहारों का सच्चा आनंद केवल मनोरंजन में नहीं, बल्कि अपनी खुशियाँ दूसरों, विशेषकर जरूरतमंदों और बेसहारा लोगों, के साथ बाँटने में है। यह कहानी नई पीढ़ी को बुजुर्गों के प्रति सद्व्यवहार करने, उनका सम्मान करने और एक ऐसा संस्कारवान समाज बनाने के लिए प्रेरित करती है जहाँ कोई भी माता-पिता वृद्धाश्रम में रहने को मजबूर न हो।

    English: The central theme of this story is to highlight the problems and loneliness of the elderly. This lesson teaches us that the true joy of festivals lies not just in entertainment, but in sharing our happiness with others, especially the needy and abandoned. This story inspires the new generation to behave well with elders, respect them, and build a cultured society where no parent is forced to live in an old age home.


    पात्रों का चरित्र-चित्रण (Bilingual Character Sketch)


    शालिनी:

    हिन्दी: शालिनी एक समझदार, संवेदनशील और अच्छी सोच रखने वाली लड़की है। वह अपने साथियों को त्योहार का सच्चा अर्थ समझाती है और उन्हें मनोरंजन के बजाय एक "अच्छा काम" करने के लिए प्रेरित करती है। उसमें नेतृत्व के गुण हैं और वह समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी समझती है। English: Shalini is a sensible, sensitive, and well-thinking girl. She explains the true meaning of the festival to her friends and inspires them to do a "good deed" instead of just revelry. She has leadership qualities and understands her responsibility towards society.

    वृद्धाश्रम के बुजुर्ग:

    हिन्दी: ये वे बेसहारा लोग हैं जिन्हें उनके अपनों ने छोड़ दिया है और वे छोटी-छोटी खुशियों की तलाश में रहते हैं। बच्चों के आने से उनमें नई स्फूर्ति आ जाती है। वे स्नेही (बच्चों को भेंट देना), भावुक (आँखें भर आना) और ज्ञानी (संस्कारवान पीढ़ी का संदेश देना) हैं। वे प्यार और अपनेपन के भूखे हैं।

    English: These are helpless people abandoned by their families, who search for small joys. The children's arrival brings new energy to them. They are affectionate (giving gifts to children), emotional (getting teary-eyed), and wise (giving a message about a cultured generation). They are hungry for love and a sense of belonging.


    शब्दार्थ (Glossary)



    शब्द (Word)

    पर्यायवाची शब्द (Synonym)

    विलोम शब्द (Antonym)

    बुजुर्ग

    वृद्ध

    युवा, जवान

    समर्थन

    सहमति

    विरोध

    माहौल

    वातावरण

    -

    लौ

    ज्योति

    अंधकार

    साँझ

    शाम

    सुबह, भोर

    नेक

    अच्छा, भला

    बुरा

    त्याग

    छोड़ना

    ग्रहण

    खुशी

    आनंद, हर्ष

    दुख, उदासी

    बेसहारा

    असहाय

    सहारा

    स्वागत

    अभिनंदन

    विदा


    सही या गलत (कारण सहित) (True or False with Reason)


    कथन १: बच्चों ने डीजे के साथ थिरकते हुए होली मनाने का फैसला किया।

    उत्तर: गलत। कारण, यह केवल एक बच्चे का सुझाव था, लेकिन अंत में सभी ने शालिनी के वृद्धाश्रम जाने के सुझाव का समर्थन किया।

    कथन २: वृद्धाश्रम के बुजुर्ग होली खेलने के लिए बिल्कुल उत्सुक नहीं थे।

    उत्तर: गलत। कारण, पाठ में लिखा है कि रंग की थैलियाँ हाथ में आते ही वृद्धों में एक नई स्फूर्ति आ गई और वे इस मौके का कई दिनों से इंतजार कर रहे थे।

    कथन ३: बुजुर्गों ने बच्चों को अपनी जिंदगी के हँसी-मजाक के किस्से सुनाए।

    उत्तर: सही। कारण, पाठ में स्पष्ट लिखा है, "भोजन के बाद बुजुर्गों ने सभी बच्चों को अपनी जिंदगी के हँसी-मजाक के किस्से सुनाए"।

