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    2.7. महिला आश्रम - Mahila Ashram - Class 10 - Lokbharati

    • 19 hours ago
    • 7 min read

    पाठ का प्रकार: गद्य (पत्र)

    पाठ का शीर्षक: महिला आश्रम

    लेखक का नाम: काका कालेलकर


    सारांश (Bilingual Summary)


    हिन्दी: यह पाठ एक पत्र के रूप में है जो काका कालेलकर ने अपनी शिष्या सरोज को लिखा है। इसमें वे 'महिला आश्रम' की स्थापना और उसके नियमों के बारे में मार्गदर्शन देते हैं।

    लेखक निर्देश देते हैं कि आश्रम का संचालन पूरी तरह महिलाओं के हाथ में होना चाहिए और पुरुषों का कोई हस्तक्षेप नहीं होना चाहिए। आश्रम का विज्ञापन अखबार में नहीं दिया जाना चाहिए और यहाँ आने वाली महिलाओं को अपने भोजन और वस्त्र की व्यवस्था स्वयं करनी चाहिए (स्वावलंबन)। आश्रम सभी धर्मों के लिए खुला रहेगा और यहाँ सादगी, भक्ति और सेवा का वातावरण होगा।

    पत्र के दूसरे भाग में, लेखक प्रकृति के प्रति अपना प्रेम व्यक्त करते हैं। वे गुलदाउदी और जिनिया के फूलों की सुंदरता का वर्णन करते हैं। अंत में, वे हिंदू-मुस्लिम एकता के लिए उर्दू सीखने की बात करते हैं और सरोज को स्वास्थ्य का ध्यान रखने की सलाह देते हैं।

    English: This lesson is in the form of a letter written by Kaka Kalelkar to his disciple Saroj. In it, he gives guidance regarding the establishment and rules of a 'Mahila Ashram' (Women's Ashram).

    The author instructs that the ashram should be managed entirely by women, with no interference from men. No advertisements should be placed in newspapers, and women coming here must arrange for their own food and clothing (self-reliance). The ashram will be open to all religions and will have an atmosphere of simplicity, devotion, and service.

    In the second part of the letter, the author expresses his love for nature. He describes the beauty of Chrysanthemum and Zinnia flowers. Finally, he talks about learning Urdu for Hindu-Muslim unity and advises Saroj to take care of her health.


    केंद्रीय भाव (Bilingual Theme / Central Idea)


    हिन्दी: इस पत्र का केंद्रीय भाव 'नारी सशक्तिकरण' और 'स्वावलंबन' है। लेखक चाहते हैं कि महिलाएँ आत्मनिर्भर बनें और स्वयं संस्था चलाएं। इसके अलावा, पाठ में 'प्रकृति प्रेम' और 'राष्ट्रीय एकता' (सर्वधर्म समभाव) के मूल्यों को भी उजागर किया गया है।

    English: The central theme of this letter is 'Women Empowerment' and 'Self-reliance'. The author wants women to become self-reliant and run the institution themselves. Additionally, the values of 'Love for Nature' and 'National Unity' (respect for all religions) are also highlighted in the text.


    पात्रों का चरित्र-चित्रण (Bilingual Character Sketch)


    काका कालेलकर (Kaka Kalelkar):

    हिन्दी:

    • दूरदर्शी मार्गदर्शक: वे आश्रम की स्थापना के लिए बहुत बारीक और व्यावहारिक निर्देश देते हैं (जैसे विज्ञापन न देना, सिफारिश वालों से खर्च की व्यवस्था करवाना)।

    • नारी के प्रति विश्वास: उन्हें विश्वास है कि महिलाएँ स्वयं संस्था चलाने में सक्षम हैं और उन्हें पुरुषों के सहारे की जरूरत नहीं है।

    • प्रकृति प्रेमी: वे फूलों (गुलदाउदी, जिनिया) को सजीव मानते हैं और उनकी देखभाल एक मित्र की तरह करते हैं।

    • सांप्रदायिक सद्भाव के समर्थक: वे गांधीजी के विचारों से प्रेरित होकर हिंदू-मुस्लिम एकता के लिए उर्दू सीखने का प्रयास करते हैं।

    English:

    • Visionary Guide: He gives very detailed and practical instructions for setting up the ashram (like not advertising, arranging expenses from those who recommend candidates).

    • Faith in Women: He believes that women are capable of running the institution themselves and do not need the support of men.

    • Nature Lover: He considers flowers (Chrysanthemum, Zinnia) as living beings and cares for them like a friend.

    • Supporter of Communal Harmony: Inspired by Gandhiji's thoughts, he tries to learn Urdu for Hindu-Muslim unity.


