top of page

    5. जूलिया - Julia - Class 9 - Lokbharati

    Updated: 2 days ago

    ree

    पाठ का प्रकार:  गद्य (एकांकी)

    पाठ का शीर्षक:  जूलिया

    लेखक/कवि का नाम : अंतोन चेखव

    सारांश (Bilingual Summary)


    हिन्दी: प्रस्तुत एकांकी 'जूलिया' में, एक गृहस्वामी अपनी बच्चों की गवर्नेस (सेविका) जूलिया को उसकी तनख्वाह का हिसाब करने के लिए बुलाता है। वह जानबूझकर गलत हिसाब करता है और विभिन्न झूठे कारणों—जैसे छुट्टियाँ, टूटी प्याली, बच्चे की फटी जैकेट, चोरी हुए जूते और एक नकली एडवांस—के लिए पैसे काटता है। जूलिया, अपने दब्बू और भीरु स्वभाव के कारण, हर अन्यायपूर्ण कटौती को चुपचाप स्वीकार कर लेती है। जब गृहस्वामी उसकी अस्सी रूबल की तनख्वाह को काटकर ग्यारह रूबल देता है और जूलिया उसे धन्यवाद कहती है, तो गृहस्वामी को क्रोध आ जाता है। वह बताता है कि यह सब उसे एक सबक सिखाने के लिए किया गया एक क्रूर मजाक था। अंत में, वह जूलिया को उसके पूरे अस्सी रूबल देता है और उसे इस कठोर संसार में अपने अधिकारों के लिए लड़ने और अन्याय का विरोध करने की प्रेरणा देता है।

    English: In this one-act play, 'Julia', a homeowner calls his children's governess, Julia, to settle her salary. He deliberately calculates her pay incorrectly, deducting money for various false reasons—such as holidays, a broken teacup, the child's torn jacket, stolen shoes, and a fake advance payment. Julia, due to her submissive and timid nature, quietly accepts every unjust deduction. When the homeowner reduces her eighty-ruble salary to eleven rubles and Julia thanks him for it, the homeowner becomes enraged. He reveals that it was all a cruel joke intended to teach her a lesson. In the end, he gives Julia her full eighty rubles and inspires her to fight for her rights and protest against injustice in this harsh world.

    केंद्रीय भाव (Bilingual Theme / Central Idea)


    हिन्दी: इस एकांकी का केंद्रीय भाव दब्बूपन और भीरुता के कारण होने वाले शोषण को उजागर करना तथा उसके विरुद्ध आवाज उठाने के लिए प्रेरित करना है । लेखक यह संदेश देना चाहते हैं कि संसार में सीधे, दब्बू और रीढ़रहित लोगों के लिए कोई स्थान नहीं है । यदि व्यक्ति अपने साथ हो रहे अन्याय का विरोध नहीं करता, तो यह संसार उसे और अधिक दबाता है। इस एकांकी के माध्यम से लेखक ने अपने अधिकार और न्याय के प्रति सजग रहने तथा शोषण से मुक्ति पाने के लिए पूरी शक्ति से लड़ने का एक प्रभावी संदेश दिया है ।


    English: The central theme of this play is to highlight the exploitation that occurs due to submissiveness and timidity and to inspire people to raise their voice against it. The author wants to convey the message that there is no place for simple, submissive, and spineless people in this world. If a person does not protest against the injustice happening to them, the world will suppress them even more. Through this play, the author has given a powerful message to be aware of one's rights and justice and to fight with all might to get freedom from exploitation.

