6 - संगतकार (Sangatkar)-Class 10 Kshitij 2
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संगतकार (Sangatkar)
Class 10 - Hindi Course A (Kshitij Bhag 2) | Author: मंगलेश डबराल (Manglesh Dabral)
1. पाठ का सार (Quick Revision Summary)
संगतकार की भूमिका: 'संगतकार' वह कलाकार होता है जो मुख्य गायक के साथ गाता है या वाद्य बजाता है। उसकी आवाज़ मुख्य गायक की 'गरज' (भारी और गंभीर आवाज़) में अपनी 'गूँज' (सुंदर, कमजोर, काँपती हुई) मिलाकर उसे बल प्रदान करती है। यह परंपरा प्राचीन काल से चली आ रही है।
English: Role of the Accompanist: The 'Sangatkar' is the artist who sings along with the lead singer or plays an instrument. His voice blends its 'echo' (beautiful, weak, trembling) with the 'thunder' (heavy and serious voice) of the lead singer to provide support. This tradition has been going on since ancient times.
संकटमोचक: जब मुख्य गायक गीत के जटिल 'अंतरे' की तानों में उलझ जाता है या अपने ही सरगम को लांघकर 'अनहद' (शून्य/असीम मस्ती) में भटकने लगता है, तब संगतकार ही 'स्थायी' (गीत के मुख्य टेक) को संभाले रहता है, जिससे गायन बिखरने से बच जाता है।
English: The Saviour: When the lead singer gets entangled in the complex notes of the 'Antara' (stanza) or strays into the 'Anhad' (void/limitless joy) crossing his own scale, it is the accompanist who holds on to the 'Sthayi' (main refrain), preventing the performance from falling apart.
बचपन की याद: संगतकार का काम मुख्य गायक को यह याद दिलाना भी है कि वह अकेला नहीं है। वह उसे उस समय की याद दिलाता है जब वह 'नौसिखिया' (नया सीखने वाला) था और गलतियाँ करता था, जिससे गायक का आत्मविश्वास लौट आता है।
English: Reminder of Childhood: The accompanist's job is also to remind the lead singer that he is not alone. He reminds him of the time when he was a 'novice' (beginner) and used to make mistakes, which restores the singer's confidence.
हौसला बढ़ाना: जब तारसप्तक (बहुत ऊँचे स्वर) में गाते समय मुख्य गायक का गला बैठने लगता है और उसकी प्रेरणा साथ छोड़ने लगती है (आवाज़ से राख जैसा कुछ गिरता हुआ), तब संगतकार का स्वर उसे ढाँढस बँधाता है और संभाल लेता है।
English: Boosting Morale: When the lead singer's voice starts cracking while singing in the 'Taar Saptak' (high octave) and his inspiration starts fading (like falling ash), the accompanist's voice consoles and supports him.
त्याग ही मनुष्यता: संगतकार जानबूझकर अपनी आवाज़ को मुख्य गायक की आवाज़ से ऊँचा नहीं उठाता। यह उसकी कमजोरी या विफलता नहीं, बल्कि उसकी 'मनुष्यता' है, क्योंकि वह अपने गुरु या मुख्य गायक का सम्मान बनाए रखना चाहता है।
English: Sacrifice is Humanity: The accompanist deliberately does not raise his voice above the lead singer's voice. This is not his weakness or failure, but his 'humanity', as he wants to maintain the dignity of his guru or the lead singer.
2. शब्द-संपदा (Vocabulary)
शब्द (Word) | अर्थ (Hindi Meaning) | English Meaning |
संगतकार | मुख्य गायक का साथ देने वाला | Accompanist / Co-singer |
गरज | ऊँची गंभीर आवाज़ | Roaring sound / Heavy voice |
अंतरा | गीत का चरण (स्थायी को छोड़कर) | Stanza (verse excluding the refrain) |
जटिल | कठिन / पेचीदा | Complex / Difficult |
तान | संगीत में स्वर का विस्तार | Expansion of musical notes |
अनहद | असीम मस्ती / नाद | Limitless joy / Boundless sound |
नौसिखिया | जिसने नया सीखना शुरू किया हो | Novice / Beginner |
तारसप्तक | सबसे ऊँचा सुर (सप्तक) | High Octave |
राख जैसा गिरना | बुझता हुआ स्वर / उत्साह कम होना | Fading voice / Diminishing enthusiasm |
ढाँढ़स बँधाना | तसल्ली देना / सांत्वना देना | To console / To give hope |
3. चरित्र चित्रण (Character Sketches)
संगतकार (The Accompanist)
निस्वार्थ और समर्पित (Selfless & Dedicated): संगतकार हमेशा मुख्य गायक की छाया बनकर रहता है। वह अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करने के बजाय मुख्य गायक की सफलता को प्राथमिकता देता है। उसमें त्याग की भावना कूट-कूट कर भरी है।
English: The accompanist always remains like a shadow of the lead singer. Instead of showcasing his own talent, he prioritizes the success of the lead singer. He is filled with a sense of sacrifice.