    कथन ४: एक बुजुर्ग ने बच्चों को स्वार्थी और बुरी सोच वाला बताया।

    उत्तर: गलत। कारण, बुजुर्ग ने कहा, "ये बच्चे समझदार और अच्छी सोच रखने वाले इनसान हैं।"

    कथन ५: बुजुर्गों ने बच्चों को भेंट में रंग और मिठाइयाँ दीं।

    उत्तर: गलत। कारण, जाने से पहले बुजुर्गों ने सब बच्चों को "कॉपी और पेन" भेंट किए।


    स्वमत (Personal Opinion)


    प्रश्न १: शालिनी का वृद्धाश्रम में होली मनाने का निर्णय आपको कैसा लगा और क्यों?

    उत्तर: शालिनी का वृद्धाश्रम में होली मनाने का निर्णय मुझे बहुत अच्छा और प्रेरणादायक लगा। यह निर्णय दिखाता है कि त्योहारों का असली मतलब सिर्फ हुड़दंग मचाना नहीं, बल्कि खुशियाँ बाँटना है। उन बुजुर्गों को, जिन्हें उनके अपनों ने भुला दिया, खुशी के कुछ पल देना किसी भी उत्सव का सबसे नेक काम है।

    उत्तर लिखने के लिए उपयोगी महत्वपूर्ण शब्द: नेक कार्य, प्रेरणादायक, खुशियाँ बाँटना, बुजुर्गों का सम्मान, संवेदनशीलता।

    प्रश्न २: "बचपन और बुढ़ापा आज एक मंच पर बैठकर खूब मस्ती कर रहे थे।" - इस पंक्ति का क्या आशय है?

    उत्तर: इस पंक्ति का आशय है कि उस दिन वृद्धाश्रम में उम्र की सारी सीमाएँ मिट गई थीं। बच्चों का उत्साह और बुजुर्गों का अनुभव एक साथ मिल गए थे। बच्चे अपनी शरारतों से बुजुर्गों को उनका बचपन याद दिला रहे थे, और बुजुर्ग अपने किस्सों से बच्चों का मनोरंजन कर रहे थे। यह दो पीढ़ियों का एक सुंदर मिलन था जहाँ दोनों एक-दूसरे की खुशी का कारण बन रहे थे।

    उत्तर लिखने के लिए उपयोगी महत्वपूर्ण शब्द: पीढ़ियों का मिलन, उम्र का अंतर, आपसी खुशी, उत्साह, अनुभव, आनंद।

    प्रश्न ३: बुजुर्ग ने "संस्कारवान पीढ़ी" की आवश्यकता पर जोर क्यों दिया?

    उत्तर: बुजुर्ग ने "संस्कारवान पीढ़ी" की आवश्यकता पर इसलिए जोर दिया क्योंकि उन्हें वृद्धाश्रम में रहने को मजबूर होना पड़ा था। उनके अपने बच्चों में संस्कारों की कमी थी, जिन्होंने उन्हें बेसहारा छोड़ दिया। बुजुर्ग का मानना था कि केवल एक संस्कारवान पीढ़ी ही अपने माता-पिता के प्रति जिम्मेदारी को समझेगी, उनका सम्मान करेगी और उन्हें अपने साथ रखेगी। ऐसी पीढ़ी ही भविष्य में वृद्धाश्रमों को भरने से रोक सकती है।

    उत्तर लिखने के लिए उपयोगी महत्वपूर्ण शब्द: संस्कारों की कमी, जिम्मेदारी, माता-पिता का सम्मान, बुढ़ापे का सहारा, वृद्धाश्रम की रोकथाम।

    प्रश्न ४: आपके विचार में बुजुर्गों ने बच्चों को "नन्हे फरिश्ते" क्यों कहा?

