4 - उत्साह (Utsah) & अट नहीं रही है (Att Nahi Rahi Hai)-Class 10 Kshitij 2
- 2 days ago
- 8 min read
उत्साह (Utsah) & अट नहीं रही है (Att Nahi Rahi Hai)
Class 10 - Hindi Course A (Kshitij Bhag 2) | Author: सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला' (Suryakant Tripathi 'Nirala')
1. पाठ का सार (Quick Revision Summary)
उत्साह (Utsah)
बादलों का आह्वान: कवि बादलों को 'गरजने' के लिए कहते हैं, बरसने के लिए नहीं। गरजना क्रांति और बदलाव का प्रतीक है। वे बादलों को काले-घुंघराले बालों वाले बालक के समान सुंदर बताते हैं।
English: Call to Clouds: The poet asks the clouds to 'thunder', not just rain. Thunder symbolizes revolution and change. He describes clouds as beautiful like a child with curly black hair.
नया जीवन और क्रांति: कवि बादलों से 'वज्र' (कठोर शक्ति) छिपाकर नूतन कविता (नया सृजन) और नवजीवन भरने का आग्रह करते हैं। बादल पीड़ित और प्यासे लोगों की प्यास बुझाकर उन्हें शीतलता प्रदान करते हैं।
English: New Life and Revolution: The poet urges the clouds to hide the 'thunderbolt' (hard power) within and fill the world with new creation and new life. Clouds quench the thirst of suffering people and provide them coolness.
व्यापकता और अज्ञात दिशा: बादल 'अज्ञात दिशा' से आते हैं, जो यह दर्शाता है कि बदलाव कहीं से भी आ सकता है। वे पूरे आकाश (गगन) को घेरकर बरसते हैं, जो क्रांति की व्यापकता को दिखाता है।
English: Vastness and Unknown Direction: Clouds come from an 'unknown direction', indicating that change can come from anywhere. They surround the entire sky and rain, showing the vastness of the revolution.
अट नहीं रही है (Att Nahi Rahi Hai)
फागुन की सुंदरता: इस कविता में फागुन महीने (वसंत ऋतु) की मादकता और सुंदरता का वर्णन है। प्रकृति की सुंदरता इतनी अधिक है कि वह 'अट' (समा) नहीं पा रही है।
English: Beauty of Phagun: This poem describes the intoxication and beauty of the Phagun month (Spring season). Nature's beauty is so immense that it cannot be contained (Att nahi rahi hai).
प्रकृति का उल्लास: हर तरफ नए पत्तों, फूलों और खुशबू का राज है। हवा में सुगंध है जिससे ऐसा लगता है मानो प्रकृति साँस ले रही हो। आकाश में पक्षी उड़ रहे हैं।
English: Joy of Nature: Everywhere there are new leaves, flowers, and fragrance. The air is scented, making it seem as if nature is breathing. Birds are flying in the sky.
कवि की मुग्धता: कवि की आँखें इस सुंदरता से हट नहीं रही हैं। पेड़ों की डालियाँ लाल-हरे पत्तों से लदी हैं और फूलों की माला से प्रकृति सजी हुई है।
English: Poet's Enchantment: The poet cannot take his eyes off this beauty. Tree branches are laden with red and green leaves, and nature is adorned with garlands of flowers.
2. शब्द-संपदा (Vocabulary)
शब्द (Word) | अर्थ (Hindi Meaning) | English Meaning |
धाराधर | बादल | Cloud |
उन्मन | अनमनापन / कहीं मन न टिकने की स्थिति | Restlessness / Absent-mindedness |
निदाघ | भीषण गर्मी | Scorching Heat |
वज्र | कठोर / भीषण शक्ति | Thunderbolt / Hard Power |
ललित | सुंदर | Beautiful |
आभा | चमक / कांति | Glow / Radiance |
अट | समाना / प्रविष्ट होना | To be contained / To fit in |
पाट-पाट | जगह-जगह | Everywhere / At every place |
शोभा-श्री | सौंदर्य से भरपूर | Full of beauty |
विकल | बेचैन / व्याकुल | Restless / Anxious |
3. चरित्र चित्रण (Character Sketches)
बादल (Cloud - In 'Utsah')
क्रांतिकारी और जीवनदाता (Revolutionary & Life-giver): बादल केवल बारिश नहीं करते, वे गरजकर सोए हुए लोगों को जगाते हैं (क्रांति) और गर्मी से तपते लोगों को शीतलता (जीवन) देते हैं। वे कोमल (बच्चे जैसे) भी हैं और कठोर (वज्र जैसे) भी।
English: Clouds do not just rain; they thunder to wake up the sleeping people (Revolution) and provide coolness (Life) to those suffering from heat. They are soft (like a child) as well as hard (like a thunderbolt).