    पात्रों का चरित्र-चित्रण (Bilingual Character Sketch)


    जूलिया: हिन्दी:

    • दब्बू और भीरु: जूलिया स्वभाव से बहुत दब्बू और डरपोक है । वह अपने मालिक के सामने अपनी बात रखने से भी डरती है।


    • अन्याय सहने वाली: गृहस्वामी द्वारा तनख्वाह में की जा रही हर गलत कटौती का वह विरोध नहीं करती और सारी ज्यादतियाँ चुपचाप सह लेती है ।


    • ईमानदार: वह ईमानदार है। जब गृहस्वामी कहता है कि तनख्वाह तीस रूबल तय हुई थी, तो वह विनीत स्वर में कहती है कि चालीस रूबल तय हुई थी ।


    • आत्मविश्वास की कमी: उसमें आत्मविश्वास की भारी कमी है, जिसके कारण वह अपने अधिकारों के लिए लड़ नहीं पाती।

    English:

    • Submissive and Timid: Julia is very submissive and timid by nature. She is afraid to even state her case in front of her master.


    • Tolerates Injustice: She doesn't protest against any of the wrong deductions made from her salary by the homeowner and endures all atrocities silently.


    • Honest: She is honest. When the homeowner claims the salary was fixed at thirty rubles, she says in a humble voice that it was forty.


    • Lacks Self-confidence: She severely lacks self-confidence, which is why she is unable to fight for her rights.

    गृहस्वामी:

    हिन्दी:

    • सख्त प्रतीत होने वाला: शुरुआत में वह एक कठोर, निर्दयी और शोषक व्यक्ति प्रतीत होता है जो जूलिया के पैसे हड़पना चाहता है।

    • न्यायप्रिय और शिक्षक: वास्तव में, वह एक न्यायप्रिय व्यक्ति है। वह जूलिया को एक क्रूर मजाक के माध्यम से जीवन का एक महत्वपूर्ण पाठ सिखाना चाहता है ।

    • प्रेरणास्रोत: अंत में, वह एक प्रेरणास्रोत के रूप में सामने आता है जो जूलिया को अन्याय के खिलाफ लड़ने के लिए प्रेरित करता है ।

    • स्पष्टवादी: वह अपनी बात को बहुत ही सीधे और स्पष्ट तरीके से रखता है, भले ही वह कठोर क्यों न लगे। English:

    • Appears Strict: Initially, he appears to be a harsh, ruthless, and exploitative person who wants to usurp Julia's money.

    • Just and a Teacher: In reality, he is a just person. He wants to teach Julia an important life lesson through a cruel joke.

    • Source of Inspiration: In the end, he emerges as a source of inspiration who motivates Julia to fight against injustice.

    • Outspoken: He presents his views very directly and clearly, even if it seems harsh.

    शब्दार्थ (Glossary)


    शब्द (Word)

    पर्यायवाची शब्द (Synonym)

    विलोम शब्द (Antonym)

    निर्मम

    निर्दयी, क्रूर


    दयालु, सहृदय

    भीरु

    डरपोक, कायर


    वीर, साहसी

    बोदा

    मूर्ख, सुस्त


    चतुर, बुद्धिमान

    विनीत

    विनम्र, नम्र

    उद्दंड, अभिमानी

    तनख्वाह

    वेतन, पगार

    -

    क्रूर

    निर्दयी, कठोर

    दयावान, सौम्य

    ज्यादती

    अत्याचार, अन्याय

    न्याय, इंसाफ

    रीढ़रहित

    कमजोर, असहाय

    सशक्त, स्वावलंबी

    रूबल

    रूस की मुद्रा


    -

    नागा

    अनुपस्थिति, गैरहाजिरी


    उपस्थिति, हाजिरी

    सही या गलत (कारण सहित) (True or False with Reason)


    कथन १: जूलिया की तनख्वाह चालीस रूबल महीना तय हुई थी। उत्तर: सही। कारण, जब गृहस्वामी तनख्वाह तीस रूबल बताता है तो जूलिया विनीत स्वर में कहती है, "जी नहीं मालिक, चालीस रूबल" ।


    कथन २: गृहस्वामी ने जूलिया के पैसे चाय की प्याली तोड़ने के लिए नहीं काटे। उत्तर: गलत। कारण, गृहस्वामी स्पष्ट रूप से कहता है, "हाँ, तो मैं प्याली के दो रूबल ही काटूँगा" ।