    उत्तर: मेरे विचार में बुजुर्गों ने बच्चों को "नन्हे फरिश्ते" इसलिए कहा क्योंकि उन बच्चों ने वही किया जो एक फरिश्ता करता है- जीवन में खुशियाँ लाना और दुख दूर करना। जिन बुजुर्गों को उनके अपनों ने प्यार नहीं दिया, उन गैर बच्चों ने उन्हें अपनों-सा प्यार दिया। वे बच्चे उन बुजुर्गों के जीवन में बिना किसी स्वार्थ के ढेर सारी खुशियाँ लेकर आए थे, इसलिए वे उन्हें फरिश्तों के समान लगे।

    उत्तर लिखने के लिए उपयोगी महत्वपूर्ण शब्द: फरिश्ते, अपनों-सा प्यार, निस्वार्थ सेवा, खुशियाँ लाना, अकेलापन दूर करना, आशीर्वाद।

    प्रश्न ५: इस "अलग अंदाज" की होली से समाज को क्या संदेश मिलता है?

    उत्तर: इस "अलग अंदाज" की होली से समाज को यह स्पष्ट संदेश मिलता है कि त्योहारों को मनाने का सबसे अच्छा तरीका खुशियाँ बाँटना है। यह हमें सिखाता है कि हमें अपने समाज के उपेक्षित और जरूरतमंद लोगों, विशेषकर बुजुर्गों, को कभी नहीं भूलना चाहिए। यह कहानी एक सकारात्मक सोच को बढ़ावा देती है कि हमारी नई पीढ़ी को अपने बड़ों का सम्मान करना चाहिए और उनकी देखभाल की जिम्मेदारी लेनी चाहिए।

    उत्तर लिखने के लिए उपयोगी महत्वपूर्ण शब्द: सकारात्मक सोच, खुशियाँ बाँटना, सामाजिक जिम्मेदारी, बुजुर्गों का सम्मान, देखभाल, सद्व्यवहार।


    संभावित परीक्षा प्रश्न (Probable Exam Questions)


    प्रश्न १: मुहल्ले के बच्चों ने होली को नए तरीके से मनाने के लिए क्या निश्चय किया?

    उत्तर: शालिनी के सुझाव पर, मुहल्ले के बच्चों ने इस बार की होली का त्योहार शहर के वृद्धाश्रम में बुजुर्गों के साथ मनाने का निश्चय किया, ताकि बुजुर्गों को अपनों की कमी महसूस न हो और उन्हें ढेर सारी खुशियाँ मिलें।

    प्रश्न २: वृद्धाश्रम पहुँचकर बच्चों ने सबसे पहले क्या किया?

    उत्तर: वृद्धाश्रम पहुँचकर बच्चों ने सबसे पहले वृद्धों को नमस्कार किया और सबके हाथ में रंग की एक-एक थैली पकड़ा दी।

    प्रश्न ३: एक बुजुर्ग ने बच्चों की प्रशंसा करते हुए क्या कहा?

    उत्तर: बुजुर्ग ने कहा कि बच्चों ने उन्हें खुशी के वे पल दिए हैं जो उनके अपनों ने उनसे छीन लिए थे। उन्होंने बच्चों को "समझदार और अच्छी सोच रखने वाले इनसान" बताया और कहा कि यही बच्चे भविष्य में एक संस्कारवान पीढ़ी का निर्माण करेंगे जो वृद्धाश्रमों को भरने से रोक पाएगी।

    प्रश्न ४: जाने से पहले बुजुर्गों ने बच्चों को भेंट में क्या दिया?

    उत्तर: जाने से पहले बुजुर्गों ने सब बच्चों को कॉपी और पेन भेंट किए।

    प्रश्न ५: मुहल्लेवासियों ने शालिनी और उसकी टीम का स्वागत क्यों किया?

    उत्तर: मुहल्लेवासियों ने शालिनी और उसकी टीम का तालियों के साथ जोरदार स्वागत इसलिए किया क्योंकि वे अपने बच्चों द्वारा वृद्धाश्रम में जाकर किए गए इस नेक कार्य पर गर्व महसूस कर रहे थे।


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