फागुन (Phagun/Spring - In 'Att Nahi Rahi Hai')
सर्वव्यापक सौंदर्य (All-pervading Beauty): फागुन का सौंदर्य किसी एक जगह सीमित नहीं है, वह 'घर-घर' और 'पर-पर' में फैला हुआ है। वह मादक है और मन को प्रसन्नता से भर देता है।
English: The beauty of Phagun is not limited to one place; it is spread 'in every house' and 'on every wing'. It is intoxicating and fills the mind with joy.
4. योग्यता-आधारित प्रश्न (Competency-Based Questions)
A. अभिकथन और तर्क (Assertion & Reasoning)
प्रश्न 1:
अभिकथन (A): कवि ने बादलों को 'बाल-कल्पना के से पाले' कहा है।
तर्क (R): बादल बच्चों के काले घुंघराले बालों जैसे सुंदर और पल-पल बदलने वाले (अनिश्चित) लगते हैं।
उत्तर: (क) A और R दोनों सही हैं, तथा R, A की सही व्याख्या करता है।
प्रश्न 2:
अभिकथन (A): 'अट नहीं रही है' कविता में कवि की आँख फागुन की सुंदरता से हट नहीं रही है।
तर्क (R): फागुन के महीने में बहुत तेज बारिश होती है जिससे सब कुछ धुल जाता है।
उत्तर: (ग) A सही है, R गलत है। (फागुन वसंत का महीना है, सुंदरता फूलों और हरियाली की है, बारिश की नहीं)।
B. स्थिति-आधारित विश्लेषण (Situation Analysis)
स्थिति (Situation): समाज में अन्याय और शोषण बढ़ रहा है। लोग निराश और हताश हैं।
प्रश्न (Question): 'उत्साह' कविता के आधार पर बताइए कि कवि ऐसे समय में बादलों (या युवाओं) से क्या अपेक्षा करता है?
उत्तर (Answer): कवि अपेक्षा करता है कि वे 'गरजें' और अपनी 'वज्र' जैसी शक्ति से अन्याय का विध्वंस कर दें। वे निराश लोगों के मन में नया उत्साह (नवजीवन) भरें और सामाजिक क्रांति लाएं।
स्थिति (Situation): एक व्यक्ति बहुत तनाव में है, लेकिन बगीचे में खिले फूलों और सुहावने मौसम को देखकर उसका मन खुश हो जाता है।
प्रश्न (Question): 'अट नहीं रही है' कविता की कौन सी पंक्ति इस स्थिति से मेल खाती है?
उत्तर (Answer): "कहीं साँस लेते हो, घर-घर भर देते हो"। जैसे सुगंधित हवा घर (मन) को खुशियों से भर देती है, वैसे ही प्रकृति का सौंदर्य तनाव दूर कर मन को उल्लास से भर देता है।
C. आशय स्पष्टीकरण (Intent/Inference)
प्रश्न 1: "विद्युत-छबि उर में, कवि, नवजीवन वाले!"
उत्तर: इसका आशय है कि बादलों के हृदय (उर) में बिजली की सी चमक और शक्ति छिपी है। कवि बादलों को एक 'नये कवि' की संज्ञा देते हैं जो अपनी नई कविता (रचना) से समाज में नया जीवन और चेतना भर सकते हैं।
प्रश्न 2: "उड़ने को नभ में तुम, पर-पर कर देते हो।"
उत्तर: फागुन की मादकता इतनी अधिक है कि वह मन को कल्पनाओं के पंख लगा देती है। मनुष्य का मन प्रसन्न होकर आकाश में उड़ना चाहता है। यह पंक्ति मन की उमंग और स्वतंत्रता को दर्शाती है।
5. प्रश्न-उत्तर (Subjective Q&A)
A. लघु उत्तरीय (Short Answer - 30-40 Words)
प्रश्न 1: कवि बादल से 'फुहार' या 'रिमझिम' के बजाय 'गरजने' के लिए क्यों कहता है?
उत्तर: कवि बादल को क्रांति और विद्रोह का प्रतीक मानता है। 'फुहार' या 'रिमझिम' कोमलता और शांति का प्रतीक है, जबकि 'गरजना' चेतना, जागृति और बदलाव के लिए आवश्यक जोश का प्रतीक है।
प्रश्न 2: कविता का शीर्षक 'उत्साह' क्यों रखा गया है?