    शब्दार्थ (Glossary)


    शब्द (Word)

    पर्यायवाची शब्द (Synonym)

    विलोम शब्द (Antonym)

    स्वावलंबन

    आत्मनिर्भरता

    परावलंबन / निर्भरता

    कलह

    झगड़ा / विवाद

    शांति / सुलह

    कुढ़न

    खीझ / जलन

    प्रसन्नता / संतोष

    बेखटके

    नि:संकोच / बिना डर

    संकोचपूर्ण / डरते हुए

    सदाचार

    अच्छा व्यवहार / नैतिकता

    दुराचार / अनैतिकता

    उत्कटता

    तीव्रता / जोश

    मंदता / उदासीनता

    रहस्य

    भेद / राज

    स्पष्टता / खुलापन

    सिफारिश

    अनुशंसा / पैरवी

    शिकायत / निंदा

    विख्यात

    प्रसिद्ध / मशहूर

    कुख्यात / बदनाम

    निमित्त

    साधन / कारण

    -

    सही या गलत (कारण सहित) (True or False with Reason)


    कथन १: आश्रम का विज्ञापन अखबार में दिया जाना चाहिए।

    उत्तर: गलत। कारण, लेखक ने पत्र में स्पष्ट लिखा है कि "उस आश्रम का विज्ञापन अखबार में नहीं दिया जाए"।

    कथन २: आश्रम में सभी धर्मों को मान्य किया जाएगा।

    उत्तर: सही। कारण, लेखक ने निर्देश दिया है कि "आश्रम किसी एक धर्म से चिपका नहीं होगा। सभी धर्म आश्रम को मान्य होंगे"।

    कथन ३: जिनिया के पौधे को लेखक ने उखाड़ कर फेंक दिया।

    उत्तर: गलत। कारण, लेखक ने उसे रास्ते के किनारे से निकालकर अपने सिरहाने के पास लगा दिया ताकि वह सुरक्षित रहे।

    कथन ४: आश्रम की व्यवस्था में पुरुषों का सहयोग लेना अनिवार्य है।

    उत्तर: गलत। कारण, लेखक का स्पष्ट मत है कि "उसकी व्यवस्था में या संचालन में किसी पुरुष का संबंध न हो"।

    कथन ५: आश्रम में दाखिल महिला जब चाहे तब आश्रम छोड़ सकती है।

    उत्तर: सही। कारण, नियम के अनुसार "दाखिल हुई कोई भी महिला जब चाहे तब आश्रम छोड़ सकती है"।


    स्वमत (Personal Opinion)


    प्रश्न १: "स्वावलंबन" (Self-reliance) का महत्व अपने शब्दों में लिखिए।

    उत्तर: स्वावलंबन का अर्थ है अपने पैरों पर खड़ा होना। काका कालेलकर ने महिला आश्रम में स्वावलंबन को अनिवार्य बताया है। जब कोई व्यक्ति, विशेषकर महिला, स्वावलंबी होती है, तो उसका आत्मविश्वास बढ़ता है। वह समाज में सम्मान के साथ जी सकती है और किसी पर बोझ नहीं बनती। स्वावलंबन हमें विपरीत परिस्थितियों का सामना करने की शक्ति देता है। यह आर्थिक और मानसिक दोनों रूपों में व्यक्ति को स्वतंत्र बनाता है।

    उत्तर लिखने के लिए उपयोगी महत्वपूर्ण शब्द: आत्मविश्वास, सम्मान, बोझ, विपरीत परिस्थितियाँ, आर्थिक स्वतंत्रता, मानसिक शक्ति, अनिवार्य।

    प्रश्न २: प्रकृति से हमारा रिश्ता कैसा होना चाहिए? (गुलदाउदी और जिनिया के संदर्भ में)

    उत्तर: प्रकृति से हमारा रिश्ता मित्रता और प्रेम का होना चाहिए। पाठ में लेखक फूलों की कलियों के खुलने का इंतजार करते हैं और जिनिया के पौधे को बचाकर अपने पास लगाते हैं। यह दर्शाता है कि प्रकृति में भी प्राण होते हैं। जब हम प्रकृति की देखभाल करते हैं, तो बदले में वह हमें मानसिक शांति और आनंद देती है। पेड़-पौधे हमारे मूक साथी हैं जो हमारे जीवन को सुंदर बनाते हैं। हमें उनका संरक्षण करना चाहिए।

    उत्तर लिखने के लिए उपयोगी महत्वपूर्ण शब्द: मित्रता, प्रेम, सजीव, देखभाल, मानसिक शांति, आनंद, मूक साथी, संरक्षण।

    प्रश्न ३: किसी भी संस्था को चलाने के लिए अनुशासन (Discipline) क्यों आवश्यक है?

