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    2.7 - शिष्टाचार - Shishtachar - Class 9 - Lokbharati



    पाठ का प्रकार: गद्य (चरित्रात्मक कहानी) पाठ का शीर्षक: शिष्टाचार लेखक/कवि का नाम: भीष्म साहनी


    सारांश (Bilingual Summary)


    हिन्दी: 'शिष्टाचार' कहानी बाबू रामगोपाल के घर आए एक नए नौकर हेतू के इर्द-गिर्द घूमती है। हेतू गाँव से आया हुआ, देखने में कुरूप और उजड्ड है, जिसे देखकर मालकिन (श्रीमती) तुरंत उसे नापसंद कर देती हैं। वे नौकरों के प्रति पारंपरिक संदेह और अविश्वास रखती हैं। हेतू की vụng vềता के बावजूद, कम वेतन के कारण उसे काम पर रख लिया जाता है। कहानी में मोड़ तब आता है जब घर में बेटे के मुंडन संस्कार के दिन हेतू अचानक घर जाने की छुट्टी माँगता है। काम की व्यस्तता और गुस्से में बाबू रामगोपाल उसे चांटा मार देते हैं और चोरी के शक में उसे घर से निकाल देते हैं। कई दिनों बाद जब रामगोपाल को हेतू सड़क पर मिलता है, तो वह रोते हुए बताता है कि उस दिन उसके बच्चे की मृत्यु हो गई थी। जब रामगोपाल पूछते हैं कि उसने यह बात उसी समय क्यों नहीं बताई, तो हेतू जवाब देता है, "खुशी वाले घर में यह (बुरी खबर) नहीं कहते। हमारे गाँव में इसे बुरा मानते हैं।" यह सुनकर रामगोपाल उस गँवार समझे जाने वाले नौकर के गहरे शिष्टाचार के सामने स्तब्ध रह जाते हैं।

    English: The story 'Shishtachar' revolves around a new servant, Hetu, who comes to work at Babu Ramgopal's house. Hetu is rustic, unattractive, and clumsy, which makes the mistress (Shrimati) dislike him instantly. She holds the conventional suspicion and distrust towards servants. Despite Hetu's clumsiness, he is kept on the job because of his low salary. The story takes a turn on the day of the son's mundan (head-shaving) ceremony when Hetu suddenly asks for leave to go home. Busy and annoyed, Babu Ramgopal slaps him and, suspecting theft, throws him out of the house. Many days later, when Ramgopal finds Hetu on the street, he tearfully reveals that his child had died on that day. When Ramgopal asks why he didn't say so at the time, Hetu replies, "One doesn't share such (bad) news in a house of celebration. In our village, it is considered a bad omen." Hearing this, Ramgopal is left stunned by the profound etiquette of the servant he had considered an uncultured boor.


    केंद्रीय भाव (Bilingual Theme / Central Idea)


    हिन्दी: इस कहानी का केंद्रीय भाव सच्चे और झूठे शिष्टाचार के बीच के अंतर को उजागर करना है। लेखक ने शहरी, पढ़े-लिखे मालिक-मालकिन के सतही और वर्ग-आधारित व्यवहार की तुलना एक गरीब, गँवार नौकर के गहरे, मानवीय और अंतर्निहित शिष्टाचार से की है। कहानी यह संदेश देती है कि सच्चा शिष्टाचार केवल बाहरी दिखावे या नियमों का पालन करने में नहीं, बल्कि दूसरों की भावनाओं के प्रति गहरी सहानुभूति और सम्मान रखने में निहित है। हेतू, जिसे असभ्य समझा जाता है, अपने दुख को दबाकर दूसरों की खुशी का ख्याल रखता है, जो शिष्टाचार का सर्वोच्च रूप है। यह कहानी वर्ग-भेद और पूर्वाग्रह पर एक शक्तिशाली टिप्पणी है।

    English: The central theme of this story is to highlight the difference between true and false etiquette. The author contrasts the superficial, class-based behavior of the urban, educated couple with the deep, humane, and innate courtesy of a poor, rustic servant. The story conveys the message that true etiquette does not lie merely in outward appearances or following rules, but in having deep empathy and respect for the feelings of others. Hetu, who is considered uncivilized, displays the highest form of etiquette by suppressing his own grief to protect the happiness of others. The story is a powerful commentary on class distinction and prejudice.


    पात्रों का चरित्र-चित्रण (Bilingual Character Sketch)


    हेतू:

    हिन्दी:

    • सादगीपूर्ण और गँवार: वह शिमला के पास एक गाँव से आया है और उसका बाहरी रूप और व्यवहार उजड्ड है।

    • सहनशील: वह अपनी मालकिन की डांट-फटकार और मालिक का चांटा भी चुपचाप सह लेता है।

    • कर्तव्यनिष्ठ: वह अपना काम करता रहता है, भले ही उसे पसंद न किया जाए।

    • गहरा शिष्टाचार: वह अपने गहरे दुख के बावजूद, मालिक के घर की खुशी खराब नहीं करना चाहता, जो उसके उच्च मानवीय मूल्यों को दर्शाता है।

    English:

    • Simple and Rustic: He comes from a village near Shimla and is unrefined in his appearance and behavior.

