2.8 - उड़ान - Udaan - Class 9 - Lokbharati
- Sep 16
- 10 min read

पाठ का प्रकार: पद्य (गजल) पाठ का शीर्षक: उड़ान लेखक/कवि का नाम: चंद्रसेन विराट
सारांश (Bilingual Summary)
हिन्दी: प्रस्तुत पाठ में कवि चंद्रसेन विराट की दो गजलें दी गई हैं। पहली गजल में कवि स्वाभिमान और आत्मनिर्भरता का संदेश देते हैं। वे कहते हैं कि मुश्किल परिस्थितियों में किसी से कुछ माँगना नहीं चाहिए, बल्कि स्वयं रास्ता बनाना चाहिए। सम्मान माँगा नहीं जाता, बल्कि कमाया जाता है। जिनमें क्षमता होती है, वे अवसरों की प्रतीक्षा नहीं करते, जैसे पंछी उड़ने के लिए आसमान नहीं माँगते। दूसरी गजल में कवि जीवन के अनुभवों से प्राप्त ज्ञान को प्रस्तुत करते हैं। वे कहते हैं कि बड़े लक्ष्य के लिए अधिक परिश्रम करना पड़ता है, कम बोलने और अधिक देखने वाले व्यक्ति की आँखें ही उसकी जुबान होती हैं, मुश्किल में व्यक्ति का सामर्थ्य ही उसका सबसे बड़ा सहारा होता है और एक कवि का जीवन धूपदान की तरह होता है, जो स्वयं जलकर दूसरों को सुगंध देता है।
English: This lesson presents two ghazals by the poet Chandrasen Virat. In the first ghazal, the poet conveys a message of self-respect and self-reliance. He says that one should not beg for anything in difficult situations but should find one's own way. Respect is not demanded but earned. Those who have ability do not wait for opportunities, just as birds do not ask for the sky to fly. In the second ghazal, the poet presents wisdom gained from life's experiences. He states that a bigger goal requires more effort, the eyes of a person who speaks less and observes more become their tongue, a person's own ability is their biggest support in difficult times, and a poet's life is like an incense burner, which burns itself to spread fragrance to others.
केंद्रीय भाव (Bilingual Theme / Central Idea)
हिन्दी: इन गजलों का केंद्रीय भाव मानवीय गुणों जैसे स्वाभिमान, विनम्रता, हौसला, दूरदृष्टि और आत्मनिर्भरता के महत्व को स्थापित करना है। कवि मनुष्य को प्रेरित करते हैं कि वह बाहरी सहायता पर निर्भर रहने के बजाय अपनी आंतरिक शक्तियों पर विश्वास करे। वे सिखाते हैं कि सम्मान और सफलता कड़ी मेहनत और योग्य चरित्र से प्राप्त होते हैं, माँगने से नहीं। कवि जीवन के यथार्थ को दर्शाते हुए यह भी बताते हैं कि हर बड़ी उपलब्धि के पीछे कठिन परिश्रम होता है और सच्ची बुद्धिमानी कम बोलने और अधिक अवलोकन करने में है। इन रचनाओं का मूल उद्देश्य पाठकों में आत्म-सम्मान और कर्मठता का भाव जगाना है।
English: The central theme of these ghazals is to establish the importance of human virtues like self-respect, humility, courage, foresight, and self-reliance. The poet inspires man to believe in his inner strengths rather than depending on external help. He teaches that respect and success are achieved through hard work and a worthy character, not by begging. Portraying the reality of life, the poet also explains that behind every great achievement lies hard work, and true wisdom is in speaking less and observing more. The core purpose of these compositions is to awaken a sense of self-respect and diligence in the readers.