    कथन ३: जूलिया ने मालकिन से तीन रूबल लिए थे। उत्तर: सही। कारण, जूलिया आँसू पीती हुई काँपती आवाज में कहती है, "मुझे अभी तक एक ही बार कुछ पैसे मिले थे और वो मुझे मालकिन ने दिए थे, सिर्फ तीन रूबल" ।


    कथन ४: गृहस्वामी का असली उद्देश्य जूलिया को ठगना था। उत्तर: गलत। कारण, गृहस्वामी अंत में कहता है, "जूलिया, मुझे इस बात के लिए माफ कर देना कि मैंने तुम्हारे साथ एक छोटा-सा क्रूर मजाक किया... पर मैं तुम्हें सबक सिखाना चाहता था" ।


    कथन ५: जूलिया ने अपने साथ हो रहे अन्याय का जमकर विरोध किया। उत्तर: गलत। कारण, गृहस्वामी कहता है कि जूलिया दब्बू, भीरु और बोदा बनकर खामोश रही और उसने अन्याय का विरोध तक नहीं किया ।

    स्वमत (Personal Opinion)


    प्रश्न १: यदि आप जूलिया की जगह होते तो क्या करते? उत्तर: यदि मैं जूलिया की जगह होता, तो मैं अपने साथ हो रहे अन्याय को चुपचाप सहन नहीं करता। जब गृहस्वामी मेरी तनख्वाह तीस रूबल बताते, तो मैं दृढ़ता से कहता कि तनख्वाह चालीस रूबल तय हुई थी। मैं अपने काम के दिनों का सही हिसाब रखता और गलत कटौती का विनम्रतापूर्वक लेकिन मजबूती से विरोध करता। जब वह मुझ पर झूठे आरोप लगाते, जैसे जूते चुराना या एडवांस देना, तो मैं शांत रहकर सच्चाई बताता। मैं उन्हें यह एहसास कराता कि मैं अपने काम और अधिकारों के प्रति सजग हूँ। अन्याय सहना भी अन्याय करने जैसा ही है, इसलिए मैं अपने स्वाभिमान की रक्षा के लिए अवश्य आवाज उठाता। उत्तर लिखने के लिए उपयोगी महत्वपूर्ण शब्द: दृढ़ता, विरोध, सजग, स्वाभिमान, अन्याय, अधिकार, आत्मविश्वास, सच्चाई।

    प्रश्न २: 'संसार में दब्बू और रीढ़रहित लोगों के लिए कोई स्थान नहीं है', इस कथन पर अपने विचार लिखिए। उत्तर: यह कथन पूरी तरह से सत्य है। यह संसार एक संघर्ष क्षेत्र की तरह है, जहाँ हर किसी को अपने अस्तित्व और अधिकारों के लिए लड़ना पड़ता है। जो लोग दब्बू, डरपोक और 'रीढ़रहित' यानी कमजोर इच्छाशक्ति वाले होते हैं, उन्हें अक्सर दबाया जाता है और उनका शोषण होता है, जैसा जूलिया के साथ हुआ। समाज हमेशा उन लोगों का सम्मान करता है जो आत्मविश्वासी होते हैं और अन्याय के खिलाफ आवाज उठाते हैं। अपनी प्रतिभा और क्षमता के बावजूद, एक दब्बू व्यक्ति अवसरों से वंचित रह जाता है। इसलिए, इस कठोर संसार में सम्मान और अधिकार के साथ जीने के लिए अपनी आवाज उठाना और मजबूत बनना अत्यंत आवश्यक है ।


    उत्तर लिखने के लिए उपयोगी महत्वपूर्ण शब्द: संघर्ष, अस्तित्व, अधिकार, शोषण, आत्मविश्वास, सम्मान, अवसर, मजबूत इच्छाशक्ति।