संवेदनशील और मानवीय (Sensitive & Human): वह स्थिति को भांप लेता है। जब गायक कमजोर पड़ता है, वह उसे संभाल लेता है। अपनी आवाज़ नीची रखकर वह गायक के सम्मान की रक्षा करता है, जिसे कवि ने 'मनुष्यता' कहा है।
English: He senses the situation. When the singer falters, he supports him. By keeping his voice low, he protects the dignity of the singer, which the poet calls 'humanity'.
मुख्य गायक (The Lead Singer)
प्रतिभाशाली किंतु निर्भर (Talented but Dependent): मुख्य गायक की आवाज़ 'चट्टान जैसी भारी' और प्रभावशाली है, लेकिन कठिन क्षणों में (जैसे तारसप्तक में या लय भूलने पर) उसे भी सहारे की ज़रूरत पड़ती है, जो उसे संगतकार से मिलता है।
English: The lead singer's voice is 'heavy like a rock' and impressive, but in difficult moments (like in high octave or forgetting the rhythm), he also needs support, which he receives from the accompanist.
4. योग्यता-आधारित प्रश्न (Competency-Based Questions)
A. अभिकथन और तर्क (Assertion & Reasoning)
प्रश्न 1:
अभिकथन (A): संगतकार अपनी आवाज़ को मुख्य गायक की आवाज़ से ऊँचा नहीं उठाता।
तर्क (R): उसे डर रहता है कि यदि उसने तेज़ गाया तो मुख्य गायक उसे नौकरी से निकाल देगा।
उत्तर: (ग) A सही है, R गलत है। (वह डर के कारण नहीं, बल्कि मुख्य गायक के प्रति सम्मान और 'मनुष्यता' के कारण अपनी आवाज़ नीची रखता है)।
प्रश्न 2:
अभिकथन (A): कवि ने संगतकार की दबी हुई आवाज़ को उसकी 'विफलता' नहीं माना है।
तर्क (R): यह उसकी 'मनुष्यता' है कि वह स्वयं पीछे रहकर मुख्य गायक को श्रेष्ठ सिद्ध करने का प्रयास करता है।
उत्तर: (क) A और R दोनों सही हैं, तथा R, A की सही व्याख्या करता है।
B. स्थिति-आधारित विश्लेषण (Situation Analysis)
स्थिति (Situation): एक नाटक में मुख्य अभिनेता अपना संवाद (Dialogue) भूल जाता है। तभी पीछे खड़ा एक छोटा कलाकार धीरे से उसे संवाद याद दिला देता है, जिससे नाटक सुचारू रूप से चलता रहता है।
प्रश्न (Question): 'संगतकार' कविता के आधार पर बताइए कि उस छोटे कलाकार ने कौन सा धर्म निभाया?
उत्तर (Answer): उस छोटे कलाकार ने 'संगतकार' का धर्म निभाया। उसने अपनी उपस्थिति दर्ज कराने के बजाय मुख्य अभिनेता की कमी को ढका और प्रस्तुति को बिगड़ने से बचाया। यह उसकी सहयोगी भावना और 'मनुष्यता' का परिचायक है।
C. आशय स्पष्टीकरण (Intent/Inference)
प्रश्न 1: "जैसे समेटता हो मुख्य गायक का पीछे छूटा हुआ सामान"
उत्तर: जब मुख्य गायक संगीत की जटिल तानों में खो जाता है, तो संगतकार मूल स्वर (स्थायी) को गाकर उसे वापस मुख्य धारा में लाता है। यह ऐसा लगता है मानो कोई यात्री आगे चलते हुए अपना सामान पीछे छोड़ गया हो और संगतकार उसे समेटकर संजो रहा हो।
प्रश्न 2: "आवाज़ से राख जैसा कुछ गिरता हुआ"
उत्तर: इस पंक्ति का आशय है कि मुख्य गायक का स्वर बुझने लगा है। जैसे आग बुझने पर राख बचती है, वैसे ही तारसप्तक (ऊँचे स्वर) में गाते समय गायक की शक्ति और उत्साह समाप्त हो रहा है और उसकी आवाज़ डूबने लगी है।
5. प्रश्न-उत्तर (Subjective Q&A)
A. लघु उत्तरीय (Short Answer - 30-40 Words)
प्रश्न 1: संगतकार की आवाज़ की क्या विशेषता बताई गई है?
