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    1.4. मन - Mann - Class 10 - Lokbharati

    • Aug 20
    • 10 min read

    Updated: Nov 19

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    पाठ का प्रकार: पद्य

    पाठ का शीर्षक: मन

    लेखक/कवि का नाम: विकास परिहार



    सारांश (Bilingual Summary)


    हिन्दी: प्रस्तुत हाइकु कवि विकास परिहार द्वारा लिखे गए हैं। इन छोटी कविताओं में, कवि ने जीवन के विभिन्न अनुभवों और छोटी-छोटी घटनाओं को अर्थपूर्ण शब्दों में प्रस्तुत किया है।  वे अंधेरे में आशा, जीवन की अनिश्चितताओं, काँटों के बीच प्रेरणा, आँसुओं के माध्यम से निराशा की अभिव्यक्ति, और आँसुओं से मन की शुद्धि जैसे विषयों पर प्रकाश डालते हैं। कविताएँ कर्म करने, जीने की इच्छा रखने और प्रकृति के विभिन्न रूपों, जैसे फागुन का आगमन और सूना आकाश, से सीखने का संदेश देती हैं।


    English: The presented Haikus are written by the poet Vikas Parihar. In these short poems, the poet has presented various life experiences and small incidents in meaningful words.  He highlights themes such as hope in darkness, the uncertainties of life, inspiration amidst thorns, the expression of despair through tears, and the purification of the mind by sorrow. The poems convey messages about performing one's duties, having the will to live, and learning from different forms of nature, like the arrival of the Phagun month and the lonely sky.


    केंद्रीय भाव (Bilingual Theme / Central Idea)


    हिन्दी: इन हाइकु का केंद्रीय भाव जीवन के विविध रंगों और भावनाओं को संक्षिप्त रूप में प्रस्तुत करना है। कवि ने अपने अनुभवों और छोटी-छोटी घटनाओं के माध्यम से गंभीर संदेश दिए हैं।  यहाँ आशा, निराशा, प्रेरणा, पीड़ा, अकेलापन और निस्वार्थ कर्म का सुंदर चित्रण है। इन कविताओं का मूल संदेश यह है कि हमें जीवन की कठिनाइयों से प्रेरणा लेनी चाहिए, अपनी पीड़ा को व्यक्त करके मन को हल्का करना चाहिए और जीने की प्रबल इच्छा रखनी चाहिए।


    English: The central idea of these Haikus is to present the diverse colors and emotions of life in a concise form. The poet has conveyed profound messages through his experiences and small incidents.  There is a beautiful depiction of hope, despair, inspiration, pain, loneliness, and selfless action. The core message of these poems is that we should draw inspiration from life's difficulties, lighten our hearts by expressing our pain, and maintain a strong will to live.


    शब्दार्थ (Glossary)

    शब्द (Word)

    पर्यायवाची शब्द (Synonym)

    विलोम शब्द (Antonym)

    विषाद


    दुःख, शोक

    हर्ष, आनंद

    कुंठा


    निराशा, हताशा

    आशा, उत्साह

    मंझधार


    बीच धारा, प्रवाह-मध्य

    किनारा, तट

    जिजीविषा


    जीने की इच्छा

    मुमूर्षा

    पावन


    पवित्र, शुद्ध

    अपवित्र, अशुद्ध

    नैया


    नाव, नौका

    -

    प्रेरणा


    प्रोत्साहन

    हतोत्साहन

    अँधेरा


    अंधकार, तम

    प्रकाश, उजाला

    आकाश


    गगन, नभ

    धरती, पाताल

    मौन


    चुप, शांत

    वाचाल, मुखर


    पंक्तियों का सरल अर्थ लिखें (Simple Meaning of Lines)


    १. घना अँधेरा, चमकता प्रकाश, और अधिक ।

    परिचय: इस हाइकु में कवि बताते हैं कि प्रतिकूल परिस्थितियों में भी उम्मीद की एक किरण बहुत महत्वपूर्ण होती है।

    सरल अर्थ: जब घना अँधेरा होता है, तब प्रकाश का एक छोटा सा कण भी अधिक चमकता है, अर्थात मुश्किल समय में थोड़ी सी उम्मीद भी बहुत सहारा देती है।


    २. करते जाओ, पाने की मत सोचो, जीवन सारा ।

    परिचय: इस पंक्ति में कवि जीवन भर निस्वार्थ कर्म करने का संदेश देते हैं।

    सरल अर्थ: हमें अपना पूरा जीवन केवल काम करने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए और बदले में कुछ पाने की इच्छा नहीं रखनी चाहिए।


    ३. जीवन नैया, मंझधार में डोले, सँभाले कौन ?

