1.8 - वीरभूमि पर कुछ दिन - Veerbhumi Par Kuch Din - Class 9 - Lokbharati
- Sep 11
- 8 min read
Updated: Sep 12

पाठ का प्रकार: गद्य (यात्रा वर्णन) पाठ का शीर्षक: वीरभूमि पर कुछ दिन लेखक/कवि का नाम: रुक्मणी संगल
सारांश (Bilingual Summary)
हिन्दी: प्रस्तुत यात्रा वर्णन में, लेखिका रुक्मणी संगल राजस्थान के तीन ऐतिहासिक शहरों—जोधपुर, जैसलमेर और चित्तौड़गढ़—की अपनी यात्रा का सजीव चित्रण करती हैं। जोधपुर में वे उम्मेद भवन, मंडोर गार्डन, मेहरानगढ़ किला और जसवंत थड़ा जैसे भव्य स्थलों का भ्रमण करती हैं। इसके बाद वे जैसलमेर जाती हैं, जहाँ वे पटवा की हवेलियों के अद्भुत वास्तुशिल्प को देखती हैं और 'सम' के रेगिस्तान में ऊँट की सवारी, सूर्यास्त के मनोरम दृश्य तथा राजस्थानी लोक संस्कृति का आनंद लेती हैं। उनकी यात्रा का अंतिम पड़ाव चित्तौड़गढ़ होता है, जहाँ का कण-कण महाराणा प्रताप के शौर्य, भामाशाह के त्याग और मीरा की भक्ति की कहानियाँ कहता है। लेखिका इस वीरभूमि की कला, संस्कृति और इतिहास से अभिभूत होकर इस धरती को शत-शत नमन करती हैं।
English: In this travelogue, the author Rukmini Sangal vividly describes her journey to three historical cities of Rajasthan—Jodhpur, Jaisalmer, and Chittorgarh. In Jodhpur, she visits magnificent sites like the Umaid Bhawan Palace, Mandore Garden, Mehrangarh Fort, and Jaswant Thada. Following this, she travels to Jaisalmer, where she admires the incredible architecture of the Patwon Ki Haveli and enjoys a camel ride, a picturesque sunset, and Rajasthani folk culture in the 'Sam' desert. The final stop of her journey is Chittorgarh, where every particle tells tales of Maharana Pratap's valor, Bhamashah's sacrifice, and Meera's devotion. The author, overwhelmed by the art, culture, and history of this "Land of the Brave," pays her deepest respects to it.
केंद्रीय भाव (Bilingual Theme / Central Idea)
हिन्दी: इस पाठ का केंद्रीय भाव राजस्थान की वीरभूमि के गौरवशाली इतिहास, समृद्ध कला-संस्कृति और अद्भुत वास्तुशिल्प से पाठक का परिचय कराना है। लेखिका अपनी यात्रा के अनुभवों के माध्यम से जोधपुर, जैसलमेर और चित्तौड़गढ़ की ऐतिहासिक धरोहरों का महत्व दर्शाती हैं। यह पाठ न केवल एक भौगोलिक यात्रा का वर्णन है, बल्कि एक ऐसी भावनात्मक यात्रा भी है जो हमें भारत के वीरों के त्याग, बलिदान, भक्ति और कलात्मक उत्कृष्टता के प्रति सम्मान और गर्व से भर देती है। इसका उद्देश्य पाठक के मन में अपनी सांस्कृतिक विरासत के प्रति जागरूकता और प्रेम जगाना है।
English: The central idea of this lesson is to introduce the reader to the glorious history, rich art and culture, and magnificent architecture of Rajasthan, the "Land of the Brave." Through her travel experiences, the author highlights the significance of the historical heritage of Jodhpur, Jaisalmer, and Chittorgarh. This text is not just a description of a geographical journey but also an emotional one that fills us with respect and pride for the sacrifice, valor, devotion, and artistic excellence of India's heroes. It aims to awaken a sense of awareness and love for our cultural heritage in the reader's mind.