उत्तर: संगतकार की आवाज़ "सुंदर, कमज़ोर और काँपती हुई" बताई गई है। वह अपनी आवाज़ को जानबूझकर ऐसा रखता है ताकि वह मुख्य गायक की भारी-भरकम (चट्टान जैसी) आवाज़ से अलग दिखे और उसे सहारा दे सके।
प्रश्न 2: तारसप्तक में गाते समय मुख्य गायक को क्या महसूस होता है?
उत्तर: तारसप्तक (बहुत ऊँचे स्वर) में गाते समय मुख्य गायक का गला बैठने लगता है। उसे लगता है कि उसकी प्रेरणा साथ छोड़ रही है और उसका उत्साह अस्त (समाप्त) हो रहा है। उसकी आवाज़ बुझने लगती है।
प्रश्न 3: संगतकार मुख्य गायक को उसके 'बचपन' की याद कैसे दिलाता है?
उत्तर: जब मुख्य गायक सुरों में भटकने लगता है, तो संगतकार सही सुर (स्थायी) गाकर उसे संभालता है। यह स्थिति वैसी ही होती है जैसे बचपन में 'नौसिखिया' (नया सीखने वाला) गायक अपनी राह भटक जाता था। इस तरह वह उसे सीखने के दिनों की याद दिलाता है।
प्रश्न 4: 'अनहद' शब्द का कविता में क्या प्रयोग है?
उत्तर: 'अनहद' का अर्थ है असीम या सीमाहीन। यहाँ इसका प्रयोग संगीत की गहराइयों में डूबने के लिए किया गया है। गायक सुरों की दुनिया में इतना रम जाता है कि वह मुख्य राग से हटकर एक 'शून्य' या 'असीम नाद' में भटकने लगता है।
प्रश्न 5: संगतकार की 'मनुष्यता' किसे कहा गया है?
उत्तर: संगतकार में प्रतिभा और क्षमता होती है, फिर भी वह अपनी आवाज़ को मुख्य गायक से ऊँचा नहीं उठाता। अपने अहंकार का त्याग कर मुख्य गायक के महत्व को बनाए रखना ही उसकी 'मनुष्यता' है।
प्रश्न 6: "कहीं से चला आता है संगतकार का स्वर" - यह कब होता है?
उत्तर: जब मुख्य गायक का स्वर टूटने लगता है, गला बैठने लगता है और वह हताश होने लगता है, तब अचानक संगतकार का स्वर उसे सहारा देने के लिए आ जाता है और उसे सांत्वना देता है कि वह अकेला नहीं है।
प्रश्न 7: संगतकार किन-किन रूपों में मुख्य गायक की मदद करता है?
उत्तर: वह मुख्य गायक की आवाज़ में अपनी आवाज़ मिलाता है, जब गायक सुर भूलता है तो उसे याद दिलाता है, जब गायक का गला बैठता है तो उसे संभालता है, और कभी-कभी केवल साथ देने के लिए गाता है ताकि गायक अकेला महसूस न करे।
प्रश्न 8: 'प्रेरणा साथ छोड़ती हुई' से कवि का क्या तात्पर्य है?