    प्रश्न ३: क्या गृहस्वामी का जूलिया को सबक सिखाने का तरीका सही था? तर्क सहित उत्तर दीजिए। उत्तर: गृहस्वामी का जूलिया को सबक सिखाने का तरीका कठोर और क्रूर तो था, लेकिन शायद जूलिया जैसे अत्यंत दब्बू व्यक्ति के लिए यही आवश्यक था। सामान्य उपदेश या सलाह का उस पर शायद कोई असर न होता। गृहस्वामी ने उसे प्रैक्टिकली यह अनुभव कराया कि चुप रहने से उसका कितना नुकसान हो सकता है। जब जूलिया ने शोषण की पराकाष्ठा को महसूस किया, तभी गृहस्वामी के शब्दों का उस पर गहरा प्रभाव पड़ा होगा। हालाँकि यह तरीका मानसिक रूप से पीड़ादायक था, लेकिन इसका उद्देश्य जूलिया को भविष्य के बड़े शोषण से बचाने के लिए उसे अंदर से जगाना और मजबूत बनाना था। इसलिए, उद्देश्य को देखते हुए इस कठोर तरीके को उचित ठहराया जा सकता है। उत्तर लिखने के लिए उपयोगी महत्वपूर्ण शब्द: कठोर तरीका, आवश्यक, व्यावहारिक अनुभव, शोषण की पराकाष्ठा, गहरा प्रभाव, मानसिक पीड़ा, भविष्य की सुरक्षा।

    प्रश्न ४: जूलिया जैसे लोग अन्याय का विरोध क्यों नहीं कर पाते? उत्तर: जूलिया जैसे लोग कई कारणों से अन्याय का विरोध नहीं कर पाते। इसका सबसे बड़ा कारण आत्मविश्वास की कमी और डर होता है। उन्हें लगता है कि विरोध करने से उनकी नौकरी चली जाएगी या मालिक नाराज हो जाएगा। अक्सर, पिछले बुरे अनुभव भी उन्हें दब्बू बना देते हैं, जैसे जूलिया ने बताया कि उसके पिछले मालिकों ने तो एक पैसा भी नहीं दिया था । इस वजह से उनकी उम्मीदें बहुत कम हो जाती हैं। वे सोचते हैं कि 'कुछ न मिलने' से 'कुछ मिलना' बेहतर है। इसके अलावा, अपने अधिकारों की जानकारी का अभाव और यह मानना कि वे कमजोर हैं, उन्हें अन्याय सहने के लिए विवश कर देता है।


    उत्तर लिखने के लिए उपयोगी महत्वपूर्ण शब्द: आत्मविश्वास की कमी, डर, नौकरी खोने का भय, बुरे अनुभव, अधिकारों की अज्ञानता, विवशता, कम उम्मीदें।

    प्रश्न ५: समाज में जूलिया जैसे शोषित लोगों की मदद कैसे की जा सकती है? उत्तर: समाज में जूलिया जैसे शोषित लोगों की मदद करने के लिए हमें बहुस्तरीय प्रयास करने होंगे। सबसे पहले, उन्हें उनके अधिकारों के बारे में शिक्षित करना आवश्यक है, जैसे न्यूनतम वेतन कानून और श्रम अधिकार। हमें उन्हें आत्मविश्वास प्रदान करना होगा और यह यकीन दिलाना होगा कि अन्याय के खिलाफ आवाज उठाना गलत नहीं है। गैर-सरकारी संगठन (NGOs) और कानूनी सहायता केंद्र ऐसे लोगों को मुफ्त कानूनी सलाह और समर्थन प्रदान कर सकते हैं। हमें एक ऐसा सामाजिक माहौल बनाना होगा जहाँ शोषण की घटनाओं की निंदा की जाए और शोषित व्यक्ति को अकेला न छोड़ा जाए, बल्कि उसका साथ दिया जाए। उत्तर लिखने के लिए उपयोगी महत्वपूर्ण शब्द: शिक्षा, अधिकार, आत्मविश्वास, कानूनी सहायता, सामाजिक समर्थन, निंदा, जागरूकता, सशक्तिकरण।

    संभावित परीक्षा प्रश्न (Probable Exam Questions)


    प्रश्न १: गृहस्वामी ने जूलिया की तनख्वाह से किन कारणों से कटौती की? उत्तर: गृहस्वामी ने जूलिया की तनख्वाह से निम्नलिखित कारणों से कटौती की:

    • नौ इतवार और तीन अन्य छुट्टियाँ मनाने के लिए बारह रूबल ।

    • कोल्या के बीमार रहने और वान्या के दाँतों में दर्द के कारण सात दिन काम न करने के लिए सात रूबल ।

    • चाय की प्याली और प्लेट तोड़ने के लिए दो रूबल ।

    • बच्चे की जैकेट फटने के लिए दस रूबल ।

    • नौकरानी द्वारा वान्या के जूते चुरा लिए जाने के लिए पाँच रूबल ।

    • दस जनवरी को दिए गए दस रूबल के झूठे एडवांस के लिए ।


    प्रश्न २: एकांकी के अंत में गृहस्वामी जूलिया को क्या संदेश देता है? उत्तर: एकांकी के अंत में गृहस्वामी जूलिया को यह संदेश देता है कि भला कहलाने के लिए इतना दब्बू, भीरु और बोदा बनना ठीक नहीं है कि अपने साथ हो रहे अन्याय का विरोध तक न किया जाए । वह कहता है कि चुप रहने से काम नहीं चलेगा। अपने अस्तित्व को बचाए रखने के लिए इस कठोर, क्रूर, निर्मम और हृदयहीन संसार से पूरी शक्ति के साथ लड़ना होगा । गृहस्वामी यह भी कहता है कि इस संसार में दब्बू और कमजोर लोगों के लिए कोई स्थान नहीं है ।


    प्रश्न ३: जूलिया के मन के भाव दर्शाने वाले स्वर कौन-से हैं? उत्तर: पाठ के आधार पर जूलिया के मन के भाव दर्शाने वाले स्वर निम्नलिखित हैं:

    • दबे स्वर में: यह उसका डर और संकोच दिखाता है ।

    • विनीत स्वर में: यह उसकी विनम्रता को दर्शाता है ।

    • रुआँसी हो जाती है / रोते स्वर में: यह उसकी पीड़ा और विवशता को व्यक्त करता है ।

    • काँपती आवाज में: यह उसके अत्यधिक डर और घबराहट को दिखाता है ।

    • भयभीत स्वर में: यह उसके मन में बसे गहरे डर को प्रकट करता है ।


    प्रश्न ४: गृहस्वामी ने जूलिया से माफी क्यों माँगी? उत्तर: गृहस्वामी ने जूलिया से माफी इसलिए माँगी क्योंकि उसने जूलिया के साथ एक छोटा-सा क्रूर मजाक किया था । उसने जानबूझकर उसे ठगा, धोखा दिया और उसके पैसे हड़प लिए ताकि वह जूलिया को एक सबक सिखा सके । अपने इस कठोर व्यवहार और जूलिया को दी गई मानसिक पीड़ा के लिए उसने उससे माफी माँगी।


    प्रश्न ५: 'ठग लेना' मुहावरे का अर्थ लिखकर वाक्य में प्रयोग कीजिए। उत्तर: अर्थ: धोखा देना । वाक्य: एक चालाक दुकानदार ने एक भोले-भाले ग्राहक को नकली सामान देकर ठग लिया



    About BhashaLab


    BhashaLab is a dynamic platform dedicated to the exploration and mastery of languages - operating both online and offline. Aligned with the National Education Policy (NEP) 2020 and the National Credit Framework (NCrF), we offer language education that emphasizes measurable learning outcomes and recognized, transferable credits.


    We offer:

    1. NEP alligned offline language courses for degree colleges - English, Sanskrit, Marathi and Hindi

    2. NEP alligned offline language courses for schools - English, Sanskrit, Marathi and Hindi

    3. Std VIII, IX and X - English and Sanskrit Curriculum Tuitions - All boards

    4. International English Olympiad Tuitions - All classes

    5. Basic and Advanced English Grammar - Offline and Online - Class 3 and above

    6. English Communication Skills for working professionals, adults and students - Offline and Online


    Contact: +91 86577 20901, +91 97021 12044

     
     
     

    Comments


    bottom of page