शब्दार्थ (Glossary)
शब्द (Word) | पर्यायवाची शब्द (Synonym) | विलोम शब्द (Antonym) |
कंटक | काँटा, शूल | पुष्प, सुमन |
सुमन | फूल, पुष्प | कंटक, काँटा |
मस्तक | सिर, माथा | पैर, चरण |
नमन | प्रणाम, वंदन | अभिमान, अवहेलना |
गगन | आकाश, नभ | धरती, जमीन |
नयन | आँख, नेत्र | - |
पश्चात्ताप | पछतावा, अफसोस | संतोष, गर्व |
अगन | आग, अग्नि | जल, पानी |
सायबान | छाजन, छतरी | धूप |
कमान | धनुष, चाप | तीर, बाण |
पंक्तियों का सरल अर्थ लिखें (Simple Meaning of Lines)
गजल - १
१. अँधेरे के इलाके में...सुमन माँगा नहीं करते।
परिचय: इन पंक्तियों में कवि विपरीत परिस्थितियों में आत्मनिर्भर रहने की सलाह दे रहे हैं। सरल अर्थ: कवि कहते हैं कि यदि आप अँधेरे से घिरे हों तो किसी से प्रकाश की किरण न माँगें, बल्कि स्वयं प्रकाश बनें। जहाँ काँटों का जंगल हो, वहाँ फूलों की अपेक्षा नहीं करनी चाहिए।
२. जिसे अधिकार आदर का...नमन माँगा नहीं करते।
परिचय: कवि यहाँ सम्मान अर्जित करने की बात कर रहे हैं, माँगने की नहीं। सरल अर्थ: जो व्यक्ति आदर का सच्चा अधिकारी होता है, उसके सामने तो लोग स्वयं ही सिर झुका लेते हैं। सम्मान अपने आप मिलता है, उसे माँगा नहीं जाता।
३. परों में शक्ति हो तो...गगन माँगा नहीं करते।
परिचय: इन पंक्तियों में कवि अपनी क्षमताओं पर विश्वास करने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। सरल अर्थ: यदि तुम्हारे पंखों में शक्ति है तो तुम स्वयं ही पूरे उपलब्ध आकाश को नाप लो। पंछी अपनी उड़ानों के लिए किसी से आकाश नहीं माँगते।
४. जिसे मन-प्राण से चाहा...नयन माँगा नहीं करते।
परिचय: कवि यहाँ प्रेम की स्वाभाविकता पर प्रकाश डाल रहे हैं। सरल अर्थ: जिसे हमने अपने मन और प्राणों से चाहा है, उसके सपने तो बिना बुलाए खुद ही आ जाते हैं, उन्हें देखने के लिए आँखों से प्रार्थना नहीं करनी पड़ती।
५. जिन्होंने कर लिया स्वीकार...अगन माँगा नहीं करते।
परिचय: इन पंक्तियों में कवि आंतरिक पीड़ा की गहनता को व्यक्त कर रहे हैं। सरल अर्थ: जिन लोगों ने पश्चात्ताप की आग में जलना स्वीकार कर लिया है, वे अपनी उस आंतरिक पीड़ा में स्वयं ही सुलगते रहते हैं, उन्हें जलाने के लिए बाहर से आग की आवश्यकता नहीं होती।
गजल - २
१. जिसकी ऊँची उड़ान होती है, उसको भारी थकान होती है।
सरल अर्थ: जो व्यक्ति जीवन में बड़े लक्ष्य रखता है और उन्हें पाने का प्रयास करता है, उसे उतनी ही अधिक मेहनत और परिश्रम करना पड़ता है, जिससे उसे थकान भी बहुत होती है।
२. बोलता कम जो देखता ज्यादा, आँख उसकी जुबान होती है।
सरल अर्थ: जो व्यक्ति बोलता कम है और चीजों का अवलोकन अधिक करता है, वह बहुत ज्ञानी और अनुभवी होता है। उसकी आँखें ही बिना कुछ कहे सब कुछ बयां कर देती हैं।
३. बस हथेली ही हमारी हमको, धूप में सायबान होती है।
सरल अर्थ: कठिन परिस्थितियों और संघर्ष के समय में व्यक्ति की अपनी मेहनत और सामर्थ्य ही उसे सहारा देती है, जैसे तेज धूप में हमारी हथेली ही हमें छाया दे देती है।
४. एक बहरे को एक गूँगा दे, जिंदगी वो बयान होती है।