उत्तर: इसका तात्पर्य है कि मुख्य गायक गाते-गाते इतना थक गया है कि अब उसके अंदर गाने की इच्छाशक्ति और ऊर्जा खत्म हो रही है। उसे लग रहा है कि अब वह आगे नहीं गा पाएगा।
B. दीर्घ उत्तरीय/मूल्यपरक (Long/Value-Based - 100 Words)
प्रश्न 1: 'संगतकार' कविता के माध्यम से कवि ने समाज के किस वर्ग की ओर ध्यान आकर्षित किया है? उनके योगदान का मूल्यांकन कीजिए।
उत्तर: 'संगतकार' कविता के माध्यम से कवि ने समाज के उस 'सहायक वर्ग' की ओर ध्यान आकर्षित किया है जो नेपथ्य (पर्दे के पीछे) में रहकर मुख्य व्यक्ति की सफलता की नींव रखते हैं। चाहे वह फिल्म हो, खेल हो, राजनीति हो या कोई निर्माण कार्य - हर जगह ऐसे अनगिनत लोग होते हैं जो अपना नाम किए बिना मुख्य नायक को सफल बनाते हैं। इनका योगदान अमूल्य है क्योंकि इनके सहयोग के बिना कोई भी बड़ा कार्य संभव नहीं है। यह कविता हमें ऐसे गुमनाम सहयोगियों के त्याग और महत्व को समझने और उनका सम्मान करने की प्रेरणा देती है।
प्रश्न 2: क्या ऊँचा स्वर ही श्रेष्ठता का पैमाना है? 'संगतकार' कविता के आधार पर 'विनम्रता' और 'त्याग' के महत्व पर प्रकाश डालिए।
उत्तर: नहीं, ऊँचा स्वर या प्रमुख स्थान ही श्रेष्ठता का एकमात्र पैमाना नहीं है। 'संगतकार' कविता सिद्ध करती है कि कभी-कभी पीछे रहना और अपनी आवाज़ को धीमा रखना अधिक श्रेष्ठ और मानवीय होता है। संगतकार अपनी आवाज़ नीची रखकर यह प्रमाण देता है कि उसमें 'त्याग' और 'विनम्रता' जैसे महान गुण हैं। वह अपने अहंकार को मिटाकर अपने गुरु या साथी के उत्कर्ष के लिए कार्य करता है। सच्ची महानता दूसरों को गिराने में नहीं, बल्कि गिरते हुए को संभालने और दूसरों को आगे बढ़ाने में निहित है। यही मानवता का सच्चा धर्म है।
प्रश्न 3: "उसे विफलता नहीं, उसकी मनुष्यता समझा जाना चाहिए" - इस पंक्ति का भावार्थ अपने जीवन के किसी उदाहरण से जोड़कर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर: इस पंक्ति का भाव है कि यदि कोई व्यक्ति जानबूझकर स्वयं को पीछे रखता है ताकि दूसरा व्यक्ति सफल हो सके, तो इसे उसकी कमजोरी या हार (विफलता) नहीं मानना चाहिए। यह उसका बड़प्पन (मनुष्यता) है। उदाहरण के लिए, एक पिता अपने बच्चों की सफलता के लिए अपनी कई इच्छाओं और सपनों का त्याग कर देता है। वह स्वयं पुराने कपड़े पहनता है ताकि बच्चे अच्छे स्कूल में पढ़ सकें। यह पिता की विफलता नहीं, बल्कि उसकी महान मनुष्यता है। उसी प्रकार, संगतकार भी मुख्य गायक की सफलता के लिए अपनी ख्याति का त्याग करता है।
6. व्याकरण (Integrated Grammar)
(Based on Class 10 Hindi Course A - Kshitij Pattern)
प्रश्न 1: पद-परिचय: "वह आवाज़ सुंदर कमज़ोर काँपती हुई थी।" (रेखांकित: आवाज़)
उत्तर: संज्ञा (जातिवाचक), स्त्रीलिंग, एकवचन, कर्ता कारक।
प्रश्न 2: अलंकार पहचानिए: "मुख्य गायक के चट्टान जैसे भारी स्वर"
उत्तर: उपमा अलंकार (स्वर की भारीपन की तुलना चट्टान से की गई है, 'जैसे' वाचक शब्द है)।
प्रश्न 3: वाच्य परिवर्तन: "संगतकार मुख्य गायक का साथ देता है।" (कर्मवाच्य में बदलिए)
उत्तर: संगतकार द्वारा मुख्य गायक का साथ दिया जाता है।
प्रश्न 4: अलंकार पहचानिए: "आवाज़ से राख जैसा कुछ गिरता हुआ"
उत्तर: उपमा अलंकार (उत्साह के कम होने की तुलना राख गिरने से की गई है)।
7. सामान्य त्रुटियाँ (Common Student Errors)
संगतकार का स्वर:
त्रुटि: छात्र लिखते हैं कि संगतकार का स्वर 'बेसुरा' होता है इसलिए वह धीमे गाता है।
सुधार: संगतकार का स्वर "सुंदर" होता है, लेकिन वह "कमज़ोर" और "काँपता हुआ" जानबूझकर रखा जाता है, ताकि वह मुख्य गायक से ऊपर न जाए।
हिचक का कारण:
त्रुटि: छात्र मानते हैं कि संगतकार डर के कारण हिचकता है।
सुधार: वह डरता नहीं है, बल्कि यह उसकी 'कोशिश' है कि उसका स्वर ऊँचा न उठे। यह उसकी 'मनुष्यता' है, विफलता नहीं।
अनहद का अर्थ:
त्रुटि: छात्र इसका अर्थ 'बहुत तेज आवाज़' समझते हैं।
सुधार: यहाँ 'अनहद' का आध्यात्मिक अर्थ है - 'असीम आनंद' या संगीत की 'गहराई' में डूब जाना, जहाँ से वापस आना मुश्किल हो।
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