    • Tolerant: He quietly endures the scolding of his mistress and the slap from his master.

    • Dutiful: He continues to do his work, even if he is not liked.

    • Profound Etiquette: Despite his immense grief, he does not want to spoil the happiness of his master's house, which shows his high human values.


    श्रीमती (मालकिन):

    हिन्दी:

    • घमंडी और शक्की: वह हेतू के बाहरी रूप को देखकर ही उसे नापसंद कर देती है और मानती है कि सभी नौकर झूठे और चोर होते हैं।

    • कठोर स्वभाव: वह नौकरों से गालियों में बात करती है और उनकी हर छोटी-बड़ी बात पर नजर रखती है।

    • वर्ग-चेतना से ग्रस्त: उसका व्यवहार वर्ग-भेद पर आधारित है; वह अपने पति से अंग्रेजी में और नौकर से गालियों में बात करती है।

    • अविश्वासी: हेतू के छुट्टी माँगने पर उसे तुरंत चोरी का शक होता है।


    English:

    • Arrogant and Suspicious: She dislikes Hetu just by his appearance and believes that all servants are liars and thieves.

    • Harsh Natured: She speaks to servants in abusive language and keeps a close watch on their every move.

    • Class-conscious: Her behavior is based on class distinction; she speaks to her husband in English and to the servant in abusive terms.

    • Distrustful: When Hetu asks for leave, she immediately suspects him of theft.


    बाबू रामगोपाल (मालिक):

    हिन्दी:

    • अपेक्षाकृत नरम: वे अपनी पत्नी की तुलना में कम कठोर हैं, लेकिन वे भी नौकरों के प्रति पूर्वाग्रह से ग्रस्त हैं।

    • गुस्सैल: वे हेतू के छुट्टी के लिए जिद करने पर अपना आपा खो देते हैं और उसे चांटा मार देते हैं।

    • पश्चाताप करने वाला: बाद में उन्हें अपने किए पर अफसोस होता है और वे हेतू के पैसे भेजने की सोचते हैं।

    • परिवर्तनशील: अंत में हेतू की सच्चाई जानकर वे स्तब्ध रह जाते हैं और उनका नजरिया बदल जाता है।


    English:

    • Relatively Milder: He is less harsh than his wife, but he too is prejudiced against servants.

    • Short-tempered: He loses his temper when Hetu insists on taking leave and slaps him.

    • Repentant: He later regrets his actions and thinks of sending Hetu's pending salary.

    • Capable of Change: In the end, upon learning the truth from Hetu, he is stunned, and his perspective changes.


    शब्दार्थ (Glossary)


    शब्द (Word)

    पर्यायवाची शब्द (Synonym)

    विलोम शब्द (Antonym)

    अनथक

    बिना थके, अथक

    थका हुआ

    तलब

    वेतन, पगार

    -

    गलीज

    गंदा, मैला

    स्वच्छ, साफ

    उजड्ड

    असभ्य, गँवार

    सभ्य, शिष्ट

    शिथिल

    ढीला, धीमा

    तीव्र, तेज

    परामर्श

    सलाह, मंत्रणा

    -

    पड़ताल

    जाँच, छानबीन

    -

    इत्तला

    सूचना, खबर

    -

    पसीजना

    पिघलना, द्रवित होना

    कठोर होना

    स्तब्ध

    हैरान, चकित

    सामान्य, अविचलित


    सही या गलत (कारण सहित) (True or False with Reason)


    कथन १: श्रीमती जी हेतू को पहली नजर में देखकर बहुत प्रसन्न हुईं। उत्तर: गलत। कारण, उन्होंने नौकर को "सिर से पाँव तक देखा और देखते ही मुँह फेर दिया।"


    कथन २: हेतू ने अपने बेटे के मुंडन संस्कार के लिए छुट्टी माँगी थी। उत्तर: गलत। कारण, मुंडन संस्कार मालिक के बेटे का था, जबकि हेतू के अपने बच्चे की मृत्यु हो गई थी।


    कथन ३: चांटा पड़ने के बाद सभी मेहमानों ने बाबू रामगोपाल के व्यवहार का विरोध किया। उत्तर: गलत। कारण, "यह देखकर कि केवल नौकर को चाँटा पड़ा है, आँखें फेर लीं।"


    कथन ४: हेतू ने घर से भागने से पहले कीमती सामान चुरा लिया था। उत्तर: गलत। कारण, श्रीमती जी ने अपनी चीजों की पड़ताल की लेकिन उन्हें किसी चीज के गायब होने का कोई प्रमाण नहीं मिला।