सरल अर्थ: जब एक बहरा व्यक्ति किसी गूँगे व्यक्ति के इशारों को समझकर उसकी बात दुनिया को बताता है, तो वही जिंदगी का सबसे सच्चा और मार्मिक वर्णन होता है।
५. तीर जाता है दूर तक उसका, कान तक जो कमान होती है।
सरल अर्थ: जो व्यक्ति अपने लक्ष्य को पाने के लिए पूरी लगन और क्षमता से प्रयास करता है (जैसे धनुष को कान तक खींचना), उसे उतनी ही बड़ी सफलता मिलती है (उसका तीर उतना ही दूर जाता है)।
६. खुशबू देती है, एक शायर की, जिंदगी धूपदान होती है। सरल अर्थ: एक शायर (कवि) का जीवन एक धूपदान की तरह होता है, जो स्वयं तो जलता और कष्ट सहता है, लेकिन अपनी रचनाओं से समाज को सुगंध (ज्ञान और आनंद) प्रदान करता है।
सही या गलत (कारण सहित) (True or False with Reason)
कथन १: कवि की सलाह है कि काँटों के वन में जाकर फूल माँगने चाहिए।
उत्तर: गलत। कारण, कवि कहते हैं, "जहाँ हो कंटकों का वन, सुमन माँगा नहीं करते।"
कथन २: जिन पंछियों के पंखों में शक्ति होती है, वे उड़ने के लिए आकाश माँगते हैं।
उत्तर: गलत। कारण, कवि कहते हैं, "उड़ानों के लिए पंछी, गगन माँगा नहीं करते।"
कथन ३: जो व्यक्ति कम बोलता और ज्यादा देखता है, उसकी आँखें ही उसकी जुबान बन जाती हैं।
उत्तर: सही। कारण, कविता में कहा गया है, "बोलता कम जो देखता ज्यादा, आँख उसकी जुबान होती है।"
कथन ४: कवि एक शायर के जीवन की तुलना फूलों के गुलदस्ते से करते हैं।
उत्तर: गलत। कारण, कवि शायर के जीवन की तुलना धूपदान से करते हैं: "जिंदगी धूपदान होती है।"
कथन ५: कवि के अनुसार, सम्मान माँगने से मिलता है। उत्तर: गलत। कारण, कवि कहते हैं, "नमन स्वयमेव मिलते हैं, नमन माँगा नहीं करते।"
पद विश्लेषण (Poetry Appreciation)
रचनाकार का नाम: चंद्रसेन विराट रचना का प्रकार: गजल
पसंदीदा पंक्ति | पसंदीदा होने का कारण | रचना से प्राप्त संदेश |
जिसे अधिकार आदर का, झुका लेता स्वयं मस्तक। | यह पंक्ति सम्मान के मनोविज्ञान को बहुत खूबसूरती से समझाती है। यह बताती है कि आदर एक अर्जित गुण है, अधिकार नहीं। | हमें सम्मान पाने के लिए योग्य बनना चाहिए, उसकी माँग नहीं करनी चाहिए। |
उड़ानों के लिए पंछी, गगन माँगा नहीं करते। | यह पंक्ति आत्मनिर्भरता और साहस का एक शक्तिशाली प्रतीक है। यह हमें सिखाती है कि सक्षम व्यक्ति अवसरों का इंतजार नहीं करते, बल्कि उन्हें बनाते हैं। | अपनी क्षमताओं पर विश्वास रखें और अवसरों की प्रतीक्षा न करें। |
बस हथेली ही हमारी हमको, धूप में सायबान होती है। | यह पंक्ति आत्मनिर्भरता का एक बहुत ही सुंदर और सरल बिंब प्रस्तुत करती है। यह हमें सिखाती है कि सबसे बड़ा सहारा हम स्वयं हैं। | कठिन समय में हमें दूसरों पर निर्भर रहने की बजाय अपनी शक्ति पर भरोसा करना चाहिए। |
आँख उसकी जुबान होती है। | यह एक बहुत ही सटीक और गहरी उक्ति है जो मौन के महत्व और अवलोकन की शक्ति को दर्शाती है। | हमें कम बोलना चाहिए और दुनिया को अधिक ध्यान से देखना और समझना चाहिए। |