    परिचय: यहाँ कवि जीवन की अनिश्चितताओं और चुनौतियों का वर्णन कर रहे हैं।

    सरल अर्थ: जीवन रूपी नाव जब संसार रूपी सागर की बीच धारा में डगमगाने लगती है, तो कोई संभालने वाला नहीं होता, हमें स्वयं ही उसे पार लगाना होता है।


    ४. रंग-बिरंगे, रंग-संग लेकर, आया फागुन ।

    परिचय: इस हाइकु में कवि फागुन के महीने के आगमन और उसके उल्लास का चित्रण करते हैं।

    सरल अर्थ: फागुन का महीना अपने साथ रंग-बिरंगे रंग लेकर आया है, जिससे चारों ओर खुशी और उल्लास का वातावरण है।


    ५. काँटों के बीच, खिलखिलाता फूल, देता प्रेरणा ।

    परिचय: कवि इस हाइकु के माध्यम से मुश्किलों में भी खुश रहने की प्रेरणा दे रहे हैं।

    सरल अर्थ: काँटों के बीच भी मुस्कुराता हुआ फूल हमें हर परिस्थिति में खुश रहने और अपना काम करने की प्रेरणा देता है।


    ६. भीतरी कुंठा, आँखों के द्वार से, आई बाहर ।

    परिचय: इस पंक्ति में कवि मन में दबी हुई घोर निराशा की अभिव्यक्ति का वर्णन कर रहे हैं।

    सरल अर्थ: जब मन की घोर निराशा और हताशा बहुत बढ़ गई, तो वह आँसुओं के रूप में आँखों के रास्ते से बाहर आ गई।


    ७. खारे जल से, धुल गए विषाद, मन पावन ।

    परिचय: यहाँ कवि बताते हैं कि आँसू बहाने से मन का बोझ हल्का हो जाता है।

    सरल अर्थ: आँखों से आँसू (खारा जल) बहने से मन का सारा दुःख और शोक धुल गया और मन पहले की तरह पवित्र हो गया।


    ८. मृत्यु को जीना, जीवन विष पीना, है जिजीविषा ।

    परिचय: इस हाइकु में कवि जीवन के प्रति गहरी आसक्ति और जीने की इच्छा को परिभाषित करते हैं।

    सरल अर्थ: जीवन की मुश्किलों और विष समान समस्याओं का सामना करते हुए भी मृत्यु पर विजय पाना और जीने की इच्छा रखना ही सच्ची जिजीविषा है।


    ९. मन की पीड़ा, छाई बन बादल, बरसीं आँखें ।

    परिचय: कवि मन के दर्द की तुलना बादलों से करते हुए उसकी अभिव्यक्ति को दर्शाते हैं।

    सरल अर्थ: मन का दर्द बादल बनकर छा गया और फिर आँसुओं के रूप में आँखों से बरसने लगा।


    १०. चलतीं साथ, पटरियाँ रेल की, फिर भी मौन ।

    परिचय: इन पंक्तियों में कवि साथ रहकर भी चुप रहने वाले रिश्तों पर टिप्पणी करते हैं।

    सरल अर्थ: रेल की पटरियाँ अनंत काल से साथ-साथ चलती हैं, लेकिन वे एक-दूसरे से कभी बात नहीं करतीं, हमेशा मौन रहती हैं।


    ११. सितारे छिपे, बादलों की ओट में, सूना आकाश ।

    परिचय: यहाँ कवि सितारों के बिना आकाश के अकेलेपन का सजीव चित्रण करते हैं।

    सरल अर्थ: जब तारे बादलों के पीछे छिप गए, तो आकाश सूना और अकेला हो गया, जिससे उसकी सुंदरता कम हो गई।