उत्तर: यह एक आह्वान गीत है जो बादलों के माध्यम से लोगों में क्रांति और नवनिर्माण के प्रति जोश (उत्साह) भरना चाहता है। बादल भी उत्साह और ऊर्जा का संचार करते हैं, इसलिए यह शीर्षक सार्थक है।
प्रश्न 3: "विकल विकल, उन्मन थे उन्मन" - पंक्ति का भाव स्पष्ट करें।
उत्तर: भीषण गर्मी (निदाघ) के कारण संसार के सभी लोग बेचैन (विकल) और उदास (उन्मन) थे। उनका मन कहीं नहीं लग रहा था। वे गर्मी से राहत पाने के लिए बादलों की प्रतीक्षा कर रहे थे।
प्रश्न 4: 'अट नहीं रही है' कविता में 'उड़ने को नभ में तुम पर-पर कर देते हो' का क्या अर्थ है?
उत्तर: इसका अर्थ है कि फागुन का सौंदर्य इतना मनमोहक है कि वह मन को पंख लगाकर आकाश में उड़ने के लिए प्रेरित करता है। प्रकृति की खुशबू और रंगीनियत मन को कल्पना के आकाश में मुक्त कर देती है।
प्रश्न 5: फागुन में ऐसा क्या होता है जो बाकी ऋतुओं से भिन्न है?
उत्तर: फागुन (वसंत) में प्रकृति अपने चरम सौंदर्य पर होती है। न तो अत्यधिक गर्मी होती है, न सर्दी। चारों तरफ फूल खिलते हैं, हवा सुगंधित होती है और वातावरण में एक विशेष मादकता और उल्लास छाया रहता है।
प्रश्न 6: कवि ने बादलों को 'अज्ञात दिशा से आने वाले' क्यों कहा है?
उत्तर: बादल आकाश में किस कोने से उमड़ आते हैं, यह पता नहीं चलता। प्रतीकात्मक रूप से, इसका अर्थ है कि जीवन में बदलाव या क्रांति की लहर किसी भी दिशा (अज्ञात स्रोत) से आ सकती है और सब कुछ बदल सकती है।
प्रश्न 7: निराला की कविता में 'ललित कल्पना' और 'क्रांति चेतना' दोनों कैसे हैं?
उत्तर: 'बाल-कल्पना के से पाले' में बादलों के सुंदर रूप (ललित कल्पना) का वर्णन है, जबकि 'वज्र छिपा' और 'गरजो' में विध्वंस और नवनिर्माण (क्रांति चेतना) का स्वर है। कोमलता और कठोरता का यह मेल निराला की विशेषता है।
प्रश्न 8: 'अट नहीं रही है' कविता में कवि ने प्रकृति की व्यापकता का वर्णन कैसे किया है?
उत्तर: कवि ने दिखाया है कि फागुन का सौंदर्य किसी एक जगह नहीं सिमट पा रहा है। वह हर घर (घर-घर), हर साँस, आकाश और पेड़-पौधों (पाट-पाट) में समाया हुआ है। सुंदरता बाहर छलक रही है।
B. दीर्घ उत्तरीय/मूल्यपरक (Long/Value-Based - 100 Words)
प्रश्न 1: 'उत्साह' कविता में निहित सामाजिक संदेश को अपने शब्दों में लिखिए। क्या आज के समय में हमें ऐसे 'उत्साह' की आवश्यकता है?