शब्दार्थ (Glossary)
शब्द (Word) | पर्यायवाची शब्द (Synonym) | विलोम शब्द (Antonym) |
दृष्टिगोचर | दिखाई देना, प्रत्यक्ष | अदृश्य, ओझल |
गंतव्य | मंजिल, लक्ष्य | प्रस्थान, उद्गम |
भव्य | शानदार, आलीशान | साधारण, सामान्य |
उत्कृष्ट | श्रेष्ठ, उत्तम | निकृष्ट, घटिया |
जलाशय | तालाब, सरोवर | मरुस्थल, सूखा |
जौहर | आत्मदहन, आत्मोत्सर्ग | जीवन, संरक्षण |
वास्तुशिल्प | स्थापत्य कला, भवन निर्माण कला | - |
रोमांचकारी | रोमांचक, उत्तेजक | उबाऊ, नीरस |
क्षितिज | दिगंत, जहाँ धरती-आकाश मिलते दिखें | - |
स्वामिभक्त | वफादार, निष्ठावान | कृतघ्न, विश्वासघाती |
सही या गलत (कारण सहित) (True or False with Reason)
कथन १: उम्मेद भवन को 'छीतर भवन' भी कहा जाता है। उत्तर: सही। कारण, पाठ में उल्लेख है, "छीतर झील के पास होने से इसे 'छीतर भवन' भी कहते हैं।"
कथन २: पटवा की हवेलियों का निर्माण महाराणा प्रताप ने अपने पाँच पुत्रों के लिए कराया था। उत्तर: गलत। कारण, पाठ के अनुसार, "शहर के प्रसिद्ध व्यापारी सेठ पटवा ने अपने पाँच पुत्रों के लिए इन हवेलियों का निर्माण कराया था।"
कथन ३: चित्तौड़गढ़ का विजय स्तंभ रानी पद्मिनी के जौहर की याद में बनाया गया था। उत्तर: गलत। कारण, यह स्तंभ "महाराणा कुंभा द्वारा मालवा के सुल्तान और गुजरात के सुल्तान के संयुक्त आक्रमण की साहसिक विजय के रूप में बनाया गया।"
कथन ४: लेखिका ने 'सम' में पहली बार ऊँट की सवारी की। उत्तर: सही। कारण, लेखिका कहती हैं, "ऊँट की सवारी का यह पहला अनुभव था।"
कथन ५: मेहरानगढ़ का किला जैसलमेर शहर के मध्य में स्थित है। उत्तर: गलत। कारण, पाठ के अनुसार, मेहरानगढ़ किला "शहर के मध्य में" जोधपुर में स्थित है, जैसलमेर में नहीं।
स्वमत (Personal Opinion)
प्रश्न १: 'ऐतिहासिक स्थलों की सुरक्षा एवं संवर्धन करना हमारा कर्तव्य है।' इस पर अपने विचार लिखिए।
उत्तर: यह कथन पूर्णतया सत्य है कि ऐतिहासिक स्थलों की सुरक्षा और संवर्धन हमारा राष्ट्रीय कर्तव्य है। ये स्थल केवल पत्थर और ईंट की इमारतें नहीं, बल्कि हमारे गौरवशाली अतीत, संस्कृति और पूर्वजों के त्याग और बुद्धिमत्ता के जीवंत प्रतीक हैं। ये हमारी पहचान का एक अभिन्न अंग हैं और आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा के स्रोत हैं। यदि हम इन्हें नुकसान पहुँचाते हैं, इन पर कुछ लिखते हैं या गंदगी फैलाते हैं, तो हम वास्तव में अपने ही इतिहास का अपमान करते हैं। सरकार के साथ-साथ प्रत्येक नागरिक की यह जिम्मेदारी है कि वह इन धरोहरों को स्वच्छ रखे, उन्हें किसी प्रकार की क्षति न पहुँचाए और दूसरों को भी ऐसा करने के लिए प्रेरित करे।
उत्तर लिखने के लिए उपयोगी महत्वपूर्ण शब्द: राष्ट्रीय कर्तव्य, गौरवशाली अतीत, जीवंत प्रतीक, सांस्कृतिक विरासत, प्रेरणा स्रोत, नागरिक जिम्मेदारी, संरक्षण।
प्रश्न २: यात्रा वर्णन पढ़ने से हमें किसी स्थान के बारे में क्या-क्या जानकारियाँ मिलती हैं?