    कथन ५: हेतू ने अपनी दुखद बात इसलिए नहीं बताई क्योंकि वह खुशी के माहौल को खराब नहीं करना चाहता था। उत्तर: सही। कारण, हेतू ने कहा, "'खुशीवाले घर में यह नहीं कहते। हमारे गाँव में इसे बुरा मानते हैं।'"


    स्वमत (Personal Opinion)


    प्रश्न १: कहानी का शीर्षक 'शिष्टाचार' क्यों रखा गया है? आपके अनुसार कहानी में सबसे शिष्टाचारी कौन है? उत्तर: कहानी का शीर्षक 'शिष्टाचार' बहुत ही व्यंग्यात्मक और सार्थक है। यह शीर्षक पाठक को यह सोचने पर मजबूर करता है कि सच्चा शिष्टाचार क्या है। कहानी में बाबू रामगोपाल और उनकी पत्नी पढ़े-लिखे और तथाकथित 'सभ्य' समाज के हैं, लेकिन उनका व्यवहार नौकर के प्रति बहुत ही अशिष्ट है। इसके विपरीत, नौकर हेतू, जिसे वे 'उजड्ड' और 'गँवार' समझते हैं, शिष्टाचार का अद्भुत परिचय देता है। वह अपने असहनीय दुख को केवल इसलिए प्रकट नहीं करता ताकि किसी की खुशी में विघ्न न पड़े। मेरे अनुसार, कहानी में सबसे शिष्टाचारी पात्र हेतू ही है, क्योंकि उसका शिष्टाचार सहानुभूति और मानवीयता की गहरी समझ पर आधारित है, न कि दिखावे पर। उत्तर लिखने के लिए उपयोगी महत्वपूर्ण शब्द: व्यंग्यात्मक, सार्थक, सच्चा शिष्टाचार, सहानुभूति, मानवीयता, दिखावा, वर्ग-भेद, अंतर्निहित मूल्य।

    प्रश्न २: 'नौकर और मालिक के बीच सौहार्दपूर्ण व्यवहार होना चाहिए' - इस विषय पर अपने विचार लिखिए। उत्तर: मेरे विचार में, नौकर और मालिक का रिश्ता केवल पैसे और काम का नहीं, बल्कि आपसी विश्वास और सम्मान का होना चाहिए। यदि दोनों के बीच सौहार्दपूर्ण व्यवहार हो, तो काम का माहौल बेहतर होता है और काम की गुणवत्ता भी बढ़ती है। मालिक को समझना चाहिए कि नौकर भी एक इंसान है, जिसकी अपनी भावनाएँ, जरूरतें और आत्म-सम्मान है। उसे केवल एक वस्तु न समझकर उसके साथ मानवीय व्यवहार करना चाहिए। इसी तरह, नौकर को भी पूरी ईमानदारी और निष्ठा से अपना काम करना चाहिए। एक-दूसरे की छोटी-मोटी गलतियों को नजरअंदाज करना और मुश्किल समय में एक-दूसरे का साथ देना इस रिश्ते को मजबूत बनाता है। उत्तर लिखने के लिए उपयोगी महत्वपूर्ण शब्द: सौहार्दपूर्ण, विश्वास, सम्मान, मानवीय व्यवहार, ईमानदारी, निष्ठा, आपसी समझ, बेहतर माहौल।

    प्रश्न ३: 'मानवता ही श्रेष्ठ धर्म है' - इस विचार को हेतू के चरित्र के आधार पर स्पष्ट कीजिए। उत्तर: हेतू का चरित्र यह सिद्ध करता है कि 'मानवता ही श्रेष्ठ धर्म है'। हेतू किसी पढ़े-लिखे धर्म या नियमों का पालन नहीं करता, बल्कि वह मानवता के सबसे बड़े नियम का पालन करता है - दूसरों की भावनाओं का सम्मान करना। उसके बच्चे की मृत्यु हो चुकी थी, जो किसी भी इंसान के लिए सबसे बड़ा दुख है। इस दुख में भी उसे अपने मालिक के घर की खुशी का ख्याल था। उसने अपने धर्म या रिवाजों से ज्यादा महत्व उस घर की खुशी को दिया। उसने अपने दर्द पर मानवता का पर्दा डाल दिया। यह दर्शाता है कि सच्ची धार्मिकता कर्मकांडों में नहीं, बल्कि मानवीय संवेदनाओं और सहानुभूति में निहित है। उत्तर लिखने के लिए उपयोगी महत्वपूर्ण शब्द: मानवता, श्रेष्ठ धर्म, सहानुभूति, भावनाओं का सम्मान, संवेदनशीलता, कर्मकांड, सच्ची धार्मिकता।