उत्तर: 'उत्साह' कविता का मुख्य सामाजिक संदेश यह है कि समाज में जब भी जड़ता, शोषण या दुख (गर्मी) बढ़ता है, तो उसे दूर करने के लिए क्रांति (बादलों की गर्जना) की आवश्यकता होती है। केवल कोमल भावनाओं से परिवर्तन नहीं आता, बल्कि कठोर निर्णय और जोश (वज्र) भी जरूरी है। आज के समय में भ्रष्टाचार, अन्याय और निराशा के 'तप्त' वातावरण को बदलने के लिए युवाओं में उसी 'उत्साह' और नवनिर्माण की चेतना की सख्त जरूरत है। हमें बादलों की तरह सृजन और विध्वंस (बुराई का) दोनों के लिए तैयार रहना चाहिए।
प्रश्न 2: प्रकृति के साथ मानव मन का गहरा संबंध है। 'अट नहीं रही है' कविता के आधार पर सिद्ध कीजिए।
उत्तर: 'अट नहीं रही है' कविता स्पष्ट करती है कि बाह्य प्रकृति और मानव मन एक-दूसरे से जुड़े हैं। जब फागुन में प्रकृति सुंदर और उल्लासपूर्ण होती है, तो मनुष्य का मन भी प्रसन्न हो जाता है ("कहीं साँस लेते हो, घर-घर भर देते हो")। प्रकृति की खुशबू मनुष्य की साँसों में बस जाती है और उसका मन कल्पना के आकाश में उड़ने लगता है। यदि प्रकृति नीरस हो, तो मन भी 'उन्मन' (उदास) हो जाता है (जैसा 'उत्साह' में गर्मी के कारण था)। अतः प्रकृति का सौंदर्य सीधे हमारे मानसिक स्वास्थ्य और खुशी को प्रभावित करता है।
प्रश्न 3: निराला जी की काव्य-भाषा की दो प्रमुख विशेषताओं का उल्लेख इन कविताओं के आधार पर करें।
उत्तर: निराला जी की काव्य-भाषा की पहली विशेषता है 'नाद-सौंदर्य' (Sound Imagery)। 'उत्साह' कविता में "घेर घेर घोर गगन", "विकल विकल" जैसे शब्दों का प्रयोग बादलों की गड़गड़ाहट का आभास कराता है। दूसरी विशेषता है 'मानवीकरण' (Personification)। उन्होंने बादलों को 'बालक' और 'कवि' के रूप में, तथा फागुन को 'साँस लेते हुए' जीवित प्राणी के रूप में चित्रित किया है। उनकी भाषा ओजपूर्ण (उत्साह में) और कोमल (अट नहीं रही है में) दोनों रूपों में समर्थ है।
6. व्याकरण (Integrated Grammar)
(Based on Class 10 Hindi Course A - Kshitij Pattern)
प्रश्न 1: पद-परिचय: "बादल गरजो!" (रेखांकित: बादल)
उत्तर: संज्ञा (जातिवाचक), पुल्लिंग, बहुवचन (यहाँ आदरार्थ या समूह रूप में), संबोधन कारक।
प्रश्न 2: अलंकार पहचानिए: "घेर घेर घोर गगन"
उत्तर: अनुप्रास अलंकार ('घ' वर्ण की आवृत्ति)।
प्रश्न 3: वाच्य परिवर्तन: "कवि बादलों का आह्वान करता है।" (कर्मवाच्य में बदलिए)
उत्तर: कवि द्वारा बादलों का आह्वान किया जाता है।
प्रश्न 4: अलंकार पहचानिए: "कहीं साँस लेते हो"
उत्तर: मानवीकरण अलंकार (प्रकृति/फागुन को मानव की तरह साँस लेते दिखाया गया है)।
7. सामान्य त्रुटियाँ (Common Student Errors)
'उत्साह' कविता का विषय:
त्रुटि: छात्र इसे केवल 'वर्षा ऋतु' की कविता मानते हैं।
सुधार: यह वर्षा ऋतु का वर्णन तो है, लेकिन इसका मुख्य विषय 'क्रांति और नवनिर्माण' (Revolution & Rejuvenation) है।
'अट' का अर्थ:
त्रुटि: छात्र 'अट' का अर्थ 'रुकावट' (Obstacle) समझ लेते हैं।
सुधार: 'अट' का अर्थ है 'समाना' (To fit in/Contain). सुंदरता इतनी ज्यादा है कि वह प्रकृति के पात्र में समा नहीं रही है।
बादल के दो रूप:
त्रुटि: छात्र केवल बादल के 'सुंदर' या केवल 'भयानक' रूप का वर्णन करते हैं।
सुधार: बादल के दो रूप हैं - 1. सुंदर/कोमल (बाल कल्पना, जीवनदाता) और 2. कठोर/क्रांतिकारी (वज्र, गरजने वाला)। दोनों का उल्लेख जरूरी है।
About BhashaLab
BhashaLab is a dynamic platform dedicated to the exploration and mastery of languages - operating both online and offline. Aligned with the National Education Policy (NEP) 2020 and the National Credit Framework (NCrF), we offer language education that emphasizes measurable learning outcomes and recognized, transferable credits.
We offer:
1. NEP alligned offline language courses for degree colleges - English, Sanskrit, Marathi and Hindi
2. NEP alligned offline language courses for schools - English, Sanskrit, Marathi and Hindi
3. Std VIII, IX and X - English and Sanskrit Curriculum Tuitions - All boards
4. International English Olympiad Tuitions - All classes
5. Basic and Advanced English Grammar - Offline and Online - Class 3 and above
6. English Communication Skills for working professionals, adults and students - Offline and Online
Contact: +91 86577 20901, +91 97021 12044
Mail: info@bhashalab.com
Website: www.bhashalab.com
Found any mistakes or suggestions? Click here to send us your feedback!

Comments