उत्तर: यात्रा वर्णन पढ़ने से हमें किसी स्थान के बारे में बहुआयामी जानकारी मिलती है। हमें उस स्थान के भौगोलिक स्वरूप, मौसम और प्राकृतिक सौंदर्य का पता चलता है। वहाँ के ऐतिहासिक महत्व, प्रमुख दर्शनीय स्थलों, उनकी वास्तुकला और उनसे जुड़ी कहानियों की जानकारी मिलती है। इसके अतिरिक्त, यात्रा वर्णन से हमें उस क्षेत्र की संस्कृति, लोगों के रहन-सहन, खान-पान, पहनावे और लोक कलाओं के बारे में भी पता चलता है। यह हमें यात्रा की योजना बनाने, बजट का अनुमान लगाने और यात्रा के दौरान आने वाली व्यावहारिक बातों को समझने में भी मदद करता है। एक अच्छा यात्रा वृत्तांत पाठक को घर बैठे ही उस स्थान की सैर करा देता है।
उत्तर लिखने के लिए उपयोगी महत्वपूर्ण शब्द: भौगोलिक स्वरूप, ऐतिहासिक महत्व, वास्तुकला, संस्कृति, रहन-सहन, खान-पान, लोक कला, यात्रा योजना।
प्रश्न ३: पाठ के आधार पर राजस्थान को 'वीरभूमि' क्यों कहा गया है? उत्तर: पाठ के आधार पर राजस्थान को 'वीरभूमि' कहना सर्वथा उचित है। चित्तौड़गढ़ का वर्णन करते हुए लेखिका महाराणा प्रताप जैसे वीर और स्वाभिमानी देशभक्त का उल्लेख करती हैं, जिन्होंने अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया पर हार नहीं मानी। वे भामाशाह जैसे स्वामिभक्त को याद करती हैं, जिन्होंने अपनी सारी पूँजी देश के लिए अर्पित कर दी। पाठ में जौहर करने वाली वीरांगनाओं और रानी पद्मिनी का भी जिक्र है, जिन्होंने अपने स्वत्व की रक्षा के लिए बलिदान दिया। यहाँ के कण-कण में वीरता, त्याग और बलिदान की कहानियाँ भरी हैं। इन्हीं कारणों से राजस्थान को 'वीरभूमि' कहा गया है।
उत्तर लिखने के लिए उपयोगी महत्वपूर्ण शब्द: वीरता, स्वाभिमान, त्याग, बलिदान, जौहर, देशभक्ति, शौर्य, आत्मसमर्पण न करना।
प्रश्न ४: 'सम' के रेगिस्तान में सूर्यास्त के समय का दृश्य बहुत आकर्षक था। अपने शब्दों में वर्णन कीजिए। उत्तर: 'सम' के रेगिस्तान में सूर्यास्त का दृश्य अत्यंत मनमोहक और अद्भुत था। चमकता हुआ सूर्य धीरे-धीरे ताम्रवर्णी होकर क्षितिज में विलीन हो रहा था। पर्यटक इस पल को अपने कैमरों में कैद करने के लिए उत्साहित थे। रेत के मखमली गद्दों पर ऊँटों की लंबी कतारें, उन पर बैठे रंग-बिरंगी पोशाकों वाले पर्यटक एक जादुई माहौल बना रहे थे। इस दृश्य के बीच चलती-फिरती दुकानों की तरह घूमते विक्रेता और लोकगीत सुनाती राजस्थानी कन्याएँ उस अनुभव को और भी जीवंत बना रही थीं। कुल मिलाकर, वह जनसमूह किसी महाकुंभ जैसा प्रतीत हो रहा था।
उत्तर लिखने के लिए उपयोगी महत्वपूर्ण शब्द: अद्भुत दृश्य, ताम्रवर्णी सूर्य, क्षितिज, मखमली रेत, ऊँटों की कतारें, लोकगीत, जीवंत अनुभव।