    १२. तुमने दिए, जिन गीतों को स्वर, हुए अमर ।

    परिचय: कवि यहाँ कला और कलाकार की अमरता को उजागर कर रहे हैं।

    सरल अर्थ: हे कवि, तुमने जिन गीतों को अपना स्वर दिया, वे सभी अमर हो गए, अर्थात तुम्हारी कला ने उन्हें हमेशा के लिए जीवित कर दिया।


    १३. सागर में भी, रहकर मछली, प्यासी ही रही ।

    परिचय: इस हाइकु में कवि आवश्यकता के समय किसी वस्तु के काम न आने की विडंबना को दर्शाते हैं।

    सरल अर्थ: सागर अपार जल का स्रोत है, लेकिन उसका पानी खारा होने के कारण मछली उसे पी नहीं सकती और प्यासी रह जाती है।


    सही या गलत (कारण सहित) (True or False with Reason)


    कथन १: हाइकु की उत्पत्ति जापान में हुई।

    उत्तर: सही। कारण, पाठ के अनुसार, "यह जापान की लोकप्रिय काव्य विधा है।"


    कथन २: काँटों के बीच खिला हुआ फूल निराशा का संदेश देता है।

    उत्तर: गलत। कारण, हाइकु के अनुसार, "काँटों के बीच खिलखिलाता फूल देता प्रेरणा।"


    कथन ३: रेल की पटरियाँ साथ-साथ चलते हुए भी हमेशा मौन रहती हैं।

    उत्तर: सही। कारण, कविता में कहा गया है, "चलतीं साथ पटरियाँ रेल की फिर भी मौन।"


    कथन ४: कवि के अनुसार फागुन का महीना अपने साथ उदासी लेकर आता है।

    उत्तर: गलत। कारण, कविता में लिखा है, "रंग-बिरंगे रंग-संग लेकर आया फागुन।"


    कथन ५: आँखों से आँसू बहने पर मन का विषाद धुल जाता है और मन पवित्र हो जाता है।

    उत्तर: सही। कारण, कविता में कहा गया है, "खारे जल से धुल गए विषाद मन पावन।"



    पद विश्लेषण (Poetry Appreciation)


    रचनाकार का नाम: विकास परिहार

    रचना का प्रकार: हाइकु। यह जापान की एक लोकप्रिय काव्य विधा है, जिसे विश्व की सबसे छोटी कविता कहा जाता है।

    पसंदीदा पंक्ति

    पसंदीदा होने का कारण

    रचना से प्राप्त संदेश

    काँटों के बीच खिलखिलाता फूल देता प्रेरणा ।


    यह पंक्ति नकारात्मकता में सकारात्मकता की शक्ति को दर्शाती है।

    हमें कठिनाइयों से घबराना नहीं चाहिए, बल्कि उनसे प्रेरणा लेकर आगे बढ़ना चाहिए।

    करते जाओ पाने की मत सोचो जीवन सारा ।


    यह पंक्ति 'कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन' के महान भारतीय दर्शन को सरल शब्दों में समझाती है।

    हमें फल की चिंता किए बिना अपना कर्म करते रहना चाहिए।

    भीतरी कुंठा आँखों के द्वार से आई बाहर ।


    यहाँ मन के भावों का मानवीकरण बहुत सुंदर ढंग से किया गया है, जिसमें आँखों को द्वार बताया गया है।

    मन के दुःख को दबाकर नहीं रखना चाहिए, उसे व्यक्त कर देने से मन हल्का हो जाता है।

    चलतीं साथ पटरियाँ रेल की फिर भी मौन ।


    यह एक साधारण दृश्य के माध्यम से रिश्तों में भावनात्मक दूरी का गहरा और मार्मिक चित्रण है।

    भौतिक निकटता हमेशा भावनात्मक जुड़ाव का प्रमाण नहीं होती।

    मृत्यु को जीना जीवन विष पीना है जिजीविषा ।


    यह पंक्ति जीवन के संघर्ष और जीने की प्रबल इच्छा को बहुत प्रभावशाली ढंग से व्यक्त करती है।

    जीवन की चुनौतियों और विष समान कष्टों को सहकर भी जीने की इच्छा रखना ही सच्ची मानवता है।


    स्वमत (Personal Opinion)


    प्रश्न १: 'काँटों के बीच खिलखिलाता फूल देता प्रेरणा' इस पंक्ति का आपके जीवन में क्या महत्व है?