    प्रश्न ४: श्रीमती जी का नौकरों के प्रति जो सामान्य विचार था, क्या वह समाज में आज भी प्रचलित है? उत्तर: हाँ, दुर्भाग्य से श्रीमती जी का नौकरों के प्रति जो सामान्य विचार था, वह समाज के एक बड़े हिस्से में आज भी प्रचलित है। आज भी कई लोग घरेलू सहायकों को शक की नजर से देखते हैं, उन पर पूरी तरह विश्वास नहीं करते और उन्हें अपने से कमतर समझते हैं। यह माना जाता है कि वे झूठे होते हैं, चोरी करते हैं और हमेशा काम से बचने के बहाने ढूंढते हैं। यह एक वर्ग-आधारित पूर्वाग्रह है जो गहरी सामाजिक असमानता को दर्शाता है। हालांकि अब शिक्षा और जागरूकता के कारण स्थिति बदल रही है, लेकिन यह मानसिकता पूरी तरह से समाप्त नहीं हुई है। उत्तर लिखने के लिए उपयोगी महत्वपूर्ण शब्द: प्रचलित, पूर्वाग्रह, शक, अविश्वास, सामाजिक असमानता, वर्ग-भेद, मानसिकता, जागरूकता।

    प्रश्न ५: यदि आप बाबू रामगोपाल की जगह होते और आपको हेतू की सच्चाई पता चलती, तो आप क्या करते? उत्तर: यदि मैं बाबू रामगोपाल की जगह होता और मुझे हेतू की सच्चाई पता चलती, तो मैं भी उनकी तरह ही स्तब्ध और शर्मिंदा हो जाता। मैं तुरंत हेतू से अपने दुर्व्यवहार, विशेषकर उसे चांटा मारने के लिए, हाथ जोड़कर माफी माँगता। मैं उसे उसकी पूरी तनख्वाह ब्याज सहित देता और उसके दुख में शामिल होने के लिए अपनी संवेदना व्यक्त करता। मैं उसे दोबारा काम पर रखने का प्रस्ताव देता और यह सुनिश्चित करता कि भविष्य में उसके साथ मेरे घर में सम्मानजनक व्यवहार हो। मैं अपनी पत्नी को भी पूरी बात बताकर उन्हें अपनी गलती का एहसास कराता ताकि वे भी नौकरों के प्रति अपना नजरिया बदल सकें। उत्तर लिखने के लिए उपयोगी महत्वपूर्ण शब्द: शर्मिंदा, माफी, संवेदना, सम्मानजनक व्यवहार, गलती का एहसास, नजरिया बदलना, प्रायश्चित।


    संभावित परीक्षा प्रश्न (Probable Exam Questions)


    प्रश्न १: श्रीमती जी के नौकरों के बारे में क्या विचार थे? उत्तर: श्रीमती जी के नौकरों के बारे में विचार थे कि:

    • सभी नौकर झूठे, गलीज और लंपट होते हैं।

    • किसी पर विश्वास नहीं किया जा सकता।

    • सभी पैसे काटते हैं और हमेशा दूसरी नौकरी की तलाश में रहते हैं।

    • मौका मिलते ही वे बीमारी की झूठी चिट्ठी मँगवा लेते हैं।


    प्रश्न २: मुंडन वाले दिन बाबू रामगोपाल ने हेतू को चांटा क्यों मारा? उत्तर: मुंडन वाले दिन घर में बहुत मेहमान थे और काम की बहुत व्यस्तता थी। ठीक उसी समय हेतू ने घर जाने के लिए छुट्टी माँगी। श्रीमान के बार-बार मना करने पर भी जब हेतू अपनी जगह से टस-से-मस नहीं हुआ, तो श्रीमान का क्रोध बेकाबू हो गया और उन्होंने उसे चांटा मार दिया।


    प्रश्न ३: हेतू को तत्काल घर जाने की आवश्यकता क्यों थी? उत्तर: हेतू को तत्काल घर जाने की आवश्यकता इसलिए थी क्योंकि उसके बच्चे की मृत्यु हो गई थी।


    प्रश्न ४: हेतू ने अपने घर जाने का असली कारण उसी समय क्यों नहीं बताया? उत्तर: हेतू ने अपने घर जाने का असली कारण उसी समय इसलिए नहीं बताया क्योंकि मालिक के घर में मुंडन का खुशी का अवसर था। उसने कहा कि खुशी वाले घर में ऐसी दुखद खबर नहीं सुनाते, क्योंकि उनके गाँव में इसे बुरा माना जाता है।


    प्रश्न ५: संजाल पूर्ण कीजिए: श्रीमती की विशेषताएँ उत्तर: श्रीमती की विशेषताएँ:

    • शक्की स्वभाव

    • कठोर व्यवहार

    • वर्ग-चेतना से ग्रस्त

    • घमंडी

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