जिंदगी धूपदान होती है। | यह एक शायर के जीवन का बहुत ही मार्मिक और सुंदर रूपक है। यह त्याग और परोपकार के भाव को दर्शाता है कि कैसे कोई स्वयं कष्ट सहकर दुनिया को बेहतर बनाता है। | रचनात्मक और सार्थक जीवन जीने के लिए त्याग और समर्पण आवश्यक है। |
स्वमत (Personal Opinion)
प्रश्न १: 'सम्मान कमाया जाता है, माँगा नहीं जाता' - इस कथन को कविता के आधार पर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर: यह कथन पूरी तरह से सत्य है और कविता की पंक्ति "जिसे अधिकार आदर का, झुका लेता स्वयं मस्तक" इसी भाव को दर्शाती है। सम्मान किसी पद या अधिकार से नहीं, बल्कि व्यक्ति के चरित्र, ज्ञान और कर्मों से मिलता है। जब कोई व्यक्ति अपने क्षेत्र में उत्कृष्टता प्राप्त करता है या निस्वार्थ भाव से दूसरों की सेवा करता है, तो लोग स्वाभाविक रूप से उसके प्रति आदर का भाव रखते हैं और उसके सामने सिर झुकाते हैं। इसके विपरीत, यदि कोई अयोग्य व्यक्ति सम्मान की माँग करता है, तो उसे वह कभी नहीं मिलता। इसलिए, हमें सम्मान माँगने के बजाय उसे अर्जित करने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।
उत्तर लिखने के लिए उपयोगी महत्वपूर्ण शब्द: सम्मान, अर्जित करना, योग्यता, चरित्र, कर्म, उत्कृष्टता, निस्वार्थ सेवा, स्वाभाविक आदर।
प्रश्न २: 'बस हथेली ही हमारी हमको, धूप में सायबान होती है' - यह पंक्ति आत्मनिर्भरता के महत्व को कैसे दर्शाती है?
उत्तर: यह पंक्ति आत्मनिर्भरता के महत्व को एक बहुत ही सरल और शक्तिशाली बिंब के माध्यम से दर्शाती है। 'धूप' यहाँ जीवन की कठिनाइयों और संघर्षों का प्रतीक ہے, और 'हथेली' हमारी अपनी क्षमता और मेहनत का। कवि कहना चाहते हैं कि जब जीवन में मुश्किलें आती हैं, तो सबसे पहले और सबसे भरोसेमंद सहारा हमारा अपना सामर्थ्य ही होता है। जिस तरह तेज धूप में कोई और छाया न मिलने पर हम अपनी हथेली से ही अपने सिर को कुछ राहत दे सकते हैं, उसी प्रकार जीवन की समस्याओं से निपटने के लिए हमें दूसरों की मदद की प्रतीक्षा करने के बजाय अपनी क्षमताओं पर विश्वास करना चाहिए।
उत्तर लिखने के लिए उपयोगी महत्वपूर्ण शब्द: आत्मनिर्भरता, स्वयं का सहारा, क्षमता, मेहनत, कठिनाइयाँ, संघर्ष, भरोसा, सामर्थ्य।
प्रश्न ३: 'जिसकी ऊँची उड़ान होती है, उसको भारी थकान होती है' - इस पंक्ति का आपके लिए क्या अर्थ है? उत्तर: इस पंक्ति का मेरे लिए यह अर्थ है कि जीवन में कोई भी बड़ी सफलता या महान लक्ष्य बिना कठिन परिश्रम के प्राप्त नहीं होता। 'ऊँची उड़ान' का अर्थ है बड़े सपने, ऊँचे लक्ष्य और महत्वाकांक्षा। इन लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए व्यक्ति को असाधारण मेहनत, त्याग और समर्पण करना पड़ता है, जिससे उसे शारीरिक और मानसिक 'भारी थकान' होना स्वाभाविक है। यह पंक्ति हमें सिखाती है कि सफलता का कोई शॉर्टकट नहीं होता; यह आराम और आलस्य को त्याग कर निरंतर प्रयास करने वालों को ही मिलती है।
उत्तर लिखने के लिए उपयोगी महत्वपूर्ण शब्द: ऊँचे लक्ष्य, सफलता, कठिन परिश्रम, त्याग, समर्पण, थकान, महत्वाकांक्षा, निरंतर प्रयास।
प्रश्न ४: कवि ने शायर के जीवन की तुलना धूपदान से क्यों की है?