    उत्तर: यह पंक्ति मेरे लिए एक मार्गदर्शक सिद्धांत की तरह है। यह मुझे सिखाती है कि परिस्थितियाँ चाहे कितनी भी कठिन क्यों न हों, हमें अपनी सकारात्मकता और मुस्कान नहीं खोनी चाहिए। जैसे फूल काँटों से घिरे होने के बावजूद अपनी सुंदरता और सुगंध फैलाना नहीं छोड़ता, वैसे ही हमें भी समस्याओं से घबराए बिना अपने लक्ष्य की ओर बढ़ते रहना चाहिए और दूसरों को प्रेरित करना चाहिए।

    उत्तर लिखने के लिए उपयोगी महत्वपूर्ण शब्द: प्रेरणा, सकारात्मकता, कठिनाइयाँ, संघर्ष, मुस्कान, आशावाद, प्रतिकूल परिस्थिति।


    प्रश्न २: 'करते जाओ पाने की मत सोचो' इस विचार से आप कहाँ तक सहमत हैं?

    उत्तर: मैं इस विचार से पूरी तरह सहमत हूँ। यह 'कर्मयोग' का सिद्धांत है जो हमें सिखाता है कि हमारा ध्यान केवल अपने कर्तव्य और कर्म पर होना चाहिए, न कि उसके परिणाम पर। जब हम फल की अपेक्षा से मुक्त होकर काम करते हैं, तो हम अधिक专注 और तनावमुक्त होकर बेहतर प्रदर्शन कर पाते हैं। इससे कार्य की गुणवत्ता में सुधार होता है और अंततः सफलता मिलने की संभावना भी बढ़ जाती है।

    उत्तर लिखने के लिए उपयोगी महत्वपूर्ण शब्द: कर्मयोग, निस्वार्थ, कर्तव्य, परिणाम, अपेक्षा, तनावमुक्त, गुणवत्ता, सफलता।


    प्रश्न ३: मन की पीड़ा को व्यक्त करना क्यों आवश्यक है? कविता के आधार पर स्पष्ट कीजिए।

    उत्तर: कविता के अनुसार, मन की पीड़ा को व्यक्त करना आवश्यक है क्योंकि जब दुःख और निराशा (कुंठा) हद से बढ़ जाती है, तो वह बादल बनकर आँखों से आँसुओं के रूप में बरस जाती है। इस खारे जल से मन का सारा विषाद धुल जाता है और मन पवित्र हो जाता है।  पीड़ा को अंदर ही अंदर दबाकर रखने से वह एक बोझ बन जाती है, जबकि उसे व्यक्त कर देने से मन हल्का और स्वच्छ हो जाता है।

    उत्तर लिखने के लिए उपयोगी महत्वपूर्ण शब्द: पीड़ा, कुंठा, विषाद, अभिव्यक्ति, आँसू, पवित्र, हल्का, मानसिक स्वास्थ्य।


    प्रश्न ४: प्रकृति हमें बहुत कुछ सिखाती है, इस विषय पर अपने विचार लिखिए।

    उत्तर: प्रकृति हमारी सबसे बड़ी शिक्षक है। इस कविता में ही फूल हमें काँटों के बीच भी मुस्कुराने की प्रेरणा देता है। फागुन का महीना हमें जीवन में रंगों और उल्लास का महत्व सिखाता है।  इसी प्रकार, नदियाँ हमें निरंतर आगे बढ़ना सिखाती हैं, पेड़ हमें परोपकार सिखाते हैं, और धरती हमें सहनशीलता सिखाती है। प्रकृति के हर तत्व में हमारे लिए कोई न कोई सीख छिपी होती है, बस हमें उसे समझने की दृष्टि चाहिए।

    उत्तर लिखने के लिए उपयोगी महत्वपूर्ण शब्द: शिक्षक, प्रेरणा, फूल, नदियाँ, पेड़, सहनशीलता, सीख, दृष्टि।