    उत्तर: अनुशासन किसी भी संस्था की नींव होता है। काका कालेलकर ने आश्रम के लिए कड़े नियम बनाए, जैसे सिफारिश के साथ खर्च की व्यवस्था और परिचय के बिना प्रवेश न देना। अनुशासन के बिना संस्था में अव्यवस्था और कलह फैल सकती है। अनुशासन सदस्यों को उनकी जिम्मेदारियों का अहसास दिलाता है और संस्था के वातावरण को पवित्र और कार्यकुशल बनाए रखता है। इसके बिना कोई भी सामाजिक कार्य सफल नहीं हो सकता।

    उत्तर लिखने के लिए उपयोगी महत्वपूर्ण शब्द: नींव, कड़े नियम, अव्यवस्था, कलह, जिम्मेदारी, पवित्र वातावरण, कार्यकुशलता, सफलता।

    प्रश्न ४: राष्ट्रीय एकता के लिए भाषा का क्या महत्व है?

    उत्तर: भाषा लोगों को जोड़ने का सबसे सशक्त माध्यम है। लेखक ने गांधीजी की इच्छा अनुसार हिंदू-मुस्लिम एकता के लिए उर्दू सीखने का निर्णय लिया। जब हम दूसरे समुदाय की भाषा सीखते हैं, तो हम उनकी संस्कृति को बेहतर समझ पाते हैं, जिससे गलतफहमियां दूर होती हैं। भारत जैसे विविधतापूर्ण देश में विभिन्न भाषाओं का सम्मान और ज्ञान आपसी भाईचारे को बढ़ाता है और राष्ट्रीय एकता को मजबूत करता है।

    उत्तर लिखने के लिए उपयोगी महत्वपूर्ण शब्द: सशक्त माध्यम, संस्कृति, गलतफहमियां, विविधता, सम्मान, आपसी भाईचारा, राष्ट्रीय एकता।

    प्रश्न ५: पत्र लेखन (Letter Writing) की उपयोगिता पर अपने विचार लिखें।

    उत्तर: आज के डिजिटल युग में भी पत्र लेखन का विशेष महत्व है। पत्र केवल सूचना देने का साधन नहीं, बल्कि भावनाओं को व्यक्त करने का एक आत्मीय तरीका है। काका कालेलकर का पत्र इसका उदाहरण है, जिसमें मार्गदर्शन के साथ-साथ अपनापन भी है। पत्र एक लिखित दस्तावेज होता है जिसे हम संभालकर रख सकते हैं। इसमें विचारों की गहराई और स्पष्टता होती है जो अक्सर त्वरित संदेशों (Instant Messaging) में नहीं मिल पाती।

    उत्तर लिखने के लिए उपयोगी महत्वपूर्ण शब्द: डिजिटल युग, भावनाओं की अभिव्यक्ति, आत्मीयता, लिखित दस्तावेज, विचारों की गहराई, स्पष्टता, मार्गदर्शन।


    पिछली बोर्ड परीक्षाओं में पूछे गए प्रश्न (Previous Years' Board Questions)


    प्रश्न १: संजाल पूर्ण कीजिए: गुलदाउदी के फूलों की विशेषताएँ।

    उत्तर:

    • कलियाँ महीनों तक खुलती नहीं हैं।

    • जब खिलती हैं, तो एक-एक पंखुड़ी करके खिलती हैं।

    • वे बहुत दिनों तक टिकते हैं।

    • सर्दी के मौसम में बहार पर होते हैं।

    प्रश्न २: प्रवाह तालिका पूर्ण कीजिए: आश्रम के नियम।

    उत्तर:

    • व्यवस्था या संचालन में किसी पुरुष का संबंध न हो।

    • आश्रम का विज्ञापन अखबार में नहीं दिया जाएगा।

    • आने वाली महिला अपने खाने-पीने की व्यवस्था करके आए।

    • आश्रम किसी एक धर्म से चिपका नहीं होगा (सर्वधर्म समभाव)।

    प्रश्न ३: कारण लिखिए: लेखक ने जिनिया के पौधे को अपने सिरहाने क्यों लगाया?

    उत्तर: जिनिया का पौधा रास्ते के किनारे लगा था और जो भी आता-जाता था, उसकी कली तोड़ लेता था। लेखक को उस पौधे की चिंता थी और वे उसके फूल देखना चाहते थे, इसलिए उन्होंने उसे वहाँ से निकालकर सुरक्षित स्थान (अपने सिरहाने) पर लगा दिया।

    प्रश्न ४: 'ता' प्रत्यय (Suffix) लगे हुए शब्द पाठ से ढूँढ़कर लिखिए।

    उत्तर:

    1. मानवता (मानव + ता)

    2. कुशलता (कुशल + ता)

    3. उत्कटता (उत्कट + ता)

    4. एकता (एक + ता)

    प्रश्न ५: लेखक के अनुसार आश्रम का वातावरण कैसा होना चाहिए?

    उत्तर: लेखक के अनुसार, आश्रम का वातावरण कलह और कुढ़न से मुक्त और स्वतंत्र होना चाहिए। वह मानवतापूर्ण आश्रयस्थान होना चाहिए जहाँ सामान्य सदाचार, भक्ति तथा सेवा का भाव हो। साथ ही, सादगी और स्वावलंबन का आग्रह होना चाहिए।


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