उत्तर: कवि ने शायर के जीवन की तुलना धूपदान से इसलिए की है क्योंकि दोनों में एक गहरी समानता है। धूपदान स्वयं जलता है, ताकि वह अपनी सुगंध चारों ओर फैला सके। ठीक उसी तरह, एक शायर या कवि अक्सर अपने जीवन में अनेक कष्ट, वेदना और संघर्षों की आग में जलता है। वह उन अनुभवों को अपनी रचनाओं में ढालता है, जो समाज के लिए प्रेरणा, ज्ञान और आनंद की 'खुशबू' बनकर फैलती हैं। शायर का व्यक्तिगत दुख समाज के लिए एक सुंदर सृजन बन जाता है। इसी त्याग और परोपकार की भावना के कारण यह तुलना बहुत सटीक और मार्मिक है।
उत्तर लिखने के लिए उपयोगी महत्वपूर्ण शब्द: तुलना, धूपदान, शायर, कष्ट, वेदना, सुगंध, रचना, त्याग, परोपकार, सृजन।
प्रश्न ५: पहली गजल से आपको जीवन जीने का क्या संदेश मिलता है? उत्तर: पहली गजल से जीवन जीने का यह संदेश मिलता है कि हमें हमेशा स्वाभिमान और आत्मनिर्भरता के साथ जीना चाहिए। हमें मुश्किलों से घबराकर किसी के सामने हाथ नहीं फैलाना चाहिए, बल्कि अपनी क्षमताओं पर विश्वास कर स्वयं समाधान खोजना चाहिए। सम्मान और प्रेम जैसी चीजें माँगने से नहीं, बल्कि योग्य बनकर अर्जित करने से मिलती हैं। हमें अपनी आंतरिक शक्ति को पहचानना चाहिए और पंछियों की तरह बिना किसी से अवसर माँगे, अपनी उड़ान खुद तय करनी चाहिए। यह गजल एक साहसी, स्वाभिमानी और कर्मठ जीवन जीने की प्रेरणा देती है। उत्तर लिखने के लिए उपयोगी महत्वपूर्ण शब्द: स्वाभिमान, आत्मनिर्भरता, क्षमता पर विश्वास, समाधान खोजना, अर्जित करना, आंतरिक शक्ति, प्रेरणा।
संभावित परीक्षा प्रश्न (Probable Exam Questions)
प्रश्न १: पहली गजल के अनुसार, कवि किन-किन चीजों को माँगने के लिए मना करते हैं? उत्तर: कवि निम्नलिखित चीजों को माँगने के लिए मना करते हैं:
अँधेरे में किरण (प्रकाश)
काँटों के वन में सुमन (फूल)
किसी से नमन (सम्मान)
उड़ानों के लिए गगन (आकाश)
सपने देखने के लिए नयन (आँखें)
जलने के लिए बाहर से अगन (आग)
प्रश्न २: 'तीर जाता है दूर तक उसका, कान तक जो कमान होती है' - इस पंक्ति का सरल भावार्थ लिखिए।
उत्तर: इस पंक्ति का भावार्थ है कि जो व्यक्ति किसी कार्य को करने के लिए अपना पूरा सामर्थ्य और लगन लगा देता है, उसे उतनी ही बड़ी सफलता प्राप्त होती है। जिस तरह धनुष की डोरी को कान तक खींचकर छोड़ा गया तीर अपने लक्ष्य तक सबसे दूर जाता है, उसी तरह पूरी मेहनत और तैयारी के साथ किया गया प्रयास व्यक्ति को उसके लक्ष्य तक पहुँचाता है।
प्रश्न ३: कवि के अनुसार सम्मान (नमन) कैसे प्राप्त होता है?
उत्तर: कवि के अनुसार, सम्मान माँगने से नहीं मिलता। जो व्यक्ति वास्तव में आदर का अधिकारी होता है, उसके गुणों और कर्मों के कारण लोग स्वयं ही उसके सामने अपना मस्तक झुका लेते हैं। सम्मान स्वाभाविक रूप से योग्य व्यक्ति को मिलता है।
प्रश्न ४: संजाल पूर्ण कीजिए: कवि ने इन मानवीय गुणों की ओर संकेत किया है उत्तर:
स्वाभिमान
विनम्रता
हौसला
दूरदृष्टि
प्रश्न ५: कवि के अनुसार, जो व्यक्ति कम बोलता और ज्यादा देखता है, उसकी क्या विशेषता होती है?
उत्तर: कवि के अनुसार, जो व्यक्ति कम बोलता और ज्यादा देखता है, वह बहुत गहरा और अनुभवी होता है। उसकी आँखें इतनी पारखी और भावपूर्ण हो जाती हैं कि वे ही उसकी जुबान का काम करती हैं और बिना बोले ही सब कुछ कह देती हैं।
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