    प्रश्न ५: 'जिजीविषा' ही मनुष्य की असली ताकत है, इस पर अपने विचार व्यक्त करें।

    उत्तर: 'जिजीविषा' अर्थात जीने की प्रबल इच्छा ही मनुष्य की सबसे बड़ी ताकत है। जीवन में अनेक कठिनाइयाँ और विष समान कष्ट आते हैं।  कई बार परिस्थितियाँ इतनी प्रतिकूल होती हैं कि व्यक्ति हार मान लेना चाहता है। ऐसे समय में यही जिजीविषा उसे संघर्ष करने और जीवित रहने की प्रेरणा देती है। इसी ताकत के बल पर मनुष्य बड़ी से बड़ी आपदाओं और बीमारियों पर भी विजय प्राप्त कर लेता है।

    उत्तर लिखने के लिए उपयोगी महत्वपूर्ण शब्द: जिजीविषा, ताकत, संघर्ष, इच्छा-शक्ति, प्रतिकूल परिस्थिति, प्रेरणा, विजय, आशा।


    पिछली बोर्ड परीक्षाओं में पूछे गए प्रश्न (Previous Years' Board Questions)


    प्रश्न १: हाइकु इस काव्य विधा की विशेषताएँ लिखिए।

    उत्तर: हाइकु काव्य विधा की प्रमुख विशेषताएँ निम्नलिखित हैं:

    • यह जापान की एक लोकप्रिय काव्य विधा है।

    • इसे विश्व की सबसे छोटी कविता कहा जाता है।

    • यह कविता 5+7+5=17 वर्णों के एक निश्चित ढाँचे में लिखी जाती है।

    • इसमें सीमित शब्दों में गहन अर्थ प्रस्तुत किया जाता है।


    प्रश्न २: 'मन की पीड़ा' और 'भीतरी कुंठा' को कवि ने किस प्रकार व्यक्त किया है?

    उत्तर: कवि ने 'मन की पीड़ा' और 'भीतरी कुंठा' को व्यक्त करने के लिए प्रकृति के प्रतीकों का सुंदर उपयोग किया है।

    • भीतरी कुंठा: कवि कहते हैं कि मन में दबी हुई घोर निराशा (कुंठा) आँसुओं के रूप में आँखों के द्वार से बाहर आ गई।

    • मन की पीड़ा: कवि मन की पीड़ा की तुलना बादल से करते हैं, जो घिरकर आँखों से आँसू बनकर बरस जाता है।


    प्रश्न ३: कवि ने 'सूना आकाश' और 'मौन पटरियाँ' के माध्यम से क्या दर्शाया है?

    उत्तर: कवि ने 'सूना आकाश' और 'मौन पटरियाँ' के माध्यम से मानवीय रिश्तों में अकेलेपन और संवादहीनता को दर्शाया है।

    • सूना आकाश: जब सितारे बादलों की ओट में छिप जाते हैं, तो आकाश सूना हो जाता है।  यह अपनों के बिना जीवन के अकेलेपन का प्रतीक है।

    • मौन पटरियाँ: रेल की पटरियाँ हमेशा साथ चलती हैं पर फिर भी मौन रहती हैं।  यह उन रिश्तों का प्रतीक है जो साथ होते हुए भी भावनात्मक रूप से एक-दूसरे से दूर और चुप रहते हैं।


    प्रश्न ४: निम्नलिखित हाइकु का सरल अर्थ लिखिए:

    १. करते जाओ / पाने की मत सोचो / जीवन सारा ।

    २. मृत्यु को जीना / जीवन विष पीना / है जिजीविषा ।


    उत्तर: १. करते जाओ...: इसका सरल अर्थ है कि मनुष्य को अपना पूरा जीवन फल की अपेक्षा किए बिना केवल अपने कर्मों को करने में लगाना चाहिए।

    २. मृत्यु को जीना...: इसका सरल अर्थ है कि जीवन में आने वाले कष्टों और विष समान दुःखों को सहते हुए भी जीवित रहने की प्रबल इच्छा रखना ही सच्ची जिजीविषा या जीवन-शक्ति है।


    प्रश्न ५: 'फागुन' महीने के आगमन का वर्णन कविता के आधार पर कीजिए।

    उत्तर: कविता के अनुसार, फागुन महीने का आगमन अत्यंत उल्लासपूर्ण और जीवंत होता है। कवि कहते हैं कि फागुन अपने साथ तरह-तरह के रंग लेकर आता है, जिससे चारों ओर का वातावरण रंगीन और खुशनुमा हो जाता है।  यह प्रकृति में एक नई ऊर्जा और जीवन का संचार करता है।


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