प्रश्न ५: 'गढ़ों में गढ़ चित्तौड़गढ़ बाकी सब गदैया।' इस कहावत का क्या अर्थ है? उत्तर: 'गढ़ों में गढ़ चित्तौड़गढ़ बाकी सब गदैया' एक प्रसिद्ध राजस्थानी कहावत है जिसका अर्थ है कि यदि किलों में कोई वास्तविक किला है तो वह चित्तौड़गढ़ ही है, बाकी सब तो छोटे-मोटे किले या किलेनुमा ढाँचे (गदैया) हैं। यह कहावत चित्तौड़गढ़ दुर्ग की विशालता, उसके सामरिक महत्व, उसकी अभेद्यता और उसके गौरवशाली इतिहास को दर्शाती है। यह इस किले को अन्य सभी किलों से श्रेष्ठ और सर्वोपरि बताती है। इस दुर्ग के साथ जुड़ी वीरता, त्याग और बलिदान की असंख्य कहानियाँ इसे महज़ एक ढाँचा नहीं, बल्कि एक जीवंत प्रतीक बनाती हैं, इसीलिए इसे सभी गढ़ों का सिरमौर कहा गया है। उत्तर लिखने के लिए उपयोगी महत्वपूर्ण शब्द: श्रेष्ठता, विशालता, सामरिक महत्व, गौरवशाली इतिहास, अभेद्य, सर्वोपरि, जीवंत प्रतीक।
संभावित परीक्षा प्रश्न (Probable Exam Questions)
प्रश्न १: जोधपुर में स्थित 'उम्मेद भवन' और 'मेहरानगढ़ किले' की विशेषताएँ लिखिए। उत्तर: उम्मेद भवन:
यह विश्व का विशालतम भवन है जिसका निर्माण महाराजा उम्मेद सिंह ने करवाया था।
इसे 'छीतर भवन' भी कहते हैं क्योंकि यह छीतर झील के पास है।
इसके ३४३ कमरों को होटल में बदल दिया गया है और एक भाग में शाही परिवार रहता है।
भूतल पर एक म्यूजियम है जिसमें राजाओं की जानकारियाँ चित्रों के माध्यम से प्रस्तुत की गई हैं।
मेहरानगढ़ किला:
यह शहर के मध्य ४०० फीट ऊँची पहाड़ी पर बना है।
इसका निर्माण १४५९ में जोधा जी राव द्वारा कराया गया था।
इसमें जयपोल, लोहपोल और फतहपोल जैसे भव्य प्रवेश द्वार हैं।
किले के अंदर मोतीमहल, फूलमहल और शीशमहल जैसे कई विशाल भवन हैं।
प्रश्न २: पटवा की हवेलियों के वास्तुशिल्प का वर्णन कीजिए। उत्तर: पटवा की हवेलियाँ कलात्मक वास्तुशिल्प का अद्भुत नमूना हैं। ये पाँच हवेलियाँ शहर के मध्य में स्थित हैं। इनकी छतें खूबसूरत पत्थर के खंभों पर खड़ी हैं। हवेलियों में पत्थर से बनी जालियों का काम, कई पारदर्शक झरोखे, सोने की कलम से की गई चित्रकारी तथा सीपी और काँच का कार्य पर्यटकों को आश्चर्यचकित कर देता है।
प्रश्न ३: चित्तौड़गढ़ किन कारणों से एक ऐतिहासिक और प्रेरणादायी स्थल है? उत्तर: चित्तौड़गढ़ निम्नलिखित कारणों से एक ऐतिहासिक और प्रेरणादायी स्थल है:
यह महाराणा प्रताप जैसे वीर, साहसी और स्वाभिमानी देशभक्त से जुड़ा है जिन्होंने कभी आत्मसमर्पण नहीं किया।
यह भामाशाह जैसे देशभक्त और स्वामिभक्त की याद दिलाता है जिन्होंने अपनी सारी पूँजी राणा प्रताप के चरणों में रख दी।
यह मीरा जैसी कृष्ण भक्त की यादों से भी जुड़ा है।
यहाँ रानी पद्मिनी जैसी वीरांगनाओं ने जौहर कर अपने स्वत्व की रक्षा की थी।
यहाँ का कण-कण वीरता, त्याग और भक्तिभाव से भरा हुआ है।
प्रश्न ४: संजाल पूर्ण कीजिए: चित्तौड़गढ़ दुर्ग के अंदर स्थित दर्शनीय स्थल। उत्तर: चित्तौड़गढ़ दुर्ग के अंदर स्थित दर्शनीय स्थल:
मीरा मंदिर
विजय स्तंभ
गौमुखी कुंड
पद्मिनी महल
प्रश्न ५: लेखिका ने अपनी राजस्थान यात्रा का समापन किन भावनाओं के साथ किया? उत्तर: लेखिका ने अपनी राजस्थान यात्रा का समापन गर्व, सम्मान और भक्ति की भावनाओं के साथ किया। वे इस भूमि को वीरभूमि कहती हैं, जहाँ त्याग, बलिदान, देशभक्ति, ईश-भक्ति और कला की परख है। वे रानी पद्मिनी जैसी वीरांगनाओं के जौहर को स्वत्व व सतीत्व की रक्षा का आदर्श मानती हैं। अंत में, वे भारतीय संस्कृति से धनी इस भूमि को शत-शत नमन करती हैं।
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